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    आपका पत्र मिला 2017-06-14
    2017-06-15 09:35:38 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में सबसे पहले आप सुनेंगे श्रोताओं के ई-मेल और पत्र। उसके बाद सुनेंगे व्हट्सएप के जरिए हम तक जानकारी पहुंचाने वाले श्रोताओं के पत्र। लीजिए पहला पत्र शामिल करते हैं, जो कि हमें आया है छत्तीसगढ़, भिलाई, दुर्ग से आनंद मोहन का। लिखते हैं कि मैंने आपका कार्यक्रम सुना। चाइना रेडियो इंटरनेशनल के हिंदी कार्यक्रम के श्रोताओं की संख्या में कमी हो रही है। आप हर दिन कार्यक्रम की फ्रीक्वेंसी पर दो मॉनिटरों के निबंध जैसे पत्र पढ़कर कार्यक्रम समाप्त कर देते हैं। आपने हाल ही में कुछ फ्रीक्वेंसीज़ पर प्रसारण बंद कर दिया। लेकिन आपने इस बारे में जानकारी नहीं दी।

    आनंद जी, आपकी शिकायत बिल्कुल ठीक है। हम इस पर ध्यान देने की पूरी कोशिश करेंगे। लेकिन हमारी भी आपसे एक शिकायत है, आप हमें पत्र क्यों नहीं भेजते। हमें आप जैसे श्रोताओं की जरूरत है, आपके पत्र भी सीआरआई में शामिल किए जाएंगे। धन्यवाद। अगर आपके द्वारा पत्र भेजने के बाद शामिल नहीं किए गए, तो हमें अवगत कराइएगा। धन्यवाद। उम्मीद करते हैं कि आनंद जी आप हमें पत्र जरूर भजेंगे।

    ललिताः अगला पत्र हमें आया है केसिंगा ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद हमने साप्ताहिक "अतुल्य चीन" भी ध्यानपूर्वक सुना, जिसके तहत गत अप्रैल में संवाददाता दल के साथ श्यांसी प्रान्त की राजधानी शीआन की यात्रा पर गये सीआरआई हिन्दी के अनिल पाण्डेय के साथ वेइतुंगजी द्वारा की गयी बातचीत सुन कर शीआन पर काफी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई। रेशम मार्ग का द्वार समझे जाने वाले शीआन की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अलावा उसके आधुनिक पक्ष और सर्वोपरि ईसा-पूर्व तीसरी शताब्दी में बने वहां के विश्व प्रसिध्द टेराकोटा वॉरियर्स पर दी गयी जानकारी इतनी महत्वपूर्ण थी कि तुरन्त शीआन पहुँचने की इच्छा हुई। कार्यक्रम के अन्त में 'रात में चन्द्रमा' शीर्षक गीत का सुनवाया जाना भी रुचिकर लगा। कभी मौक़ा मिला तो टेराकोटा योध्दाओं का दर्शन अवश्य करना चाहूँगा।

    कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत हूमिन जी द्वारा पंकज श्रीवास्तव से पिछले सप्ताह ली गयी भेंटवार्ता का शेष भाग सुना, जिसमें चीन-भारत फ़िल्मों के क्षेत्र में कैसे परस्पर सहयोग को आगे बढ़ा सकते हैं, इस विषय पर महत्वपूर्ण सुझाव सुनने को मिले। पंकज द्वारा भारत में केवल हांगकांग में बनी चीनी फ़िल्में लोकप्रिय होने और मुख्यभूमि की फ़िल्मों के प्रति दिलचस्पी न होने के कारणों पर भी अच्छी जानकारी दी गयी। हमने यह भी जाना कि चीन विश्व में सबसे ज़्यादा सिनेमाघरों वाला देश है। पंकज द्वारा फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में लिंग्विस्टिक निदेशक रखने और चीन द्वारा भारतीय फ़िल्मों पर लगे प्रतिबन्ध को हटाये जाने सम्बन्धी दिया गया सुझाव भी चीन-भारत सहयोग को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।

    कार्यक्रम "आर्थिक जगत" के तहत कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक समाचारों की चर्चा के बाद नेटबुक क्या है, इस विषय पर पेश विशेष रिपोर्ट सुन कर नेटबुक और नोटबुक का अन्तर स्पष्ट तौर पर समझ में आ गया। धन्यवाद् एक अच्छी जानकारी के लिये।

    अनिलः "नमस्कार चाइना" के तहत विशेष सेगमेण्ट में आज किसी भारतीय विशेषज्ञ के लेख और विचारों की चर्चा की गयी, जिसमें भारत में बिजली संकट की चर्चा के साथ चीन अगुवाई वाले बुनियादी ढ़ांचा निवेश बैंक AIIB में भारत में विद्युत् उत्पादन बढ़ाने में कैसे वित्त-पोषण कर सकता है, इस पर भी जानकारी हासिल हुई, परन्तु प्रसारण ख़राब होने के कारण विशेषज्ञ का नाम नोट नहीं कर पाया। जानकारी में यह भी बतलाया गया कि AIIB बैंक में भारत का योगदान आठ अरब डॉलर है, जब कि चीन का अंशदान उनहत्तर अरब डॉलर से कुछ अधिक का है। भारत में सौर ऊर्ज़ा और अक्षय ऊर्ज़ा की बेहतर संभावनाओं की भी चर्चा हुई। मुझे यह बात बिलकुल ठीक लगी कि भारत में विद्युत् कटौती के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं।

    कार्यक्रम में आगे 'महानायकों का चीन' स्तम्भ के तहत एक ऐसे उपन्यास की चर्चा की गयी, जिसके कोई चार सौ से अधिक पात्र हैं, जो चीन में बहुत लोकप्रिय हैं, परन्तु उपन्यास के लेखक का नाम ठीक से समझ में नहीं आया। मुझे जो सुनाई पड़ा, उसके मुताबिक उन महानायक का नाम लो क्वॉन चुंग था। आशा है कि ख़राब रिसैप्शन के बावज़ूद मुझे जितना सुना, समझा उससे आप संतुष्ट होंगे।

    सुरेश जी, जी हां, उन महानायक का नाम लो क्वॉन चुंग ही था। आपने सही सुना।

    वहीं आगे लिखते हैं कि कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत होस्ट लीला भट्ट द्वारा आज पेश 'गुमराह बकरी की तलाश', 'आगे की गाड़ी का सबक' और 'तीन लोगों के कहने पर बाघ बन सकता है' शीर्षक तीनों नीति-कथाएं शिक्षाप्रद लगीं। यहाँ ओड़िया भाषा में भी एक कहावत है -'तीनी टुंडे कुकुर छेली' -अर्थात तीन लोगों के कहने पर अफ़वाह भी सत्य हो जाती है।

    ललिताः सुरेश जी लिखते हैं कि साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत शुरुआत में बच्चों से जुड़े कुछ समाचार सुन कर मन द्रवित हो उठा। विश्व के सत्तर करोड़ बच्चे जिन कठिन परिस्थितियों में जी रहे हैं, उसके बारे में सुन कर रूह कांपने लगती है और मुख से सहसा यही निकलता है कि किस काम का यह विकास, यह वैज्ञानिक प्रगति कि हम अपने नौनिहालों को भरपेट भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं। वहीं यह जान कर ख़ुशी हुई कि चीन की केन्द्रीय सरकार स्कूली छात्र-छात्राओं के लिये 1 अरब 59 करोड़ युआन से अधिक की राशि पोषण सुधार योजना पर ख़र्च कर रही है। कार्यक्रम में आगे बाल दिवस की खुशी मनाने के लिये पोलैंड के वरोक्लाव विश्वविद्यालय के कंफ्यूशियस कॉलेज के अध्यापकों और चीनी स्वयंसेवकों द्वारा 1 जून को वरोक्लाव शहर के उपनगर में स्थित प्रुसिस प्राइमरी स्कूल में चीनी संस्कृति का अनुभव करने आयोजित गतिविधि के बारे में दी गयी जानकारी अहम् लगी।

    अनिलः वहीं लिखते हैं कि कार्यक्रम सुन कर पता चला कि पोलैण्ड के अलावा कंबोडिया स्थित चीनी दूतावास द्वारा भी 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस का आयोजन किया गया। कंबोडिया के आईसीएएन अंतर्राष्ट्रीय स्कूल के अध्यापक और विद्यार्थी दूतावास में आये और चीनी राजदूत श्योंग बो दंपति, दूतावास में काम करने वाले अधिकारियों और उनके बच्चों ने इस गतिविधि में हिस्सा लिया। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    वहीं कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत हर बार की तरह आज भी रोचक जानकारियां दी गयीं। अब तो मर्द यानी आदमी भी बच्चे को जन्म दे सकता है और एक आदमी पिता बन गया है, यह सुन कर किसी को भी हैरत हो सकती है, परन्तु पूरी तरह विकसित पुरुष शरीर कभी भी गर्भ धारण नहीं कर सकता। वास्तव में, यहाँ जिस व्यक्ति का ज़िक्र किया गया, वह एक ट्रांसजेंडर आदमी है और ऐसा व्यक्ति पुरुष और नारी का मिलाजुला रूप हो सकता है, जिसकी खामियां दूर कर चिकित्सक उसे गर्भ धारण करने योग्य बना देते हैं। मेरी राय में बिना किसी शारीरिक विकृति वाले पुरुष या महिला का लिंग परिवर्तन करना विज्ञान के वश में नहीं है। सम्भव है कि दुनिया के पहले प्रेग्नेंट आदमी का खिताब अपने नाम करने वाले थॉमस बैटी के साथ भी यही समस्या रही होगी।

    हाँ, स्पेन के रहने वाले 31 वर्षीय आदमी की टैटू बनवा कर तैरने जाने से हुई मौत वाक़ई सोचने पर मज़बूर करती है।

    जबकि भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी के बारे में दी गयी यह जानकारी हमारे लिये बिलकुल नयी थी। उन्हें अपने ननिहाल जयपुर की बगरू प्रिंट की साड़ी बेहद पसंद थी।

    जबकि सचिन तेंदुलकर के बारे में जानकारी का अंतिम भाग भी दिलचस्प लगा। आश्चर्य इस बात का है कि सचिन महज़ 9 साल के थे और उन्होंने उस वक्त अपने दोस्तों के साथ बाहर चाइनीज फूड खाने का प्लान बनाया। वैसे इसमें कोई दोराय नहीं कि सचिन का जीवन सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत है।

    कार्यक्रम में श्रोताओं द्वारा व्हट्सएप पर भेजी गई जानकारी के क्रम में जमशेदपुर से मित्र एस.बी.शर्मा द्वारा साझा की गयी पेड़ों के बारे में जानकारी अहम् लगी। श्रोताओं की टिप्पणी के बाद कार्यक्रम में पेश तीनों ज़ोक्स भी ठीक-ठाक कहे जायेंगे। धन्यवाद् अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" में पता चला कि चीन के छिंगहाई प्रांत में बुनियादी खासकर तिब्बती जातीय शिक्षा के विकास को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। कार्यक्रम सुन कर सचमुच यह एहसास हुआ कि सरकार पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के विकास पर कितना ध्यान दे रही है।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फोकस" के अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शांगहाई सहयोग संगठन के अस्थाना सम्मेलन में भाग के फलितार्थों पर सहारा समय विदेश विभाग के वरिष्ठ पत्रकार बिजेन्दर सिंह से ली गयी परिचर्चा अहम लगी। बेशक, पर्यवेक्षक से सदस्यता हासिल करना औपचारिक दृष्टि से भारत के लिये महत्वपूर्ण है, परन्तु भारत भी एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, इसलिये भारत को सदस्यता मिलना जितना भारत के लिये महत्वपूर्ण है, उतना ही एससीओ के लिये।

    अनिलः अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और उनके तमाम दोस्तों ने। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सभी सदस्य हर बार आपके द्वारा पेश प्रोग्राम सुनते आ रहे हैं। कार्यक्रम "अतुल्य चीन" में शीआन और शान्सी के बारे में चर्चा के अन्तर्गत अनिल जी ने अपने अनुभव बड़े ही रोचक ढंग से बताये! दक्षिण चीन के शान्सी प्रान्त की राजधानी शीआन एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शहर है, जिसकी खूबसूरती रात को बेहद बढ़ जाती है! जबकि टेराकोटा वॉरियर्स के बारे में भी अहम जानकारी दी गयी।

    ललिताः विश्व का आईना में चाय के विभिन्न किस्म एवं श्रेणियों के बारे में विस्तृत जानकारी अच्छी लगी! साथ ही यह भी जाना कि चाय से प्यास और थकान मिट जाती है! चीन के कुछ मशहूर चाय की जानकारी भी मिली!

    आपका पत्र मिला कार्यक्रम में सर्वप्रथम मेरे पत्र पढ़े जाने के लिए मेरे क्लब के सभी सदस्य धन्यवाद देते हैं!

    धन्यवाद शंभू जी, हमें पत्र भेजने के लिए।

    अनिलः दोस्तो, अब समय हो गया है व्हट्सएप के जरिए हमें कुछ रोचक जानकारियां भेजने वाले श्रोताओं के पत्रों को शामिल करने का।

    झालावाड़ राजस्थान से राजेश कुमार मेहरा ने व्हट्सएप के जरिए हमें यह भेजा है। आप भी सुन लीजिए।

    कक्षा में शिक्षक ने पूछा :

    " गांव और शहर में क्या अन्तर है ... ??? "

    एक बच्चे ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया :

    " इतना ही अन्तर है कि गांव में कुत्ते आवारा घूमते हैं और गाय पाली जाती है ... और शहर में कुत्ता पाला जाता है और गाय आवारा घूमती है ... "

    ... ... ... " मेरे गांव का अनपढ़ आदमी गाय चराने जाय और शहर का पढ़ा लिखा आदमी कुत्ता टहलाने जाय ! " जीवन का कड़वा सच " ... ... ...

    " अनाथ आश्रम में बच्चे मिलते हैं , गरीबों के " ... और ...

    " वृद्धाश्रम में बुजुर्ग मिलते हैं , अमीरों के " ... !!!

    वक्त के साथ सब बदल जाता है , पुराने ज़माने में जिसे ... ...

    " ठेंगा कहते थे , उसे आज Like कहते हैं !!! "

    राजेश कुमार मेहरा जी आपका बेहद शुक्रिया।

    ललिताः वहीं बिहार से डां. हेमंत कुमार ने यह रचना भेजी है।

    "काश ऐसी बारिश आये जिसमें

    अहम डूब जाए

    मतभेद के किले ढह जाएं

    घमंड चूर चूर हो जाए

    गुस्से के पहाड़ पिघल जाए

    नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये

    और हम सब

    "मैं" से "हम" हो जाएं ......

    हेमंत जी आपका भी धन्यवाद।

    ललिताः वहीं जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा ने स्वास्थ्य संबंधी कुछ जानकारी भेजी है।

    1- 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहनी चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी।

    2- 160 रोग केवल मांसाहार से होते हैं।

    3- 103 रोग भोजन के बाद पानी पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये।

    4- 80 रोग चाय पीने से होते हैं।

    5- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं।

    6- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।

    7- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।

    8- ठंडेजल (फ्रिज) और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है।

    9- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का मांस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।

    10- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।

    एस.बी.शर्मा जी व्हट्सएप के जरिए हम तक जानकारी पहुंचाने के लिए शुक्रिया।

    अनिलः अब समय हो गया है मार्क्स एंड माओ श्रोता क्लब के अजय कुमार सिंह जो कि छपरा बिहार से हैं, उनका पत्र हम शामिल कर रहे हैं। उन्होंने एक कविता भेजी है।

    अजय कुमार सिंह जी, आपका बहुत धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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