दोस्तो , 29 सितम्बर 2011 को चीन ने रुपांतरित लांग मार्च दो एफ वाहक राँकेट के जरिये थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान को सफल रुप से अंतरिक्ष में छोड़ दिया है , य़ह इस बात का द्योतक है कि चीन ने अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना के लिये अनुकूल स्थिति तैयार कर ली है , इस का भारी महत्व है ।
चीन ने समानव अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिये तीन चरणों की रणनीति निर्धारित की है । प्रथम चरण में समानव अंतरिक्ष यान को छोड़ना , प्रारम्भिक तौर पर प्रयोगात्मक समानव अंतरिक्ष यान परियोजना की स्थापना करना और अंतरिक्ष में उपयोगी विज्ञान का प्रयोग करना है , यह रणनीति शनचओ पांच और शनचओ 6 समानव अतरिक्ष यान छोड़ने से पूरी हो गयी है , जिस से चीन विश्व में स्वतंत्र रुप से समानव अंतरिक्ष यान छोड़ने वाला तीसरा देश बन गया है । दूसरे चरण में अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री के चलने और वहां यान की डाँकिंग करने के लिये प्रौद्योगिकी , समानव अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यान के बीच संबंध स्थापित करने की प्रौद्योगिकी पर महारत हासिल करना और अंतरिक्ष प्रयोगशाला भेजना है । यह चरण शनचओ सात समानव अंतरिक्ष यान के यात्री के अंतरिक्ष में चलने से शुरु हो चुका है , जबकि अंतरिक्ष में सफल रुप से छोड़ा गया थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान तो इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है । तीसरे चरण में अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करना और अंतरिक्ष स्टेशन पर ईंधन , खाने पीने के समान , हवा , पानी और अन्य संबंधित मामलों का समाधान करना है ।
थ्येनकुंग एक एक प्रयोगात्मक अंतरिक्ष स्टेशन माना जाता है , उस का प्रमुख कार्य अंतरिक्ष में दोनों प्रकार वाले अंतरिक्ष यानों के बीच संबंध स्थापित करने की प्रौद्योगिकी पर महारत हासिल करना और भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने वाली प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना है । वह क्रमशः शनचओ 8 , शनचओ 9 व शनचओ 10 अंतरिक्ष यानों के साथ जोडने में भूमिका निभायेगा , इसी प्रकार वाला तौर तरीका अपने आप में ही एक नया आविष्कार है , जिस से चीनियों की होशियारी व बुद्धिमत्ता पूर्ण रुप जोहिर हो गयी है । पहला , थ्येनकुंग अंतररिक्ष यान तो अनेक बार दूसरे अंतरिक्ष यानों के बीच संबंध की स्थापना का समर्थन करने में समक्ष होगा , दूसरा , थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष प्रयोगशाला की डिजाइन के अनुसार जोड़ने का कार्य पूरा करने के साथ साथ अंतरिक्ष स्टेशन के कुछ कुंजीभूत प्रौद्योगिकी की पुष्टि करने में समर्थ होगा । तीसरा , अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रयोग करने के चलते तकनीकी प्रयोग भी कर सकता है । इसलिये थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण से उड़ान के प्रयोग लाभ को उल्लेखनीय रुप से उन्नत किया जाएगा ।
अंतरिक्ष में अंतिरक्ष यानों की जोड़ प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक सर्वमान्य कठिन तकनीक है , 2010 में दूसरे देशों को इसी अंतरिक्ष जोड़ में गलती हुई । लेकिन यह प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण व संचालन करने की पूर्व शर्त है । क्योंकि वह एक तरफ अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण , संचालन और मरम्मत करने में बड़ी भूमिका निभाता है , दूसरी तरफ दीर्घकालिक रुप से कक्षा में स्थापित अंतरिक्ष स्टेशन को सामग्री की आपूर्ति करने , अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने और अंतरिक्ष राहत सहायता करने की भूमिका निभाता है , साथ ही वह आइंदे में चंद्रमा की सतह पर चलने और अंतरिक्ष सर्वेक्षण आदि अंतरिक्ष कार्य करने में उस का अभाव भी नहीं होगा । इसलिये यदि थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष जोड़ प्रौद्योगिकी पर महारत हासिल करेगा , तो चीनी वैज्ञानिक स्वतंत्र रुप से अंतरिक्ष में आने जाने व अंतरिक्ष संसाधनों की खुदाई करने में सक्षम होंगे , साथ ही स्वतंत्र व समान रुप से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में भाग लेने का हकदार भी होंगे ।
पर अगला कार्य और कहीं ज्यादा कठिन होगा । आइंदे चीन प्रथम अंतरिक्ष जोड़ में नयी प्रौद्योगिकी , कठिन पुष्टि , जटिल स्थिति जैसी विविधतापूर्ण चुनौतियों का सामना करेगा । चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने लगातार नये सृजनों व कड़े परिश्रम के जरिये भारी जोखिमों के मुकाबले के लिये कारगर कदम उठाये हैं । इसलिये हम आगामी नवम्बर में थ्येनकुंग एक अंतरिक्ष यान और शन चओ 8 अंतरिक्ष यान के बीच संबंध स्थापित करने पर आशाप्रद हैं । चीनी समानव अंतरिक्ष उद्योग की नयी स्थिति अवश्य ही सामने आयेगी , बेशक चीन विश्व में अंतरिक्ष जोड प्रौद्योगिकी पर पूर्ण रुप से महारत हासिल करने वाले देश का रुपधारण भी ले लेगा ।