4 अक्तूबर तक चीनी चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना के तहत प्रक्षेप किए गए छांग अर नम्बर दो उपग्रह को अपनी कक्षा में काम करते हुए एक साल हो चुका है, अभी वह पूरी तरह अच्छी स्थिति में है और उस में विभिन्न प्रकार के काम सामान्य रूप से चल रहे हैं। चीनी चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना के डिप्टी कमांडर ल्यू तुंगक्वी ने कहा कि छांग अर दो उपग्रह में किए गए कामों से छांग अर तीन के लिए कुछ कुंजीभूत तकनीकों को हल किया गया है और छांग अर नम्बर तीन के चंद्र की सतह पर उतरने के लिए खतरे को कम किया गया है। इस तरह छांग अर दो ने चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के विकास में अहम भूमिका अदा की है।
छांग अर नम्बर दो उपग्रह पहली अक्तूबर 2010 को सफलतापूर्वक छोड़ा गया था, इस साल की पहली अप्रैत तक उस की पूर्व निर्धारिक आयु यानी आधे साल की अवधि पूरी हो गयी थी तथा उसे दिए गए सभी वैज्ञानिक सर्वेक्षण काम भी अंजाम किए गए थे, लेकिन उसी समय उपग्रह अच्छी अवस्था में सिद्ध हुआ है और उस में शेष ईंधन भी आगे के काम के लिए पर्याप्त है, ऐसी स्थिति में छांग अर दो को और तीन परीक्षण के काम दिए गए। इस पर डिप्टी कमांडर ल्यू तुंगक्वी ने कहाः
छांग अर दो को दिए गए नए व विस्तृत काम चंद्रमा का गहरा वैज्ञानिक सर्वेक्षण करना, छांग अर तीन की कुछ कुंजीभूत तकनीकों की जांच परख करना तथा चंद्र की सतह पर उतरने में आने वाले खतरे को कम करना है। छांग अर दो के नए कामों के परिणामस्वरूप छांग अर तीन के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तकनीकी जांच और पुष्टि के लिए आधार तैयार किया गया है।
योजना के अनुसार चीन 2013 में छांग अर नम्बर तीन उपग्रह छोड़ेगा, वह चंद्र की सतह पर उतरेगा, यह चंद्र पर उतरने के लिए चीन की पहली कोशिश है। श्री ल्यू तुंगक्वी ने कहा कि चंद्र पर उतरने के लिए उपग्रह की मोटर तकनीक एक कुंजीभूत प्रौद्योगिकी है। उन्हों ने कहाः
छांग अर दो ने पहली बार 10 एन वाले मोटर से चंद्रमा के रेनबो बे की सटीक तस्वीर ले ली थी और दूसरी बार 490 एन वाले मोटर से तस्वीर ले ली। जबकि छांग अर नम्बर तीन 7500 एन वाले गति वर्द्धनमान मोटर से चंद्र पर उतरेगा, यह एक जटिल काम है।
श्री ल्यू ने कहा कि छांग अर दो के नए कामों से चंद्र के रेनबो बे, जहां छांग अर तीन उतरेगा, की उच्च सटीक तस्वीर ले ली गया है, इस से छांग अर तीन के चंद्र पर उतरने के लिए तकनीकी जांच परख की गयी है, इस के अलावा छांग अर दो के नए कामों ने उपग्रह के चंद्र-कक्षा से हट निकलने के लिए उड़ान तकनीकों की समस्या को हल किया है, यह भी एक सफलता है। छांग अर दो ने चीन के भावी अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए अंतरिक्ष सर्वेक्षण और जांच परख के लक्ष्य प्रदान किये है, यह उस की तीसरी सफलता है। डिप्टी कमांडर ल्यू तुंगक्वी ने कहाः
अन्तरराष्ट्रीय जगत में पहली बार चंद्र कक्षा से लागरांगिन पाइंट की ओर उड़ने का काम पूरा किया गया, छांग अर दो ने 40 दिनों में लागरांगिन पाइंट का चक्कर लगाया और पहली बार 4 लाख किलोमीटर से 17 लाख किलोमीटर तक उड़ने का छलांग लगाया और चीन ने पहली बार एक उपग्रह से अनेकों लक्ष्य और सर्वेक्षण के काम किए है।
छांग अर नम्बर दो के नए व विस्तृत कामों के सफल अंजाम से चीन के अंतरिक्ष विज्ञान के नए विकास को बढ़ावा मिला है। छांग अर दो के नए व विस्तृत परीक्षण कामों के जरिए चीन ने अन्तरराष्ट्रीय जगत में पहली बार रिजॉलूशन की 7 मीटर से ज्यादा स्पष्ट चंद्रमा की संपूर्ण तस्वीर ले ली है। उपग्रह के एल टू पाइंट का चक्कर लगाने के दौरान पृथ्वी के हाई एनर्जी पार्टिकलों तथा सोलर विंड की गति का सर्वेक्षण किया जा सकता है तथा इस में अंतरिक्ष में वायु के प्रयोग तथा अंतरिक्ष वातावरण के पूर्वानुमान के लिए सृजनात्मक महत्व होता है।
जानकारी के अनुसार चीन का छांग अर नम्बर तीन उपग्रह इस समय निर्माण की अवस्था में है, तमाम परीक्षम के काम पूरा होने के बाद वह 2013 में अंतरिक्ष में छोड़ा जाएगा।