दोस्तो , 18वां चीनी कृषि हाई टेक मेला अब शेनशी प्रांत के यांग लिंग में हो रहा है । चीनी कृषि मंत्रालय के उप मंत्री चांग थाओ लिन ने मेले में कहा कि चीन कृषि ज्ञान विज्ञान में साल ब साल स्थिर पूंजी बढाने वाले तंत्र की स्थापना करेगा और वर्तमान कृषि ज्ञान विज्ञान में पूंजी निवेश की कमी की स्थिति को मूल रुप से सुधारेगा । साथ ही चीन आधुनिक कृषि के विकास के लिये नये तंत्र और नये फारमूले की सकारात्मक रुप से खोज करेगा और लगातार कृषि ज्ञान विज्ञान की विशेषता और नियम के अनुरुप समर्थन रणनीति को संपूर्ण बना लेगा ।
2010 में चीनी कृषि फसलों की कुल पैदावार पांच खरब किलोग्राम से अधिक हो गयी है , 2011 में कृषि फसलों की सालाना पैदावार पांच खरब 50 अरब किलोग्राम से अधिक पहुंचने का अनुमान है , कृषि पैदावार में लगातार 8 साल तक वृद्धि होगी । कृषि ज्ञान विज्ञान कृषि व ग्रामीण आर्थिक विकास को बढावा देने की प्रमुख शक्तियां माना जाता है । आंकड़ों से पता चला है कि 2010 तक कृषि ज्ञान विज्ञान की प्रगतिशील योगदान दर 52 प्रतिशत तक पहुंच गयी , वैज्ञानिक व तकनीकी योगदान प्रथम बार भूमि , श्रमिक शक्तियों और सामग्री निविष्टियों के अंशादान से बढ गया ।
चीनी उप कृषि मंत्री चांग थाओ लिन ने कहा कि इधर पांच सालों में चीन ने कृषि वैज्ञानिक व तकनीकी आविष्कार को बढावा देने के चलते आधुनिक कृषि विकास की बेहतरीन प्रवृति को बरकरार रखा है ।
चीन ने 50 प्रमुख कृषि उपजों की औद्योगिक तकनीकी प्रणालियां स्थापित की हैं , जीएम से जुड़ी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक व तकनीकी परियोजनाओं व व्यावसायिक वैज्ञानिक अनुसंधान मुद्दों को मूर्त रुप दिया है , कृषि ज्ञान विज्ञान को ग्रामीण परिवारों में लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया है और बुनियादी कृषि तकनीकी लोकप्रिय व्यवस्था के सुधार व निर्माण को गहरा दिया है । आइंदे शहरी विकास की सेवा पर जोर को कृषि व ग्रामीण आर्थिक विकास बढाने में स्थानांतरित किया जाएगा ।
चीनी कृषि विभागों ने औद्योगिक व राष्ट्रीय विशेषताओं को ध्यान में रखकर कृषि वैज्ञानिक व तकनीकी प्रबंधन आविष्कार को बढावा देकर वैज्ञानिक व तकनीकी पूंजी लगाने और स्थिर समर्थन करने का नया तंत्र प्रारम्भिक तौर पर कायम कर लिया है , जिस से वैज्ञानिकों व तकनीशियनों द्वारा ज्ञान विज्ञान का जीजान से अध्ययन किये जाने और उत्पादन सेवा में जोर लगाये जाने का नया वातावरण तैयार हो गया है और विभिन्न प्रकार वाली वैज्ञानिक शक्तियों द्वारा संयुक्त रुप से सहयोग किये जाने की नयी स्थिति प्रकाश में आयी है ।
ऐसा होने पर भी वर्तमान कृषि , खासकर कृषि फसलों के सामने अभूतपूर्व चुनौति खड़ी हुई है । चांग थाओ लिन ने कहा कि आगामी पांच सालों में चीन खाद्यान की मांग में कठोर वृद्धि , कृषि उत्पादन की लागत में निश्चित वृद्धि और भूमि , जल आदि कृषि उत्पादन संसाधनों में ठोस बाधित दबाव व चुनौति का सामना करेगा । कृषि व ग्रामीण आर्थिक सामाज के निरंतर व स्थिर विकास के लिये वैज्ञानिक व तकनीकी प्रगति का तकाजा अत्यावश्यक होगा ।
चांग थाओ लिन ने कहा कि चीन में हर वर्ष कृषि उत्पादन में 20 अरब घन मीटर पानी का अभाव रहा है । चीन में कृषि दवाओं की प्रयोग दर आम तौर पर समुन्नत देशों से 20 प्रतिशत से कम है । आयातिक चीजों के जरूरत से अधिक इस्तेमाल से न सिर्फ कृषि उत्पादन लागत बढ गयी है , बल्कि वातारण पारिस्थितिकि पर बड़ा दबाव भी पड़ गया है ।
चांग थाओ लिन ने कहा कि आइंदे कृषि विभाग नये तंत्र व नये फारमूले की खोज करने की कोशिश करेंगे , कृषि ज्ञान विज्ञान विशेषताओं व नियमों के अनुरुप समर्थन रणनीति को लगातार संपूर्ण बना लेंगे । पूंजी निवेश को बढाकर साल ब साल स्थिर बढने वाले कृषि वैज्ञानिक व तकनीकी पूंजी प्रणाली को कायम करेंगे और मूल रुप से वर्तमान चीनी कृषि ज्ञान विज्ञान में कम पूंजी जुटाने की स्थिति को सुधार लेंगे । इसी बीच पूंजी निवेश के फारमूले को बदलकर युक्तियुक्त व न्यायपूर्ण पूर्वशर्त तले संपूर्ण लचीला समर्थन तंत्र स्थापित करना भी आवश्यक है ।
साल ब साल स्थिर वृद्धि वाले कृषि ज्ञान विज्ञान पूंजी निवेश तंत्र की स्थापना की जायेगी और मूल रुप से वर्तमान चीनी कृषि ज्ञान विज्ञान में पूंजी निवेश की कमी की स्थिति को सुधर जायेगा । संसाधनों की किफायत और मैत्रीपूर्ण पर्यावरण वाले तकनीकों का विकास व प्रयोग किया जायेगा तथा कृषि वैज्ञानिक व तकनीकी प्रगति को कृषि पारिस्थितिक वातावरण के साथ अच्छी तरह जोड़ा जायेगा ।
चांग थाओ लिन ने कहा कि चीन कृषि तकनीकों को लोकप्रिय बनाने वाले व्य़क्तियों के प्रशिक्षण और ज्ञान की नवीन परियोजना को मूर्त रुप देने और कस्बों व क्षेत्रीय कृषि सार्वजनिक सेवा संस्थाओं की कृषि सेवा क्षमता बढाने को संकल्पबद्ध है ।