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रियल इकोलोमी के लिए वित्तीय सेवा की मजबूती
2012-01-11 17:37:44

हाल ही में आयोजित चीन के राष्ट्रीय वित्तीय कार्य सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य में चीन रियल इकोलोमी को वित्तीय सेवा बढ़ाने पर कायम रहेगा और रियल इकोलोमी में वित्तीय पूंजी के निवेश की गारंटी करेगा। इस के बारे में कुछ चीनी अर्थशास्त्रियों ने अपना यह विचार जताया है कि कुछ ठोस अर्थव्यवस्थाओं को जोरदार समर्थन देने के लिए वित्तीय क्षेत्र में सुधार बेहतर किया जाना चाहिए।

पेइचिंग में आयोजित चौथे राष्ट्रीय वित्तीय कार्य सम्मेलन में चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहा कि हमें चाहिए कि रियल अर्थव्यवस्था में धनराशि डालने की गारंटी की जाएगी, ताकि पूंजी जुटाने के लिए रियल अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद कठिनाइयों को दूर करने में अच्छी मदद मिल सके। श्री वन चापाओ ने कहा कि हमें इस प्रवृत्ति को रोकने का दृढ़ संकल्प है कि सामाजिक पूंजी को रियल अर्थव्यवस्था में डाली जाने के बजाए काल्पनिक अर्थव्यवस्था में डाली जाने के रूझान पर रोका लगाया जाए, पैसे की सौदेबाजी पर नियंत्रण किया जाए, काल्पनिक अर्थव्यवस्था के अति विकास को नियंत्रित किया जाए और औद्योगिक व्यवस्था के खोखला बन जाने से बचाया जाए।

चीनी अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक आदान प्रदान केन्द्र के उपाध्यक्ष जङ शिनली ने सीआरआई संवाददाता के साथ बातचीत में कहाः

मेरे विचार में रियल इकोलोमी को वित्तीय समर्थन देने के लिए कुल छह पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए, यानी शेयर बाजार का समर्थन, बुनियादी ढांचों का निर्माण, सार्वजनिक सेवा, नवोदित रणनीतिक उद्योग, देश के बाहर पूंजी के निवेश व विलय एवं कृषि आधुनिकीकरण पर महत्व दिया जाना चाहिए। अब भी बहुत से क्षेत्र हैं जिन का विकास करने के योग्य हैं।

श्री जङ शिनली ने कहा कि बैंकिंग क्रेडिट सहित सामाजिक पूंजी को ढांचागत सुधार की ओर आकर्षित करने के लिए तरह तरह के कदम उठाये जाने चाहिए। जबकि नवोदित उद्योग और सेवा उद्योग चीन के लिए औद्योगिक ढांचागत सुधार में एक प्रमुख क्षेत्र है। इसलिए प्रमुख नवोदित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कर्ज देने तथा उन्हें शेयर बाजार में प्रवेश कराने के कदम उठाए जाना चाहिए, ताकि कम समय में ही पूंजी निवेश और आर्थिक वृद्धि का नया विकास हो सके।

चीनी अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्तीय उद्योग में सुधार मजबूत किया जाना चाहिए, बाजार में प्रवेश के नियमों को आसान बनाया जाना चाहिए, गैर सरकारी पूंजी को विभिन्न प्रकार की शेयर वाली छोटी सराफें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। पिछले साल विश्व में आर्थिक मंदी आने की स्थिति में चीन के बहुत से मझोले व छोटे उद्योगों को कर्ज मिलना मुश्किल हो गया था और पूंजी जुटाने में उन्हें ज्यादा खर्चा देना पड़ता था, यही कारण है कि उन के अस्तित्व होने की समस्या भी सामने आयी है। यह चीन के आर्थिक क्षेत्र में आई एक बड़ी समस्या मानी जाती है। अब खुशी की बात है कि मौजूदा चीनी राष्ट्रीय वित्तीय कार्य सम्मेलन में इस सवाल पर ध्यान दिया गया है और इस के समाधान के लिए तदनुरूप कदम उठाया भी गया है।

चीनी केन्द्रीय वित्त विश्वविद्यालय के चीनी बैंकिंग अनुसंधान केन्द्र के प्रधान क्वो थ्येनयुङ ने कहा कि रियल इकोलोमी में वित्तीय सेवा बढ़ाने के काम में अमेरिका के वित्तीय संकट से सबक ली जानी चाहिए, अव्यवहारिक वित्तीय आयामों के मनमानी ईजाद पर लगाम लगाया जाना चाहिए। वर्तमान में चीन को चाहिए कि गैरसरकारी कर्ज लेने और मझोले व छोटे उद्योगों के सामने कर्ज लेने की कठिनाइयों को दूर करने पर ध्यान दिया जाए।

वैदेशिक आर्थिक व्यापार विश्वविद्यालय के वित्त कालेज के प्रिंसिपल डिन चीज्ये ने कहाः

मेरे विचार में वित्तीय गड़बड़ी को कम करना खास जरूरी है। अब की समस्या वित्तीय नियंत्रण तो नहीं है, बल्कि वित्तीय उद्योग को बेढंग बनाया जा चुका है, जिसके कारण पूंजी रियल इकोलोमी, खासकर निजी अर्थव्यवस्थाओं में नहीं डाली जा सकती है, इस प्रकार की गड़बड़ी में मानव की जिम्मेदारी अधिक है।

चीनी समाचार एजेंसी शिनह्वा के अनुसार चीन के पांच प्रमुख बैंकों ने हाल ही में कहा कि 2012 में वे वास्तविक अर्थव्यवस्था में अपनी सेवा बढा़एंगे और विभिन्न रूपों में क्रेडिट पूंजी को वास्तविक अर्थव्यवस्था में डाले जाने की गारंटी करेंगे. उन की योजना में नवोदित उद्योग, आधुनिक सेवा उद्योग और संस्कृति बाजार एवं छोटे उद्योग प्रमुख हैं।

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