अनाज व खाद्य उद्योग के विकास से भारत में 2011 में सालाना मुद्रास्फीति दर गिरकर 7.27 प्रतिशत पर आ गई, जो इन दो सालों में सबसे कम है। इसके साथ दिसंबर 2011 में निर्यात की वृद्धि दर 6.7 फ़ीसदी रही और कुल राशि 25 अरब अमेरिकी डॉलर है, इससे आर्थिक स्थिति बेहतर होने का अच्छा संकेत जाहिर होता है।
भारतीय उद्यम एवं वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 16 जनवरी को जारी आर्थिक आंकड़ों में यह कहा गया है।
भारतीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में नई दिल्ली में कहा कि भारत सरकार के मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के प्रयास सफल हुए हैं। पिछले साल के आखिर में मुद्रास्फीति दर में लगातार कमी आई। साथ ही में औद्योगिक उत्पादन विकास दर पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में ज्यादा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार वर्तमान अपेक्षाकृत तंग राजकोषीय नीति को लागू जारी रखेगी और प्रयासों से मुद्रास्फीति दर को 6-7 प्रतिशत के स्तर के नीचे नियंत्रित करेगी।
हाल के वर्षों में भारत के आर्थिक विकास में गिरावट आई है जबकि मुद्रास्फीति दर ऊंचे स्तर पर बनी रही। साथ ही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) जनवरी 2010 में 16.1 प्रतिशत के इतिहास में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मुद्रास्फीति के और गंभीर होने पर नियंत्रण करने में भारतीय केंद्रीय बैंक ने 2010 की शुरुआत से 13 बार ब्जाय दरों को बढ़ाया जिससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण किया जा सका।
(नीलम)