दोस्तो, 16वीं चीनी ब्रिज नामक विश्व यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों की चीनी भाषा प्रतियोगिता 13 जुलाई को चीन के हूनान प्रांत के छांगशा शहर में औपचारिक रूप से शुरू हुई। विश्व के 112 देशों से आए 145 छात्रों ने अपनी अपनी श्रेष्ठता दिखाकर तीव्र प्रतिस्पर्द्धा की। उनमें बांग्लादेश से आई एक ऐसी छोटी लड़की हैं, जिसे चीन के बारे में तमाम जानकारी है। उन का चीनी नाम है वांग यामेई।
वांग यामेई के मां-बाप बिजनेस करते हैं। बचपन में ही वह अपने मां-बाप के साथ चीन आयी थी। हालांकि उसी समय से अभी तक बहुत साल बीत चुके हैं। लेकिन चीन में फिर वापस लौटकर उन्हें कुछ अपरिचित नहीं लगता। चीनी भाषा तो वांग यामेई की भारी श्रेष्ठता है। पर चीन में कई सालों तक रहने के अनुभव से उन्हें चीनी ब्रिज में जीत हासिल करने में खूब मदद मिली। चीन में प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान वांग यामेई ने हमेशा से गौरव के साथ लोगों से कहा कि चीन उन का दूसरा जन्म स्थान है। वे घर वापस लौटी। चीन में रहने वाला जीवन वांग यामेई को खूब याद आता है। उन्होंने कहा,वर्ष 2010 में मैंने पहली बार चीन की यात्रा की। उस समय मेरी मां चीन में बीमारी का इलाज करवा रही थीं। तो मैं भी उनके साथ चीन में आई। उस समय मैंने तुङक्वान में प्राइमरी स्कूल की पांचवें साल की शिक्षा ली। जब मैं अभी अभी चीन में आयी थी, तो चीनी भाषा मेरे लिये इतनी मुश्किल थी। क्योंकि आसपास के सहपाठियों को अंग्रेजी नहीं आती। तो मैं केवल हाथों के इशारे से धीरे धीरे चीनी भाषा सीखती थी। वर्ष 2013 में मां की बीमार ठीक हो गयी। तो मैं उन के साथ बांग्लादेश में वापस लौटी। बाद में मैंने बांग्लादेश में मिडिल स्कूल की चीनी ब्रिज प्रतियोगिता में भाग लिया, और छात्रवृत्ति भी हासिल की। तो मुझे चीन में सीखने का मौका फिर मिल गया। वर्ष 2014 के सितंबर में मैंने फिर एक बार चीन में आकर युन्नान नॉर्मल विश्वविद्यालय में छह महीनों तक पढ़ाई की। उस बार मैंने पहली बार व्यवस्थित रूप से चीनी भाषा सीखी। मेरी चीनी भाषा का स्तर बड़े हद तक उन्नत हो गया। अब मैंने अपने दूसरे जन्मस्थान वापस जाकर प्रतियोगिता में भाग लिया। मुझे बहुत खुशी व सौभाग्य लगता है। पिछली बार मैंने पेइचिंग का दौरा किया। इस बार मैंने फिर पेइचिंग की यात्रा की। लगता है कि पेइचिंग में बड़ा बदलाव हुआ है। पेइचिंग में मेट्रो लाइन और ज्यादा हैं, और यातायात भी ज्यादा सुविधाजनक बन गयी। पेइचिंग के बदलाव से मैंने यह देखा है कि चीन के आधुनिकीकरण का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ रहा है।