चालू वर्ष के 19 सितम्बर को कोरियाई प्रायद्वीप न्यूक्लीयर सवाल संबंधी 6 पक्षीय वार्ता का अहम फलदायक दस्तावेज 19 सितम्बर साझा वक्तव्य जारी करने की 6ठीं वर्षगांठ का दिन था । इस के उपलक्ष में चीनी अंतर्राष्ट्रीय मामलात अनुसंधान प्रतिष्ठान ने पेइचिंग में संगोष्ठी बुलाई , सभी हिस्सेदारों ने 19 सितम्बर साझा वक्तव्य को किस तरह अमल में लाने , शीघ्र ही 6 पक्षीय वार्ता की बहाली करने और उत्तर पूर्वी एशिया में दीर्घकालिक स्थिरता को मूर्त रुप देने पर विचार विमर्श कर दिया । जनवादी कोरिया के उप विदेश मंत्री व 6 पक्षीय वार्ता के जनवादी कोरियाई मंडल के नेता री योंग हो ने गैर सरकारी हैसियत से संगोष्ठी में कहा कि जनवादी कोरिया ने अपने वचन का पालन कर शस्त्र स्तरीय सघन प्लूटोनियम कार्यवाही को बंद कर दिया है और 6 पक्षीय वार्ता की बहाली के लिये सभी तैयारी कर रखी है ।
चीनी अंतर्राष्ट्रीय मामलात अनुसंधान प्रतिष्ठान की सदारत में 6 पक्षीय वार्ता के 19 सितम्बर साझा वक्तव्य जारी किये जाने की 6ठीं वर्षगांठ की संगोष्ठी 19 सितम्बर को पेइचिंग में हुई , जनवादी कोरिया , अमरीका , रुस , जापान , कोरिया गणराज्य , सिंगापुर , आस्ट्रेलिया और चीन आदि देशों से आये 20 से अधिक विशेषज्ञ व विद्वान संगोष्ठी में उपस्थित हुए । संगोष्ठी की उद्घाटन रस्म में चीनी विदेश मंत्री यांग च्ये छी ने भाषण देते हुए कहा कि 19 सितम्बर साझा वक्तव्य पर कायम रहना और उसे अमल में लाना विभिन्न संबंधित पक्षों का अनिवार्य दायित्व है , इस का उत्तर पूर्वी एशियाई क्षेत्र में चिरस्थायी शांति की स्थापना करने के लिये भारी महत्व है ।
19 सितम्बर साझा वक्तव्य जारी करने का भारी मील पत्थर का महत्व है , वह कोरियाई प्रायद्वीप के न्यूक्लीयरकरण रहित आम लक्ष्य के बारे में 6 पक्षों का राजनीतिक समझौता और घोषणा पत्र है और शांति वार्ता की प्रक्रिया के मार्गदर्शन व विभिन्न संबंधित पक्षों की कार्यवाही का कार्यक्रम दस्तावेज भी है । साथ ही वह उत्तर पूर्वी एशिया में शांति व स्थिरता बनाये रखने की विभिन्न देशों की राजनीतिक अभिलाषा की मूल अभिव्यक्ति ही नहीं , बल्कि विभिन्न संबंधित पक्षों द्वारा एक दूसरे का सम्मान किये जाने , समानता व सलाह मशविरा किये जाने और एक दूसरे को रियायत दिये जाने का सुफल भी है , उसे समान रुप से मूल्यवान समझने लायक है । आज विभिन्न पक्षों के विशेषज्ञों ने यहां एकत्र होकर 19 सितम्बर साझा वक्तव्य की भावना के आधार पर उत्तर पूर्वी एशिया में शांति व स्थिरता पर जो विचार विमर्श किया है , उस का भारी महत्व है ।
19 सितम्बर 2005 को पेइचिंग में कोरियाई नाभिकीय सवाल की 6 पक्षीय वार्ता के चौथे दौर की दूसरी चरण सम्मेलन में हिस्सेदार प्रतिनिधि मंडलों के नेताओं ने 19 सितम्बर साझा वक्तव्य संपन्न किया । यह अभी तक कोरियाई नाभिकीय सवाल की 6 पक्षीय वार्ता का एक मात्र तात्विक साझा दस्तावेज ही है , जिस में ये मुख्य विषय शामिल हुए हैं कि जनवादी कोरिया ने तमाम न्यूक्लीयर शस्त्रों व मौजूदा न्यूक्लीयर विकास योजना को छोड़ने का वचन दिया है , जबकि अमरीका ने इस की पुष्टि की है कि अमरीका का कोरियाई प्रायद्वीप में किसी नाभिकीय शस्त्र का विन्यास करने , नाभिकीय शस्त्रों या नियमित हथियारों से जनवादी कोरिया में अतिक्रमण करने का कोई इरादा नहीं हैं । जनवादी कोरिया और अमरीका ने संबंधों के सामान्यकरण को साकार बनाने के लिये कदम उठाने का वचन भी दिया है । इस के अलावा 6 पक्षों ने द्विपक्षीय व बहुपक्षीय तौर तरीकों के जरिये ऊर्जा , व्यापार व पूंजी निवेश के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढाने का वायदा भी किया है । अन्य पांच पक्ष जनवादी कोरिया को ऊर्जा सहयोग प्रदान करने पर भी राजी हुए हैं ।
चीनी अंतर्राष्ट्रीय मामलात अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान छू शिंग ने उद्घाटन रस्म में कहा कि 19 सितम्बर साझा वक्तव्य में निश्चित सिद्धांत का पालन वर्तमान कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय सवाल का समाधान करने का मूल रास्ता ही है।
19 सितम्बर साझा वक्तव्य ने कोरियाई प्रायद्वीप के गैर नाभिकीकरण के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मूल धारा अभिव्यक्त की है और विभिन्न पक्षों की चिन्ताओं का ख्याल भी रखा है । 19 सितम्बर साझा वक्तव्य में विभिन्न पक्षों के संबंधों के निपटारे के बारे में बुनियादी सिद्धांत भी निश्चित हो गया है । 6 साल गुजर गये हैं , प्रायद्वीप की परिस्थिति ज्यों का त्यों जटिल बनी हुई है । पर भविष्य की ओर देखना फिर भी अत्यावश्यक है ।
गैर सरकारी हैसियत से संगोष्ठी में उपस्थित जनवादी कोरिया के उप विदेश मंत्री सी योंग हो के भाषण पर मीडिया की निगाहें टिकी हुई है । छू शिंग ने परिचय देते हुए कहा कि री योंग हो ने 19 सितम्बर साझा वक्तव्य का उच्च मूल्यांकन किया है ।
उप विदेश मंत्री री योंग हो ने स्पष्टतः कह दिया है कि 2005 के बाद जनवादी कोरिया ने शस्त्र स्तरीय प्लूटोनियम का उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया है । जनवादी कोरिया ने कहा कि जब 6 पक्षीय वार्ता की बहाली होगी , तो वे एक मुश्त नया सुझाव दे देंगे , इस से जाहिर है कि उन्होंने 6 पक्षीय वार्ता की बहाली के लिये पूरी तैयारी कर रखी है ।
छू शिंग का विचार है कि 6 पक्षीय वार्ता के सामने मौजूद सब से बड़ी बाधा यह है कि विभिन्न संबंधित पक्षों में आपसी विश्वास का अभाव है , वार्ता गतिरोध में पड़ने का मुख्य कारण है 19 सितम्बर साझा वक्तव्य का पूरी तरह पालन नहीं हो पाया । उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप के गतिरोध को तोड़ने का रामबाण जनवादी कोरिया और कोरिया गणराज्य के हाथ में है । यहि प्रायद्वीप के गैर न्यूक्लीयरकरण को साकार होगा , तो प्रायद्वीप की जनता को सब से बड़ा फायदा होगा ।