लेखक - अखिल पाराशर
चीन में कई ऐसी जगह हैं, जिनकी प्राकृतिक खूबसूरती की अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल और नामुमकिन हो जाता है। बुधवार को सीआरआई के चीनी और विदेशी पत्रकारों की हपेई यात्रा का तीसरा दिन रहा। मंगलवार की शाम को शच्याजुआंग से सांगजोउ पहुंचे थे। आज सुबह सबसे पहले हमें सांगजोउ पोहाई क्षेत्र में स्थित नानताकांग आर्द्रभूमि ले जाया गया, जो कि पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। सांगजोउ समुद्रतटीय मैदान पर स्थित है, और 20 से ज्यादा नदियों का पानी वहां 9 तरफ से समुद्र में जाकर गिरता है, साथ ही नदी, तालाब, झील आदि के पानी का कुल भंडारण क्षमता 480 मिलियन क्यूबिक मीटर के बराबर है, इस लिहाज से नानताकांग आर्द्रभूमि पर्यटन का प्रमुख क्षेत्र माना जाता है।
वहां जाकर हरियाली और ताजी हवा का एहसास हुआ। दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली और पानी दिखाई नजर आ रहा था। नानताकांग आर्द्रभूमि हपेई प्रांत का प्रकृति आरक्षित क्षेत्र है। यहां दूर-दूर से देसी-विदेशी पक्षी आते हैं। पर्यवेक्षण आकंड़ों के मुताबिक, पक्षियों की 168 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर रक्षा किये जाने वाले लाल सिर के सारस, सफेद सारस, हुडवाला वाले सारस, मर्जुस बस्टरर्ड आदि शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में सफेद हंस भी देखे जा सकते हैं।
नानताकांग आर्द्रभूमि आकर ताजगी का एहसास होता है। इसकी प्रकृति की सुंदरता ही कुछ ऐसी है, जो सबको अपनी ओर खींच लेती है।