14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस होता है। आंकड़ों के मुताबिक चीन में इस समय मधुमेह रोगियों की संख्या 9 करोड़ से अधिक हो गयी है, अर्थात हर दस वयस्क चीनियों में से एक इस बीमारी से पीड़ित है। इसतरह चीन विश्व में ऐसा देश बन गया है, जहां मधुमेह रोगियों की तादाद सब से अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में चीनी मधुमेह रोगियों की उम्र भी नीची आने की प्रवृत्ति दिख रही है। इसलिए इस रोग पर नियंत्रण करने के लिए शीघ्र ही व्यापक तौर पर टेस्ट का कदम उठाया जाना चाहिए, ताकि मधुमेह रोगियों को भारी बोझ से छुटकारा दिलाया जाए।
14 नवम्बर 2011 को विश्व का पांचवां मधुमेह दिवस था, इस साल विश्व मधुमेह दिवस का थीम है मधुमेह के बारे में शिक्षा और रोकथाम। मधुमेह दिवस की समृति में चीन में लम्बी दीवार और देश के 40 से अधिक शहरों की प्रमुख इमारतों पर नीला रंग का प्रकाश प्रज्वलित किया गया, जिस का उद्देश्य लोगों को मधुमेह के प्रति सजगता पैदा कराना है। इस के अलावा अन्य 30 से अधिक शहरों में विशेष लगायी गयी बसों पर मधुमेह का टेस्ट करने तथा मधुमेह के बारे में ज्ञान प्रसारित करने की गतिविधियां भी की गयीं।
चीनी चिकित्सा सोसाइटी की मधुमेह शाखा के अध्यक्ष जी लिनङ ने मधुमेह दिवस समृति गतिविधि में कहा कि मधुमेह सारी दुनिया में तेज गति से फैल रहा है, अब चीन में इस के रोगियों की संख्या 9 करोड़ 24 लाख से अधिक पहुंची है, जो विश्व में सब से ज्यादा है। लेकिन इस रोग की जानकारी बहुत से लोगों को स्पष्ट नहीं है। श्री जी लिनङ ने कहाः
अब चीन में सिर्फ 40 प्रतिशत के लोगों को मधुमेह के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, अभी भी 60 प्रतिशत से अधिक लोग इस रोग से अज्ञात हैं। असलियत यह है कि मधुमेह की रोकथाम हो सकती है, यदि जीवन के स्वस्थ तौर तरीके अपनाए जाए, यानीकि कम गर्मी देने वाला फूड और कम ग्रीज ले लिया जाए, तो बड़ी हद तक मधुमेह से बच सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार वर्तमान दुनिया में 22 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। अगर इस पर कंट्रोल न किया जाए, तो 2030 तक यह संख्या दुगुनी होगी और मधुमेह के कारण मृत्यु के करीब 80 प्रतिशत मामले मध्य व निम्न आय वाले देशों में होंगे।
विश्व में मधुमेह की दृष्टि से सब से बड़ा देश होने के कारण चीनी लोगों और चीन के आर्थिक विकास पर इस का बड़ा कुप्रभाव पड़ता है, इसलिए चीनियों में मधुमेह के बारे में शिक्षा, रोकथाम और इलाज के क्षेत्र में अधिक कोशिश की जानी चाहिए, ताकि इस रोग से कम नुकसान पहुंचे और मधुमेह के फैलने के खतरे से बच जाए। श्री जी लिनङ ने कहाः
पहले, सरकार शहरी निर्माण और वित्तीय बजट में नागरिकों की सेवा में एक स्वस्थ जीवन पर्यावरण तैयार करेगी, ताकि मधुमेह से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाए। दूसरे, व्यापक जन समुदाय को अपने जीवन के तौर तरीके पर ध्यान देते हुए स्वस्थ तरीके से मधुमेह की रोकथाम करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने जीवन का उचित प्रबंधन करना चाहिए और व्यापक चिकित्सकों को मधुमेह के फैलने के रुझान पर ध्यान देना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक लम्बी बीमारी और गैर संक्रामक रोग होने के रूप में मधुमेह की उत्पति का वंशानुगत संक्रमण, मोटापा और बुरे जीवन तरीके से संबंध है, इस बीमारी से हृदय व मस्तिष्क में रक्त नली की बीमारी, गुरदे की बीमारी, नेत्र रोग तथा रक्त नली के थ्रोम्बस रोग की व्युत्पति होती है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है। और खतरनाक बात इस में है कि इस प्रकार के रोग के आरंभिक चरण में कोई खास आसार नहीं दिखता है, उस का पता चलना सिर्फ टेस्ट से हो सकता है। श्री जी लिनङ ने सुझाव दिया है कि हाईपरटेंशन पीड़ितों को नियमित जांच कराना चाहिए, ताकि प्रारंभिक चरण में इस का पता चले और समय पर इलाज कराया जाए। श्री जी लिनङ का कहना हैः
हाईपरटेंशन रोगी आसानी से मधुमेह से ग्रस्त हो सकते हैं, इस के अलावा, मोटापा, वयोवृद्ध लोग, लिपिड्स जैसे रोगों से भी मधुमेह उत्पन्न हो सकता है, ऐसे वर्गों के लोगों को नियमित जांच करवानी चाहिए।
विश्व मधुमेह दिवस अन्तरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित हुआ है, इस आयोजन से 14 नवम्बर को कनाडाइयन डाक्टर फ्रेडेरिक बैनटिंग की जयंती की समृति की जाती है, डाक्टर बैनटिंग ने मधुमेह का इलाज करने में इंस्युलिन अपनाने के क्षेत्र में अहम काम किया था।