170603yong
|
अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है .... युनिवर्स यूथ क्लब बाजिदपुर चंग्वारा, दरभंगा, बिहार से शंकर प्रसाद शंभू, रंजू मुखिया, महावीर मुखिया, लाल किशोर मुखिया, अमित कुमार, अर्चना आलोक, अजित कुमार आलोक, दीपू कुमार मुखिया, सुभाष कुमार गुप्ता और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है सीता और गीता (1972) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं --------
सांग नंबर 1. कोई लड़की मुझे कल रात सपने में मिली .....
रोज ध्यान करने से मन होता है शांत और मिलते हैं ये फायदे
संसार में बहुत कुछ होता नहीं है लेकिन, लगने लगता है। कभी-कभी लगता है जो पहले हमारे बड़े शुभचिंतक थे, आजकल बदल से गए हैं। ऐसा लगता है, हो सकता है वैसा होता नहीं हो। माता-पिता जब बेटे की शादी करते हैं तो कई बार लगता है बहू आने के बाद बेटा बदल गया। हो सकता है, ऐसा होता न हो। विवाह के बाद स्त्री ससुराल जाती है तो वहां का नया माहौल, नए रिश्तेदार देखकर उसे लगता है ये मेरे मायके जैसे नहीं हैं।
जो माहौल मुझे वहां मिला, यहां नहीं मिल रहा। फिर ऐसा लगता है होता नहीं है वाली बात। ये लगने का नतीजा यह होता है कि अचानक अनजानी-सी उदासी भीतर उतरने लगती है। इसका आकलन करना बड़ा मुश्किल है कि जो लग रहा है, सचमुच वैसा हो भी रहा है या नहीं। इसका कोई फॉर्मूला नहीं है, जिससे आप पता लगा सकें कि जो लग रहा है वह सही है या जो हो रहा है वह सही होगा।
अंजली – मित्रों हमारे पास अगला पत्र आया है हमारे पुराने और नियमित श्रोता का ये हैं मंदार श्रोता संघ, बांका, बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू और कृष भूटानी आप सभी ने कलाकार (1983) फिल्म का गाना सुनने की फरमाईश की है जिसे गाया है किशोर कुमार और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं इंदेवर और संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने गीत के बोल हैं ------
सांग नंबर 2. खोए खोए रहे तेरी यादों में ....
पंकज - जो लोग मेडिटेशन करेंगे उन्हें थोड़ी बहुत भनक मिल सकती है, क्योंकि मेडिटेशन करने वाला मन पर काम करता है और मन की आदत है कि वह अपनी गलत सोच को बुद्धि पर थोप देता है। मन को विपरीत सोचना, संदेह करना ही पसंद है। इसलिए आपको जो विपरीत लग रहा है, संभव है मन का थोपा हुआ हो। बस, यहीं से परेशानी शुरू होती है। जब ध्यान में मन पर काम करते हैं तो थोपा हुआ खेल खत्म हो जाता है, हम बुद्धि और हृदय से सोचने लगते हैं।
इन दोनों से जो भी देखेंगे वह सही होगा। इसलिए योग का संबंध केवल धर्म-कर्म, परमात्मा की प्राप्ति या मोक्ष से नहीं है। इसका संबंध है आपकी सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना। ध्यान के बाद आप कभी भी, कैसी भी स्थिति में 'ऐसा लग रहा है' को लेकर निराश या उदास नहीं होंगे। आपको वह दिखने लगेगा जो सही और सचमुच आपके लिए घट रहा होगा।
पंकज - मरने के बाद 6 दिन तक पत्नी की डेड बॉडी के साथ रहा शख्स, ये थी वजह
किसी के मरने के बाद आम तौर शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है, लेकिन लंदन के रहने वाले रसेल डेविसन (Russell Davison) ने अपनी पत्नी के साथ जो किया वह बेहद ही चौंकाने वाला था। दरअसल, मरने के बाद उसने अपनी पत्नी का दाह संस्कार नहीं किया। बल्कि, उसके साथ 6 दिन तक रहा।
अंजली – इस समय वक्त हो चला है कार्यक्रम का अगला गाना सुनवाने का इसलिये मैं उठा रही हूं अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है शनिवार पेठ, बीड शहर, महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे और पूरा कुलथे परिवार, इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है नारेगांव, औरंगाबाद से दीपक आडाणे, शाम आडाणे और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है सवेरे वाली गाड़ी (1986) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -------
सांग नंबर 3. दिन प्यार के आएंगे सजनिया .....
पंकज - अपनी पत्नी वेंडी डेविसन (Wendy Davison) के मरने के बाद रसेल ने शव को अपने साथ रखा, उसकी देखभाल की और उसको बेडरूम में रखकर उसके समीप ही सोया।
- रसेल की इस हरकत को देखकर सब हैरान रह गए लेकिन पत्नी के प्रति उनके प्रेम के आगे हर कोई झुक गया।
- रसेल की पत्नी वेंडी की मौत बीते माह हो गई थी। वो पिछले 10 सालों से सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थी। पत्नी की मौत से रसेल डेविसन बेहद दुखी थे।
- रिश्तेदारों और अन्य लोगों के समझाने के बाद भी उन्होंने पत्नी के शव को दफनाने या शवदाह गृह ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने उसके शव को अपने बेडरूम में रखा और 6 दिन तक अपना पूरा वक्त उसके साथ ही बिताया।
- इस घटना के बारे में डेविसन ने बताया कि उनकी पत्नी अपनी आखिरी सांसें अपने घर पर ही लेना चाहती थी। इसलिए मौत के बाद उन्होंने अपनी पत्नी के शव को बेडरूम में रखा और हर पल उसके बगल में रहे और उसकी देखभाल की।
अंजली – तो मित्रों कार्यक्रम में मेरे आने का मतलब है कि हम अब एक मधुर गीत सुनने जा रहे हैं जिसकी फरमाईश आपने ही की है, कई बार मैं जब आपको आपकी पसंद का गाना सुनवाने लगती हूं तो कई बार ये गाना मैं खुद भी गुनगुना रही होती हूं, क्योंकि आपकी फरमाईश के गाने वाकई बहुत सुरीले और मधुर होते हैं, जो मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं। तो चलिये आपको सुनवाते हैं अगला गीत, जिसके लिये हमें पत्र लिख भेजा है नारनौल हरियाणा, से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु, नवनीत और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है शक्ति (1982) फिल्म का गाना जिसे गाया है महेन्द्र कपूर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------
सांग नंबर 4. मांगी थी इक दुआ जो कबूल हो गई ......
पंकज - डेविसन ने कहा कि पत्नी के शव को दफनाने के बजाए बेडरूम में रखने के पीछे उनका मकसद मौत को लेकर लोगों के रवैये को चुनौती देना था।
- रसेल डेविसन का कहना है कि इस दौरान उन्हें उसके बगल में बहुत सुकून मिला। उन्होंने कहा कि मौत हमारे समाज में एक ऐसा प्रतिबंधित विषय हो गया है, जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता।
पंकज - बैल से बिजली बनाने के आइडिया पर काम कर रही बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि
नई दिल्ली
देश में तेजी से बढ़ रही बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की कंज्यूमर गुड्स कंपनी पतंजलि रिन्यूएबल एनर्जी के एक अनूठे रूप 'बुल पावर' पर काम कर रही है। बैल की खींचने की ताकत की मदद से इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करने के आइडिया पर डेढ़ वर्ष से अधिक की रिसर्च में कुछ शुरुआती सफलता मिली है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पशुओं को बूचड़खाने न भेजा जाए।
यह प्रयोग पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर और बड़े शेयरहोल्डर बालकृष्ण की पहल पर शुरू किया गया था। इसमें देश की एक प्रमुख मल्टीनैशनल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर और एक तुर्की की कंपनी भी शामिल है। इसका एक प्रोटोटाइप डिजाइन किया गया है और अधिक इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करने के लिए इसमें बदलाव किया जा रहा है। इस रिसर्च प्रॉजेक्ट की जानकारी रखने वालों ने बताया कि अभी तक एक टर्बाइन वाले इस डिजाइन से लगभग 2.5 किलोवॉट पावर मिल सकी है।
अंजली – श्रोता मित्रों हम इस समय थोड़ा सा आराम करेंगे और सुनेंगे कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें पत्र लिख भेजा है परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा, पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके परिजनों ने, आप सभी ने सुनना चाहा है अर्जुन (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है शैलेन्द्र सिंह ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------
सांग नंबर 5. मा मईया केरो केरो केरो मम्मा ......
पंकज - बालकृष्ण ने बताया, 'ऐसे समय में जब बड़ी संख्या में बैलों को काटा जा रहा है, तो हम यह धारणा बदलना चाहते हैं कि बैल बहुत कीमती नहीं होते। उन्होंने इस बात को सही बताया कि पतंजलि हरिद्वार के अपने मुख्यालय में इस पर रिसर्च कर रही है। उनका कहना था, 'बैलों का सुबह खेतों में और शाम को इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्राचीन समय में बैलों का इस्तेमाल हथियार ले जाने में किया जाता था। अगर टेक्नॉलजी की मदद से उनकी ताकत का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए तो वे काफी उपयोगी हो सकते हैं।'
बालकृष्ण ने बताया कि इस कदम का मकसद उन गरीबों की सहायता करना भी है जो इलेक्ट्रिसिटी पर खर्च नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, 'हम यह रिसर्च कर रहे हैं कि बैलों के इस्तेमाल से कैसे अधिक वॉट की पावर का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे एक किसान इसका इस्तेमाल अपने घर में बिजली के लिए कर सके। हमें अभी तक अपनी इच्छा के मुताबिक परिणाम नहीं मिला है।'
बैल रखने वाले किसानों को तकनीक देगा पातंजलि
कंपनी के एक ऐग्जिक्यूटिव ने बताया कि पतंजलि इस जरिए से प्रड्यूस होने वाली इलेक्ट्रिसिटी को नहीं बेचेगी। उनका कहना था, 'हम एक ऐसा डिजाइन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे उन किसानों को बिजली पैदा करने के लिए दिया जा सके जिनके पास बैल हैं।' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस तरीके से जेनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी को आसानी से स्टोर किया जा सकता है। देश में बैलों की संख्या घट रही है और पशुओं की कुल संख्या में इनकी हिस्सेदारी 30 पर्सेंट से कम की है।
अंजली – अगला पत्र हमारे पास आया है विश्व रेडियो श्रोता संघ, चौक रोड, कोआथ, रोहतास, बिहार से सुनील केशरी, डीडी साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी और इनके मित्रों का आप सभी ने सुनना चाहा है ज़ख़्मी शेर (1984) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं संतोष आनंद और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं ----
सांग नंबर 6. ओ मेरे होने वाले बच्चों की अम्मा
पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।
अंजली - नमस्कार।