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    आपका पत्र मिला 2017-05-10
    2017-05-11 15:38:04 cri

     

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। लीजिए पेश है श्रोताओं के पत्र। पहला पत्र हमें आया है, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से सादिक आज़मी का। लिखते हैं कि इस साप्ताह का कार्यक्रम आपका पत्र मिला, हर बार की तरह बड़े ध्यान से सुना, जिसमें भाई सुरेश अग्रवाल जी का लम्बा पत्र हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी का माध्यम बना। इसके साथ ही इन दिनों आपकी वेबसाइट पर एक वीडियो लोकप्रिय हो रहा है। इस बार शरीर को चुस्त दुरुस्ज रखने के गुण का सिखया और बताया जाना अच्छा लगा और चीन के लोगों की सेहत के प्रति जागरुक्ता का भी पता चला, जो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आशा है कि भविष्य में इस प्रकार के रोचक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे। धन्यवाद।

    सादिक आज़मी जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया।

    ललिताः अगला पत्र हमें आया पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का। बसु जी ने कुछ दिन पहले "सीआरआई-गेटवे टू चाइना" शीर्षक रक्तदान शिविर का आयोजिन किया। उन्होंने इस बारे में एक लेख भेजा है। लिखते हैं कि न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब की ओर से 23 अप्रैल रविवार को हुगली ज़िला के दक्षिण हड़ा, हरिपाल गांव में "सीआरआई-गेटवे टू चाइना" शीर्षक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ कोलकाता स्थित चीनी कौंसल जनरल मा च्यानवू ने किया। उनके साथ अन्य चीनी अधिकारियों के अलावा स्थानीय विधायक बेचाराम मन्ना विशेष अतिथि के रूप में इस रक्तदान शिविर गतिविधियों में उपस्थित थे।

    रक्तदान शिविर सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ। मा च्यानवू ने रक्तदाताओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी और सीआरआई के कार्यक्रम सुनने का अनुरोध किया। अपने भाषण में मा च्यानवू ने स्थानीय गांववासियों और छात्रों को चीनी संस्कृति का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि "चाइना रेडियो इन्टरनेशनल और चीन के लिए आप लोगों का प्यार देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ। आप सीआरआई का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जो मेरी नजर में वाकई प्रशंसा के हक़दार हैं और मैं चाइना कांसुलेट की ओर से आप सबकी तारीफ करना चाहूंगा। आम तौर पर चीन और भारत के बीच रिश्ते को बढ़ाने के लिए आप लोगों का योगदान सराहनीय है। मैं आशा करता हूं कि आप जैसे व्यक्तियों की मदद से आने वाले सालों में दोनों देशों के बीच संबंधों में और बढ़ोतरी होगी।" उन्होंने कहा कि चीन और भारत दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग निरंतर विस्तृत हो रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि इस तरह स्वैच्छिक रक्तदान जैसी सामाजिक गतिविधि से चीन और भारत के बीच मित्रता और बढ़गी।

    अनिलः रक्तदान शिविर में सबसे पहले चीनी कौंसल जनरल ने हमारे क्लब का दौरा किया और उनके सहयोगियों और उनको यह बहुत अच्छा लगा। वह चीन और चाइना रेडियो के लिए हमारे रेडियो क्लब की गतिविधियों को देखकर ख़ुश हुए। उन्होंने क्लब के विकास के लिए नकद राशि भी दान की। हमने फूल देकर चीनी कौंसल जनरल और चीनी मेहमानों का स्वागत किया।

    हमारे इस रक्तदान शिविर का उद्देश्य है सीआरआई को आम जनता के बीच प्रचारित करना, इसके साथ ही भारत-चीन मैत्री को आगे बढ़ाना। हरिपाल कल्याण समिति के सहयोग से हमारे इस रक्तदान शिविर में इस बार 61 स्थानीय लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।

    क्लब की ओर से मैं रविशंकर बसु, इसके साथ ही क्लब का सांस्कृतिक संपादक देवशंकर चक्रवर्ती, सदस्या मनीषा चक्रवर्ती, दीपा चक्रवर्ती और बीस से अधिक सदस्यों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। शिविर से संग्रहित रक्त को कोलकाता मेडिकल ब्लड बैंक में भेज दिया गया है। हमारे क्लब द्वारा आयोजित इस रक्तदान शिविर के ज़रिये हमने सीआरआई के उद्देश्य और चीन की आवाज़ को जन साधारण के बीच पहुंचाने की कोशिश की है।

    गौरतलब है कि हमारे रेडियो क्लब ने 8 अप्रैल 2012 को सीआरआई हिंदी विभाग के प्रचार-प्रसार के लिए पहली बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया था। यह हमारे लिए बड़ी ख़ुशी की बात है कि इस सीआरआई रक्तदान शिविर के लिए आपका सहयोग हमें मिला। "सीआरआई-गेटवे टू चाइना" शीर्षक गतिविधि के लिए सीआरआई हिंदी विभाग की निदेशक मैडम श्याओ यांग जी का ऑडियो बधाई संदेश सुनकर गांववासियों और रक्त दाता खुश हुए।

    बसु जी, इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करने और सीआरआई का प्रचार-प्रसार करने के लिए आपका शुक्रिया।

    ललिताः अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है केसिंगा ओड़िशा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि 1 मई को मैंने आज भी अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर हिन्दी कार्यक्रम सुना और सीआरआई हिन्दी वेबसाइट का भी अवलोकन किया। मुझे "एक पट्टी एक मार्ग" से श्रीलंका को विकास का नया मौका मिलेगा और "लो चाओ ह्वेई की दार्जीलिंग की ज़िलाधिकारी से मुलाक़ात" शीर्षक पोस्ट बहुत अच्छे लगे।

    लेख पढ़ कर यह महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई कि इस वर्ष चीन और श्रीलंका के बीच न केवल राजनयिक संबंध स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है, बल्कि दोनों देशों के बीच "रबर राइस संधि" पर हस्ताक्षर करने की 65वीं वर्षगांठ भी है। श्रीलंका और चीन के बीच मित्रवत आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है और कुछ दिन बाद पेइचिंग में आयोजित "एक पट्टी एक मार्ग" अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर मंच से दोनों देशों के बीच चतुर्मुखी सहयोग को और मज़बूत किया जाएगा, जिसके साथ ही श्रीलंका के विकास को नया मौका मिलेगा।

    एक अन्य पोस्ट में भारत स्थित चीनी राजदूत लो चाओ ह्वेई दंपति द्वारा गत 30 अप्रैल को दार्जिलिंग की जिलाधिकारी जोयोशी दास से की गयी मुलाक़ात सम्बन्धी लेख भी काफी अहम लगा।

    राजदूत लो ने कहा कि दार्जिलिंग बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार यानी बीसीआईएम आर्थिक कोरिडोर के अहम स्थान पर स्थित है, जो कि भारत का एक महत्वपूर्ण चाय उत्पादन केन्द्र और पर्यटन स्थल है। चीन दार्जिलिंग जिले के साथ चाय उत्पादन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग मज़बूत करना चाहता है, ताकि चीन-भारत सम्बन्धों के घनिष्ठ विकास और बीसीआईएम आर्थिक कोरिडोर के निर्माण को आगे बढ़ाया जा सके।

    अनिलः सुरेश अग्रवाल जी ने आगे लिखा है कि 2 मई को प्रस्तुत साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" के तहत अमेरिका से चीन घूमने आए पीयूष शर्मा से भेंटवार्ता अच्छी लगी। उन्होंने चीन के ढ़ांचागत विकास, परिवहन व्यवस्था को अमेरिका से बेहतर बतलाया और यहाँ की सब-वे व्यवस्था को भी आसान बताया और मोबाइक की प्रशंसा की। उन्होंने जब यह कहा कि चीनी लोग सभी लोगों की दिल से मदद करते हैं, तो सच मानिये, मुझे भी अपनी नवम्बर 2015 की चीन यात्रा का वह वाकया याद आ गया, जब पेइचिंग विमानतल पर एक चीनी महिला ने फ़ोन कॉल के ज़रिये मेरी मदद की। सचमुच, इस मामले में चीन का कोई मुक़ाबला नहीं। कार्यक्रम में आगे चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में -चीन में 83.6 प्रतिशत लोग 4-जी सेवा का इस्तेमाल करते हैं और दुनिया का सब से बड़ा 4-जी नेटवर्क; वहीं UNDP और चीन की साइकल सेवा के बीच साझेदारी; पेइचिंग में प्रदूषण, विशेषकर जल प्रदूषण से निपटने के लिए ख़ास अभियान शुरू; चीन की पाइतो और UNDP के बीच नवाचार सहयोग बढ़ाने सम्बन्धी करार और वर्ष 2017 की तिमाही में चीन में 33.4 प्रतिशत नये रोज़गारों का सृजन, आदि समाचार अहम् लगे।

    कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत होस्ट लीला भट्ट द्वारा पेश 'स्नाइप और सीप के बीच की लड़ाई का अन्त', 'ढ़ोंगी व्यक्ति और कछुआ' और 'कुआं खोदने से मिला इन्सान' शीर्षक तीनों नीति-कथाएं शिक्षाप्रद लगीं।

    ललिताः कार्यक्रम "विश्व का आइना" में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग द्वारा 7 सितम्बर 2013 को अज़रबाइज़ान में की गयी "एक पट्टी एक मार्ग" योजना की घोषणा और उसके कुछ समय बाद अक्तूबर में की गयी समुद्री रेशम मार्ग सम्बन्धी घोषणा और उक्त महती योजना के उद्देश्यों को विश्व समुदाय के समक्ष रखने की बात सूचनाप्रद लगी। कार्यक्रम में 'एक पट्टी एक मार्ग' पर आधारित कहानी के तहत मार्ग पर स्थित महत्वपूर्ण प्रदेश शिनच्यांग और वहां के विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र-छात्राओं के लिये शिक्षा के बेहतरीन माहौल और उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं पर भी अहम् जानकारी हासिल हुई। कार्यक्रम में एक अफ़गान छात्र और छात्रा के विचार सुनवाया जाना और 'एक पट्टी एक मार्ग' योजना के लिये देशों के बीच मानव, सांस्कृतिक और शैक्षिक आवाजाही की अहमियत पर रौशनी डाला जाना भी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगा। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    श्रोताओं के अपने मंच साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" पर जमी श्रोताओं की महफ़िल आज भी अच्छी रही। क्यों कि वर्तमान में सीआरआई द्वारा "एक पट्टी एक मार्ग" वैश्विक ज्ञान प्रतियोगिता भी चलायी जा रही है, इसलिये उम्मीद की जानी चाहिये कि श्रोता प्रतियोगिता में भाग लेने के साथ-साथ पत्रोत्तर के लिये भी पत्र लिखेंगे और कार्यक्रम में पत्रों की संख्या बढ़ेगी।

    अनिलः सुरेश आगे लिखते हैं कि साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत मध्यप्रदेश में आयकर विभाग द्वारा पोषण आहार आपूर्ति में घपला करने वाली फ़र्मों पर की गयी छापेमारी की वास्तविकता पर लेख सुना, जिससे काफी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई। रिपोर्ट सुन कर पता चला कि भ्रष्टाचार में लिप्त फ़र्मों और अफ़सरों पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी और अब पहली अप्रैल से प्रदेश में पोषाहार कार्यक्रम पर नयी केन्द्रीयकृत योजना लागू की गयी है। रिपोर्ट में आईसीडीएस अथवा समन्वित शिशु विकास योजना की व्याख्या किया जाना भी अच्छा लगा।

    "चीन का तिब्बत" कार्यक्रम के तहत सीआरआई संवाददाता द्वारा छिंगहाई-तिब्बत रेलमार्ग की यात्रा पर महत्वपूर्ण वृत्तांत पेश किया गया। वास्तस्व में, इस रेलमार्ग से चीन के भीतरी इलाकों को तिब्बती पठार के साथ जोड़ा गया है और इस रेलमार्ग के पश्चिमी तिब्बत स्थित शिगाज़े शहर तक विस्तृत होने के बाद तिब्बत के लिए दक्षिण एशिया उन्मुख खिड़की खुल गयी है।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत चीन के 'एक पट्टी एक मार्ग' और भारत की 'लुक ईस्ट पॉलिसी' पर थिंक टैंक प्रसून शर्मा के साथ पंकज श्रीवास्तव की परिचर्चा सुन कर महसूस हुआ कि उक्त दोनों योजनाएं युगान्तकारी सिद्ध हो सकती हैं, बशर्ते कि चीन-भारत के बीच अच्छी समझ कायम हो। मुझे विशेषज्ञों की यह बात बिलकुल सही जान पड़ती है कि इक्कीसवीं सदी चीन और भारत की होगी। इससे न केवल चीन-भारत, दक्षिण एशिया अथवा दक्षिण-पूर्वी एशिया बल्कि तमाम दुनिया में आर्थिक समृद्धि आयेगी और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। धन्यवाद् एक महती परिचर्चा के लिये।

    ललिताः 6 मई को सीआरआई हिन्दी की वेबसाइट पर चीन निर्मित प्रथम यात्री विमान सी 919 ने 5 मई को पूर्वी चीन के शांगहाई शहर के फूथोंग हवाई अड्डे से सफलतापूर्वक उड़ान भरी। निश्चित तौर पर विमानन उद्योग और उड्डयन क्षेत्र में चीन की एक असाधारण उपलब्धि कही जायेगी। उम्मीद की जा रही है कि चीन निर्मित यात्री विमानों की देश-विदेश में व्यापक मांग होगी।

    एक अन्य रिपोर्ट में भारत स्थित चीनी राजदूत लो चाओ ह्वेई द्वारा 3 मई को भारतीय विश्व मामला कमेटी के महानिदेशक और चीन स्थित पूर्व भारतीय राजदूत सूरी से मुलाकात कर चीन-भारत संबंध, एक पट्टी एक मार्ग पहल आदि पर बातचीत किये जाने का समाचार काफी महत्वपूर्ण लगा। सुरेश अग्रवाल जी, हमें इतना लम्बा पत्र भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आशा है आप आगे भी हमारा समर्थन करते रहेंगे। शुक्रिया।

    अनिलः अगला पत्र हमें भेजा है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू ने। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सभी सदस्य आप के द्वारा प्रसारित कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं ! 1 मई को प्रस्तुत कार्यक्रम अतुल्य चीन में बताया गया कि दक्षिण-पूर्वी चीन के फू चेन प्रांत की श्यो निंग काउंटी का श्या तांग गांव पहाड़ों में स्थित एक छोटा सा गांव है। पहले लोग सिर्फ यह जानते थे कि श्या तांग गांव बहुत गरीब है। इधर के कुछ सालों में श्या तांग न सिर्फ अपने चाय ब्रांड "गांव का ज़ायका" के तहत उपभोक्ताओं का पसंदीदा स्थल बन चुका है, बल्कि गरीबी से मुक्ति पाने का रास्ता भी उन्होंने खोज निकाला है।

    आर्थिक जगत में एक पट्टी एक मार्ग और भारत विषय पर परिचर्चा अच्छी लगी !

    ललिताः चीनी कहानी में प्रसारित नीति कथा बेहद पसंद आया !

    आपका पत्र मिला कार्यक्रम में नियमित मेरे पत्र को शामिल किया जा रहा है जिस से हमलोगों को काफी ख़ुशी मिलती है ! सुरेश अग्रवाल जी की प्रेरणा से इस मुकाम पर पहुंचे हैं ! आज एक नियमित श्रोता की सूची में मेरा नाम है इसका श्रेय सुरेश जी का ही है, उनसे नियमित बातें भी होती रहती है ! सी आर आई के द्वारा मुझे एक अच्छा मित्र मिला, इसके लिए धन्यवाद !

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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