05 दर्शनीय स्थल--हुआंग शान पर्वत की कहानी

2017-10-24 20:43:01 CRI

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05 दर्शनीय स्थल--हुआंग शान पर्वत की कहानी

पांच मन चावल के लिए न झुकना 不为五斗米折腰

“पांच मन चावल के लिए न झुकना”कहावत से जुड़ी एक कथा है। इसे चीनी भाषा में“पू वेइ वू तोउ मी त्स याओ”(bù wèi wǔ dǒu mǐ zhé yāo) कहा जाता है। इसमें“वू तोउ मी”का अर्थ है पांच मन चावल, जबकि“त्स याओ”का अर्थ है कमर झुकना।

चीन के च्येन राजवंश में थाओ युआनमिंग (Tao Yuanming) नाम के महा कवि पद और धन दौलत से लगाव न रखने और तानाशाही से नफ़रत करने की वजह से चीन के इतिहास में बहुत मशहूर हैं।

थाओ युआनमिंग का जन्म सन् 365 में हुआ था। उनके दौर में चीन डावांडोल स्थिति से गुज़र रहा था और लोगों का जीवन बहुत मुश्किल में था।

सन् 405 के शरद में अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए थाओ युआनमिंग घर से कुछ दूर फङ त्स (Peng ze) काउंटी में जिलाधीश के पद पर काम करने गया। उसी साल सर्दियों में उसके ऊपर वाले विभाग से फङ त्स काउंटी के निरीक्षण के लिए एक अधिकारी भेजा गया। यह अधिकारी बड़ा   घमंडी था और उसने वहां पहुंचते ही जिलाधीश को बुलावे के लिए आदमी भेजा।

खबर पाकर थाओ युआनमिंग को इस अधिकारी के इस प्रकार के अधिकार के दुरुपयोग और दुर्व्यवहार से नफ़रत हुई। हालांकि उसे अधिकारी से मिलने जाना पड़ा। रवाना होने से पहले थाओ युआनमिंग के अधीनस्थ सचिव ने उसे याद दिलाया:“यह अधिकारी छोटी मोटी औपचारिकता पर बहुत ध्यान देता है। आपको उसके सामने अच्छे वस्त्र पहनने के साथ-साथ विनम्रता दिखानी चाहिए। वरना, वह आपसे बड़े नेताओं के सामने आपको खरी-खरी सुनाएगा।”

05 दर्शनीय स्थल--हुआंग शान पर्वत की कहानी

महा कवि थाओ युआनमिंग

थाओ युआनमिंग हमेशा न्याय और सज्जनता का पक्ष लेता था और अहंकार से नफ़रत करता था। अधीनस्थ की बात सुनकर आह भरते हुए उसने कहा:“भूख से मर भी जाऊं, तो भी भी पांच मन चावल वाले वेतन के लिए इस प्रकार के दुष्ट अधिकारी के सामने नहीं झुक सकता।”

अंततः थाओ युआनमिंग ने इस्तीफ़ा देकर जिलाधीश के पद को छोड़ दिया, फिर जीवन भर अधिकारी का काम नहीं किया।

पद छोड़ने के बाद थाओ युआनमिंग ने ग्रामीण जीवन निर्वाह करना शुरू किया। वह खुद खेतीबाड़ी में भी लगा। गांव में रहने के दौरान उसने बड़ी संख्या में कई सुन्दर कविताएं लिखी, जिनमें गांवों के प्राकृतिक सौंदर्य, श्रम और कृषकों के जीवन का मोहक वर्णन किया गया और ग्रामीण जीवन पर उनके अनुभव चर्चित हुए। उनकी कई कविताएं चीन के काव्य इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और आज तक भी लोगों की जबान पर हैं। उदाहरण के लिए खेतीबाड़ी पर अपना अनुभव व्यक्त करते हुए लिखी कविता:

गुलदाउरी का फूल तोड़ा है,

पूर्वी बाड़े की क्यारी से

दूर से सुमन दिखा है,

दक्षिणी पर्वत की तलहटी में

किसानों के कड़े परिश्रम के वर्णन में लिखी कविता:

दाल की खेती हुई दक्षिणी पहाड़ के नीचे,

घास का बालाबाला है दाल के पौधे नगन्य 

गांवों का जीवन मनमोहक भी था, दूभर और कठिन भी, अकाल पड़ने पर किसानों की मेहनत बेकार हो जाती थी। बुढ़ापे में थाओ युआनमिंग का जीवन बहुत मुश्किल से बीतने लगा और घर में एक बार लगी आग ने उसका घर बर्बाद कर दिया। वह 62 साल की उम्र में वह इस दुनिया से चल बसे।

थाओ युआनमिंग ने अपने अनुभवों के आधार पर जि कविताओं और लेखों का सृजन किया , उससे उसकी असाधारण प्रतिभा और सृजनशीलता का पता चलता है। खास कर प्राकृतिक दृश्यों को लेकर जो कविताएं लिखी गईं, उनसे  स्नेह और सौहार्द भाव प्रकट हुआ, जो हमेशा पाठकों को मोहित करती हैं।

कविताओं के अलावा थाओ युआनमिंग ने कई निबंध भी लिखे थे, जिनमें आड़ू पुष्प गृह शीर्षक निबंध चीन के साहित्य इतिहास में विशेष महत्व रखता है। लेख में एक सुन्दर रोमांचक काल्पनिक समाज का चित्रण किया गया था, जहां न युद्ध, न गड़बड़ी, न राजा मंत्री, न उच्च नीच, न लगान बेगार और न द्वेष शत्रुता हो, जहां सभी लोग सुखचैन से रहते हों और आपस में मेल-मिलाप और शिष्टाचार से व्यवहार करते हो। इस प्रकार का सुन्दर काल्पनिक समाज प्राचीन चीनियों के मन का आदर्श समाज बना और वह आड़ू के पुष्प गृह के नाम से जाना जाता रहा। 

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