Web  hindi.cri.cn
    आपका पत्र मिला 2017-05-03
    2017-05-03 09:56:49 cri

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में भी हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। लीजिए पेश है श्रोताओं के पत्र। पहला पत्र हमें आया है, दुर्ग छत्तीसगढ़ से आनंद मोहन बेन का। लिखते हैं कि समाचारों के अलावा, विश्व का आईना के तहत बताया गया कि भारत के तमाम छात्र इन दिनों चीन में पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन मेडिकल के कई छात्र पढ़ाई करने के बाद जब भारत वापस आते हैं, तो इन्हें यहां प्रैक्टिस नहीं मिल पाती है।

    वहीं अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने 20 मार्च को 2017 में विश्व के अमीरों की सूची जारी की। पिछले साल की तुलना में विश्व में 10 खरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति वाले लोगों की संख्या में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह संख्या 2043 तक जा पहुंची है। यह भी फोर्ब्स द्वारा विश्व की अमीरों की सूची जारी करने के 31 सालों में सबसे अधिक है।

    फोर्ब्स द्वारा हाल में जारी 2017 विश्व के अमीरों की सूची में सॉफ़्टवेयर के संस्थापक बिल गेट्स 86 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ लगातार चौथे साल पहले स्थान पर रहे। इस के साथ ही पिछले साल की तुलना में उनकी संपत्ति में भी इजाफा हुआ है। पिछले 23 सालों में बिल गेट्स लगभग 18 बार विश्व के अमीरों की सूची के पहले नंबर पर रहे हैं। वहीं स्टॉक गॉड वॉरन बफेट 75.6 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर रहे। जबकि तीसरे स्थान पर अमेज़ोन के संस्थापक जेफ़ बेजोस हैं, उनकी संपत्ति 72.8 अरब अमेरिकी डॉलर है। जेफ़ बेजोस पहली बार है कि वे तीसरे स्थान पर पहुंचे हैं। वहीं स्पेन के वस्त्र खुदरा व्यापारी, मशहूर जारा ब्रांड के अमनसिओ ओर्तगा 71.3 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ चौथे नंबर पर रहे, जबकि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग 56 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पांचवें स्थान पर हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ 544वें स्थान पर रहे।

    ललिताः आनंद मोहन जी, हमें टिप्पणी भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आशा है आप आगे भी हमें ई-मेल भेजते रहेंगे।

    अगला पत्र हमें आया है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। लिखते हैं कि हमारे क्लब के सभी सदस्य आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं ! कार्यक्रम अतुल्य चीन में प्रसारित गरीबी उन्मूलन में चीन सरकार की उपलब्धियां और वर्ष 2020 तक पूरी तरह ग़रीबी से छुटकारा ! वर्ष 1978 में सुधार और वैदेशिक खुलेपन के बाद चीन सरकार गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता देती आयी है। बड़ा आर्थिक विकास होने के साथ साथ चीन में 70 करोड़ की आबादी को गरीबी की चपेट से छुटकारा मिला है। इस समय चीन विश्व में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन अमीर गरीब के बीच की खाई अब भी मौजूद है। चीन में प्रति व्यक्ति औसत आय की तुलना में विकसित देशों की औसत आय बहुत अधिक है। आंकडों के मुताबिक वर्ष 2015 में चीन में 5 करोड़ 57 लाख 50 हजार लोगों की सालना आमदनी 2800 युआन से कम रही, जो ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन बिताते हैं। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो गरीब लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन देश की पूरी जनसंख्या में गरीबों का अनुपात सिर्फ 5 प्रतिशत है, जो काफी कम हो गया है। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी !

    कार्यक्रम नमस्कार चाइना अच्छी लगी ! चीनी कहानी में प्रसारित नीति कथा "कान को हाथ से बन्द करके घंटी की चोरी", "साहब ये की पसंद ड्रैगन", "हथौड़ा खोने के बाद" और "लोमड़ी से चमड़े की मांग" बेहद पसंद किया गया ! एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    शंभू जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आशा है आप निरंतर हमें पत्र भेजते रहेंगे, शुक्रिया।

    अब पेश है अगला पत्र, जिसे भेजा है मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि साप्ताहिक "अतुल्य चीन" के तहत चीन में ग़रीबी उन्मूलन की प्रगति पर महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की गयी। चीन विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और वहां 70 करोड़ से अधिक लोगों को ग़रीबी के चंगुल से मुक्त कराया जा चुका है। इस परिप्रेक्ष्य में उत्तरी चीन के हानतान शहर का जायज़ा लेने गई टीम का आंकलन और चीन में ग़रीबी उन्मूलन के लिए क्षेत्र-विशेष नीति लागू किया जाना महत्वपूर्ण लगा। कार्यक्रम में आगे चीनी बौध्द-धर्म प्रतिनिधिमंडल द्वारा म्यांमार की मित्रवत यात्रा और पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मोत्सव सम्बंधी जानकारी भी सूचनाप्रद लगी।

    कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत चीन में सम्पन्न चीन-भारत इंटरनेट सम्मेलन में भाग लेने गये कॉमन फ़्लो कम्पनी के सुमित जैन से अखिल पाराशर द्वारा की गयी बातचीत से भी विषय सम्बन्धी कई बातें निकल कर सामने आयीं।

    साप्ताहिक "आर्थिक जगत" के तहत आर्थिक समाचारों में चीन-मालदीव मैत्री पुल बन कर तैयार, जो कि "एक पट्टी एक मार्ग" का अहम् हिस्सा है, के अलावा अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने भी कहा कि वह भी "एक पट्टी एक मार्ग" के लिये सक्रिय हैं, जान कर अच्छा लगा। ख़ास रिपोर्ट में पाकिस्तान के ग्वादर बन्दरगाह की अहमियत को रेखांकित किया जाना चीन-पाकिस्तान प्रगाढ़ होते रिश्तों का परिचायक कहा जायेगा। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिए।

    अनिलः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि 25 अप्रैल को "नमस्कार चाइना" भी ग़ौर से सुना। विशेष सेगमेण्ट में पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव सम्बन्धी रिपोर्ट अच्छी लगी। इसके साथ ही पतंग महोत्सव की विस्तृत जानकारी हम सीआरआई हिन्दी की वेबसाइट के जरिए भी हासिल कर चुके थे, परन्तु रेड़ियो पर पतंगबाज़ी में भाग लेने आये पाकिस्तानी और भारतीय लोगों की प्रतिक्रियाएं सुन कर कार्यक्रम जीवन्त हो उठा और ऐसा महसूस हुआ कि जैसे हम स्वयं वहां नज़ारा देख रहे हैं।

    कार्यक्रम में आगे "महानायकों का चीन" स्तम्भ के तहत भूत-प्रेतात्माओं और लोमड़ियों पर कहानियां लिखने वाले महान चीनी लेखक, जिन का नाम मैं रिसैप्शन में आयी गड़बड़ी के कारण नहीं सुन पाया, उनकी रचनाओं पर अच्छी जानकारी हासिल हुई। वहीं चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में -चीनी वैज्ञानिक याओ को तिब्बत में ग्लेशियरों पर अनुसंधान के लिए सम्मानित किया जाना; चीन में 10,920 किलोमीटर लम्बा सफ़र महज़ 13-14 दिनों में तय करने वाली मालगाड़ी की शुरुआत; मालवाहक ट्रेन के जरिये रूस से सामान पहुँचा चीन के काँचो में; चीन द्वारा जैव-चिकित्सा के क्षेत्र में अफ़्रीकी देशों की भारी मदद और शिनच्यांग में बुरी तरह बीमार हिम तेंदुओं का इलाज़ कर उन्हें जंगल में छोड़ा गया, ख़बरें अहम् लगीं।

    वहीं होस्ट लीला भट्ट द्वारा पेश "चीनी कहानी" के अन्तर्गत आज पेश 'कान को हाथ से बन्द कर घण्टी की चोरी', 'शहाबिये की पसन्द ड्रैगन', 'हथौड़ा खोने के बाद' तथा 'लोमड़ी के चमड़े की मांग' आदि चारों नीति-कथाएं काफी शिक्षाप्रद लगीं। धन्यवाद्।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "विश्व का आइना" भी हमने ध्यानपूर्वक सुना, जिसके तहत विदेशों में पढ़ने वाले कोई तीन लाख छात्रों, विशेषकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के मनपसन्द गंतव्यों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में बतलाया गया कि अंग्रेज़ी भाषी देशों के बाद भारतीय छात्र चीन को अपनी पहली पसन्द मानते हैं। वर्ष 2015 में चीन में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 16,694 थी, जिनमें 80 प्रतिशत छात्र मेडिकल और चीनी-भाषा अध्ययन करने वाले थे। यह जान कर अच्छा लगा कि धोखाधड़ी से बचाने के लिये चीन द्वारा अपने 45 श्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों की सूची ज़ारी की गयी है।

    एक अन्य रिपोर्ट में अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स द्वारा गत 20 मार्च को ज़ारी विश्व के सर्वाधिक अमीरों की सूची सम्बन्धी जानकारी महत्वपूर्ण लगी। मैं इन तमाम लोगों की बुध्दिमत्ता और प्रारब्ध को नमन करता हूँ।

    साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत मेरी मेहनत को आज भी अच्छा प्रतिसाद मिला, मेहनत सार्थक हुई और आगे और बढ़-चढ़ कर कार्य करने की प्रेरणा मिली। यदि मुझे इसी तरह आपका समर्थन मिलता रहा, तो यक़ीन मानिये, यह बंदा भी आपकी उम्मीदों पर हमेशा खरा उतरेगा। धन्यवाद्। सुरेश जी, हमें ई-मेल भेजने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आपकी टिप्पणी हमारे लिए बहुत अहम है। हमारा समर्थन करने के लिए आपका बेहद शुक्रिया।

    अनिलः वहीं सुरेश अग्रवाल ने आगे लिखा है कि 27 अप्रैल को "बाल-महिला स्पेशल" के तहत मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के कुपोषण और विकास संबंधी समस्याओं पर रिपोर्ट का दूसरा भाग सुना, वास्तव में यह स्थिति गम्भीर है। देखा जाये तो इसका मूल कारण ग़रीबी है। करोड़ों के बज़ट के बावज़ूद बच्चों के आहार में दुग्ध उत्पादों, फलों और सब्जियों की मात्रा न के बराबर होती है और केवल 20 प्रतिशत आदिवासी परिवारों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा मौजूद है। भारत सरकार द्वारा जारी "रिर्पोट ऑफ द हाई लेबल कमेटी आन सोशियो इकोनॉमिक, हेल्थ एंड एज्यूकेशनल स्टेटस ऑफ ट्राइबल कम्यूनिटी" 2014 के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी समुदाय में शिशु मृत्यु दर प्रति हज़ार 88 है जबकि मध्यप्रदेश में यह दर 113 बताई जाती है। इसी तरह से राष्ट्रीय स्तर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 129 है, वहीं प्रदेश में यह दर 175 बताई जाती है। आदिवासी समुदाय में टीकाकरण की स्थिति भी चिंताजनक है। रिर्पोट के अनुसार देश में 12 से 23 माह के बच्चों के टीकाकरण की दर 45.5 है जबकि मध्यप्रदेश में यह दर 24.6 है। 2015 की कैग रिपोर्ट ने जिन आदिवासी बहुल राज्यों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था, उसमें मध्यप्रदेश भी शामिल है। इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में कुपोषण पर प्रदेश सरकार के प्रयास नाकाफी बताए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार तेरह जिलों में आंगनवाड़ियों में पोषण आहार के बजट में गड़बड़ियां पायी गयी हैं। रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी क्षेत्रों की आंगनवाड़ियां सुचारु तौर पर संचालित नहीं हो रही हैं और पोषण आहार का वितरण ठीक से नहीं हो पाता है। निश्चित तौर पर इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिये शुक्रिया।

    वहीं कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत गत दो दशकों से ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले और पेइचिंग में आयोजित वैक्सीन सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन पहुंचे डॉ. ज़हीर अंजुम से ली गई भेंटवार्ता महत्वपूर्ण लगी। उन्होंने क्लिनिकल ट्रायल्स और चिकित्सकीय अनुसंधान पर अहम् जानकारी साझा की और यह भी बतलाता कि क्यों आम चिकित्सक को फार्मास्यूटिकल डेवलपमेन्ट की जानकारी नहीं होती। जानकारियों के क्रम में विश्व प्रसिध्द हास्य अभिनेता चार्ली चैपलिन पर दी गयी जानकारी भी महत्वपूर्ण कही जा सकती है। उनका जन्म 16 अप्रैल, 1889 को लंदन में हुआ था और मृत्यु 88 साल की उम्र में 1977 में क्रिसमस के दिन हुई थी। चार्ली के बारे में यह जानकारी हृदयस्पर्शी लगी।

    वहीं वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए हमारे सौर मंडल के बाहर पृथ्वी से कुछ बड़े एक ग्रह पर वायुमंडल की उपस्थिति का पता लगाया जाना भी शुभ समाचार है। अध्ययन के अनुसार सौर मंडल से बाहर स्थित ग्रह 'जीजे 1132 बी' पृथ्वी से लगभग 39 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इसकी त्रिज्या पृथ्वी से 1.4 गुणा ज्यादा और इसका वजन पृथ्वी के वजन से 1.6 गुणा ज्यादा है।

    अगली जानकारी में एक टेस्ट ने एक कपल की जिंदगी में भूचाल ला दिया, के बारे में सुना तो हम भी दंग रह गये। परीक्षण के बाद पता चला कि वे जन्म से तो जुड़वा भार्इ-बहन हैं। इस कपल को जब से इस बारे में पता चला है वे सच्चार्इ स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं। ये दोनों अमेरिका के मिसिसिपी स्थित एक क्लिनिक में गए थे। ये सोचकर कर कि इससे उनकी बच्चा पैदा करने की मुराद पूरी हो जाएगी, लेकिन उन्हें जो बताया गया उससे दोनों दंग रह गए।

    कार्यक्रम में ऐसी घडी, जो अलार्म के तौर पर सूर्योदय जैसी रोशनी से आपको उठने के लिए तैयार करती है। यही नहीं, इसकी रोशनी से मुंह ढककर फिर से सोने की बजाय आप बिस्तर से कूद कर बाहर आने के लिए प्रेरित होंगे। इसपर दी गई जानकारी भी दिलचस्प लगी। कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी गुदगुदाने में कामयाब रहे। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    ललिताः सुरेश लिखते हैं कि साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" कार्यक्रम में गत दो साल से निर्माणाधीन ल्हासा-न्यिंगची रेल मार्ग की प्रगति और कार्य के दौरान दरपेश भौतिक और इंजीनियरिंग कठिनाइयों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी।

    वास्तव में, ल्हासा-न्यिंगची रेल मार्ग का निर्माणकार्य 19 दिसंबर 2014 में शुरू हुआ और इसकी कुल लंबाई कोई चार सौ किलोमटीर है। यह जान कर हैरत हुई कि ल्हासा-न्यिंगची रेल मार्ग का 90 प्रतिशत भाग समुद्री सतह से 3000 मीटर ऊंचे पठार पर बना है, जहां भौगोलिक स्थिति अत्यंत जटिल है, लेकिन निर्माणकर्ता तमाम कठिनाइयों को दूर करते हुए योजना को आगे बढ़ा रहे हैं।

    कार्यक्रम में आगे दो साल पहले 25 अप्रैल को नेपाल में आये 8.1 तीव्रता वाले गंभीर भूकंप से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में भी काफी नुकसान हुआ था। यह जान कर अच्छा लगा कि भूकंप के दो साल बाद तिब्बत के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण का काम आम तौर पर समाप्त हो गया है और लोगों का जीवन भी सामान्य बन गया है। आपादग्रत क्षेत्र की नवीनतम स्थिति से आगाह कराने हेतु हार्दिक धन्यवाद।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत चीन की महती "एक पट्टी एक मार्ग" परियोजना पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी मामलों के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर बी.आर.दीपक से ली गयी बातचीत सुन कर चीन-भारत के बीच क़ायम विवादों पर अहम् जानकारी हासिल हुई। धन्यवाद् इस महती परिचर्चा के लिये।

    सुरेश ने आगे लिखा है कि सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण यूँ तो हम प्रतिदिन सुनते ही हैं, परन्तु कभी-कभी सीआरआई हिन्दी वेबसाइट पर पोस्ट सामग्री भी हमारा ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करती है। क्यों कि हमारे लिये सीआरआई हिन्दी रेड़ियो और वेबसाइट दोनों ही ख़ास हैं, इसलिये हम दोनों को तवज़्ज़ो देते हुये अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। आशा है कि आपको हमारा यह अंदाज़ पसन्द आता होगा। बहरहाल, चीन द्वारा प्रक्षेपित प्रथम कार्गो अंतरिक्ष यान थिएन्चो नम्बर 1 ने पेइचिंग के समयानुसार 27 अप्रैल को शाम 7 बज कर 7 मिनट पर सफलतापूर्वक पहले से अंतरिक्ष में कार्यरत थिएनकुंग नम्बर 2 को ईंधन की आपूर्ति की, यह समाचार हमारे लिये काफी उत्साहवर्धक था।

    एक अन्य पोस्ट में शानशी दौरे के अन्तर्गत पत्रकारों को 27 अप्रैल को बाओची शहर में स्थित औद्योगिक कारख़ानों और एक कांस्य संग्रहालय ले जाया गया। पता चला कि बाओची शीआन के बाद शानशी प्रांत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और यहाँ पर तमाम प्रकार के कारख़ाने मौजूद हैं। यह शहर चीन के औद्योगिक उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। सचमुच, चीन की चहुंमुखी प्रगति हैरान करने वाली और अनुकरणीय है।

    वहीं साप्ताहिक "सन्डे की मस्ती" का भी हमने पूरा मज़ा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत 'अच्छा हुआ तुम से मिला' शीर्षक चीनी गीत से किया जाना अच्छा लगा। तत्पश्चात सपनाजी द्वारा पेश 'विश्व की संवेदनशील कहानी' के तहत ऑस्ट्रेलियाई लेखक की कहानी 'रौशनी के दायरे में' सुनी, काफी गूढ़ अर्थों वाली लगी। जब कि अखिलजी द्वारा पेश प्रेरक कहानी 'ब्लैक स्पॉट' वास्तव में, काफी प्रेरक और शिक्षाप्रद लगी। मनोरंजन खण्ड में इस शुक्रवार रिलीज़ हुई हिन्दी फ़िल्म "बाहुबलि-2" की चर्चा के साथ उसका ट्रेलर सुनवाया जाना रुचिकर लगा। और हाँ, आज के ज़ोक्स में मेरे ज़ोक्स को इज़्ज़त बख़्शने का तहेदिल से शुक्रिया। धन्यवाद्।

    अनिलः सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बेहद शुक्रिया। इसी के साथ हम सभी अन्य श्रोताओं का भी शुक्रिया अदा करना चाहेंगे और उम्मीद करते हैं कि आप आने वाले समय में भी हमारे साथ यूंही जुड़े रहेंगे।

    दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040