समाज में चीनी महिलाओं के स्थान के बारे में तीसरी जांच पड़ताल में प्राप्त मुख्य आंकड़े 21 अक्तूबर को पेइचिंग में जारी किए गए, इन से जाहिर है कि चीन में महिलाओं का सामाजिक स्थान बहुत ऊंचा बढ़ गया है।
समाज में महिला वर्ग के स्थान पर चली तीसरी जांच पड़ताल अखिल चीनी महिला संघ और चीनी सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा 1990 और 2000 के बाद की गयी और एक देशव्यापी जांच सर्वेक्षण है। जांच का काम पहली दिसम्बर 2010 को औपचारिक तौर पर शुरू हुआ, जांच के विषय में स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थतंत्र, सामाजिक गारंटी, राजनीति, शादी-ब्याह और परिवार, जीवन के ढंग, कानूनी अधिकार और हित, समाज में मान्यता, लिंग के बारे में विचारधारा और उस के प्रति रवैया आदि नौ पहलू शामिल हैं। जांच पड़ताल के दौरान 18 साल की उम्र व इस से अधिक आयु वाली महिलाओं से एक लाख प्रश्नोत्तर मिले हैं। जांच पड़ताल के परिणाम के अनुसार दस साल पहले की तुलना में अब चीन में महिलाओं का स्वास्थ्य काफी सुधर गया, देहातों में गर्भावस्था और प्रसूति काल में महिलाओं की सेहत बहुत अधिक अच्छी हुई है। गांवों में 35 साल से कम उम्र वाली महिलाओं में गर्भधारण से पहले शारीरिक जांच में शामिल महिलाओं तथा अस्पताल में बच्चों का जन्म देने की दर अलग अलग तौर पर 13.4 और 40.6 प्रतिशत तक पहुंची, शिक्षा प्राप्त महिलाओं की आयु सीमा भी पहले से 2.7 साल कम हो गयी, शहरों व कस्बों में महिलाओं को सामाजिक बीमा, वृद्ध पेंशन सुविधा तथा चिकित्सक गारंटी की सुविधा प्राप्त होने का अनुपात 25.4 और 46.1 फीसदी बढ़ी है। समाज में महिलाओं का स्थान ऊंचा होने का उदाहरण पारिवारिक जीवन के अहम मामलों पर फैसला लेने का अधिकार बढ़ने, कानून के मुताबिक आत्म रक्षा की चेतना उन्नत होने में स्पष्ट देखा जा सकता है। अखिल चीनी महिला संघ की उपाध्यक्ष सुंग श्यो येन ने कहाः
परिवार में पत्नियों का महत्व पहले से काफी उन्नत हो गया है। एक आंकड़ा इस बात का साक्ष्य है कि परिवार में पूंजी निवेश व कर्ज लेने जैसे बड़े बड़े मामलों पर निर्णय लेने में पत्नियों की भागीदारी दर 14.3 फीसदी बढ़ गयी है। घर का कामकाज पति पत्नी दोनों द्वारा समान रूप से करने की अवधारणा भी व्यापक रूप से स्वीकृत हुई है और गृहस्थी में लगने वाले दोनों के समय में अन्तर भी बहुत ही कम हो गया है। इन के अलावा अधिकाधिक महिलाएं देश के महिला अधिकार व हित गारंटी कानून को जानती हैं।
यद्यपि चीन में महिलाओं का सामाजिक स्थान खासा उन्नत हुआ है, तथापि आंकड़ों से यह भी जाहिर है कि इस क्षेत्र में कुछ समस्याएं अभी भी बनी रहती हैं। जैसा कि कुछ क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर असंतुलित है, गृह-हिंसा और रोजगारी में लिंग-भेद के सवाल मौजूद है। घर में महिलाओं का श्रम-भार फिर भी भारी है। इस पर सुश्री सुंग श्यो येन ने कहाः
चीन के पश्चिमी क्षेत्र में ग्रामीण इलाकों में शिक्षा लेने के लिए महिलाओं की औसत आयु चीन के पूर्वी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं से 0.8 साल कम है। समान काम के लिए पुरूष व महिला के वेतनों में अधिक खाई होती है, शहर और देहात में नौकरीशुदा महिलाओं की आय केवल पुरूषों की 67.3 तथा 56 फीसदी बनती है। विभिन्न मामलों पर फैसला लेने तथा प्रबंध करने के क्षेत्र में भी महिलाओं की शिरकत के लिए भी कुछ न कुछ बाधाएं पायी जाती हैं। उदाहरणार्थ. विभिन्न स्तरों के नेतृत्व दलों में महिलाओं का आपात पुरूषों से आधा कम है। घर के कामकाज में महिलाओं पर बोझ भी ज्यादा भारी है, लिंग-भेद की भी समस्या है, अब भी यह मान्यता चल रही है कि पुरूष वर्ग को समाज में काम करना चाहिए और महिलाओं को घर का भार संभालना। इस प्रकार का विचार रखने वालों में पुरूष वर्ग और नारी वर्ग की प्रतिशत पहले से 7.7 तथा 4.4 बढ़ गयी है।
अखिल चीनी महिला संघ की उपाध्याक्ष सुंग श्यो येन ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान पर अध्ययन के लिए अखिल चीनी महिला संघ विशेषज्ञों को संगठित करेगा और संबंधित विभागों को सुझाव देगा और उचित कदम उठाने की कोशिश भी करेगा।