अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने हाल में विश्व आर्थिक ऑटलुक रिपोर्ट जारी की, जिससे जाहिर है कि विश्व अर्थतंत्र का पुनरुत्थान स्थिर रहा है। अनुमान है कि इस साल और अगले साल विश्व आर्थिक वृद्धि दर अलग अलग तौर पर 3.5 प्रतिशत और 3.6 प्रतिशत होगी। आईएमएफ की निदेशक क्रिस्टीन लागार्द ने अमेरिकी वाशिंगटन वैश्विक विकास केंद्र में बुलाई एक बैठक में कहा कि विश्व का आर्थिक पुनरुत्थान स्थिर रहा है, लेकिन विश्व में संरक्षणवादी प्रवृत्ति, जलवायु परिवर्तन और असंतुलित विकास की समस्याएं भविष्य के आर्थिक विकास को चुनौती दे सकेंगे।
आईएमएफ की निदेशक लागार्द ने कहा कि अमेरिका व ब्रिटेन को छोड़कर विश्व आर्थिक पुनरुत्थान हो रहा है। लेकिन मध्यम व दीर्घकालीन दृष्टिकोण से हालिया वैश्विक वित्तीय वातावरण कुछ आर्थिक इकाइयों पर दबाव डाल सकता है। हमें भूमंडलीकरण विरोधी जोखिम पर नजर रखनी चाहिए। वैश्वीकरण विरोधी, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विरोधी और तकनीक व सृजन विरोधी कार्यवाइयां मध्यम व दीर्घकालीन जोखिम हैं।
यदि निहित वृद्धि दर को नहीं उन्नत किया जा सकता, तो आर्थिक विकास की समावेशी नहीं हो सकती। संरक्षणवाद से अंततः वैश्विक आपूर्ति पैदा होगी और उत्पादन दर में कटौती आएगी, जो विश्व की कम आय वाले परिवारों पर असर पड़ेगी।
लागार्द ने यह भी कहा कि दीर्घकालीन दृष्टिकोण से देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन की समस्या और दिन ब दिन बढ़ने वाले असमान कुप्रभाव लाएगी। जबकि इन समस्याओं का निपटारा आज से शुरू होना चाहिए। विश्व अर्थतंत्र की मजबूत, संतुलित व समावेशी समृद्धि की जरूरत है। कारगर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध का बहुपक्षीय ढांचा निसंदेह अहम भूमिका अदा कर सकता है। जी-20 इनमें एक है। लागार्द के अनुसार, जी-20 ने वित्तीय संकट के दौरान अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। वह वित्तीय संकट का निपटारा करने वाला एक बहुत कारगर मंच है। साथ ही जी-20 सामूहिक रूप से समस्याओं का हल करने पर दबाव डालने में भी अपनी भूमिका अदा करता है। नये मामलों का निपटारा करने में जी-20 की पर्याप्त क्षमता भी है।
आईएमएफ़ की रिपोर्ट से जाहिर है कि श्रमिकों की आय में कटौती आयी है, खासकर कुछ विकसित देश स्पष्ट संरक्षणवादी रुख अपनाते हैं, जिससे कुछ विकासमान देशों में रोजगारी के मौके कम किये जाते हैं। इस परिस्थिति के मद्देनजर हमें शिक्षा में ज्यादा पैसे देने चाहिए और तकनीक या व्यापार परिवर्तन से प्रभावित लोगों का सक्रिय समर्थन देना चाहिए।
विश्व विकास केंद्र के अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि तकनीकी विकास से रोजगार के कई मौके पैदा होंगे। यदि एक देश की सरकार सिर्फ़ अपने ध्यान को परम्परागत बड़े कारोबारों पर रखती है, तो निसंदेह दिशा गलत हो गयी है। यह सृजन विकास के लिए लाभदायक नहीं है। मसूद के अनुसार, यदि सरकार अपनी नजर को सिर्फ नौकरियों के संरक्षण करने पर रखती, जबकि छोटे कारोबारों के नये नौकरी की रचना करने को मदद नहीं देती, तो अवश्य ही प्रतिस्पर्द्धा में और पिछड़ेगी।
आईएमएफ़ के भविष्य की चर्चा में लागार्द ने कहा कि आईएमएफ़ को नवोदित बाजार वाले देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना चाहिए। भविष्य में आईएमएफ का मुख्यालय पेइचिंग में भी होगा, क्योंकि आईएमएफ के चार्टर के मुताबिक अपने मुख्यालय को सबसे बड़ी आर्थिक इकाई में स्थित होना चाहिए।