तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिनची प्रिफैक्चर में एक जहाज़ परिवहन सैन्य टुकड़ी तैनात है। हर वर्ष इस टुकड़ी के सैनिक यालुचांगबू नदी में दो सौ बार आते जाते हैं। वे कहां से आते हैं?और किन चीजों का परिवहन करते हैं?तो आज के इस कार्यक्रम में एक सुनिए पठायी थल सेना की टुकड़ी के बारे में जानकारी।
सितम्बर 1962 में स्थापित यह जहाज़ परिवहन टुकड़ी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की फौजी क्षेत्र के लिनची शाखा के अधीनस्थ है। तिब्बती सैन्य क्षेत्र के एकमात्र थल सेना के जहाज़ टुकड़ी के रूप में परिवहन जहाज़, बजरा और आक्रमण नाव से लैस होता है। जहाज़ परिवहन टुकड़ी के निदेशक ल्यू च्यानच्युन ने हमारे संवाददाता को बताया.
"हमारी टुकड़ी का मुख्य कार्य तिब्बत में तैनात सेना के पास व्यक्तियों, वाहनों, सामग्री व हथियारों को पहुंचाना है।"
इधर के वर्षों में इस जहाज़ परिवहन टुकड़ी ने हर वर्ष सौ टन की सामग्री और दो हज़ार व्यक्तियों को पहुंचाया है। अपना फौजी कार्य अच्छी तरह पूरा करने के साथ जहाज़ परिवहन टुकड़ी स्थानीय निर्माण में सक्रिय भागीदारी ही नहीं, नागरिकों को विशेष सेवा भी देती है। मसलन् इस समय भारी वर्षा के कारण यालुचांगबू नदी के पानी का स्तर दो या तीन मीटर बढ़ गया है, जिससे नदी के कुछ तटीय क्षेत्र द्वीप का रूप ले लेते हैं। जहाज़ परिवहन टुकड़ी कभी कभार स्थानीय नागरिकों को पशुओं के स्थानांतरण में भी मदद देती है। इसकी चर्चा में ल्यू च्यानच्वुन ने कहा:
"अकेला द्वीप होने के बाद समुद्री तट पर घास चरने वाले गाय व भेड़ दूसरे तट तक नहीं पहुंच पाते, अगर पानी का स्तर ज्यादा बढ़ा, तो वे डूब कर मर जाएंगे। ऐसी स्थिति में हम अपने जहाज़ों के जरिए गायों व भेड़ों को स्थानांतरित करते हैं।"
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय के तेज़ विकास के चलते पर्यटकों की सेवा के तरीकों में बदलाव आ रहा है। जहाज़ परिवहन टुकड़ी के बंदरगाह के नज़दीक एक पर्यटन कंपनी जहाज़ सेवा का काम भी करती है। यात्रियों की सुरक्षा की गारंटी के लिए इस टुकड़ी के अफ़सर व सैनिक कभी कभार कंपनी के कर्मचारियों को व्यवसायिक ट्रेनिंग भी देते हैं। ल्यू च्यानच्वुन ने कहा:
"हमारी टुकड़ी के प्रमुख सैनिक इस कंपनी के जहाज़ चालकों को पेशेवर ट्रेनिंग देते हैं। इसके अलावा हर वर्ष अप्रैल व मई से पर्यटन मौसम शुरू होता है। इसके पूर्व हम इस कंपनी के कर्मचारियों को नदी में रास्ते की दिशा आदि संबंधित तकनीक व जानकारी का अभ्यास कराते हैं।"
गौरतलब है कि पिछले 50 वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तैनात चीनी मुक्ति सेना की इस जहाज़ परिवहन टुकड़ी के पीढ़ी दर पीढ़ी सैनिकों ने विपरीत मौसम, नदी रास्ते की जटिलता, नदी के तेज़ बहते पानी आदि मुश्किलों को दूर कर राष्ट्रीय प्रतिरक्षा, नागरिकों की सेवा, राहत बचाव और आर्थिक विकास आदि महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा किया है, जिसने स्थानीय पर्यावरण संरक्षण, जनता की रक्षा और नागरिकों की समृद्धि की सहायता में अपनी भूमिका निभाई है।