निर्माण उद्योग का जोरदार विकास करने के उद्देश्य से भारतीय मंत्रिमंडल ने 25 अक्टूबर को औपचारिक रूप से पहली राष्ट्रीय निर्मित उद्योग नीति पारित की।
इस नीति के अनुसार वर्ष 2022 तक भारत सकल घरेलू उत्पादन मूल्य में निर्मित उद्योग का अनुपात 16 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक बढ़ाएगा, जिससे रोजगार के और 10 करोड़ अवसर पैदा होंगे।
राष्ट्रीय निर्माण उद्योग नीति का उद्देश्य विश्व में भारतीय निर्माण उद्योग की प्रतिस्पर्द्धा शक्ति बढ़ाना, घरेलू उद्योग का मूल्य उन्नत करना और अर्थव्यवस्था का निरंतर विकास करना शामिल है।
भारतीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने बताया कि सबसे पहले सरकार 7 राष्ट्रीय निवेश व निर्माण क्षेत्रों की स्थापना करेगी।
वर्तमान में भारत में 60 प्रतिशत लोग रोजगार योग्य उम्र के हैं। भारत विश्व में सबसे अधिक युवाओं वाले देशों में आगे है। अनुमान है कि अगले 10 साल में और 22 करोड़ लोग श्रम शक्ति की बड़ी कतार में शामिल होंगे।
(मीनू)