चीनी पंचांग के अनुसार, हर साल के पांचवें माह की पांचवीं तारीख को परंपरागत त्वान वू त्योहार यानी ड्रैगन बोट उत्सव होता है जो पांचवां मास उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। त्योहार के दिन लोग जोंग ज़ी नाम का पकवान खाते हैं, ड्रैगन बोट प्रतियोगिता आयोजित करते हैं। कहते हैं कि इन गतिविधियों के आयोजन से प्राचीन महान देशभक्त कवि छ्वू य्वान की स्मृति की जाती है।
छ्वू य्वान युद्धरत राज्य काल (ईसापूर्व तीसरी शताब्दी) के छ्वू राज्य में रहते थे। इस काल में छी, छ्वू, यान, हान, चाओ, वेई और छिन सात राज्य थे, जिन में छिन राज्य सब से शक्तिशाली था, वह अन्य छै राज्यों को हड़पने तथा पूरे चीन पर प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा था। छ्वू य्वान छ्वू राज्य के पदाधिकारी ①थे और एक मेधावी व्यक्ति थे। उसका राजनीतिक मत था कि छ्वू राज्य में राजनीतिक सुधार किया जाए और अन्य राज्यों को एकता के सूत्र में बांधकर संयुक्त रूप से छिन राज्य का मुकाबला किया जाए। लेकिन उस के मत का छवू राज्य के दुष्ट अधिकारियों ने घोर विरोध किया। छ्वू राज्य के राजा ने उन दुष्ट अधिकारियों के उकसावे में आकर छ्वू य्वान का सुझाव स्वीकार करने के बजाए उसे राज्य से बाहर निष्कासित कर दिया। अपने राज्य की राजधानी से जुदा होने के बावजूद छ्वू य्वान छ्वू राज्य के भविष्य पर चिंतित रहते थे। बाद में छ्वू राज्य को छिन राज्य द्वारा हार खाने की खबर सुनने के बाद छ्वू व्येन को असीम दुखी से हताश हो गया और अपने को देश बचाने हेतु बिलकुल असमर्थ पाने की असह्य हालत में उसने मीरो नामक नदी में डुबकी लगा कर खुदकशी कर ली। वह दिन ईसापूर्व 278 में पांचवें माह की पांचवीं तारीख था।
स्थानीय लोगों को जब छ्वू यान के मीरो नदी में डूब जाने की खबर मिली, तो वे जल्दी नाव चलाकर नदी में छ्वू य्वान की लाश खोजने लगे। लेकिन अंत तक वह नहीं मिली। नदी में छ्वू य्वान की लाश को मछली का ग्रास बनने से बचाने की सोच में स्थानीय लोगों ने खाद्य पदार्थों को नदी में फेंक डाला। इसतरह हर वर्ष के पांचवें माह की पांचवीं तारीख को चीनी लोगों में छ्वू व्यान की स्मृति में चिकने चावल को बांस व सरपल के पत्तों में लपेट कर बनाया जाने वाले ज्योंग जी नामक खाद्य पदार्थ नदी में फेंकने की प्रथा बन गयी। कालंतर में ज्योंग जी खाने और ड्रैगन बोट की प्रतियोगित करने की रीति भी संपन्न हुई।
आजकल ड्रैगन बोट प्रतियोगिता न सिर्फ़ त्वान वू त्योहार में आयोजित होती है, बल्कि वह सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में विश्व के अनेक स्थानों में भी लोकप्रिय हो गयी है, यहां तक कि वह एक महत्वपूर्ण खेल इवेंट भी बन गया है। चीन के देहाती क्षेत्र में ड्रैगन बोट प्रतियोगिता बहुत लोकप्रिय है। प्रतियोगिता में विजय पाने पर अत्यन्त बड़ा महत्व दिया जाता है, कहावत है कि एक साल के लिए खेत को परती पड़ी छोड़ रखने से कहीं ज्यादा एक नाव प्रतियोगिता से छूट जाने का दुख होगा।
द्वान वू त्योहार कब और कैसे शुरु हुआ, इस के बारे में विभिन्न कथाएं प्रचलित हैं। प्राचीन पुस्तकों के उल्लेखों एवं पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसंधान से पता चला है कि द्वान वू प्राचीन काल में दक्षिण चीन की वू और य्येई जातियों की जनता द्वारा टोटम का यज्ञ करने का पर्व था, जो छ्यू य्येन की कहानी से कहीं पुराना था। लेकिन पिछले हज़ारों वर्षों में छ्यू य्येन की देशभक्ति भावना और भावोत्तेजक कविताएं व्यापक तौर पर लोगों के मन में घर कर गयी हैं। इसलिए लोग"छ्यू य्येन की याद में संवेदना प्रकट करते हैं, उन की देशभक्त कविताओं पर समीक्षा करते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी उन के बारे में कहानी का प्रचार-प्रसार करते हैं।"इसलिए ज़्यादातर लोग मान कर चलते हैं कि द्वान वू छ्यू य्येन की स्मृति में मनाये जाने वाला त्योहार है। यह तर्क द्वान वू की उत्पत्ति के बारे में मुख्य धारणा बनकर चलता गया। लोक सांस्कृतिक क्षेत्र में द्वान वू त्योहार में ड्रैगन नुमा नाव दौड़ प्रतियोगिता और जुंग ज़ पकवान खाने की प्रथा को भी छ्यू य्येन की याद करने से जोड़ी गयी है। इसी कारण से द्वान वू त्योहार ड्रैगन बोट उत्सव भी कहा जाता है।
आज तक भी द्वान वू त्योहार चीनी जनता में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।