तीन नवम्बर 2011 को तड़के के एक बजकर 36 मिनट पर चीन के शनचो नम्बर आठ और थ्येनकुंग नम्बर एक अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में परस्पर मिलने और जुड़ने में कामयाब हुए, यह सफलता चीनी अंतरिक्ष उड़ान परियोजना में मिल का एक पत्थर माना जाता है। उसी दिन प्रातः काल, एक बजकर 44 मिनट पर चीनी समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना के जनरल कमांडर, चीनी जनमुक्ति सेना के जनरल साजोसामान विभाग के मंत्री छांग वान छ्यान ने ऐलान किया कि चीनी अंतरिक्ष यानों के मिलन व डॉकिंग में पूरी सफलता मिली है।
पेइचिंग अंतरिक्ष उड़ान कंट्रोल केन्द्र के मुताबिक थ्येन कुंग नम्बर एक और शनचो नम्बर आठ के मिलन व डॉकिंग में पूरी सफलता मिली है। अब मैं घोषणा करता हूं कि चीनी अंतरिक्ष यानों के डॉकिंग के लिए पहला प्रयास पूरी तरह कामयाब हो गया है।
अपनी इस सफलता के साथ चीन अमेरिका और रूस के बाद विश्व का वह तीसरा देश बना है, जिसने अंतरिक्ष यानों के मिलने व जुड़ने की तकनीकों पर अधिकार किया है।
चीन का थ्येनकुंग नम्बर एक 30 सितम्बर को अंतरिक्ष में छोड़ा गया और शनचो नम्बर आठ पहली नवम्बर की सुबह प्रक्षेपित किया गया, दोनों यानों में कक्षा के बदलने और उड़ान के समायोजन के बाद एक दूसरे के नजदीक आ रहे थे, दूसरी नवम्बर की रात ग्यारह बजकर आठ मिनट पर दोनों यान एक दूसरे से 52 किलोमीटर की दूरी पर आ पहुंचे, इस समय दोनों यानों में स्वः कंट्रोल का काम शुरू हुआ, फिर दो घंटों के बाद दोनों के आपस में जुड़ने में कामयाबी हुई। यह चीनी अंतरिक्ष उड़ान परियोजना में एक असाधारण उपलब्धि है।
पेइचिंग अंतरिक्ष उड़ान नियंत्रण केन्द्र के उप डायरेक्टर, डिप्टी जनरल डिजाइनर मा युङ फिंग ने जानकारी देते हुए कहाः
दोनों यानों में स्वः कंट्रोल का काम शुरू होने के बाद भू-केन्द्रों में उन पर निगरानी जारी रही, उन के उड़ने तथा उन का स्थान बदलने के बारे में अहम आंकड़े जुटाए गए और इन आंकड़ों के मुताबिक सटीक विश्लेषण व निष्कर्ष निकाले गए। श्री मा ने कहा कि अंतरिक्ष यानों के मिलन व डॉकिंग का काम अत्यन्त मुश्किल और जटिल है, इस पर कंट्रोल के लिए हम ने ढेर सारे काम किए और सफलता के लिए विभिन्न कार्यविधि और उपाये बनाये हैं।
अंतरिक्ष यानों के मिलने और जुड़ने की तकनीकें चीन की समानव अंतरिक्ष उड़ान प्रायोजना में एक कुंजीभूत कड़ी है, उसमें महारत हासिल होने के बाद स्पेस स्टेशन की स्थापना तथा आगे की मानव युक्त उड़ान के लिए मजबूत नींव डाली गयी है।
चीनी समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना के डिप्टी जनरल डिजाइनर चाओ युछी ने कहा कि अंतरिक्ष यानों के मिलन व डॉकिंग में सफलता मिलने के बाद हम स्पेस स्टेशन कायम करेंगे। उन्होंने कहाः
अंतरिक्ष यानों के मिलन व डॉकिंग की तकनीकें समानव अंतरिक्ष उड़ान कार्य के लिए एक कुंजीभूत और बुनियादी प्रौद्योगिकी है। स्पेस स्टेशन के निर्माण तथा अंतरिक्ष कक्षा में यंत्रों की असेंबली के लिए यह प्रौद्योगिकी जरूरी है। स्पेस स्टेशन की स्थापना के बाद हम उसमें वैज्ञानिक व तकनीकी प्रयोग करेंगे।
योजना के बाद चीन 2012 में शनचो नम्बर नौ और दस यान छोड़ेगा, वो भी थ्येनकुंग एक के साथ जुड़ेंगे, शनचो के इन दोनों यानों में से कम से कम एक में अंतरिक्ष यात्री जाएंगे। असल में शनचो नम्बर आठ यान मानव युक्त यान के रूप में बनाया गया है और इसमें डॉकिंग के यंत्र तथा संवेदनशील सर्वे के उपकरण लगे हैं, जिसके जरिए यानों को परस्पर जोड़ने के लिए स्वचालित डॉकिंग और हाथों से जोड़ने की व्यवस्था लगी है।
तीन नवम्बर की सुबह आयोजित न्यूज ब्रिफींग में चीनी समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना के प्रेस प्रवक्ता वु फिंग ने थ्येनकुंग एक और शनचो आठ के मिलने जुड़ने के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा व सुनिश्चितता की गारंटी की शर्त पर दोनों अंतरिक्ष यानों के मिलने और जुड़ने का दोबारा परीक्षण किया जाएगा और यानों में डॉकिंग तंत्र के अधिक प्रयोग की हालत जांचेगी और डॉकिंग का सर्वेक्षण करने की क्षमता मालूम की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यानों के मिलन व डॉकिंग की तकनीकों की प्राप्ति चीनी अंतरिक्ष कार्य के लिए मिल का पत्थर है। इस के बाद चीन अंतरिक्ष प्रयोगशाला और स्पेस स्टेशन का निर्माण करेगा। चीन इस क्षेत्र में समानता और आपसी सम्मान व परस्पर लाभ के आधार पर विश्व के विभिन्न देशों के साथ व्यवहारिक सहयोग और सक्रिय आदान प्रदान करेगा और विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर समानव अंतरिक्ष उड़ान प्रौद्योगिकी का विकास बढ़ाने को तैयार है और शांतिपूर्ण उद्देश्य से अंतरिक्ष का प्रयोग करते हुए समूची मानव जाति के कल्याण के लिए नया योगदान करेगा।