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    शी चिनफिंग की यात्रा से चीन-दक्षिण एशिया के भविष्य के सहयोग का ढांचा स्थापित होगा
    2014-09-11 15:39:15 cri
    चीनी विदेश मंत्रालय ने 9 सितंबर को पेइचिंग न्यूज ब्रीफिंग आयोजित की। चीनी विदेश मंत्री के सहायक ल्यू च्येनछाओ ने चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की दक्षिण एशियाई तीन देशों की यात्रा के बारे में जानकारी दी।

    ल्यू च्येनछाओ ने कहा कि शी चिनफिंग की मालदीव, श्रीलंका, भारत यात्रा इस साल चीन के सर्वोच्च नेता की पड़ोसी देशों के प्रति एक और अहम राजनयिक कार्रवाई है, जिसका अहम महत्व है।

    उन्होंने कहा कि चीन व मालदीव के बीच राजनयिक संबंध स्थापना के 42 सालों में अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यटन आदि क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग व आदान-प्रदान बढ़ रहे हैं। चीन लगातार चार सालों तक मालदीव का सबसे बड़ा पर्यटक स्रोत देश बन गया। शी चिनफिंग की वर्तमान यात्रा दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना के बीच चीनी राष्ट्राध्यक्ष की पहला मालदीव यात्रा होगी। इसी दौरान शी चिनफिंग मालदीव के राष्ट्रपति यामीन अब्दुल से वार्ता करेंगे और संसद के स्पीकर अब्दुल्ला मसिह से मुलाकात करेंगे। दोनों पक्ष संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करेंगे और सहयोग संबंधी सिलसिलेवार समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

    ल्यू च्येनछाओ ने कहा कि चीन व श्रीलंका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 57 सालों में दोनों देशों के संबंधों के स्थिर व स्वस्थ विकास का रुझान बना रहता है। दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय आदान-प्रदान घनिष्ठ है और अर्थव्यवस्था, व्यापार, पूंजी-निवेश, बुनियादी सुविधा आदि क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग व मानवीय आदान-प्रदान गहरा हो रहे हैं। चीन श्रीलंका का दूसरा बड़ा व्यापारिक साझेदार व आयात स्रोत देश बन गया। वर्तमान यात्रा के दौरान शी चिनफिंग श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से वार्ता करेंगे और प्रधानमंत्री डी. एम.जयारत्ने, संसद के स्पीकर छामल राजपक्षे से मुलाकात करेंगे। साथ ही वे सहयोग संबंधी सिलसिलेवार समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

    ल्यू च्येनछाओ ने कहा कि भारत चीन का अहम पड़ोसी देश है। इधर के सालों में चीन-भारत संबंधों का अच्छा विकास हो रहा है। दोनों देशों के घनिष्ठ उच्चस्तरीय आदा-प्रदान के साथ साथ रणनीतिक आपसी विश्वास व व्यावहारिक सहयोग दिन ब दिन बढ़ रहा है। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत चीन का दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों का विकास एक दूसरे के लिए अहम मौका है। चीन व भारत के सहयोग व विकास से न सिर्फ दोनों देशों की जनता, बल्कि पूरी विश्व को लाभ मिलेगा। यात्रा के दौरान शी चिनफिंग भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करेंगे और अन्य भारतीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। वे द्विपक्षीय संबंधों और समान रुचि वाले अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार करेंगे। शी चिनफिंग नयी दिल्ली में चीन-भारत संबंधों और दक्षिण एशिया के प्रति नीतियों पर भाषण देंगे और भारत के विभिन्न जगतों के व्यक्तियों से संपर्क करेंगे।

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