उत्तर पश्चमी चीन के गैननान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर के नम्बर चार प्राइमरी स्कूल में एक हजार से अधिक तिब्बती छात्र पढ़ रहे हैं । इस स्कूल में तिब्बती भाषा के आधार पर द्विभाषी शिक्षा प्रणाली लागू की जाती है ।
इस स्कूल में तिब्बती बच्चों के लिए स्थापित गतिविधियों का केंद्र ध्यानाकर्षक है । हर रोज़ दोपहर बाद चार पाँच बजे छात्र अपने क्लासरूम से बाहर निकल कर खेल मैदान पर तिब्बती नृत्य नाचना शुरू करते हैं । स्कूल के छात्र जो नृत्य नाचते हैं, उसका तिब्बती नाम है क्वोज्वांग । पर छात्रों की विशेषता के अनुकूल बनाने के लिए इसका आधुनिक रूप दिया जा रहा है ताकि छात्र जिमनास्टिक के बजाय कक्षा के बाद यह नृत्य खेल सकें । नृत्य के सिवा गतिविधि केंद्र में ड्राइंग रूम, संगीत रूम और सुलेख रूम आदि भी सुरक्षित हैं । हर जगह बच्चों की हंसी से भरी हुई है ।
नम्बर चार प्राइमरी स्कूल का यह केंद्र वर्ष 2012 में गैनसू प्रांत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है । स्कूल के छात्र कक्षा के बाद अकसर केंद्र में खेलने जाते रहे हैं । स्कूल के प्रिंसिपल चांग हूंग रूंग ने कहा कि स्कूल के अध्यापकों ने केंद्र के संचालन के लिए बहुत कोशिश की है । उन के प्रयासों से केंद्र अच्छी तरह चल रहा है । उन्हों ने कहा,"इधर के वर्षों के विकास से हमारे केंद्र का सामान्यकरण और मानकीकरण साकार किया गया है । अब हमारे केंद्र में 28 दल स्थापित हैं । उन में शामिल हैं फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, नृत्य, पियानो, तिब्बती सुलेख, चीनी भाषा सुलेख, पढ़ना और मौखिक अंग्रेजी प्रशिक्षण आदि अनेक गतिविधियां चलायी जा रही हैं । सरकार ने हमारे केंद्र का जोरदार समर्थन दिया है ।"
स्कूल के छात्रों के सामने अनेक विकल्प हैं क्योंकि केंद्र में 28 दल भी हैं । छात्र या खेल या कला की परियोजनाओं में भाग ले सकते हैं । पहली कक्षा की लड़की जूमा को नृत्य पसंद है । जूमा ने संवाददाता को बताया कि उसने एक साल के लिए नृत्य सीखा है । बाल दिवस के प्रदर्शन में भी भाग लिया है और माता पिता को भी बहुत पसंद है । जूमा की आवाज़ से यह लगता है कि उसे अपने नृत्य से अत्यंत खुशी हुई है ।
नृत्य क्लास की शिक्षक वांग छून ल्यैन ने कहा,"ये लड़कियां बहुत अच्छी हैं और प्यारी भी । जब वे नृत्य नाचती रही हैं तब उन की एकता की भावना दिखती है । बाल दिवस की प्रतियोगिता में उन्हों ने पहला स्थान भी जीत लिया है ।"
पर इधर जब कुछ बच्चों को खेलकूद पसंद है, उधर कुछ और बच्चों को शांत पसंद है । पांचवें ग्रेड में पढ़ रही चौ मौची ने कहा कि उसे तिब्बती सुलेख लिखना बहुत पसंद है और स्कूल में सीखकर अपने माता पिता को सिखाएगी ।
नम्बर चार प्राइमरी स्कूल में चौवें ग्रेड के छात्रों के लिए तिब्बती सुलेख शुरू किया जा रहा है । उन के अध्यापक त्सेरिंग ने इस स्कूल में तिब्बती भाषा सिखाना शुरू किया है । उन के शिक्षण उपकरण आदि सब आधुनिक हैं । उन्हों ने कहा,"हमारे छात्र तिब्बती भाषा के तीस मूल अक्षर से शुरू करते हैं । बाद में वे भाषा की लिखावट प्रशिक्षण करते हैं । यहां के छात्र सब तिब्बती जाति के हैं । अपनी जातीय भाषा सीखने से उन की भावना सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी अच्छा है ।"
त्सेरिंग ने कहा कि तिब्बती भाषा लिखने के लिए किसी किस्म के हार्ड पेन से करना चाहिये । यह हार्ड पेन वास्तम में बांस से बना कलम है ।
स्कूल के बच्चे केंद्र की गतिविधियों में भाग लेने से छात्रों के लिए अधिक खुशियां और मनोरंजन मिलने का मौका तैयार है । स्कूल के प्रिंसिपल चांग हूंग रूंग ने कहा कि प्राइमरी स्कूल के दौरान छात्रों की सीखने रूचि बढाया जाना चाहिये ताकि वे भिन्न भिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभाओं की खोज कर सकें ।
उन्हों ने कहा कि बच्चे केंद्र की स्थापना से छात्रों के विकास तथा उन के कलात्मक स्तर को बढ़ाने के लिए अच्छा है । गतिविधियों में भाग लेने से छात्रों ने स्कील हासिल की है । छात्र केंद्र में गाना नाचना आदि सीखते हैं और अपनी रुचि का पता लगाता है । भविष्य में वे शायद एक गायक बन सकेंगे । स्कूल में छात्रों का प्रशिक्षण करने का उद्देश्य है प्रतिभाओं का प्रशिक्षण करना । और इसी माध्यम से छात्रों का पूर्ण विकास साकार हो जाएगा ।
गैननान के नम्बर चार प्राइमरी स्कूल में बच्चे केंद्र की स्थापना से छात्रों के लिए आनन्द उठाने का स्थल तैयार है । छात्र स्कूल के सुखमय जीवन में गायन और नृत्य कर रहे हैं ।
तिब्बती क्षेत्रों में द्विभाषी शिक्षा प्रणाली
वर्ष 2008 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी समिति ने द्विभाषी शिक्षा कानून पारित किया जिसमें यह निर्धारित है कि तिब्बत के अनिवार्य शिश्रा के दौरान तिब्बती भाषा और हान जातीय भाषा यानी फूथूंगह्वा दोनों भाषाओं का प्रयोग किया जाना चाहिये ।
तब से अभी तक तिब्बत के अधिकांश स्कूलों में द्विभाषी शिक्षा व्यवस्था लागू की गयी है । वर्ष 2014 के अंत तक के आंकड़े बताते हैं कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के 1217 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 97 प्रतिशत छात्रों ने द्विभाषी शिक्षा का ग्रहण किया है । द्विभाषी शिक्षकों की संख्या तीस हजार तक जा पहुंची है । सरकार ने बीस करोड़ युवान की पूंजी डालकर दस द्विभाषी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है । इस तरह तिब्बत में अधिकांश छात्र, जो द्विभाषी स्कूलों में स्नातक हैं, हान और तिब्बती दोनों भाषाओं के जरिये बातचीत कर सकते हैं ।
बहुजातीय देशों में द्विभाषी शिक्षा व्यवस्था लागू करने से इस देश में विभिन्न जातियों की एकता और सांस्कृतिक आदान प्रदान के लिए लाभदायक है । अल्पसंख्यक जातीय छात्रों को भी द्विभाषी शिक्षा लेने से विज्ञान व तकनीक सीखने का बेहत्तर मौका मिल पाएगा । अब चीन की 56 जातियों के अधिकांश छात्रों को दो तीन भाषाएं हासिल करने में समर्थ हो गया है । इस के अतिरिक्त देश में द्विभाषी शिक्षा व्यवस्था लागू करने से अल्पसंख्यक जातीयों की भाषाओं का अच्छी तरह संरक्षण किया जाएगा ।
( हूमिन )