दोस्तों, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 4 से 6 जुलाई तक जर्मनी की राजकीय यात्रा कर रहे हैं। बताया जाता है कि बर्लिन की यात्रा के दौरान शी चिनफिंग ने जर्मन चांसलर एंजला मर्केल के साथ भविष्य में दोनों देशों के बीच फुटबाल से जुड़े सहयोग पर चीन व जर्मनी के फुटबाल जगत के व्यक्तियों की परियोजना व विचार सुने। साथ ही दोनों ने चीन व जर्मनी के बीच एक युवा फुटबाल दोस्ताना मैच भी देखा। इससे देखा जा सकता है कि दोनों देशों के नेता फुटबाल के सहयोग पर, खास तौर पर युवा फुटबाल के आदान-प्रदान पर बड़ा ध्यान देते हैं। स्थानीय समयानुसार 2 जुलाई को पांचवीं यू16 (यानी 16 वर्ष की उम्र से कम) जर्मनी-चीन युवा फुटबाल दोस्ताना मैच जर्मन शहर मनहेम में समाप्त हुआ।
इस वर्ष की प्रतियोगिता दो दिन चली। वह क्रमशः मनहेम व वोर्मस दो शहरों में आयोजित की गयी। चीन के श्यामन, छिंगडाओ, शेनयांग व येनबियेन चार यू16 टीमों और जर्मनी की छह युवा टीमों ने इस में भाग लिया। अंत में पहली बार भाग लेने वाली श्यामन नंबर दो मिडिल स्कूल टीम ने इस बार के दोस्ताना मैच में चीनी टीम द्वारा प्राप्त सब से अच्छी उपलब्धि प्राप्त की। वह चौथे स्थान पर रही। इस टीम के मुख्य कोच शू वानचे ने खेद के साथ संवाददाता से कहा कि हमारी टीम अंत में केवल एक गोल से हारी, जो बहुत दुख की बात है। इस का कारण शायद यह है कि हमारे खिलाड़ियों ने कभी एक दिन में चार बार मैच खेलने का कठोर अभ्यास नहीं किया। वे कम समय में इस तरह की मैच व्यवस्था से अनुकूल नहीं थे, इसलिये शारीरिक क्षमता व गति पर उनकी कमजोरी स्पष्ट है। उन्होंने कहा,हाल के कई दिनों में मैंने जर्मनी की युवा फुटबाल टीम का दौरा किया। उनके स्कूल श्रेष्ठ युवा खिलाड़ियों को क्लब में भेजकर उन्हें प्रशिक्षण देते हैं। अंत में वे एक क्लब में इकट्ठा होंगे। चीन में ऐसा प्रबंध नहीं है। इसलिये बच्चों से फुटबाल के प्रशिक्षण पर जर्मनी की अपनी श्रेष्ठता होती है। यह अजीब बात नहीं है कि हम उनसे हार गये। हम तो उनसे सीखने के लिये यहां आते हैं। अगर हमारे प्रबंध का तरीका, खिलाड़ी का चुनाव, प्रशिक्षण का उपाय, और मैच करने का अनुभव आदि पक्ष जर्मनी की तरह है, तो चीनी फुटबाल का स्तर ज़रूर बड़े हद तक उन्नत होगा।
वर्ष 2012 से चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ और जर्मन मनहेम/रहेइन-नेकर जर्मनी-चीन मैत्री संघ द्वारा एक साथ आयोजित जर्मनी-चीन यू16 युवा फुटबाल दोस्ताना मैच चीन व जर्मनी में बारी बारी से आयोजित किए जाते हैं। अभी तक चीन व जर्मनी के 20 से अधिक शहरों की 45 फुटबाल टीमों ने इस मैच में भाग लिया था। लगभग नौ सौ युवा खिलाड़ियों ने मैच के आदान-प्रदान में दोस्त बने।
चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ के उप प्रधान सोंग चिनवू ने कहा कि इस वर्ष पांचवीं बार इस मैच का आयोजन हुआ है। इस में भाग लेने वाली टीमों की संख्या इतिहास में सब से अधिक है। जर्मनी ने इस पर बड़ा ध्यान दिया। इस बार के मैचों में कई श्रेष्ठ फुटबाल टीमों ने भाग लिया। उन्होंने कहा,इस मैच से यह देखा जा सकता है कि जर्मनी में युवा फुटबाल बहुत लोकप्रिय है। उनका प्रशिक्षण भी सुव्यवस्थित है। ऐसे मैचों द्वारा हम चीनी युवा व जर्मन युवा के बीच आदान-प्रदान को मजबूत करना चाहते हैं। साथ ही चीन के युवा फुटबाल खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय में फुटबाल के प्रशिक्षण, उपाय व विचार को भी सीख सकते हैं। उन के अलावा इस मंच द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोग चीन-जर्मनी मैत्रीपूर्ण सहयोग पर ध्यान देंगे। जिससे चीन व जर्मनी के बीच विभिन्न पक्षों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा। और सहयोग व मित्रता को मजबूत करने का लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा। वर्तमान की स्थिति को देखा जाए, तो इस का परिणाम बहुत अच्छा है। इसलिये हम लगातार इस मैच के आयोजन का समर्थन देंगे।
जर्मनी के मनहेम/रहेइन-नेकर जर्मनी-चीन मैत्री संघ के अध्यक्ष फ़ेलिक्स कुर्ज़ जर्मनी-चीन यू16 युवा फुटबाल दोस्ताना मैच के प्रयोजकों में से एक हैं। उन्होंने संवाददाता से कहा कि,मैं कहना चाहता हूं कि सभी टीमों ने, चाहे वह चीनी टीम हो, या जर्मन टीम, मैच में अपनी पूरी कोशिश की है। उन की दृढ़ता, प्रतिस्पर्द्धा की श्रेष्ठ स्थिति, और उन का साहस, इन सभी को देखकर लोग उत्साहित हैं। उन के अलावा हमने यह महसूस किया कि छोटे खिलाड़ियों ने फुटबाल खेलने का ख़ूब मज़ा लिया। मैच खेलने को छोड़कर चीनी युवा खिलाड़ियों ने जर्मनी के स्थानीय स्कूलों व युवा केंद्र का दौरा भी किया, और सिलसिलेवार सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। ऐसा करके दोनों देशों के युवा न सिर्फ़ विश्वास व मित्रता की स्थापना कर सकते हैं, बल्कि विदेशी संस्कृति को जान सकते हैं, और एक साथ आनंदमय समय बिता सकते हैं।
कुर्ज़ ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग व उन की पत्नी फंग लीय्वेन ने वर्ष 2014 में जर्मनी में प्रशिक्षण ले रहे चीनी युवा फुटबाल खिलाड़ियों को देखा और एक दोस्ताना मैच भी देखे। उस समय कुर्ज भी वहां उपस्थित थे। इस की चर्चा में उन्होंने कहा कि,इसलिये मैं बहुत खुश हूं। कुछ दिन के बाद राष्ट्रपति शी चिनफिंग और चांसलर एंजला मर्केल बर्लिन में एक युवा फुटबाल दोस्ताना मैच देखेंगे। मुझे आशा है कि भविष्य में दोनों देशों के नेता इस तरह की ज्यादा से ज्यादा गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। न सिर्फ़ बर्लिन में, बल्कि जर्मनी के अन्य शहरों और चीन के विभिन्न शहरों में ऐसी गतिविधि का आयोजन किया जाना चाहिये। भविष्य में हम यू16 जर्मनी-चीन युवा फुटबाल दोस्ताना मैच जारी करेंगे। मुझे सच्चे दिल से आशा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह के आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन कर सकेंगे।
गत वर्ष नवंबर में चीन व जर्मनी ने सरकार, फुटबाल संघ व स्कूली फुटबाल तीन स्तरों में सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये। इस के बाद दोनों देशों ने फुटबाल से जुड़े रणनीतिक सहयोग, खास तौर पर स्कूली फुटबाल के आदान-प्रदान के रास्ते पर एक नया कदम बढ़ाया है। सोंग चिनवू ने कहा,हमारे देश के नेता युवा फुटबाल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर खास ध्यान देते हैं। और चीन व जर्मनी दोनों देशों के नेता खेल, खास तौर पर फुटबाल क्षेत्र में सहयोग पर बड़ा ध्यान देते हैं। क्योंकि सभी लोग यह जानते हैं कि जर्मनी विश्व में फुटबाल का शक्तिशाली देश है। हम सक्रिय रूप से दोनों देशों के नेताओं के आह्वान की प्रतिक्रिया करना चाहते हैं, और दोनों देशों के बीच युवा फुटबाल के आदान-प्रदान को जारी करेंगे। आशा है कि ज्यादा से ज्यादा चीन व जर्मनी की युवा फुटबाल टीम इस मैच में भाग ले सकेंगी। ताकि यह मैच दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान का एक बहुत अच्छा मंच बन सके।