038 ड्रैगन को मार डालने का कौशल

2017-07-25 19:36:52 CRI

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038 ड्रैगन को मार डालने का कौशल

चोउ ची की सौंदर्य प्रतिस्पर्धा 邹忌比美

"ची की सौंदर्य प्रतिस्पर्धा"कहानी को चीनी भाषा में"चोउ ची पी मेई"(zōu jì bǐ měi) कहा जाता है। इसमें"चोउ ची"व्यक्ति का नाम है।"पी"का अर्थ है तुलना, जबकि"मेई"का अर्थ है सौदर्य।

प्राचीन चीन के छीक्वो राज्य के प्रमुख मंत्री चोउ ची असाधारण सुन्दर और सुडौल था। एक सुबह वस्त्र और टोपी पहनने के बाद उसने पत्नी से पूछा:"तुम्हारी नज़र में मैं और शहर के उत्तरी भाग में रहने वाले श्यु कांग दोनों में से कौन ज्यादा सुन्दर है?"

पत्नी ने उसकी सराहना करते हुए कहा:"आप असाधारण सुन्दर है। आप के सामने श्यु कांग कुछ भी नहीं है।"

शहर के उत्तरी भाग में रहने वाला श्यु कांग छीक्यो राज्य में अत्यन्त मशहूर सुन्दर पुरूष था। चोउ ची बराबर इस आशंका से दूर नहीं हो सकता था कि वह श्यु कांग से ज्यादा सुन्दर है। तो, उसने अपनी उपपत्नी से पूछा :"तुम कहो कि मैं और उत्तरी शहर में रहने वाले श्यु कांग में से कौन ज्यादा सुन्दर है?"

उसकी उपपत्नी ने जवाब देते हुए कहा:"श्यु कांग आप के सानी कभी नहीं होगा।"

एक दिन, कोई मेहमान घर आया। मौका पाकर चोउ ची ने उससे भी यह सवाल पूछा:"मैं और श्यु कांग में से कौन अधिक सुन्दर है?"

तो मेहमान ने कहा:"श्यु कांग आप से ज्यादा सुन्दर नहीं है।"

एक बार, उत्तरी शहर का श्यु कांग भी चोउ ची के घर आया। इस बार चोउ ची ने विशेष रूप से शक्ल सूरत, कद काठी और चाल चरन पर श्यु कांग से अपने की तूलना की। उसे साफ़-साफ़ लगा कि वह श्यु कांग से ज्यादा सुन्दर नहीं है। फिर उसने आइने में अपने को फिर आजमाया, तो और पक्का अनुभव हुआ था कि श्यु कांग उससे ज्यादा सुन्दर है।

रात को एकांत में सोच-विचार करने के बाद चोउ ची इस निष्कर्ष पर जा पहुंचा था कि उसकी पत्नी इसलिए उसे सुन्दर बताती थी, क्योंकि वह उसे प्यार करती है। उसकी उपपत्नी इसलिए उसे सुन्दर कहती थी, क्योंकि वह उससे डरती है। जब मेहमान ने उसे सुन्दर कहा, क्योंकि वह उससे मदद मांगने के लिए आया था। असल में वह श्यु कांग से ज्यादा सुन्दर नहीं है।

"चोउ ची की सौंदर्य प्रतिस्पर्धा"यानी चीनी भाषा में"चोउ ची पी मेई"(zōu jì bǐ měi) नाम की यह नीति कथा कहती है कि किसी भी को अपने को सही समझना चाहिए, और दूसरों की खुशामद से दूर रहना चाहिए। वरना तो ठीक निष्कर्ष नहीं निकाल सकता।

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तेंदुए से मिला कुत्ता 狗遇豹子

"तेंदुए से मिला कुत्ता"कहानी को चीनी भाषा में"कोउ यू पाओ ज़"(gǒu yù bào zǐ) कहा जाता है। इसमें"कोउ"और"पाओ ज़" जानवर कुत्ता और तेंदुए हैं। तीसरा शब्द"यू"का अर्थ है मिलना।

दुनिया में कई नस्लों के कुत्ते होते हैं। उनका स्वभाव भी भिन्न-भिन्न होता है। आम तौर पर कुत्ता स्वभाव से वफ़ादार और विश्वसनीय होता है। वह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान भी न्यौछावर करने को तैयार होता है। मालिक के गरीब होने पर भी कुत्ता उसे नहीं छोड़ता। लेकिन इस तरह के भी कुत्ते होते हैं, जो अमीर लोगों के सामने दुम हिला-हिला कर खुशामद करते हैं, लेकिन गरीब लोगों को भयानक तेवर दिखाकर भौंकते हैं।

एक वक्त की बात है, इसी तरह का कुत्ता रोज गांवों में घूमा करता था।

एक दिन, वह सड़क पर घूम रहा था, तभी उसे सामने से कोई आता हुआ नज़र आया। दूर से देखने में वह सुंदर और चमकदार कपड़े पहने लग रहा था। रेशमी कपड़े जैसा उसके वस्त्र बहुत कीमती लग रहे थे । कुत्ता ने उसके कपड़े देखकर सोचा:"यह जरूर कोई अमीर आदमी होगा, यदि मैं उसकी खुशामद करता रहा, तो वह मुझे अपने घर ले जा सकता है।"

खुश होते हुए कुत्ता आगे बढ़ा। लेकिन नज़दीक जाने पर उसे पता चला कि वह कोई मनुष्य नहीं है, सो वह फिर आगे बढ़ने के बजाए वही रूक गया।

दरअसल, सामने जो आया था, वह तेंदुआ था। उस कुत्ते ने कभी भी तेंदुआ नहीं देखा था। उसे मालूम नहीं था कि तेंदुआ बहुत खतरनाक होता है। इसलिए उसने सोचा:"इसके शरीर पर सोने के सिक्कों के चित्र छपे हैं, ज़रूर अमीर होगा, वरना वह अपने शरीर पर इतने सोने के सिक्के भला कैसे लगा सकता? मुझे उसकी खुशामद करनी चाहिए ।"

कुत्ता दुम हिलाते हुए खुशामद करने के भाव दिखा कर तेंदुए की ओर बढ़ा। तेंदुए को सिर झुका कर नमस्कार कहने का मौका भी नहीं मिला, और तेंदुआ हुंकार मार कर उस पर झपट पड़ा। डर के मारे कुत्ता घबरा कर पीछे भागने लगा।

बड़ी मुश्किल से कुत्ता गांव से निकलकर पहाड़ी तलहटी में एक मिट्टी के टीले के पास जा पहुंचा और रूका। पीछे झांक कर देखा, तो पता था कि तेंदुए ने उसका पीछा करना छोड़ दिया है। तब कुत्ते ने एक लम्बी राहत की सांस ली और कुछ-कुछ होश में भी आ गया।

कुत्ते को इस पर खासा ताज्जुब हुआ कि यह अमीर अादमी आखिर खुशामद पसंद क्यों नहीं करता है और उसे मारने पर उतर आता है, यह कैसा अन्याय है।

वह सोच ही रहा था कि उसे अपने पीठ पीछे कोई आहट सुनाई दी। कुत्ता घबरा कर भागने को था, तभी एक मोटी और करुणामयी आवाज़ गूंज उठी:"तुम्हारा यह क्या हाल कैसे हो गया?इतना क्यों डर गए हो? "

मुड़ कर देखा, तो बैल था। कुत्ते ने राहत की सांस ली। उसने बैल से कहा:

"अभी मेरी मुलाकात सोने के सिक्के पहने एक व्यक्ति से हुई थी। मैं उसके साथ मैं बड़ी विनम्रता और उत्साह से व्यवहार कर रहा था। पता नहीं कि क्यों वह मुझे मार कर खाना चाहता था?तुम ही बताओ, यह भी कोई न्याय है"

बैल ने बड़े शांत भाव के साथ कहा:"इस संसार जो जितना अमीर होता है, वह दूसरों को खाने के लिए उतना अधिक तत्पर रहता है।"

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