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    टी टाइम 170629
    2017-06-29 19:12:28 cri

    टी -टाइम

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं,आपका मनोरंजन करने। जी हांआपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, प्रोग्राम शुरू करते हैं।

    विज्ञान की वजह से एक और अनोखा कारनामा हुआ है। 26 साल से अधिक समय तक स्टोर किए गए स्पर्म (शुक्राणु) की मदद से एक दंपती को संतान सुख की प्राप्ति हुई है। ऐसा दुनिया में पहली बार हुआ है। यह एक विश्व रिकॉर्ड है।

    इससे पहले 23 साल तक जमा कर रखे गए स्पर्म के जरिए बच्चों को जन्म दिया जा चुका है। इस नए मामले में बच्चों के जन्म के कई साल बाद हुआ यह खुलासा चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगा रहा है।

    एक स्कॉटिश संगीतकार ने 21 साल की उम्र में अपने स्पर्म स्टोर कराए थे और इन्हीं फ्रोजन स्पर्म के जरिए वह 47 साल की उम्र में पिता बन सके। वह कैंसर पीडि़त हैं। कीमोथेरेपी से पहले डॉक्टरों ने बताया था कि थेरेपी के बाद वह कभी पिता न बन पाएंगे। तब उन्होंनेे अपने स्पर्म स्टोर कराए थे। इसी से संगीतकार की 37 वर्षीय पत्नी वर्ष 2010 में गर्भवती हो सकीं।

    गीतकार की उम्र इस वक्त 54 साल है। वह अपने विश्व रिकॉर्ड पर सामने नहीं आना चाहते थे। जब उन्हें पता चला कि गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की सूची में अनाम शख्स के तौर पर भी उनका रिकॉर्ड शामिल किया जा सकता है, तब जाकर उन्होंने इसे दर्ज कराया।

    संगीतकार के फ्रोजेन स्पर्म से पैदा हुए जुड़वा बच्चों में एक बेटी और एक बेटा हैं। दोनों ही स्वस्थ हैं।

    पहले एलेक्स पॉवेल नाम के व्यक्ति के नाम यह रिकॉर्ड था, जिनके स्पर्म 23 साल तक फ्रोजेन किए गए थे।

    नीलमः आमतौर पर भैंस का दूध कमाई का जरिया माना जाता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इसी भैंस को चारा खिलाने पर भी मोटी रकम कमाई जा सकती है? जी हां, ये बात हर किसी के आसानी से गले नहीं उतरती है, लेकिन ऐसा हकीकत में हो रहा है।

    भैंस को चारा खिलाकर कमाई करवाने वाली ये हैरत में दाल देने वाली खबर है नोएडा से। यकीन मानिये, यहां पर भैंस को चारा खिलाने के लिए बाकायदा एम्पलॉईस लगाए गए हैं और हर एम्प्लॉयी को हर महीने 25 हज़ार रूपए तक सैलरी दी जा रही है।

    जानकारी के मुताबिक़ नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के पास स्थित झट्टा गांव के किसानों ने अपनी भैसों को चराने के लिए कुछ लोगों को रखा है। भले ही लगाए गए लोग अनपढ़ हैं लेकिन किसानों से उन्हें भैंसों को चारा चराने के लिए 25 हज़ार रूपए महीने की सैलरी मिल रही है।

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस काम के लिए एम्प्लॉय किये गए ज़्यादातर लोग बिहार और यूपी के हैं। गांव के सोहनपाल पहलवान ने बताया की जो लोग चरवाहों का काम कर रहे है, वे मुख्य रूप से एनसीआर में फसल की बुआई और कटाई के लिए आते थे।

    यहां के किसान बताते हैं कि उनके पास उनकी भैंसों को चराने का वख्त नहीं रहता। लिहाज़ा इस काम के लिए तनख्वा देकर बाकायदा लोग रखे गए हैं। यहां किसानों के पास बहुतायत में भैंस पाली हुई हैं। ऐसे में उन्हें चराने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की ज़रुरत भी रहती है।

    अब ये अनूठा प्रयोग ऐसा काम कर गया है कि क्षेत्र के बादोली, गुलावली, कोंडली, काम नगर सहित अन्य गांवों में इसी तर्ज पर भैसों की चरवाही हो रही है। किसान अनंगपाल ने बताया की एक भैस औसतन 8 से 10 किलो दूध हर रोज देती है। इस तरह महीने में एक भैस से 15 हजार रूपये की कमाई हो जाती है। ऐसे में अगर 500 रूपये लेकर कोई भैसों को चरा देता है तो इससे किसानों को फायदा ही है।

    वाकई अच्छा जरिया है कमाई का।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, अब आपको दूसरी जानकारी से रूबरू करवाते हैं। मीठे बोर-मतीरों और अनाज की पैदावार के लिए विख्यात राजस्थान में मारवाड़ की धरती अब पानी और बिजली का उत्पादन भी करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुउद्देश्यीय योजना को लेकर पहली बार कदम बढ़ाया है। योजना में किसान खेत में धान के साथ ही और बिजली-पानी भी पैदा करेगा। सरकार ने इस योजना का जिम्मा केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) को सौंपा है।

    काजरी के वैज्ञानिक खेत की जमीन पर सौलर पैनल लगाने के बाद उनके बीच में खेती की संभावनाओं को तलाशेंगे। सौलर पैनल की छत का उपयोग बरसात के पानी को एकत्र करने (वाटर हार्वेस्टिंग) में होगा। एकत्र किए गए बरसात के इसी पानी से खेती की जाएगी। काजरी की ओर से विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग सौलर मॉडल तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए अगले महीने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र जोधपुर आएंगे।

    कृषि मंत्रालय के स्पेशल कम्पीटिटिव बोर्ड ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर के सभी 150 से अधिक संस्थानों को प्रोजेक्ट बनाने का जिम्मा सौंपा। काजरी ने भी प्रोजेक्ट का प्रारूप तय कर लिया है। सभी संस्थानों के प्रोजेक्ट की जांच के बाद मंत्रालय ने काजरी को दो करोड़ रुपए की परियोजना का यह काम सौंप दिया है।

    काजरी खेत में विभिन्न तरह के सौलर पैनल विभिन्न पैटर्न से लगाकर अलग-अलग फसल के लिए मापन लेगा। जैसे बाजरे व खजूर के लिए सीधी धूप चाहिए, जबकि बागवानी फसलों के लिए कुछ छाया होनी चाहिए। एेसे में सालभर धूप की तीव्रता और दिशा के अनुसार सौलर पैनल का मॉडल तैयार किया जाएगा। इन पैनलों को इस तरह बनाया जाएगा कि बरसात का पानी इनकी छत से पाइपों के जरिए खेत में बने टांके में आए। टांका रिचार्ज के बाद इसके पानी का उपयोग फसल के लिए किया जाएगा।

    काजरी के निदेशक डॉ. ओपी यादवा ने बताया कि प्रोजेक्ट अगले महीने से शुरू किया जाएगा। हम एक ही खेत में फसल, बिजली व पानी का प्रयोग करेंगे। सौलर पैनल के बीच खेती की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।

    नीलमः जब दूसरी जानकारी का वक्त हो गया है। आप भेड़ के बारे में सोचते है तो आपके दिमाग में क्या आता है? एक गुदगुदा, गोल, ऊन से लदा हुआ जीव।

    साउथ अफ्रीका के पूर्वीय भाग में स्थित लेडी फ्रेर नाम के गांव में भेड़ ने एक इंसान जैसे दिखने वाले जीव को जन्म दिया। यह देख कर सभी गांव वाले दंग रह गए और घबरा उठे। कई लोगों ने तो इसे एक चमत्कार माना जबकि कुछ लोगों उसे राक्षस बता रहे थे। यह खबर आग की तरह फैल गयी और वहां करीब चार हज़ार लोगों जमा हो गए।

    इस घटना के बाद यहां अफरा - तफरी का माहौल बन गया जिसके कारण पूर्वी कैंप के ग्रामीण विकास विभाग ने विशेषज्ञों को भेज कर इस जीव की कई जांचें करवाई। पशु चिकित्सा सेवा के मुख्य निर्देशक डॉ लुबाबालो मरवेबी ने बताया कि यह भेड़ का बच्चा भले ही किसी इंसान की तरह लगता हो लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।

    उन्होंने भेड़ के बच्चे के बारे में बताते हुए कहा "यह फोटो कोई अफवाह नहीं है लेकिन यह गंभीर रूप से विकृत भेड़ का बच्चा इस सप्ताह लेडी फ़्रेरे में पैदा हुआ था, जो एक नज़र में एक मानव के जैसा प्रतीत होता है। यह मानव नहीं है लेकिन एक भेड़ के द्वारा यह विकृत जन्मा उन्ही की जाती का है और अपनी मां के गर्भ में ही यह प्रारंभिक चरण में रिफ्ट वैली फिवर से संक्रमित हो गया था। "

    डॉक्टरों का मानना है कि भेड़ ने जब गर्भ में धारण किया, उस समय इलाके में बारिश का मौसम था । जिसके चलते इस बीमारी को फैलाने वाले मच्छरों की तादाद ज़्याद होती है। जिस वज़ह से इसके संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर मवेबी ने कहा कि लोगों को इस बात से घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।

    अनिलःअब खेल संबंधी ख़बर...भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने रविवार को अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी चीन के छन लोगं को मात देकर ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया।

    पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में 11वीं विश्व वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने उलटफेर करते हुए छठी विश्व वरीयता प्राप्त लोंग को मात दी। इंडोनेशिया ओपन जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी श्रीकांत ने 46 तक मिनट तक चले खिताबी मैच में लोंग को 22-20, 21-16 से मात दी। इस खिताबी जीत के साथ ही श्रीकांत ने इतिहास रचा है। वह लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं। सिंगापुर ओपन, इंडोनेशिया ओपन के बाद श्रीकांत लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंचे। श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन खिताब जीता था।

    यही नहीं, श्रीकांत इंडोनेशिया ओपन जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे और अब वह ऑस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। महिला वर्ग में सायना नेहवाल ने दो बार यहां खिताब जीता है लेकिन वह इस साल क्वार्टर फाइनल में ही हार गईं।

    श्रीकांत ने लोंग के खिलाफ अपना व्यक्तिगत रिकॉर्ड बेहतर किया है। इससे पहले दोनों के बीच कुल पांच मैच हुए थे और हर बार लोंग को जीत मिली थी। श्रीकांत ने इस दफे चीन की दीवार पार करने में सफलता हासिल की और अपने नाम एक शानदार खिताब दर्ज किया।

    आंध्र प्रदेश के गुंटूर के 24 साल के श्रीकांत विश्व के नंबर-4 खिलाड़ी चीन शी युकी को 21-10, 21-14 से मात देकर लगातार तीसरी बार सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई थी। श्रीकांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के महज छठे बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनसे पहले चीन के लिन डैन, मलेशिया के ली चोंग वी, चीन के ही चेन लांग के अलावा बाओ चुनलाई और सोनी ड्वी कुनकोरो यह रिकॉर्ड कायम किया था।

    इस जीत से खुश भारतीय बैडमिंटन संघ ने श्रीकांत को पांच लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंता विस्वास सरमा ने कहा कि संघ को श्रीकांत और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।

    नीलमः हेल्थ संबंधी जानकारी....दोस्तो, आप भी मच्छरों से अक्सर परेशान रहते होंगे। लेकिन अब कुछ ऐसा होने वाला है।

    मच्छर कई मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों की वजह बनते हैं। इनसे बचने के लिए पूरी दुनिया में मॉस्कीटो क्वॉयल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन वह भी पूरी तरह हानिरहित नहीं हैं। इसी के मद्देनजर अमरीकी वैज्ञानिकों ने मच्छरों को भगाने के लिए नए तरीके की खोज की है। 'पैरासाइट्स एंड वेक्टर' नामक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक खास वेवलेंथ की रोशनी से मच्छरों के काटने और उडऩे के व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है।

    अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉट्रेडम के प्रोफेसर गिल्स डफिल्ड और उनकी टीम ने यह शोध किया है। डफिल्ड बताते हैं कि रोशनी पर किए गए प्रयोग के शुरुआती नतीजे बताते हैं कि इसकी मदद से मच्छरों को हम खुद से दूर रख सकते हैं। डफिल्ड और उनकी टीम ने इसके लिए उस समय का चुना को जिस समय में मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

    उन्होंने बताया कि एक खास वेबलेंथ की रोशनी होने पर मच्छर तेजी से इधर-उधर भागने लगते हैं और उन पर लगभग 12 घंटे तक इसका प्रभाव रहता है। उनकी टीम ने अलग-अलग वेवलेंथ की रोशनी पर यह प्रयोग किया। उन्होंने सबसे पहले अपना प्रयोग लाल रंग पर किया, क्योंकि सोते समय इंसान को लाल रंग की रोशनी से सबसे कम परेशानी होती है। अब उनकी टीम सफेद रंग की रोशनी पर अध्ययन कर रही है।

    अनिलः

    मीठे पेय पदार्थ याददाश्त के लिए नुकसानदेह होते हैं। एक शोध में पता चला है कि इस तरह के पेय पदार्थों से स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। शोध के निष्कर्षों के अनुसार, मीठे पेय पदार्थों से दिमाग की याददाश्त पर प्रभाव पड़ता है। इन निष्कर्षों को दो पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है।

    शोध का प्रकाशन पत्रिका 'अल्जाइमर्स एंड डिमेंशिया' में किया गया है। पत्रिका में कहा गया है कि मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वालों में खराब स्मृति, दिमाग के आयतन में कमी और खास तौर से हिप्पोकैम्पस छोटा होता है। हिपोकैम्पस दिमाग का वह भाग होता है जो सीखने और स्मृति के लिए जिम्मेदार होता है।

    इस शोध के दूसरे भाग का प्रकाशन पत्रिका 'स्ट्रोक' में किया गया है। इसमें कहा गया है कि दिन में रोजाना सोडा पीने वाले लोगों में स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा नहीं पीने वालों की तुलना में तीन गुना होता है।

    शोधकर्ताओं ने कृत्रिम मीठे को लेकर कई तरह की परिकल्पनाओं को भी प्रस्तुत किया है। इसमें इनके हानिकारक प्रभावों को भी बताया गया है। बोस्टन विश्वविद्यालय के शोध के प्रमुख लेखक मैथ्यू पेस ने कहा कि हमें इस दिशा में अधिक काम करने की जरूरत है।

    प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है....श्रोताओं की टिप्पणी....

    प्रोग्राम में पहला पत्र आया है। उत्तर प्रदेश से अनिल कुमार द्विवेदी का। लिखते हैं कि टी टाइम प्रोग्राम में इंदौर में 500 kg के ट्रैफिक रोबोट पुलिस पर नई जानकारी देने के लिए शुक्रिया।

    जबकि चीन के शानदोंग प्रांत के छिंगताओ शहर में एक व्यक्ति एक कुत्ता ही पाल सकता है।इसकी जरूरत इसलिये पड़ी है कि वहां कुत्ते पालने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है।यह समाचार अच्छा लगाय़ जबकि जुड़वा बच्चियों के सफल आपरेशन के बारे में टी-टाइम में बताया गया। IPL व अनिल कुंबले का त्याग पत्र तथा त्याग पत्र के कारणों पर प्रकाश डाला गया।

    श्रोताओं के पत्रों में भाई सुरेश जी पत्र सुनकर अच्छा लगा।

    अनिल जी आपका शुक्रिया कि आपने फिर से पत्र लिखना शुरू कर दिया है। उम्मीद करते हैं कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

    नीलमः अगली टिप्पणी भेजी है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और उनके दोस्तों ने। लिखते हैं है कि इंदौर में रोबोट द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था संभालने का समाचार काफी उत्साहवर्धक लगा। वहीं दूसरी जानकारी में शान्दोंग प्रांत के छिंगदाओ शहर में एक नई नीति लागू की गई है, जिसके तहत लोग केवल एक ही कुत्ते को पाल सकते हैं। इस जानकारी से हमें पता चलता है कि चीन में पालतू कुत्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब सरकारें नियंत्रण की कोशिश में लगी हैं। इसके साथ ही आपने बताया कि घरों के अंदर कपडे सुखाने से नमी बढ़ जाती है जिससे मोल्ड्स के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है, जिस के कारण स्पोर्स बीजाणु बढ़ जाते है। यह स्पोर्स हमे दिखाई नहीं देते और एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियां बढ़ाते है। बच्चों और बूढ़ों को इससे ज़्यादा खतरा है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है। वहीं अमेरिका के नार्थ कैलिफ़ोर्निया में पिछले साल पैदा हुई थी जुडी हुई बच्चियों को ऑपरेशन से अलग किया गया । यह वाकई में विज्ञान का चमत्कार है। कार्यक्रम में पेश गीत-संगीत भी अच्छा लगा। वहीं जोक्स भी शानदार थे।

    अनिलः अगला पत्र भेजा है, झालावाड़ राजस्थान से राजेश कुमार मेहरा ने। लिखते हैं कि कार्यक्रम की शुरुआत में इन्दौर(म.प्र.) में लगाये गये ट्रैफिक रोबोट सिस्टम की जानकारी बहुत रोचक लगी। यह जानकर आश्चर्य हुआ कि यह सिस्टम 500किलोग्राम लोहे से बना है एवं टाइमर व कैमरों से लैस इसकी भुजायें यातायात खुलने के हिसाब से व्यवस्थित हैं।

    अगली जानकारी में चीन के शान्दोग राज्य के शहर छिंगदाओ में नई नीति के तहत अब लोगों के द्वारा एक ही कुत्ते को पाल सकने एवं 400युआन में पंजीकरण और इलेक्ट्रोनिक चिप कुत्ते की गर्दन में फिट करने की बात सूचनाप्रद लगी।

    वही अगली खबर में घर के अन्दर कपड़े सुखाने से नमी बढने से स्पोर्स बढने के कारण एलर्जी और अस्थमा का खतरा होने सम्बन्धी जानकारी स्वास्थवर्धक रही।

    वही दूसरी जानकारी में अमेरिका के नार्थ केलिफोर्निया में दो जुङवा बच्चियां जो कि सिर से जुङी हुई थी आपरेशन कर अलग करने की बात चौकाने वाली थी

    वही अभिनेता शाहरुख खान द्वारा साउथ अफ्रीकन लीग टीम खरीदने एवं क्रिकेटर अनिल कुम्बले द्वारा भारतीय क्रिकेट टीम कोच से इस्तीफा देने सम्बन्धी जानकारी भी सूचनाप्रद रही

    बेहतर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद

    नीलमः अब पेश है केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का पत्र।

    लिखते हैं कि कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत इंदौर में पुलिस की बजाय रोबोट द्वारा ट्रैफ़िक व्यवस्था संचालन किये जाने का समाचार रुचिकर लगा और साथ ही इस बात की भी ख़ुशी हुई कि भारत अब इस तरह की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने लगा है। इस परिप्रेक्ष्य में डीएसपी (यातायात) प्रदीप सिंह चौहान द्वारा ट्रैफ़िक रोबोट प्रणाली पर दी गई विस्तृत जानकारी से हमारी जिज्ञासा का भी शमन हुआ। जानकारियों के क्रम में चीन के शान्दोंग प्रांत के छिंगदाओ शहर में लागू महज़ एक कुत्ता पाल सकने की नयी नीति और उस पर भी 400 युआन का पंजीकरण ख़र्च, सचमुच जानकारी अनूठी लगी। इसके साथ ही मैसटिफ्स, जर्मन शेफर्ड और सेंट बर्नाड्स सहित 40 बड़ी नस्ल के कुत्तों के पालने पर प्रतिबंध होगा। यह जान कर आश्चर्य हुआ कि शहर में कुत्ता पालने वालों की संख्या में निरन्तर वृध्दि एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गयी है। विशेषज्ञों का यह अनुमान कि घरों के अंदर कपड़े सुखाने से नमी बढ़ जाती है, जिससे मोल्ड्स के बढ़ने की आशंका के साथ स्पोर्स (बीजाणु) भी बढ़ जाते है। यह स्पोर्स हमें दिखाई नहीं देते, परन्तु एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। हमें शोधकर्त्ता फीना केन्नी के निष्कर्षों पर ध्यान देना चाहिये।

    अनिलः वहीं अमेरिका के उत्तरी कैलिफ़ोर्निया में पिछले साल शारीरिक तौर पर जुड़वां पैदा हुईं एरिन और एब्बी नामक बहनों की कहानी भी काफी मर्मस्पर्शी लगी। इसे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का चमत्कार ही कहा जायेगा कि एक जटिल ऑपरेशन के ज़रिये उन्हें नयी ज़िन्दगी प्रदान की गयी।

    क्रिकेट की ख़बरों में आईपीएल और कैरिबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के बाद शाहरुख खान द्वारा साउथ अफ्रीकन लीग में भी अपनी एक टीम ख़रीद लिये जाने के समाचार से कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्यों कि मालदार व्यक्ति कहीं भी, कभी भी और कुछ भी ख़रीद सकता है। हाँ, भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद से एकाएक अनिल कुंबले का इस्तीफा दिया जाना एक दुर्भाग्यजनक घटना अवश्य है।

    कार्यक्रम में पेश श्रोताओं की प्रतिक्रिया और ज़ोक्स भी अच्छे लगे। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    सुरेश जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया।

    अब समय हो गया है जोक्स का।

    पहला जोक...

    पहला जोक....

    टीचर --बहुवचन किसे कहते है?

    .

    .

    पप्पू -- जब बहू अपने ससुराल वालो को खरी -खोटी सुनाती है तो उसे बहु वचन कहते है।

    🤔🤔🤔🤔🤔

    अध्यापक जी बेहोश होते होते बचे।

    दूसरा जोक...

    एक लड़का शादी के लिए लड़की देखने गया।

    लड़की के पिता :- बेटा तुम क्या काम करते हो ..?

    लड़का :- I am Director of Goat research and development institute

    लड़की के पिता :- बहुत बड़ा अफसर लगता है। हिन्दी मे बताओ बेटा..?

    लड़का धीरे अावाज में :- हम बकरी चराते है।

    ससुर को अटैक आ गया।।।

    तीसरा और अंतिम जोक.

    एक दुकानदार एक औरत को कपड़े

    दिखा दिखा कर थक गया ..

    अंत में अपने गुस्से पर काबू रखते हुए आखिरकार बोला...😡😡.,

    .

    मुझे अफसोस है

    कि मैं आपको कोई कपड़ा पसंद

    नहीं करवा पाया...

    .औरत: " कोई बात नहीं ...

    मै तो वैसे भी सब्जी लेने निकली थी.

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