कठपुतली कला चीन में सदियों से लोकप्रिय परंपरागत कला के रूप में चली आयी, लेकिन आधुनिक युग में इस की लोकप्रियता लगातार कम होती गयी। इस हालत को बदलने के लिए चीनी कठपुतली कला मंडली ने पांच साल पहले व्यवस्थागत सुधार शुरू किया और अच्छा परिणाम निकला।
चीनी कठपुतली कला मंडली के सदस्य वांग ल्वी ने कला मंडली में सुधार के बारे में परिचय देते हुए कहाः
कला मंडली में सुधार लाने के बाद मंडली की वेतन प्रणाली बदली गयी है, पहले सभी लोगों के वेतन बराबर होते थे, सुधार के बाद सदस्यों की आय उन के कला स्तर और योगदान के मुताबिक अलग अलग रकम में मिलेगी।
कठपुतली कला मंडली में व्यवस्थागत सुधार से कलाकारों में सरगर्मी और सृजन करने की शक्ति उभरी। पिछले पांच सालों में कला मंडली ने विभिन्न स्थानों में जाकर 2000 से अधिक शो पेश किए, जिन में 5 लाख से ज्यादा दर्शकों को आकर्षित किया गया और कला मंडली की आय भी 4 करोड़ य्वान तक पहुंची, जबकि सुधार से पहले सालाना आमदनी सिर्फ 10 लाख य्वान थी। सांस्कृतिक प्रस्तुति के अलावा कला मंडली ने पुस्तक व ओडियो विडियो के प्रकाशन तथा खिनौलियों की बिक्रि के व्यवसाय भी चलाये।
कठपुतली कला मंडली की भांति चीनी कलाबाजी मंडली में भी व्यवस्थागत सुधार किया गया, इस के तहत सुप्रसिद्ध कलाकारों के लिए व्यक्तिगत कार्यालय स्थापित हुए, वे न केवल नया नया कार्यक्रम बनाने में सक्रिय रहे हैं, साथ ही प्रबंधक के रूप में भी काम करते हैं।
कलाबाजी मंडली के जादू कला मंडल के नेता ली निन एक सुप्रसिद्ध जादूगर हैं, उन्हें अनेक अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। उन के लिए व्यक्तिगत कार्यालय की स्थापना के बाद उन्होंने बहुतसे प्रयोगात्मक काम किए और अच्छी उपलब्धियां प्राप्त हुईं। उन के कार्यालय ने चीन का प्रथम जादू कला कोष की स्थापना की, जो जनहित काम करता है। उन्होंने कहाः
जादू कला को बाजार में उतारने तथा नया नया सृजन करने का काम मेरे लिए एक बड़ी परीक्षा है, मैं इस क्षेत्र में अपनी योग्यता का उजागर करूंगा और समूची कला मंडली के काम को बढ़ावा दूंगा।
चीन में सांस्कृतिक कार्य क्षेत्र में व्यवस्थागत सुधार का एक मुख्य मुद्दा राजकीय कला मंडलियों को बाजार में उतारा जाना है, ताकि वे ऐसा आधुनिक कला व्यवसाय बन जाएं जो अपनी आय व्यय पर आत्मनिर्भर रहता हो। इस प्रकार के सुधार में पुस्तक प्रकाशन, सीनेमा और टीवी धारावाही निर्माण और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम बनाने वाली कंपनी शामिल है। इस साल के पूर्वार्द्ध तक देश भर में 2100 से अधिक राजकीय कला मंडलियों में से दो तिहाई में व्यवस्थागत सुधार का काम पूरा किया जा चुका है। और बहुत सी अयोग्य संस्कृति व कला संस्थाओं को रद्द कर दिया गया।
इस बीच, चीन में नयी नीति के मुताबिक बहुत सी सांस्कृतिक कंपनियों ने पूंजीगत संचालन, विलय व पुनर्गठन और बाजार में उतरने के माध्यम से अपने पैमाने का विस्तार किया। पेइचिंग कला समूह ने दो सालों के सुधार के बाद अपने का काम काफी बढ़ा दिया और अपने व्यवसाय में फिल्म बनाना, प्रकाशन, सीनेमा घर का निर्माण तथा विज्ञापन का व्यवस्था समेत एक श्रृंखलाबद्ध सीने-उद्योग व्यवस्था कायम हुई है। अब इस कंपनी समूह में 20 से ज्यादा सीनेमा घर है, यह संख्या देश में सब से अधिक है, इन सीनेमा घरों में हर पांच मिनट पर एक नयी फिल्म दिखाई जाती है। कंपनी समूह के बोर्ड अध्यक्ष खांग वी ने कहाः
हमारे कंपनी समूह ने ह्वायी भ्राता कंपनी के साथ सहयोग किया, जिसमें हमारी कंपनी का शेयर 51 प्रतिशत बनता है, ह्वायी भ्राता कंपनी सीने जगत में एक अनुभवी और सशक्त प्रबंधक कंपनी है, हम दोनों शक्तिशाली कंपनियों के सहयोग से श्रेष्ठ परिणाम निकलेगा।
चीन की बारहवीं पंचवर्षीय योजना में यह लक्ष्य रखा गया है कि चीनी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के स्तंभ उद्योग के रूप में सांस्कृतिक उद्योग का जोरदार विकास किया जाएगा और स्वस्थ सार्वजनिक सांस्कृतिक सेवाएं कायम की जाएंगी। आंकड़ों के अनुसार 2010 में चीन की सांस्कृतिक संस्थाओं और उससे जुड़ने वाले व्यवसायों की आय में 10 खरब य्वान की वृद्धि हुई, देश के जी डी पी की कुल राशि में उस का अनुपात 2.75 फीसदी तक पहुंचा है। वर्ष 2004 के बाद चीनी सांस्कृतिक व्यवसाय के उत्पादन मूल्य में सालाना वृद्धि दर हमेशा जी डी पी की औसत वृद्धि दर से ऊंची है।
फिलहाल, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी की एक अहम बैठक पेइचिंग में चल रही है, जिसमें चीन की सांस्कृतिक कार्य प्रणाली में गहन सुधार एवं देश के समाजवादी सांस्कृतिक कार्य के जोरदार विकास के बारे में विचार किया जाएगा और विशेषज्ञों के विचार में यह बैठक चीन में सांस्कृतिक सुधार के बारे में नया निर्देशन देगी।