029 कुशल निशानेबाजी का राज

भोग विलास से हतोत्साह 玩物丧志
"भोग विलास से हतोत्साह"कहानी को चीनी भाषा में"वान वू सांग ज़ी"(wán wù sàng zhì) कहा जाता है। इसमें"वान"का अर्थ है खेलना,"वू"का अर्थ है वस्तु या सामग्री, जबकि"सांग"का अर्थ है खोना और"ज़ी"का अर्थ है महत्वाकांक्षा। इस वाक्य का अर्थ है कि किसी वस्तु या स्थिति के प्रति अधिक लत होने से बुरा प्रभाव पड़ता है।
आज से लगभग तीन हजार साल पहले, चीन के एक मशहूर राजा ची फ़ा (Ji Fa) ने उस समय के शांग राजवंश (ईसा पूर्व 1766 - ईसा पूर्व 1122 तक) को खत्म कर चोउ राजवंश (ईसा पूर्व 1046 - ईसा पूर्व 256 तक) की स्थापना की। यही राजा चीन के इतिहास में वु वांग के नाम से प्रसिद्ध है।
चीन में एक विशाल राज्य स्थापित करने के बाद वु वांग ने राज्य के निर्माण में योगदान देने वाले मंत्रियों और सेनापतियों के बीच जमीन का बंटवारा किया और पड़ोसी राज्यों को बड़ी संख्या में दूत भेजकर अपने असाधारण कारनामों का प्रचार प्रसार करवाया, ताकि वे छोटे बड़े सभी राज्य अपना प्रभुत्व स्वीकार करें।
वु वांग की शक्ति के सामने दूर के राजा भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। उन्होंने अपने दूतों के साथ वु वांग को ढेर सारे कीमती उपहार भेंट किए। उपहारों में एक विशेष नस्ल का पठारी कुत्ता भी शामिल था, जो बड़ा भीमकाय था। उसकी दुम लम्बी थी और बाल सुनहरे थे। शिकारी कुत्ते के रूप में यह पठारी कुत्ता बहुत बहादुर और ताकतवर था। राजा वु वांग को यह कुत्ता बहुत पसंद आया और उसने कुत्ते को अपने पास रख लिया। कुत्ता बहुत समझदार था, जब कभी वु वांग को आते देखता, तो वह उसके सामने घुटनों के बल बैठ जाता, मानो वह राजा को प्रणाम कर रहा हो। इस पर राजा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, और वह कुत्ते को लाड़-प्यार करने लगा और सेवकों को आदेश दिया कुत्ते को बेहतरीन खाना खिलाया जाए।
राजा वु वांग की फिजूलखर्ची पर उसके मंत्री कोंग शी को बड़ी चिंता हुई। उसने कुत्ते को लेकर एक लेख लिखा और राजा वु वांग को समझाया कि दूसरों को अपमानित करने से वह अपना उच्च चरित्र खो बैठेगा। अपनी प्यारी चीजों में ही लगे रहने से वह अपना मनोबल खो देगा। एक विशाल राज्य की स्थापना बहुत मुश्किल से हुई है, उसे भोग विलास के कारण बर्बाद नहीं करने देना चाहिए। वु वांग एक विवेकशील राजा था, अपने मंत्री का यह लेख पढ़कर उसने अपनी सभी पसंदीदा चीजों को अपने अधीनस्थ लोगों में बांट दिया और उसका राज्य भी दिन-ब-दिन शक्तिशाली होता गया।
"भोग विलास से हतोत्साह"यानी चीनी भाषा में"वान वू सांग ज़ी"(wán wù sàng zhì) नान की इस नीति कथा से यह सीख मिलती है:कोई भी भोग विलास में डूब जाता है, तो उसका अन्त ज़रूर होता है।
घोड़ा हुआ लापता 塞翁失马
"घोड़ा हुआ लापता"कहानी को चीनी भाषा में"साइवेंग शीमा"(sài wēng shī mǎ) कहा जाता है। इसमें"साइ"का अर्थ है सीमावर्ती स्थल,"वेंग"का अर्थ है बूढ़ा।"साइवेंग"का अर्थ निकलता है सीमावर्ती स्थल पर रहने वाला बूढ़ा। वहीं"शी"का अर्थ है खोना और"मा"है घोड़ा।
बहुत पहले की बात है। उत्तर पश्चिम चीन के एक सीमावर्ती स्थान पर एक बूढ़ा रहता था।
एक दिन, उसका एक घोड़ा भाग कर दूसरे राज्य में चला गया। दूसरे राज्य में भाग जाने के कारण लापता घोड़े की तलाश करना बहुत मुश्किल था, इसलिए सभी लोगों को बड़ी निराशा हुई। कुछ लोगों ने बूढ़े को तसल्ली देने के लिए कहा:" बस एक घोड़ा ही तो खोया है, इसमें चिंता करने की क्या बात है, ज्यादा चिंता करने से तुम बीमार हो सकते हो, इसलिए चिंता करना छोड़ दो।"
लेकिन सभी लोगों के अंदाज के विपरीत बूढ़े ने बड़े आराम से कहा:"घोड़ा जो खोया, सो खोया, लेकिन कौन जानता है कि इससे कुछ लाभ भी हो सकता है"
सभी लोग बूढ़े की इस बात पर ताज्जुब हुए। उन्हें समझ में नहीं आया कि बूढ़ा व्यक्ति आखिर क्या सोच रहा है।
कुछ महीने गुज़र गए। एक दिन अचानक लापता घोड़ा वापस लौट आया। उसके साथ एक ऊंचा और ताकतवर घोड़ा भी आया। यह बात सुनकर पड़ोसियों ने बूढ़े को बधाई दी और बूढ़े की सटीक भविष्यवाणी की तारीफ़ की।
इस पर बूढ़े ने फिर ठंडे स्वर में कहा:"हां लापता घोड़ा वापस आ चुका है। उसके साथ एक बढ़िया घोड़ा भी आया है। कहीं इससे कुछ अपशकुन तो नहीं होगा?"
पड़ोसी फिर एक बार असमंजश में पड़ गए। बूढ़े की बात फिर सच निकली। उसके पुत्र को वह बढ़िया घोड़ा बहुत पसंद आया। वह अकसर उस घोड़े पर सवारी करने लगा। एक दिन वह घोड़े की पीठ से नीचे गिर पड़ा और पैर की हड्डी भी टूट गई।
प्राचीन चीनी दार्शनिक च्वांग ची के मुताबिक, खुशी के साथ दुख भी आ सकता है और दुख के साथ खुशी भी। यह कहानी"घोड़ा हुआ लापता"यानी चीनी भाषा में"साइवेंग शीमा"(sài wēng shī mǎ) नामक कहानी का मूल तत्व है।