गर्मियों से बचाने के लिए आप कहां जाते हैं?चीन में कई मशहूर दर्शनीय स्थल हैं जो लोग गर्मियों की छुट्टी ले सकते हैं। आज मैं आप लोगों को छङते शाही ग्रीष्मकालीन विला की जानकारी दूंगी।
इतिहास में छङते ग्रीष्मकालीन शाही विले को रेह अस्थाई राज महल कहा जाता था, संक्षेप में छङते अस्थाई महल कहलाता था, जिसका निर्माण छिंग राजवंश के सम्राट् खांगशी के शासन काल के 42वें साल यानी वर्ष 1703 में शुरू हुआ था और सम्राट् छ्यानलोंग के शासन के 55वें साल यानी वर्ष 1790 में पूरा हो गया था।
वर्तमान चीन में सुरक्षित सबसे बड़े प्राचीन शाही उद्यान के रूप में छङते शाही ग्रीष्मकालीन विला हपेई प्रांत के छङते शहर की वूल्ये नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है, जिस का क्षेत्रफल 56 लाख 40 हज़ार वर्ग मीटर है, यह चीन में प्रमुख सांस्कृतिक विरासत संरक्षण इकाई व मशहूर दर्शनीय स्थल है।
छिंग राजवंश के शुरू में सम्राट् खांगशी के अध्यादेशानुसार देश के उत्तरी क्षेत्र की रक्षा और सीमावर्ती जातीय मामलों के निपटारे के लिए छङते शाही ग्रीष्मकालीन विले का निर्माण किया गया था। इस तरह इस विले का विशेष महत्व भी होता था। ग्रीष्मकाल में यहां का मौसम शीतल होता है और शाही खादान के सदस्य विश्राम व सैर-सपाटे के लिए आया करते थे।
इस विले में चीन के बहुत से मशहूर रमणिक दृश्यों की अनुकृतियां बनायी गई थीं। दक्षिण पूर्व भाग की झीलें यांगत्सी नदी के दक्षिण में स्थित झीलों की अनुकृति थी। उत्तरी भाग में उत्तरी चीन के मंगोलिया घास मैदान का अनुकृत मैदान था। पश्चिम भाग में पहाड़ माला पठारीय क्षेत्र की नकल पर बनाया गया था और पहाड़ों पर निर्मित दीवारनुमा शाही बंगले की भित्ती तो लम्बी दीवार की अनुकृति थी।
छङते विले के बाहर निर्मित आठ मठ छङते ग्रीष्मकालीन शाही विले के बाह्य लामा मठ समूह में शुमार थे, असल में समूह में कुल ग्यारह मठ थे, जिनमें से आठ अलग-अलग तौर पर आठ कार्यालयों द्वारा अधिकृत हुए थे, इसलिए समूचे मठ समूह का नाम बाह्य आठ मठ रखा गया था। वर्तमान में यहां सिर्फ़ सात मठ रह गए हैं। अधिकांश मठ रेह अस्थाई राज महल में छिंग सम्राट् से भेंट करने आने वाले मंगोलियाई व तिब्बती राज परिवार के सदस्यों के आवास के रूप में निर्मित किए गए थे, जिस का विशेष राजनीतिक महत्व होता था।
भवन निर्माण की शैली की दृष्टि से देखा जाए, तो ग्यारह मठ आम तौर पर तिब्बती शैली, हान जातीय शैली और तिब्बती व हान जाति की मिश्रित शैली में बंटे हुए थे, जिन में हान जाति और तिब्बती जाति की उत्तम वास्तुकलाओं का समागम हुआ था, वे बहुत आलीशान और वैभव दिखते थे और शाही ठाट-बाट का परिचय देते थे। तत्कालीन छिंग राजवंश की सरकार ने मंगोलिया, शिनच्यांग और तिब्बत क्षेत्रों की अल्पसंख्यक जातियों के साथ एकता कायम करने के उद्देश्य में विशेष तौर पर इन ग्यारह विविध रूपों के महान मठों का निर्माण किया था।