दोस्तो , चीनी उप कृषि मंत्री छन श्याओ ह्वा ने 29 सितम्बर को एक न्यूज ब्रीफिंग नें परिचय देते हुए कहा कि 2011 में चीनी कृषि फसलों की कुल पैदावार पांच खरब 50 अरब किलोग्राम तक पहुंच जायेगी , जिस में पिछली आधी शताब्दी में प्रथम बार लगातार 8 सालों तक वृद्धि बनी रहेगी । इस के साथ ही कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा निरंतर उन्नत होती गयी है ।
न्यूज ब्रीफिंग में चीनी उप कृषि मंत्री छन श्याओ ह्वा ने वर्तमान चीनी कृषि व ग्रामीण आर्थिक स्थिति से अवगत कराया । चालू वर्ष में उत्तर चीन के गेहूं उत्पादन क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम क्षेत्र लगातार सूखा मौसम से ग्रस्त रहे हैं । ऐसी स्थिति में कृषि फसलों की पैदावार बेहद चिन्ताजनक है । छन श्याओ ह्वा ने कहा कि हालांकि हमारे सामने अत्यंत जटिल बाजार स्थिति और गम्भीर प्राकृतिक संकट मौजूद हैं , पर चीनी सालाना कृषि पैदावार में बढोत्तरी फिर भी होगी और यह वृद्धि प्रवृति पिछली आधी शताब्दी में प्रथम बार लगातार 8 सालों तक बनी रहने की उम्मीद भी है ।
कृषि मंत्रालय द्वारा जांच पड़ताल से जाहिर है कि 26 सितम्बर तक समूचे देश में 27.6 प्रतिशत के बोवाई क्षेत्रों की शरद फसलें काटी गयी हैं । प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कृषि पैदावारों व विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार चालू वर्ष में शरद फसलों में वृद्धि पक्की हो गयी है । इस के अलावा चालू वर्ष में गर्मी फसलों में करीब तीन अरब दस करोड़ किलोग्राम का इजाफा हुआ है , अकैति धान की पैदावार में करीब एक अरब 40 करोड किलोग्राम की वृद्धि हुई है , शरद फसलों में बढोत्तरी होने की संभावना भी होगी , इस से अनुमान लगाया जा सकता है कि चीनी सालाना कृषि पैदावार पांच खरब 50 अरब किलोग्राम तक पहुंच सकेगी ।
वृद्धि कारणों का विश्लेषण करते हुए उप कृषि मंत्री छन श्याओ ह्वा ने कहा कि इस वर्ष में चीनी फसलों का बोवाई क्षेत्र गत वर्ष से लगभग 6 लाख 70 हजार हेक्टर बढ़ गया है । गत वर्ष की तुलना में गर्मी फसलों व अकैति धान की पैदावार बढ़ गयी है , यह हालात कम देखने को मिली है । विश्लेषण से पता चला है कि प्राकृतिक संकट ग्रस्त दक्षिण पश्चिम क्षेत्र को छोड़कर सारे देश के दूसरे क्षेत्रों , खासकर उत्तर पूर्वी क्षेत्र में शानदार फसलें काटी गयी हैं ।
छन श्याओ ह्वा का विचार है कि भावी एक अरसे में लगातार 8 सालों तक शानदार फसले बरकरार रहने और कृषि भंडारण में वृद्धि होने की वजह से देश के भीतर अनाजों की पर्याप्त सप्लाई होगी । और तो और विश्व खाद्यान कार्यक्रम का अनुमान है कि चालू वर्ष में सारी दुनिया में कृषि पैदावार भी बढ़ेगी , इस से कृषि उत्पादन की सप्लाई और अनाजों के दामों को स्थिर सुनिश्चित बनाने में अहम भूमिका निभाई जाएगी ।
कृषि फस्लों के अवाला इस वर्ष में चीन के पशु पालन उद्योग का विकास और मछुआगिरी का उत्पादन बुनियादी तौर पर स्थिर रहा है । अनुमान है कि 2011 में सारे देश में मिट , अंडों और दुधार चीजों और जलीय पदार्थों के कुल उत्पादन में स्थिर रुप से वृद्धि होगी। उप मंत्री छन श्याओ ह्वाने कहा कि उत्पादन बढ़ने के साथ साथ किसानों की आय में भी काफी बड़ी वृद्धि हुई है । किसानों की आय में वृद्धि चीनी कृषि व ग्रामीण आर्थिक कार्य का केंद्रिय मिशन ही है ।
चालू वर्ष में बाहर जाने वाले ग्रामीण श्रमिकों की संख्या बढ़ने से किसानों की आय में तेज वृद्धि हुई है । राष्ट्रीय सांख्यकि ब्यूरो के अनुसार इस वर्ष के पूर्वाद्ध में प्रति किसान की औसत आय में 3706 य्वान की धनराशि हुई है , जो गत वर्ष की समान अवधि से 20.4 प्रतिशत अधिक है , दाम तत्व को छोड़कर वास्तविक वृद्धि 13.7 प्रतिशत हो गय़ी है, यह वृद्धि दर शहरी वासियों से 6.1 प्रतिशत बढ़ गयी है ।
कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा की चर्चा में उप कृषि मंत्री छन श्याओ ह्वा ने कहा कि कृषि मंत्रालय हमेशा से कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा को अपना महत्वपूर्ण कार्य समझता आया है । इधर सालों में विभिन्न स्तरीय सरकारों व संबंधित विभागों ने कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा को बनाये रखने के लिये अत्यंत दृढ़ कमद उठा दिये हैं । जिस से चीनी कृषि उपजोंकी क्वालिटी सुरक्षा स्तर निरंतर बढ़ता गय़ा है ।
इस वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में साग सब्जियों , मिटों व अंडों और जलीय पदार्थों की सही निगरानी सुरक्षा दर क्रमशः 97.4 प्रतिशत , 99.5 प्रतिशत और 96.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी है । कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा की आम स्थिति इस प्रकार है कि हमारे देश में कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा का स्तर निरंतर उन्नत होता गया है । कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा में फिर भी ज्यादा समस्याएं मौजूद हैं , पूरी स्थिति आशाजनक नहीं है । इसलिये हमारे लिये यह जरूरी है कि लगातार अडिग रुप से निगरानी व प्रबंधन को मजबूत बनाया जाये और कानून का उल्लंघन करने वालों पर दबाव लगाया जाये । दूसरी तरफ कृषि विकास के फारमूले के सुधार को वढावा दिया जाये , मानकीकरण उत्पादन के जरिये उत्पादन का स्तर उन्नत किया जाये और मूल रुप से कृषि उपजों की क्वालिटी सुरक्षा से निपटा जाये ।