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    ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र विश्व विरासत बना
    2017-07-18 15:26:06 cri

    हाल में पोलैंड में आयोजित विश्व विरासत संघ की 21वीं बैठक में चीन के छींगहाई प्रांत के ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र को विश्व के प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कराया गया । जिससे इस क्षेत्र के संरक्षण में काम करने वाले आदमियों व कार्यों के लिए एक नया मौका साबित होगा ।

    7 जुलाई को पोलैंड में आयोजित विश्व विरासत संघ की 21वीं बैठक में चीन के छींगहाई प्रांत के ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र को विश्व के प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कराया गया । यह चीन के छींगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित 51वीं विश्व प्राकृतिक विरासत माना जाता है और इस का क्षेत्रफल भी विश्व में सबसे विशाल है । खबर से ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों को उत्साहित किया जा रहा है । ख-ख-शिलि की गश्ती टीम के त्सेसो गा ने कहा,"विश्व के प्राकृतिक विरासत की नामसूची में जो शामिल कराया गया है वह मेरे लिये गौरवान्वित बात है । आशा है कि बाहर के लोग हमारे ख-ख-शिलि क्षेत्र के संरक्षण को अधिक ध्यान दे देंगे ।"

    पश्चिमोत्तर चीन के छिंगहाई प्रांत के ख-ख-शिलि को विश्व प्राकृतिक विरासत की सूचि में शामिल करने से देश का ध्यान इस विशेष क्षेत्र पर खींचा गया है । विश्व प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा जारी आकलन रिपोर्ट में कहा गया कि ख-ख-शिलि का दायरा बहुत विशाल है, जो अभी तक आधुनिक मानव की गतिविधियों से प्रभावित नहीं हुआ है और यहां का प्राकृतिक दृश्य बेहद सुन्दर है । ख-ख-शिलि और सानच्यांग युआन दोनों जगहों के बीच तिब्बती एंटीलोप के स्थानांतरण की पूरी लाइन सुरक्षित है । यहां तिब्बती एंटीलोप अबाधित रूप से स्थानांतरण कर सकते हैं ।

    ख-ख-शिलि एक मंगोलियाई नाम है जिसका मतलब है सुन्दरी । अभी तक इस क्षेत्र का आर्थिक विकास नहीं हो पाया है और इसी वजह से यहां सुंदर और सुनसान प्राकृतिक दृश्य नजर आ रहा है । वर्ष 2014 में छींगहाई प्रांत ने ख-ख-शिलि क्षेत्र को विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल करवाने का काम शुरू किया । वर्ष 2016 के अक्तूबर से ख-ख-शिलि के प्रांतीय संरक्षण नियम का प्रकाशन हुआ जिससे इस विशाल मानव रहित क्षेत्र का संरक्षण करने वाले कार्यों का नया अध्याय जोड़ा गया है ।

    ख-ख-शिलि क्षेत्र और इससे जुड़े सानच्यांग युआन राष्ट्रीय पार्क का अच्छी तरह संरक्षण करने के लिए छींगहाई प्रांतीय जल संसाधन विभाग ने यांग्त्ज़ी नदी जल संसाधन आयोग के साथ इस क्षेत्र के दायरे में मुख्य झीलों और वातावरण का दौरा किया और इस क्षेत्र के हाइड्रोलॉजिकल पर्यावरण डेटा सुरक्षित किये । छींगहाई प्रांत के हाइड्रोलॉजिकल पर्यावरण विभाग के मुख्य इंजीनियर ली छी च्यांग ने कहा,"हमने अपने सर्वेक्षण काम के जरिये ख-ख-शिलि क्षेत्र में झीलों व नदियों की आम जानकारियां प्राप्त की हैं । भविष्य में हम जानकारियों के आधार पर इस क्षेत्र का और अच्छी तरह संरक्षण कर सकेंगे ।"

    वर्ष 2017 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में ख-ख-शिलि क्षेत्र को विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कराने का सुझाव दिया । इस रिपोर्ट के अनुसार ख-ख-शिलि क्षेत्र का कल्पना से परे असाधारण दृश्य प्राप्त है । वहां के शानदार पठार वातावरण, विशाल घास मैदानों, ऊंचे ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ों और हजारों झीलों से लोगों का ध्यान खींचा गया है । इस विशाल क्षेत्र में तिब्बती एंटीलोप के लिए स्थानांतरण का मार्ग भी अच्छी तरह से सुरक्षित है ।

    विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल किये गये ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र 60 लाख हैक्टर विशाल है जिसमें सानच्यांग युआन क्षेत्र का कुछ भाग भी शामिल होता है । इस क्षेत्र में अनेक कर्मचारी कार्यरत हैं जो दीर्घकाल तक जंगली जानवर और प्राकृतिक वातावरण की रक्षा कर रहे हैं । सोनाम ताच्ये संरक्षण स्टेशन के प्रधान चाओ शिन लू ने ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में बीस सालों के लिए काम किया है । जब वे पहाड़ों में गश्ती कर रहे थे, उन्हें अनेक बार जानवरों या प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मिला था । लेकिन प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र की शुद्धता की रक्षा के लिए उन्हों ने अथक संघर्ष किया है । उन्हों ने कहा,"भालू ने कभी कभी हमारे ठिकानों को नष्ट किया है जो हम ने प्रयासों से निर्मित किया था । लेकिन हम गुस्से में नहीं आये । क्योंकि इस का मतलब है कि हमारे क्षेत्र में भालू बहुत हैं और सक्रिय भी रहते हैं, यह हमारे संरक्षण कार्यों का परीणाम है । हमें इस जगह का अच्छी तरह संरक्षण करना चाहिये और इसे जंगली जानवरों का पार्क बनाने की जिम्मेदारी है ।"

    विश्व प्राकृतिक विरासत के संरक्षण की संधि के माध्यम से ख-ख-शिलि क्षेत्र का और कड़ा संरक्षण किया जाएगा । इस क्षेत्र के 90 प्रतिशत भाग में कोई विकास योजना नहीं चलायी जाएगी । और सरकार ने भी इस क्षेत्र में पिकाओं जैसे जानवरों के खिलाफ रासायनिक पदार्थों का प्रयोग न करने, चरवाहों का स्थानांतरण न करने और जंगली पशुओं के प्रवास मार्गों की गारंटी करने के लिए कदम उठाने का वादा किया है । ख-ख-शिलि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र को विश्व के प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल होने से इस क्षेत्र का और अच्छी तरह संरक्षण के लिए सुअवसर साबित हो जाएगा ।

    (हूमिन)

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