चीन-भारत के बीच संबंध महज सामान्य द्विपक्षीय संबंध नहीं हैं, बल्कि विश्वव्यापी प्रभाव रखने वाले रणनीतिक साझेदारी संबंध हैं। न्यायोचित व युक्तिसंगत विश्व राजनीतिक व आर्थिक नयी व्यवस्था की स्थापना के दौरान दोनों देशों को और महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। चीन-भारत सीमा सवाल के चीनी विशेष प्रतिनिधि, चीनी स्टेट कांसुलर ताय पिंग क्वो ने 16 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में उक्त बात कही।
ताय पिंग क्वो ने कहा कि पिछले कई सालों में चीन-भारत सीमा सवाल पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की मुलाकात ने चीन व भारत के सीमांत क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने और दोनों देशों के संबंधों का विकास बढ़ाने में अहम योगदान दिया। इधर के सालों में चीन-भारत संबंधों में बड़ी प्रगति हुई। द्विपक्षीय संबंधों के विकास में बड़ी निहित शक्ति है और सहयोग की विस्तृत संभावना है। चीन भारत के साथ दोनों देशों के संबंधों का जोरदार विकास व सहयोग बढ़ाने की समान कोशिश करने को तैयार है।
शिव शंकर मेनन ने अपने भाषण में कहा कि इधर के सालों में भारत-चीन सीमा सवाल पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की मुलाकात के विषय का लगातार विस्तार हो रहा है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों का विकास व अंतरराष्ट्रीय मामलों में दोनों देशों का सहयोग बढ़ गया है। विश्वास है कि वर्तमान मुलाकात में सकारात्मक उपलब्धियां हासिल होंगी।
(मीनू)