016 तलवार की खोज के लिए नाव पर निशान बनाना

刻舟求剑 तलवार की खोज के लिए नाव पर निशान बनाना
"तलवार की खोज के लिए नाव पर निशान बनाना"कहानी को चीनी भाषा में"ख चो छ्यो च्यान"(kè zhōu qiú jiàn) कहा जाता है। इसमें"ख"का अर्थ है नक्काशी करना या निशान बनाना। जबकि"चो"नाव है, वहीं शब्द"छ्यो"का अर्थ होता है खोजना या तलाश करना और"च्यान"का मतलब तलवार। कुल मिलाकर कहा जाए, तो"ख चो छ्यो च्यान"का मतलब हुआ तलवार की खोज के लिए नाव पर निशान बनाना।
छु राज वंश में एक व्यक्ति था। वह नदी को पार करने के लिए नाव पर बैठा। जब नाव नदी के मंझधार में पहुंची, तो पानी की एक तेज़ लहर आ गयी। नाव को बड़ा धक्का लगा और नाव पर बैठा छु राज्य का उक्त व्यक्ति भी एक तऱफ झुक गया। इस झुकाव से उसके कमर पर बंधी तलवार म्यान से बाहर निकल कर पानी में डूब गयी। नाव पर बैठे अन्य लोगों को तलवार गुम होने पर बड़ा दुख हुआ। लेकिन उक्त व्यक्ति नेबड़े इत्मीनान से नाव पर एक चिन्ह बनाते हुए कहा:"मेरी तलवार इसी से नदी में गिरी है।"
नाव किनारे पर लगायी गयी। छु राजवंश का व्यक्ति नाव पर अंकित चिन्ह की जगह से पानी में कूद पड़ा और हाथ से तलवार ढूंढने लगा। बहुत देर के बाद भी हाथ में कुछ नही आया। उसके इस अंध विश्वास और मूर्खता पर लोगों ने आपस में कहा:"नाव नदी में चल रही है, पर नदी में गिरी तलवार नहीं चल सकती, नाव पर बनाए चिन्ह के अनुसार तलवार ढूंढने का विचार क्या मूर्खता वाला नहीं है?"
"तलवार की खोज के लिए नाव पर निशान बनाना" यानी चीनी भाषा में"ख चो छ्यो च्यान"(kè zhōu qiú jiàn) नाम की नीति कथा चीन में बहुत लोकप्रिय है। इस कहावत से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया की सभी बातें गतिशील होती हैं, हमारा विचार भी गतिशील होना चाहिए। छु राजवंश के उस व्यक्ति की भांति हर चीज़ को अपरिवर्तनीय समझने से बचना चाहिए।