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    आपका पत्र मिला 2017-05-31
    2017-05-31 14:44:17 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। लीजिए पेश है श्रोताओं के पत्र। पहला पत्र हमें आया है केसिंगा ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि सबसे पहले सीआरआई हिन्दी का नया व्हाट्सएप्प एकाउन्ट शुरू करने पर हार्दिक बधाई। मुझे उम्मीद ही नहीं, पूरा भरोसा है कि इससे श्रोताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी होगी। अब मेरी कोशिश अधिक से अधिक लोगों तक यह सूचना अविलम्ब पहुँचाने की होगी।

    जी हां, हम श्रोताओं को एक बार फिर से बताना चाहते हैं कि हमारा सीआरआई हिन्दी विभाग का व्हाट्सएप्प एकाउंट खुल चुका है, जिसका नंबर है +86 18310693182, सीआरआई हिन्दी सेवा नाम का एक व्हाट्सएप्प ग्रुप भी स्थापित हो चुका है। हम आशा करते हैं कि श्रोता मित्र व्हाट्सएप्प के माध्यम से और आसानी से हम से जुड़ सकते हैं। व्हाट्सएप्प ग्रुप श्रोताओं का अपना मंच है, हम इसके जरिए जरूरी और विशेष सूचना देते हैं। आप इसमें हमारे कार्यक्रम या वेबसाइट के बारे में अपनी राय साझा कर सकते हैं, अपनी फरमाइश के गाने भी भेज सकते हैं, या चुटकुले या कोई भी रोचक जानकारी हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। हम आपके सुझावों और प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। आप सभी की भागीदारी से प्रोग्राम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। मगर इस बात का ध्यान रखें कि ग्रुप में इधर-उधर की बातें, सामग्री या विज्ञापन न भेजे जाएं। धन्यवाद।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "अतुल्य चीन" के तहत शांगहाई स्थित पुदोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से चीन निर्मित सबसे बड़े विमान की उड़ान और शनचन में आयोजित सांस्कृतिक उद्योग मेले पर प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट अहम् लगी। रिसैप्शन की गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण ठीक से सुनना सम्भव नहीं हुआ, जिसका मुझे खेद है।

    कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत पेइचिंग में आयोजित चीन योग सम्मेलन पर प्रख्यात योग-गुरू ओ.पी. तिवारी से ली गयी महत्वपूर्ण भेंटवार्ता भी ठीक से नहीं सुनी जा सकी।

    साप्ताहिक "आर्थिक जगत" में गत अप्रैल में चीन के उत्पादन क्षेत्र में विकास की चर्चा की गयी। इसके अलावा 'एक पट्टी एक मार्ग' पर एक लेख और चीन द्वारा श्रीलंका में चलायी जा रही विशेष परियोजनाओं पर विशेष रिपोर्ट पेश किया जाना महत्वपूर्ण लगा।

    सुरेश जी, तकनीकी सुधार की वजह से आजकल रिसैप्शन की गुणवत्ता शायद अच्छी नहीं होती। 7 जून से हमारी सभी आवृत्ति सामान्य हो जाएगी। असुविधा के लिए हमें बहुत खेद है।

    अनिलः सुरेश जी आगे लिखते हैं कि 23 मई को प्रस्तुत साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" भी हमने ग़ौर से सुना, जिसके तहत चीन में योगी-योग केन्द्र के संस्थापक योगी मोहन से ली गयी भेंटवार्ता सुनी, अहम् लगी। सीआरआई से पुराना रिश्ता होने के नाते योगी मोहन से की गयी बातचीत पहले भी कई एक बार सुन चुके हैं, परन्तु उनकी बातचीत हमेशा एक ताज़गी लिये होती है। कार्यक्रम में आगे चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में -पेइचिंग में तीसरा योग सम्मेलन उद्घाटित; उत्तर-पश्चिमी चीन के छिंगहाई में 1987 में स्थापित एक बोर्डिंग स्कूल की चर्चा; चीन में तेरहवां लोक-विज्ञान उत्सव मनाये जाने के अलावा चीनी राष्ट्रीय वेधशाला की चर्चा; तिब्बती भाषा में बनी फ़िल्म की डीवीडी ज़ारी और चीन में पाकिस्तानी लोगों को मैंडरिन सिखाने वाला केन्द्र, आदि समाचार महत्वपूर्ण लगे।

    कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत होस्ट लीला भट्ट द्वारा पेश 'कुशल निशानेबाज़ी का राज़', 'भोग विलास से हतोत्साह' और 'घोड़ा हुआ लापता' शीर्षक तीनों नीति-कथाएं शिक्षाप्रद लगीं। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिए।

    ललिताः साप्ताहिक "विश्व का आइना" के तहत हाल में कोलकाता में उद्घाटित चीन-भारत बौद्ध धर्म सांस्कृतिक फ़ोटो प्रदर्शनी और चीन-भारत मैत्री माइक्रो फ़िल्म लांच समारोह पर पेश रिपोर्ट महत्वपूर्ण लगी। इस अवसर पर चीन और भारत से पधारे राजनीतिज्ञों और कलाकारों का यह कहना कि वर्तमान गतिविधि चीन और भारत की मैत्रीपूर्ण आवाजाही में प्रेरणा की भूमिका अदा करती है, बिलकुल सही प्रतीत हुआ।

    कार्यक्रम में आगे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के मुसीबत में फंसने और आजकल सोशल मीडिया की दिन-ब-दिन बढ़ती लोकप्रियता के बावज़ूद उस पर प्रदर्शित वीडियो में हिंसक विषयों का शामिल होना चिंता का विषय है और इससे निज़ात पाने के लिए अमेरिकी सोशल मीडिया फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने हाल में घोषणा की कि वे लाइव वेबकास्ट की सामग्री की जाँच करने के लिए 3000 लोगों को भर्ती करेंगे, आदि विस्तृत जानकारी महत्वपूर्ण लगी।

    कार्यक्रम "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत तमाम श्रोताओं के साथ मेरे पत्रों और प्रतिक्रियाओं की व्यापक चर्चा सुन कर लगा कि मेरी रोज़ाना की मेहनत व्यर्थ नहीं जाती। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    धन्यवाद सुरेश जी, हमें प्रतिक्रिया भेजने के लिए। आपकी राय हमारे लिए बहुत अहम है। हम आशा करते हैं कि अधिक से अधिक श्रोता भी अपनी टिप्पणी भेजते रहेंगे।

    अनिलः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत शुरुआत में बाल और महिलाओं से जुड़ी कुछ अहम् ख़बरों के बाद पेश 'चीन में अकेले बच्चों की रक्षा के लिये कोशिश' शीर्षक रिपोर्ट सुनी, जो कि महत्वपूर्ण लगी। चीनी नागरिक मामला मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की संख्या 90.2 लाख है, जिनके मां-बाप काम के लिये अन्य शहरों में रहते हैं। उनमें से 90 प्रतिशत लोग चीन के मध्य और पश्चिमी प्रांतों में रहते हैं। उन बच्चों में अधिकतर की देखभाल दादा-दादी या नाना-नानी द्वारा की जाती है। दायरे की दृष्टि से देखा जाए, तो मध्य चीन के प्रांतों में कुल 46.3 और पश्चिमी प्रांतों में कुल 35.2 प्रतिशत बच्चे रहते हैं। कुल मिलाकर यह संख्या पूरे देश का 40 प्रतिशत होती है।

    चीनी नागरिक मामला मंत्रालय और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय सहित आठ विभागों ने हाल ही में कहा कि वे विशेष कार्रवाई कर ऐसे बच्चों के अधिकारों और हितों को सुनिश्चित करेंगे। रिपोर्ट में अकेले रहने वाले बच्चों के हित सुनिश्चित करने हेतु उठाये जाने वाले तमाम कदमों पर विस्तृत जानकारी सुन कर लगा कि वास्तव में, इसके प्रति चीन सरकार कितनी संजीदा है।

    साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत तिब्बत में ल्हासा-शिकाजे रेलमार्ग के बाद अब ल्हासा-निंग्छी रेलमार्ग का निर्माणकार्य प्रगति पर होने का समाचार अहम लगा। यहाँ मैं इतना अवश्य कहना चाहूंगा कि इस कार्यक्रम में घुमा-फिरा कर पुरानी जानकारियां दोहराने के बजाय तिब्बत पर कुछ नया और रोचक पेश करें, तो बेहतर होगा। आशा है कि आप मेरी बात से सहमत होंगे।

    वहीं कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत हाल ही में सहारनपुर में उत्पन्न जातीय तनाव के पीछे के सच पर वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्रजी के विचार सुने। इलाके में गन्ने की प्रचुर उपज और दलितों की भूमि पर भू-माफ़ियाओं की नज़र होने के अलावा इसके पीछे राजनीतिक रोटियां सेंकने का खेल भी ज़िम्मेदार है, सुना तो मन घृणा से भर गया। अपने ही देश के लोग और अपने ही नेता निजी स्वार्थों में पड़ कर ऐसा कर सकते हैं, ऐसी कल्पना आम आदमी नहीं कर सकता। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "आपकी पसन्द" में श्रोताओं के पसन्दीदा गानों के साथ दी गयी तमाम जानकारी भी रुचिकर और प्रेरक लगी।

    साप्ताहिक "सन्डे की मस्ती" की शुरुआत तुआनवू त्योहार के मौके पर उल्लास भरे 'ड्रैगन बोट' शीर्षक चीनी गीत से किया जाना कार्यक्रम में जान डाल गया। सन्डे स्पेशल में पेश 'विश्व की संवेदनशील कहानी' में 'बीस साल बाद' शीर्षक कहानी अन्त तक रहस्यपूर्ण बनी रही। पता चला कि बीस साल बाद न्यूयॉर्क के उसी रेस्तरां के बाहर जो व्यक्ति मिलने आया, वह उसका मित्र नहीं बल्कि उसे गिरफ़्तार करने आया सरकारी मुलाज़िम था। आगे जानने की जिज्ञासा बनी रही। और हाँ, कार्यक्रम का समापन एक ज़बरदस्त ऑडियो जोक से किया जाना प्रस्तुति में बीस अंकों की वृध्दि कर गया। धन्यवाद्।

    धन्यवाद सुरेश जी, हमें इतना लम्बा पत्र भेजने के लिए।

    अनिलः दोस्तो, लीजिए अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है बाड़मेर, राजस्थान से श्रवण कुमार गांधवीर ने। लिखते हैं कि नमस्कार, मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिन्दी सेवा का पुराना श्रोता हूँ। मगर खेद की बात है की लम्बे समय से पत्र नहीं लिख पाया हूँ। हम श्रोता मित्र आप से अनुरोध करते हैं की अपने श्रोताओं के लिए कोई प्रतियोगिता का आयोजन करें। मैं आपकी वेबसाइट पर हर रोज नई और ताजातरीन जानकारी देखता हूँ। मैंने समाचारों में पढ़ा है कि उत्तर पश्चिमी चीन के छिंगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित 3100 मीटर ऊंची छिंगहाई झील के तट पर एक बोर्डिंग-स्कूल स्थापित है, जिसमें तिब्बती-हान भाषी शिक्षा दी जाती है। वर्ष 1987 में स्थापित इस बोर्डिंग-स्कूल में मुख्य रूप से तिब्बती जातीय छात्र रहते हैं। इस बारे में बहुत अच्छी जानकारी पढ़ने को मिली। वैसे मैं आप से बहुत नाराज हूँ कि लम्बे समय से आपकी तरफ से कोई सामग्री नहीं मिली हैं। अतः आपसे अनुरोध करता हूँ कि सामग्री भेजने का कष्ट करें।

    धन्यवाद श्रणव जी, हमें पत्र भेजने के लिए। खेद है कि बजट की वजह से अब हम श्रोताओं को सामग्री नहीं भेज पा रहे हैं। जहां तक प्रतियोगिता की बात करें, तो हमने अभी अभी चीन के परंपरागत त्योहार तुआनवू त्योहार के बारे में एक ज्ञान-प्रतियोगिता का आयोजन किया है, जो हमारे फेसबुक पेज पर डाली गई है। आगे भी हम प्रतियोगिता का आयोजन करते रहेंगे। आप प्रोग्राम सुनें, या वेबसाइट और फेसबुक पेज देखें, तो पता चलेगा। या आप व्हाट्स एप्प से हमारे साथ जुड़ सकते हैं। धन्यवाद।

    ललिताः अब पेश है अलगा पत्र, जिसे भेजा है नंदयल आंध्र प्रदेश से एम.एस.श्रीनिवास राजू ने। उन्होंने 24 मई को हमारे कार्यक्रम की रिसेप्शन रिपोर्ट भेजी है। लिखते हैं कि मैंने 24 मई को सीआरआई के प्रोग्राम सुने। सभी कार्यक्रमों की रिसेप्शन क्वालिटी बहुत अच्छी थी। इसके साथ ही आपके द्वारा पेश प्रोग्राम मुझे पसंद हैं।

    धन्यवाद श्रीनिवास राजू जी, हमें पत्र भेजने के लिए। रिसेप्शन रिपोर्ट के साथ साथ आप अगली बार से प्रोग्राम के बारे में अपनी राय भी भेज सकते हैं। धन्यवाद।

    हम श्रोताओं को बताना चाहते हैं कि अगर आप हमारे कार्यक्रम में अपनी आवाज सुनना चाहते हैं, तो अपनी राय या प्रतिक्रिया रिकॉर्ड कर हमें भेज सकते हैं। हम आपका ऑडियो भी प्रोग्राम में पेश करेंगे।

    अनिलः अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। लिखते हैं कि सादर नमस्कार। सबसे पहले मैं और हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों की ओर से चाइना रेडियो इंटरनेशनल-हिंदी परिवार के समस्त कर्मचारियों को ड्रैगन-बोट फेस्टीवल की ढेर सारी शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई देता हूं!

    22 मई को पेश साप्ताहिक "अतुल्य चीन", "चीन-भारत आवाज़" और "आर्थिक जगत" प्रोग्राम सुना। "अतुल्य चीन" प्रोग्राम में चीन द्वारा निर्मित प्रथम यात्री विमान सी 919 की पहली सफल उड़ान और 13वां चीनी शनचेन अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उद्योग मेला को लेकर दो रिपोर्ट पेश की गई। सी 919 की पहली सफल उड़ान को लेकर प्रस्तुत रिपोर्ट के बारे में मैं कुछ साझा करना चाहता हूं। 5 मई 2017 को चीन ने देश में ही विकसित अपना पहला बड़ा यात्री विमान पेश कर एयरबस और बोइंग जैसी वैश्विक विमानन कंपनियों के प्रभुत्व को चुनौती देने का सपना पूरा कर लिया। चीन में बनाये गये मध्यम दूरी के इस यात्री विमान को सी 919 नाम दिया गया है। सी 919 ने 5 मई को पूर्वी चीन के शांगहाई शहर के फूथोंग हवाई अड्डे से पहली परीक्षण उड़ान भरी। करीब 80 मिनट बाद विमान सकुशल शांगहाई एयरपोर्ट पर वापस उतरा। इसमें कोई संदेह नहीं कि सी 919 की सफल उड़ान के साथ चीन ने एक बार फिर "चीन की गति" के साथ दुनिया को आश्चर्यचकित किया।

    पिछले 17 मई को चीनी राज्य परिषद की कार्यकारी बैठक (State Council executive meeting) में चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन के मेड इन चाइना 2025 रणनीति (Made in China 2025 strategy) को आगे बढ़ाने के लिए चीन ने पायलट जोन की एक श्रृंखला आरंभ करने की योजना बनाई है। आशा है कि सी 919 यात्री विमान को वाणिज्यिक उड़ान की अनुमति मिलने पर यह एयरबस 320 और बोइंग की नई पीढ़ी के विमान 737 से प्रतिस्पर्धा कर पाएगा।

    वहीं दूसरी रिपोर्ट में सुना कि 13वां चीनी शनचेन अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उद्योग मेला मई के मध्य में शनचेन शहर में आयोजित हुआ। नौ प्रदर्शनी भवनों में नंबर सात प्रदर्शनी भवन एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय भवन था, जो इस साल में मेले का सबसे बड़ा ज्वलंत बिंदु था। यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी भवन में भारतीय प्रदर्शनी सबसे ध्यानाकर्षक थी। भारत में सबसे बड़ा सांस्कृतिक वाणिज्य संघ भारत-चीन आर्थिक और सांस्कृतिक संवर्द्धन संघ ने इस प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें 6 भारतीय संस्थाएं शामिल हुईं। भारतीय प्रदर्शनी में भारतीय शैली वाले फर्नीचर, कंगन, काष्ठ नक्काशी, हैंड पेंटिंग, गोल्डलीफ चित्र प्रदर्शित किये गए। यहां भारतीय गैर भौतिक परंपरागत शिल्पकारों ने प्रदर्शन किया।

    रिपोर्ट में सुना है कि भारत-चीन आर्थिक और सांस्कृतिक संवर्द्धन संघ की स्थापना वर्ष 2003 में हुई, जिसका उद्देश्य चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक मेलजोल बढ़ाना है। क्वांग चो स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास की जनरल काउंसिलर दीपिका शर्मा ने इस मेले के उद्घाटन के दिन भारतीय प्रदर्शनी हॉल का दौरा किया। उन्होंने चीन भारत व्यापार के भविष्य पर उम्मीद जतायी।

    शनचेन सांस्कृतिक मेला चीन और भारत दोनों देशों के संबंधों के विकास में लगाता है और दोनों देशों की जनता की पारस्परिक समझ बढ़ाता है। मेले में बहुत से व्यापारी, उद्यमी और दर्शक आते रहते हैं। भारतीय व्यापारी यहां चीनी बाज़ार ढूंढते हैं और चीनी लोगों को यहां भारतीय वस्तुएं खरीदने को मिलती हैं। व्यापार का केंद्र, समझ और विश्वास भी है। दोनों पक्षों के बीच संबंधों की स्थापना, दोस्ती बनाना और विश्वास हासिल करना व्यापार विकास का आधार है। वाकई शनचेन अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उद्योग मेला चीन और भारत का वाणिज्यिक पुल बन गया है।

    रविशंकर बसु जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। और उम्मीद करते हैं कि आप आने वाले समय में भी यूंही हमें पत्र भेजते रहेंगे।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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