Web  hindi.cri.cn
संयुक्त राष्ट्र संघ चीन व विश्व के बीच समझदारी बढाने का अहम झरोखा
2011-10-25 17:10:02

दोस्तो , 40 साल पहले जब 26वीं संयुक्त राष्ट्र महा सभा ने संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन लोक गणराज्य के तमाम कानूनी अधिकारों की बहाली घोषित की , तो चीन ने विश्व की ओर बढ़ने का अपना नया काल शुरु कर दिया है । पिछले 40 सालों में संयुक्त राष्ट्र संध दिन ब दिन एक ऐसा महत्वपूर्ण झरोखा बन गया है , जिस के जरिये चीन ने विश्व को समझ लिया है और विश्व ने चीन के बारे में काफी अच्छी तरह पहचान लिया है । वर्तमान चीन का विकास विश्व से घनिष्ट रुप से जुडा हुआ है । 

संयुक्त राष्ट्र संघ और सुरक्षा परिषद के लिये यह जरुरी है कि वर्तमान लीबियाई मामले पर नेतृत्वकारी व प्रमुख भूमिका निभाई जाये , सशस्त्र मुठभेड़ों को तुरंत ही बंद किया जाये , समावेशी राजनीतिक वार्तालाप प्रक्रिया , सुलह प्रक्रिया और वार्तालाप तुरंत ही शुरु किया जाये , लीबिया की राजकीय प्रभुसत्ता , प्रादेशिक अखंडता , लीबियाई जनता के विकल्प और इरादे का सम्मान किया जाये । 30 अगस्त 2011 को न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुए सुरक्षा परिषद के सम्मेलन में महा सचिव पान की मून ने लीबियाई परिस्थिति के बारे में रिपोर्ट दी । संयुक्त राष्ट्र स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि ली पाओ तुंग ने इस सम्मेलन में चीन का सैद्धांतिक रुख व्यक्त करते हुए जताय़ा कि लीबियाई सवाल पर संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख भूमिका निभाना और शांतिपूर्ण सुलह समझौते का समर्थन करना और लीबियाई जनता के विकल्प व इरादे का सम्मान करना आवश्यक है ।

25 अक्तूबर 1971 को 26वीं संयुक्त राष्ट्र महा सभा में अल्बानिया और अलजीरिया आदि देशों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित हुआ , तब से चीन सरकार ने समूची चीनी जनता के एक मात्र कानूनी सरकार की हैसियत से संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन की विधिवत सीट बहाल कर ली है । पहली नवम्बर को चीन लोक गणराज्य का पंचतारा लाल ध्वज पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ के ऊपर आकाश में फहराया गया । संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी सदस्यता की बहाली से ही चीन ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों से निपटाने का विचार व्यक्त किया । 15 नवम्बर 1971 को तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री छ्याओ क्वान ह्वा ने चीनी प्रतिनिधि मंडल के नेता की हैसियत से संयुक्त राष्ट्र महा सभा में यह बताते हुए कहा हम इस बात का पक्ष लेते हैं कि देश चाहे छोटा हो या बड़ा हो , सबों को बराबर होना चाहिये , शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों को देशों के संबंधों का मापदंड बनाना चाहिये । किसी भी देश के मामले का समाधान उसी देश की जनता को करने देना चाहिये , सारी दुनिया के मामलात का समाधान विभिन्न देशों को करने देना चाहिये , जबकि संयुक्त राष्ट्र के मामलों का निपटारा संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देशों को समान रुप से करना चाहिये । चीन आज , भविष्य में और किसी भी समय में किसी दूसरे देश का आक्रमण , तोड़फोड़ , शासन और हस्तक्षेप न करेगा और न ही किसी दूसरे देश पर अत्याचार करने वाली अति महा शक्ति बनेगा । हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर की भावना को सचे मायने में मूर्त रुप दिया जायेगा , हम तमाम शांतिप्रिय व न्यायपूर्ण देशों व जनता के पक्ष में खड़े होकर विभिन्न देशों की राष्ट्रीय स्वाधीनता व राजकीय प्रभुसत्ता व विश्व शांति की रक्षा करने और मानव जाति के प्रगतिशील कार्य को बढावा देने के लिये प्रयास करेंगे ।

पूर्व विदेश मंत्री छ्याओ क्वान ह्वा का जबरदस्त भाषण और हाहा आज तक भी अविस्मरणीय है । चीनी संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष छन च्येन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन लोक गणराज्य की कानूनी सीट की बहाली नये चीन के अंतर्राष्ट्रीय संबंध इतिहास का एक महत्वपूर्ण मील पत्थर है । इस से चीन विश्व की ओर चल निकला है , संयुक्त राष्ट्र संघ चीन द्वारा विश्व को जानने और विश्व द्वारा चीन को समझने का एक अहम झरोखा बन गया है , चीन व विश्व के बीच बेहतरीन इंटरएक्टिव और वार्तालाप करने तथा चीन का सर्वांगीर्ण बहुपक्षीय राजनयिक मामलात संभालने का अहम मंच भी है ।

चीनी सामाजिक अकादमी के विश्व आर्थिक व राजनीतिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रोफेसर ली तुंग य्येन का विचार है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन की सदस्यता बहाल किये जाने के पिछले 40 सालों से जाहिर है कि चीन व विश्व के संबंध निरंतर परिपक्व होते गये हैं । उन का कहना है चीन व संयुक्त राष्ट्र संघ के बीच इंटरएक्टिव संबंध में पिछले 40 सालों में गहरा व बड़ा बदलाव आया है । इस बदलाव से यह अभिव्यक्त हुआ है कि चीन की संयुक्त राष्ट्र की देय राशि और शांति स्थापना सैनिकों की संख्या बढ़ी है , इतना ही नहीं , चीन ने और सकारात्मक रुप से संयुक्त राष्ट्र मामलों में भी भाग लिया है । और तो और इस भागीदारी ने एक दूसरे को प्रभावित करने व बदलने में क्रमशः बड़ी भूमिका निभायी है ।

ध्यान देने योग्य की बात है कि भूमंडलीकरण प्रक्रिया के विकास के चलते अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन ने अधिकाधिक भूमिका निभायी है और चीन के समुद्रपारीय हित निरंतर विकसित हुए हैं , इस के मद्देनजर चीन के बहुपक्षीय राजनयिक मामलों के सामने नयी चुनौतियां भी खड़ी हुई हैं । इस बात को लेकर चीनी संयुक्त राष्ट्र संघ के अध्यक्ष छन च्येन ने जताया कि चीन के लिये यह जरुरी है कि वह और सकारात्मक रुख से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्राधिकृत कार्रवाई में भाग ले , एक दूसरे के अंदरुनी मामलों में दखल न देने के सिद्धांत पर कायम रहकर लचीला रुप से दूसरे देश में घटित मामलों का सामना करे ।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040