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    आपका पत्र मिला 2017-05-24
    2017-05-24 09:30:35 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। लीजिए पेश है श्रोताओं के पत्र। पहला पत्र हमें आया है केसिंगा ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि 15 मई को प्रस्तुत साप्ताहिक "अतुल्य चीन" हमने ग़ौर से सुना, जिसके तहत 'एक पट्टी एक मार्ग' के चलते विभिन्न देशों में चीनी उद्योगों के बढ़ते दायरे पर महती जानकारी प्रदान की। पता चला कि साल 2013 से घोषित उक्त योजना के बाद से कुल 47 चीनी राजकीय स्वामित्व वाले भागीदार बन चुके हैं और कुल मिलाकर 3 लाख 84 हज़ार कर्मचारी इसमें काम करते हैं। कार्यक्रम में आगे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा 2015 में वैश्विक ऊर्ज़ा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एक विश्व ऊर्ज़ा नेटवर्क गठन पर ज़ोर दिये जाने के बाद जो संगठन बनाया गया, उसके कार्यकलाप और UHV ग्रिड तकनीक पर आधारित स्वच्छ ऊर्ज़ा के भविष्य और उसमें चीन की महारत पर भी अच्छी जानकारी हासिल हुई। इसमें दोराय नहीं कि बिजली के पारम्परिक सम्पर्क से देशों के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी मामलों के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर बी.आर.दीपक का यह आशावाद भी सही प्रतीत हुआ कि चीन-भारत हाथ मिलाकर आगे बढ़ें, तो 'एक पट्टी एक मार्ग' को भारी सफलता मिल सकती है।

    कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत लम्बे समय से चीन में रह रहीं रीना गुप्ता जी से ली गयी भेंटवार्ता सुनी। एक पट्टी एक मार्ग पर उनके विचार स्पष्ट लगे। पत्रकारिता वाली पृष्ठभूमि से होने के कारण उनके विचार सटीक और प्रभावशाली लगे। लेकिन मुझे उनकी बातचीत का शेष भाग सुनने का वेसब्री से इन्तज़ार रहेगा।

    साप्ताहिक "आर्थिक जगत" में आर्थिक समाचारों के बाद पेश रिपोर्ट में 'एक पट्टी एक मार्ग' पर श्रीलंका के राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण विचार सुनवाया जाना अच्छा लगा। यहाँ मैं फिर से कहना चाहूँगा कि एक प्रसारण अंक में तीन-तीन साप्ताहिक सुन सुन सर भारी-भारी हो जाता है। आशा है कि इस पर ग़ौर किया जाएगा। धन्यवाद।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" में विशेष सेगमेण्ट के तहत विगत कई वर्षों से चीन में रह रहीं रीना गुप्ता से अखिल पाराशर द्वारा की गयी बातचीत सुनी। 'एक पट्टी एक मार्ग' और चीन-भारत सम्बन्धों पर उनके विचार इतने स्पष्ट थे कि मैंने आजतक किसी विशेषज्ञ के भी इतने साफ़ विचार नहीं सुने। चीन-भारत सम्बन्धों के प्रति मुझे उनके विचारों में एक आशावाद की झलक मिली। कार्यक्रम में आगे चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में -एक पट्टी एक मार्ग गोलमेज़ बैठक 15 मई को पेइचिंग में सम्पन्न; चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग द्वारा बैठक की अध्यक्षता की गयी; रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बैठक में पियानो पर धुनें बजा कर दिखायी गयी अपनी अदाकारी; एक पट्टी एक मार्ग सम्मेलन में पधारे नेताओं के सम्मान में जनवृहद भवन में रात्रिभोज और सांस्कृतिक कार्यक्रम का विशेष आयोजन और उत्पादन सहित तमाम क्षेत्रों में चीन का स्थिर विकास, आदि ख़बरें अहम लगीं। धन्यवाद् फिर एक अच्छी और सार्थक प्रस्तुति के लिये।

    वहीं कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत होस्ट लीला भट्ट द्वारा पेश 'गधे पर सवार गधे की तलाश', 'कुत्ते का सूरज पर भोंकना' और 'यूकोंग का पहाड़ हटाना' शीर्षक तीनों नीति-कथाएं एक से बढ़ कर एक और शिक्षाप्रद लगीं।

    अनिलः वहीं "विश्व का आइना" प्रोग्राम में अभी-अभी चीन की राजधानी पेइचिंग में सम्पन्न 'एक पट्टी एक मार्ग' अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा भाग नहीं लिये जाने पर 'एक पट्टी एक मार्ग' पहल के प्रति भारत के मन में उत्पन्न संदेह और क्या भारत को इस पहल से लाभ मिल सकेगा, आदि पहलुओं पर हाल ही में चीन के सछ्वान प्रांत के सामाजिक और विज्ञान अकादमी के इंडिया अनुसंधान केंद्र के महासचिव य्वेई छाओमिन द्वारा एक पत्रकार के साथ साक्षात्कार में यह कहा जाना कि भारत का "मेक इन इंडिया" एक पट्टी एक मार्ग से जुड़ सकता है, काफी विचारणीय लगा।

    उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के तुरंत बाद देश की विकास योजना "मेक इन इंडिया" पेश की, जिसका मकसद भारत को विश्व डिजाइन और निर्माण केंद्र बनाना था। "मेक इन इंडिया" सिर्फ़ एक नारा नहीं, वास्तव में वह पुरानी प्रक्रिया और नीति में संशोधन और सुधार है, जो भारत सरकार की विचारधार में परिवर्तन का द्योतक है।

    परन्तु उनकी इस बात से मैं सहमत हुआ नहीं जा सकता कि चीन में सुधार और खुलेपन में प्राप्त भारी उपलब्धियों से भारत को झटका लगा है, क्यों कि सिध्दान्ततः भारत किसी के प्रति ईर्ष्याभाव नहीं रखता। भले ही ड्रैगन और हाथी का संघर्ष पश्चिमी विद्वानों की ज़ुबान पर रहा हो और चीन-भारत संबंधों पर उसका असर भी पड़ता रहा हो।

    यह बात भी समझ से परे है कि एक पट्टी एक मार्ग पहल की प्रस्तुति से भारत के विभिन्न तबकों में संदेह, चेतावनी, विवाद की आवाज़ सुनायी पड़ी है। विद्वानों ने अर्थव्यवस्था, रणनीति और सुरक्षा जैसे दृष्टिकोणों से इसका व्याख्यान किया है। जबकि भारत सरकार की प्रतिक्रिया से देखा जाए तो सरकार के विचार विद्वानों से मिलते जुलते हैं। खैर, ये उनके अपने विचार हैं और अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है। उनके विस्तृत विचारों में से बहुत सी बातें समीचीन नहीं लगती। फिर भी उनके विचारों से अवगत कराने का शुक्रिया।

    कार्यक्रम में आगे यूरोपीय एजेन्सी के हवाले से दी गयी यह जानकारी कि चाँद की मिट्टी से ईंट बनाने में सफलता हासिल हुई और अब वहां बस्ती बसाने के प्रयास किये जा रहे हैं, महत्वपूर्ण लगी। वहीं वातावरण में निरन्तर होते बदलावों से धरती पर रहने का समय ख़त्म होता जा रहा है और इंसानों को रहने के लिये दूसरे ग्रहों पर जगह तलाशने का विशेषज्ञ हॉकिन का सुझाव चिंताजनक लगा।

    साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत अन्य श्रोताओं के साथ मेरे पत्रों और प्रतिक्रियाओं को स्थान देने का शुक्रिया।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि 18 मई को सीआरआई हिन्दी वेबपेज पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा 17 मई को पेइचिंग में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री के साथ की गयी वार्ता और दोनों देशों के बीच मैत्री को आगे बढ़ाने और रणनीतिक साझेदार संबंधों को बढ़ावा देने हुई सहमति सम्बंधी रिपोर्ट महत्वपूर्ण लगी।

    दोनों नेता चीन और अर्जेंटीना के बीच शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गुणवत्ता निरीक्षण, खेल, निवेश, ऊर्जा, रेलवे और वित्त आदि के संदर्भ में सिलसिलेवार समझौतों पर हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए।

    इसी तरह एक अन्य रिपोर्ट में चीन के स्टेट काउंसिलर यांग चेहछी द्वारा पेइचिंग में 'एक पट्टी एक मार्ग' अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर मंच का परिणाम प्रस्तुत किये जाने सम्बन्धी समाचार भी उक्त आयोजन का सारांश जैसा लगा। धन्यवाद् अच्छी रिपोर्टिंग के लिये।

    अनिलः उन्होंने लिखते हैं कि हैरत की बात है कि 19 से 21 मई तक प्रसारण शॉर्टवेव 9450 अथवा 7265 किलोहर्ट्ज़ सहित किसी भी आवृत्ति पर सुनाई नहीं दिया। पर सीआरआई हिन्दी की वेबसाइट पर महत्वपूर्ण सामग्री पढ़ी। हम सभी श्रोताओं को बताते हैं कि तकनीकी सुधार की वजह से 27 मई तक शाम को साढ़े छह बजे से साढ़े सात बजे तक शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ पर और शाम को साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक 7265 किलोहर्ट्ज़ पर हमारे कार्यक्रम की आवृत्ति सुनाई नहीं हो पड़ेगी। इस दौरान आप 9450 किलोहर्ट्ज़ के बजाए 11673 या 1269 या 1422 किलोहर्ट्ज़, और 7265 किलोहर्ट्ज़ के बजाए 7225 किलोहर्ट्ज़ पर हमारे कार्यक्रम सुन सकते हैं।

    उसके बाद 28 मई से 6 जून तक तकनीकी सुधार की वहज से सुबह साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक शॉर्टवेव 15210 किलोहर्ट्ज़ पर हमारी आवृत्ति नहीं आएगी। इसके बजाए आप 11640 या 13720 या 15350 किलोहर्ट्ज़ पर प्रसारण सुन सकते हैं।

    7 जून से हमारी सभी आवृत्ति सामान्य हो जाएगी।

    हमें इस बात का ख़ेद है कि हमने मीटरबैंड्स में परिवर्तन के बारे में श्रोताओं को पूर्व सूचना नहीं दी। असुविधा के लिए खेद है। सुरेश जी और सभी श्रोताओं का बहुत धन्यवाद।

    ललिताः लीजिए दोस्तों, अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और उनके तमाम दोस्तों ने। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सभी सदस्य हर बार आपके द्वारा पेश प्रोग्राम सुनते आ रहे हैं। देश विदेश के समाचार सुनने के बाद कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में चीनी लोक गीत कर्ण प्रिय एवं मधुर थे! संडे स्पेशल में सपना जी की एक पट्टी एक मार्ग से जुड़े एक खास कार्यक्रम, जिसमें नेपाली उप प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल को "एक पट्टी एक मार्ग" से लाभ मिलेगा। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी! अजीबोगरीब बातों के सेगमेंट में सुना कि अहमदाबाद में एक ऐसे रेस्तरां हैं, जहां लोग कब्रों के बीच बैठ कर चाय-कॉफी या स्नेक्स आदि खाते हैं। जबकि यह रेस्तरां यहां कब्रों की वजह से ही फेमस हुआ है। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी!

    दूसरी रिपोर्ट में सुना कि क्वींसलैंड की 27 वर्षीय रबेका शैरॉक के पास अद्भुत स्मरणशक्ति है, जिसे अपने 12 दिन से लेकर अब तक की बीती सारी बातें याद हैं। उन्होंने किस दिन क्या पहना था और उस दिन का मौसम कैसा था, यह तक वह बता देती है। ऐसा पता चला है कि दुनियाभर में सिर्फ 80 लोगों के पास ऐसी स्मरणशक्ति है। यह रिपोर्ट अच्छी लगी!

    अनिलः शंभू जी ने आगे लिखा है कि कार्यक्रम अतुल्य चीन में प्रसारित चीन सरकार द्वारा एक पट्टी एक मार्ग योजना प्रस्तुत करने के बाद चीनी राजकीय स्वामित्व उद्यम विदेशों में सक्रिय हो रहे हैं। चीन के बाहर उनके बिजनिस का पैमाना निरंतर बढ़ रहा है और एक पट्टी एक मार्ग निर्माण में महत्वपूर्ण शक्ति बन रही है। "एक पट्टी एक मार्ग" से संबंधित रिपोर्ट बेहद पसंद आयी!

    चीन भारत आवाज में रीना गुप्ता जी जो शंघाई में हिंदी पढ़ाने का कार्य करती है से भेंटवार्ता का पहला भाग अच्छी लगी! वहीं आर्थिक जगत में "एक पट्टी एक मार्ग" से श्रीलंका को नये विकास का मौका मिलेगा जैसे रिपोर्ट की जानकारी भी सुंदर लगी।

    ललिताः कार्यक्रम विश्व का आईना में एक पट्टी एक मार्ग से क्या भारत को इस पहल से लाभ मिलेगा जैसे रिपोर्ट और चीन के सछ्वान प्रांत के सामाजिक और विज्ञान अकादमी के इंडिया अनुसंधान केंद्र के महासचिव य्वेई छाओमिन ने पत्रकार के साथ साक्षात्कार में कहा कि भारत का "मेक इन इंडिया" एक पट्टी एक मार्ग से जुड़ सकता है।

    कार्यक्रम बाल महिला स्पेशल में वास्तविक जीवन में बहुत से मां-बाप अपनी लापरवाहियों से अपने बच्चों को मंदबुद्धि बना रहे हैं। आठ बुरी आदतों की चर्चा जिससे बच्चे दिन-ब-दिन मंदबुद्धि बन रहे हैं। इसका सुधार किया जाना चाहिए।

    धन्यवाद शंभू जी, हमारा समर्थन करने और हमें निरंतर पत्र भेजने के लिए।

    अब पेश है कार्यक्रम का आखिरी पत्र, जिसे भेजा है आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी ने। लिखते हैं कि सर्वप्रथम मैं खुद को एक पट्टी एक मार्ग प्रतियोगिता का विजेता चुने जाने पर गौरवान्वित महसूस करते हुए दूसरे सभी विजेता मित्रों को दिल की गहराईओं से बधाई देता हूँ। इस प्रकार की प्रतियोगिता श्रोताओं में टॉनिक का काम करती है। उनके थकते मन में ऊर्जा की नई उत्पत्ति का विस्तार करती है। इस प्रकार के आयोजन भविष्य में होते रहेंगे ऐसी आशा करता हूँ। कार्यक्रम आपका पत्र मिला में इस नाचीज़ को भी जगह नियमित रूप से दी जा रही है, जिसका आभारी हूँ। ये सत्य है की ताली दोनों हाथ से बजती है। मैं पिछले कई महीने से कहीं गया हुआ था, जहाँ की व्यस्तता ने आपसे जुड़ाव में बाधा उत्पन्न की थी, लेकिन समय परिवर्तित होता रहता है। आज फिर खुद को सीआरआई से जुड़ाव से मेरा अंतर्मन गदगद है और आरम्भ में ही एक पट्टी एक मार्ग प्रतियोगिता में विजेता बनना सौभाग्य की बात है। आपकी वेबसाइट पर विजिट करता रहता हूँ, जहाँ ज्ञान की प्राप्ति और देश दुनियां के रूबरू होने में काफी सरलता का आभाष होता है।

    धन्यवाद सादिक आज़मी जी, हमें पत्र भेजने के लिए। हम एक पट्टी एक मार्ग प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हैं। आशा है कि भविष्य में आप भी सक्रियता से हमारा समर्थन करते रहेंगे।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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