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चीन भूमिगत जल स्रोत के सुधार में भारी पूंजी लगाएगा
2011-10-31 15:58:20

भूमिगत पानी चीन में जल-प्रयोग के लिए अहम स्रोत है। लेकिन अब देश में इस के अतिशय दोहन और प्रदूषण की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया। इस समस्या के समाधान के बारे में चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय के संबंधित

अधिकारी ने हाल ही में कहा कि अगले दस सालों में चीन भूमिगत जल स्रोत के सुधार में 35 करोड़ य्वान की भारी राशि लगाएगा।

चीन का भूमिगत पानी के प्रदूषण की रोकथाम के बारे में प्रथम राष्ट्रीय योजना हाल ही में जारी की गयी है, वह चीन में भूमिगत पानी को प्रदूषित होने से रोकने केलिए बनायी गयी प्रथम बहुमुखी योजना है और इस के चलते चीन में भूमिगत पानी को प्रदूषण से रोकने का काम राष्ट्रीय नीति में शामिल किया गया है। इसके बारे में चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय के प्रदूषण नियंत्रण विभाग के प्रधान श्री चाओ ह्वालिन ने कहा कि इस योजना के मुताबिक भविष्य़ में चीन कानून और आर्थिक, तकनीकी व प्रशासनिक तरीकों से देश के भूमिगत जल स्रोत का संरक्षण करेगा।

भूमिगत पानी चीन में अहम जल स्रोत है, जिसका जन समुदाय के स्वास्थ्य, यहां तक जीवन की सुरक्षा से भी संबंध होता है। भूमिगत पानी के संरक्षण केलिए चीन की प्रथम योजना में पीने वाले जल के स्रोत और प्रदूषण के कारण को ध्यान में रखकर भूमिगत जल स्रोत की रक्षा करने तथा प्रदूषण के कारणों की रोकथाम पर प्राथमिकता दी गयी है। योजना के अनुसार भूमि के नीचे पेय-जल की रक्षा के लिए संबद्ध कानून का कड़ाई से पालन किया जाएगा, जल स्रोत में मानदंड से अतिशय प्रदूषण पर पाबंदी लगाने के कदम उठाए जाएंगे, संभाविक प्रदूषण रोकथाम प्रणाली सुधारी जाएगी तथा भूमिगत पानी की गुणवत्ता की गारंटी की जाएगी।

इधर के सालों में चीन में शहरीकरण और औद्योगिकीकरण तेज गति में हो रहा है, कुछ इलाकों में भूमिगत पानी का अतिशय दोहन किया जा रहा है, जिस के कारण भूमि के गर्भ में जल का स्तर कम हो गया। कुछ क्षेत्रों और शहरों में प्रदूषित पानी, कचरों और कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी व फालतू वस्तुओं तथा खेतों में रासायनिक खादों के भूमि में रिसने के कारण भूमिगत जल स्रोत प्रदूषित होने की समस्या काफी गंभीर रूप में आयी है। संबंधिक आंकड़ों से जाहिर है कि वर्तमान चीन में भूमिगत जल स्रोत में मानक की पहली से लेकर तीसरी श्रेणी तक वाले पानी का अनुपात 63 प्रतिशत का रह गया, जबकि चौथी व पांचवीं श्रेणी का पानी 37 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

श्री चाओ ह्वालिन ने अपने भाषण में कहा कि भू-सतही पानी की तुलना में भूमिगत पानी का प्रदूषण दीर्घकालित, जटिल और अदृश्य होता है, उससे निपटने में ज्यादा धनराशि की जरूरत है और जिस से जो पर्यावरण व पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा है, उसे दूर करना मुश्किल होता है। इसलिए भूमिगत पानी के प्रदूषण से अकूत क्षति होगी। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए चीन भावी दस सालों में 35 करोड़ य्वान की पूंजी लगाएगा। श्री चाओ ने कहाः

योजना के अनुसार 2015 तक भूमिगत पानी में प्रदूषण की बुनियादी हालत का साफ पता लगाया जाएगा, आरंभिक तौर पर भूमिगत पानी के लिए प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रण में लाया जाएगा और प्रदूषण की प्रवृति पर रोक लगायी जाएगी। देश भर में भूमिगत पानी निगरानी पद्धती कायम की जाएगी। वर्ष 2020 तक भूमिगत पानी केलिए प्रदूषण के मुख्य स्रोतों पर पूर्ण निगरानी कायम की जाएगी और अहम भूमिगत पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और अहम क्षेत्रों में भूमिगत पानी की क्वालिटी सुधारी जाएगी एवं भूमिगत पानी प्रदूषण रोकथाम व निवारण व्यवस्था स्थापित की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार चीन की संबंधित सरकारी संस्थाएं आगे भूमिगत पानी में प्रदूषण की स्थिति का पता चलने और उन्हें आंकने में तेजी लाएंगी। शहरों, उद्योगों व खेतों में भूमिगत पानी के प्रदूषण स्रोतों पर काबू पाया जाएगा, औद्योगिक कचरों, कबाड़ा मैदानों व खनन् खुदाई के कारण भारी प्रदूषित क्षेत्रों में भूमिगत जल स्रोतों को दोबारा साफ सुथरा करने के लिए प्रयोगी काम किया जाएगा और भूमिगत पानी की सुक्षा के लिए पर्यावरण निगरानी व्यवस्था बनायी जाएगी।

योजना के अनुसार आने वाले दस सालों में चीन भूमिगत व भू-सतही पानी में प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम तंत्र बनाएगा। चूंकि भूमिगत जल स्रोतों को दोबारा साफ सुथरा बनाने की तकनीकें बहुत जटिल हैं और चीन में इस क्षेत्र में तकनीकी क्षमता कमजोर है, इसलिए चीन को विदेशों में समुन्नत तकनीकों और प्रबंध के अच्छे अनुभवों का आयात करना होगा और भूमिगत पानी को स्वच्छ बनाए रखने वाले उद्योगों का जोरदार विकास किया जाएगा।

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