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    आप की पसंद 170408
    2017-04-10 11:06:16 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ....कस्बा नीदंरू, चूना भट्ठी, धामपुर, ज़िला बिजनौर उत्तर प्रदेश से निशा, शावेज, तरयबा खान, इनके मम्मी पापा और सारे परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आशिकी फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं समीर और संगीत दिया है नदीम श्रवण ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. जाने जिगर जानेमन .....

    पंकज - डिजिटल मीडिया मार्केटिंग: लाइक का गोरखधंधा

    पसंद होना किसे पसंद नहीं! हर इंसान और ब्रैंड चाहता है कि उसे दुनिया भर के लोग इतना पसंद करें कि वह कामयाबी के आसमान पर पहुंच जाए। लेकिन क्या पसंद होने का कोई शॉर्टकट है ? हां, कम-से-कम डिजिटल दुनिया पर तो है और इसे डिजिटल मीडिया मार्केटिंग कहते हैं। इस दुनिया से एक रास्ता जुर्म की उन गलियों में जाता है जहां क्लिक करके पैसे कमाने का पोंजी मॉडल परवान चढ़ता है। आज हम आपको डिजिटल मीडिया मार्केटिंग में जुर्म की दुनिया से रूबरू कराने जा रहे हैं

    क्या है डिजिटल मीडिया मार्केटिंग

    मोबाइल और कंप्यूटर पर इंटरनेट के जरिए अपने ब्रैंड को बेहतर से बेहतर साबित करने की दौड़ ही असल में डिजिटल मीडिया मार्केटिंग है। जब इंटरनेट नहीं था तब ये सारी ऐक्टिविटी अलग-अलग सर्वे और विज्ञापनों के जरिए की जाती थी। इंटरनेट के आने के साथ ही साइबर दुनिया पर डिजिटल मार्केटिंग का दौर शुरू हो गया। सोशल मीडिया के आने से सबसे बड़ा बदलाव यह आया कि जहां पहले वेबसाइट पर लोगों के आने का इंतजार करना होता था वहां अब उन तक सीधे पहुंचा जा सकता था।

    फेसबुक और ट्विटर पर जैसे-जैसे लोग बढ़ते गए, डिजिटल मीडिया मार्केटिंग अपना रंग-रूप और पैंतरे बदल कर लोगों तक पहुंचने की कोशिश करने लगी। फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर ट्रेंड करते ही ब्रैंड की साख तो बढ़ती ही है साथ ही इस साख के आंकड़े बैलेंस शीट पर भी कमाई के तौर पर नजर आने लगते हैं।

    अंजली – ऐसा लगता है कि हम तकनीकी रूप से चाहे जितने भी आगे क्यों न निकल जाएं लेकिन लोग सेंधमारी कर ही लेते हैं, कम से कम लाइक्स के इस फर्जी धंधे को देखकर तो ऐसा ही लगता है। लेकिन मुझे लगता है कि ये सब सिर्फ पानी के बुलबुले की तरह है, किसी भी धंधे में टिकता वही है जो मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करता है। क्योंकि सफलता पाने का कोई भी short cut नहीं होता। इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है गुलशन रेडियो श्रोता संघ, कस्बा हाफ़िज़गंज, ज़िला बरेली उत्तर प्रदेश से शकील अहमद इदरिसी, पप्पू भाई इदरिसी, इशरत जहां इदरिसी, जुबैद अहमद, जुनैद अहमद, अशद अहमद, आशकारा, बेबी ईशा ने, आप सभी ने सुनना चाहा है मधुमती (1958) फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 2. दिल तड़प तड़प के .........

    पंकज - सर्च का मर्ज

    इंटरनेट पर सब कुछ मिलता है, बस इसे ढूंढने के लिए गूगल पर जाना होगा। गूगल पर एक ही चीज के लिए आपको ढेरों विकल्प दिखाई पड़ेंगे। इनमें से मनचाहा विकल्प चुना जा सकता है। हर ब्रैंड चाहता है कि सर्च में उसका ब्रैंड सबसे ऊपर आए। कोई चीज कैसे सर्च में ऊपर आएगी इसके लिए गूगल ने अपने सॉफ्टवेयर में खास सेटिंग्स की हुई हैं। इनके हिसाब से वेबसाइट बनाने पर गूगल इसे खुद-ब-खुद ऊपर दिखाता है। सीधा-सा फंडा है जितना गूगल के हिसाब से चलेंगे सर्च में उतना ही ऊपर जाएगा।

    फेसबुक पर लाइक्स की लूट

    हमने एनसीआर की एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी को खुद को बिजनसमैन बताते हुए फोन किया और अपने फेसबुक पेज पर लाइक न होने की समस्या बताई। उन्होंने हमारे बिजनस के बारे में जानकारी मांगी और अपने प्लान बताने शुरू किए। पहले तो उन्होंने महीने भर के हिसाब से प्लान बताए लेकिन हमने एक बार में ही चंद हजार लाइक खरीदने की बात की तो उन्होंने हमें वेबसाइट पर जाकर रेटलिस्ट देखने की बात बताई। हमने खोद कर पूछा कि लेकिन फेसबुक तो कहता है कि लाइक खरीदे नहीं जा सकते। इस पर उधर से जवाब मिला, फेसबुक को कहने दीजिए। हम हैं ना, आपका काम करवाने वाले। जब हम वेबसाइट पर गए तो बाकायदा जेनुइन फेसबुक लाइक खरीदने की रेटलिस्ट भी वहां पर मिल गई। वहां 799 रु. में 500 लाइक्स से लेकर 90 हजार रु. में 1 लाख फेसबुक लाइक्स खरीदने का ऑप्शन मौजूद था। वेबसाइट पर किसी खास लोकेशन से लाइक लेने के ऑप्शन के बारे में भी बताया गया था। आप इंडिया या अमेरिका के लाइक्स मनमुताबिक खरीद सकते हैं।

    अगर आपको हर हफ्ते के हिसाब से लाइक चाहिए जिससे किसी को शक न हो कि आप लाइक खरीद रहे हैं तो उसका भी इंतजाम है। एक दूसरी एजेंसी ने हमें बताया कि वह हर हफ्ते के हिसाब से कुछ हजार लाइक्स हमारे पेज पर देगी जिससे लाइक्स को लेकर किसी तरह का शक नहीं होगा। इसके लिए महीने में 25 से 30 हजार का खर्च आएगा।

    अंजली – कोई भले ही कितनी भी तिकड़म लगा ले, हो सकता है कि ऐसे तिकड़मी कुछ समय के लिये मैदान भी मार जाएं लेकिन इन्हें पहुंचना तो अपने ग्राहकों तक ही है, और ग्राहक को जब इनका काम अपने मन मुताबिक नहीं लगेगा तो फिर उसका कोई फायदा नहीं है, जल्दी ही वो बेनकाब होंगे और अंत में जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है, व्यापारी बड़ा हो या छोटा, चलता अपनी मेहनत, लगन और ईमानदारी के बल पर ही है, आपने अक्सर देखा होगा कि शहर का कोई मशहूर हलवाई, रेस्तरां, परचून की दुकान, पान की दुकान होती है वो पूरे शहर में अपने नाम से जानी जाती है, और ऐसा सिर्फ इसलिये होता है क्योंकि ग्राहक उन्हें पसंद करता है, ग्राहक उन्हें उनके काम से पसंद करता है जिसके पीछे उन व्यापारियों की ईमानदारी और मेहनत लगी होती है। हमें उस व्यक्ति को देखकर भ्रमित नहीं होना चाहिए जो कम समय में ही बाज़ी मार जाता है क्योंकि सफलता पाने का कोई छोटा रास्ता आजतक नहीं बना है। हमारे पास अगला पत्र आया है मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज, आलोट, महाराष्ट्र से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके सभी साथी, आप सभी ने सुनना चाहा है स्वर्ग नर्क (1978) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं आंनद बख्शी और संगीत दिया है राजेश रौशन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. नहीं नहीं कोई तुम सा हसीं ......

    पंकज - उड़ी चिड़िया

    हमने ट्विटर पर अपनी ऑडिएंस बढ़ाने के लिए एक मार्केटिंग एजेंसी को फोन किया। हमें बाकायदा रेटलिस्ट और लोकेशन के हिसाब से फॉलोअर उपलब्ध करने की बात की गई। हमें इस बात की तस्दीक दी गई कि 10 हजार रु. में 25 हजार फॉलोअर आराम से मिल जाएंगे। जब हमने किसी खास हैशटैग पर ट्रेंड करवाने के बारे में पूछा तो उन्होंने पहले ट्विटर की पेड ट्रेंडिंग सर्विस के बारे में सुझाया लेकिन हमने नॉन-एडवर्टाइजिंग सेग्मेंट में ट्रेंड करने की बात की तो उन्होंने हमें एक दूसरी एजेंसी का नाम सुझाया।

    वहां पर जब हमने फोन मिलाया तो इस काम को बड़े ही सुनियोजित तरीके से करने के एक सिस्टम का पता चला। किसी भी टॉपिक को ट्रेंड करवाने के लिए बाकायदा देश भर में टीमें बनाई गई हैं और तय किए गए वक्त पर लोग ट्रेंड करवाने वाले हैशटैग पर ट्वीट करना शुरू कर देते हैं। अमूमन कंपनी 1 घंटे तक टॉप 3 जगहों पर ट्रेंड करवाने के लिए चार्ज करती हैं।

    लोकल ट्रेंडिंग में जहां रेट की शुरुआत 25 हजार रुपये से होती है वहीं नैशनल में ये रेट 1 लाख रुपये तक जा सकता है। सीधा फंडा है। जितना खर्च करेंगे, उतना ज्यादा पाएंगे। हमने उनसे अपने ट्विटर हैंडल को वेरिफाई करवाने के लिए कहा। उन्होंने पहले तो हमें मना कर दिया लेकिन ज्यादा जोर देने पर 60 हजार रुपये की मांग की।

    अंजली – मित्रों पंकज हमें बहुत ही तकनीकी और भारी भरकम जानकारी दे रहे हैं जिससे मेरा दिमाग भारी हो रहा है, इसलिये अब मैं आप सभी को सुनवाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है हरिपुरा, झज्जर, हरियाणा से प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा और वधवा परिवार के सारे सदस्यों ने आप सभी ने सुनना चाहा है मुस्कुराहट (1992) फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और साधना सरगम ने संगीत दिया है रामलक्ष्मण ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 4. गुन गुन करता आया भंवरा .....

    पंकज - गूगल पर ये लाते हैं आगे

    गूगल पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन या SEO के नाम पर देश भर बड़ी इंडस्ट्री काम कर रही है। सबके पास आपको सर्च में ऊपर ले जाने के अलग-अलग और गारंटीशुदा प्लान हैं। हमने इसका हाल जानने के लिए बेंगलुरु फोन मिलाया। वहां पर मौजूद एक एजेंसी ने हमसे दावा किया कि वह बताए गए वक्त में दिए गए 10 वर्ड्स पर हमें सर्च में हमेशा पहले पेज पर शुरुआती तीन जगहों पर बनाए रहेंगे।

    इसके लिए हमें हर महीने 20 हजार रुपये से 45 हजार रुपये तक देने होंगे। इसके लिए उन्हें वेबसाइट का पूरा कंट्रोल देना होगा। हमने जब वेबसाइट के ब्लैक लिस्टेड हो जाने के डर के बारे में बताया तो उन्होंने कहा, हम बरसों से यह कर रहे हैं और हमारी सर्विस लेने वाली कोई भी वेबसाइट आज तक डाउन नहीं हुई।

    हम हैं रिव्यू चैंपियन

    बेंगलुरु की ही एक कंपनी से हमने अपने कंपनी की वेबसाइट पर पॉजिटिव रिव्यू लिखने के लिए बात की। उन्होंने हमें इसमें इनवेस्ट न करके सोशल मीडिया पर इनवेस्ट करने की सलाह दी लेकिन जब हमने उनसे ऐसा करने के लिए अड़े रहे तो वह मान गए। हमने उनसे एक टूर एंड ट्रैवल कंपनी की तरह बात की और अमेरिका और यूरोप से रिव्यू लिखवाने के लिए कहा और हर रिव्यू के लिए हमें 5 हजार रुपये का रेट बताया। हमने जब इसके काफी महंगा होने की बात कही तो ऑर्डर कंफर्म करने के वक्त छूट मिलने की बात करते हुए हमें हर तरह की बेहतरीन सर्विस का भरोसा भी दिया।

    'लाइक' के नाम पर ठगी

    अब तक बात हुई डिजिटल मीडिया मार्केटिंग में लकीर टेढ़ी करके कमाई करने की। लेकिन मार्केटिंग की इस टेढ़ी लकीर को तोड़-मरोड़ कर कुछ लोगों ने इसे 'डिजिटल इंडिया' कैंपेन के नाम पर लोगों को ठगने का काम शुरू कर दिया। इस लकीर में लोगों को लपेटने का चारा यह डाला गया कि बिना पैसे खर्च किए बस एक क्लिक के जरिए घर बैठे पैसे कमाएं। गूगल सर्च में ऊपर आना पूरी तरह से उसके स्मार्ट सॉफ्टवेयर की तकनीक पर निर्भर है। गूगल मापदंडो पर डिजाइन किए जाने पर ही वेबसाइट सर्च में अपनी जगह बनाती है।

    कैसे होती है कमाई

    • सबसे पहले कंपनी की वेबसाइट पर जाना होगा या ऐप डाउनलोड करना होगा।

    • इस पर लॉगइन करने के लिए एक रेफरेंस कोड की जरूरत होगी। यह कोड या तो कंपनी की वेबसाइट पर फोन करने से मिलेगा या किसी मेंबर से लिया जा सकेगा।

    • जैसे ही रेफरेंस कोड डालेंगे, आप ऐप के जरिए काम करने के लिए तैयार हैं।

    • इसके बाद कुछ पेजों को लाइक करने का टास्क दिया जाएगा। कंपनी इसे दुनिया भर में मौजूद अपने कस्टमरों के पेज बताती है लेकिन असल में ये लोकल सर्वर पर ही मौजूद पेज होते हैं। इन पर लाइक करवाने के बाद पहली बार में कुछ रकम अकाउंट में डाल भी जाती है।

    • इसके बाद आपको इसे विड्रॉल करने के लिए दो या कंपनी पॉलिसी के हिसाब से कुछ और मेंबर बनाने होते हैं।

    • इस दौरान आपसे और बाकी मेंबर्स से आगे की कमाई के लिए इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाता है।

    • इस दौरान यह ताकीद की जाती है कि जिन लोगों को अपने जरिए भेजेंगे, उन्हें अपना रेफरेंस नंबर दें। इससे आपकी कमाई और बढ़ेगी।

    ऐसे बनते हैं लोग बेवकूफ

    इस पूरे मॉडल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें फंसने वाले को किसी भी तरह का शक न हो। पहले इसे डिजिटल मीडिया मार्केटिंग से जोड़ कर लोगों की तकनीक की सीमित समझ के सहारे छला जाता है। इन कंपनियों ने डायरेक्ट सेल, चेन के जरिए बेचने और पोंजी सिस्टम का एक ऐसा कॉकटेल तैयार किया है जिससे कोई बच न सके। ठगी का शिकार हो रहे इंसान को हमेशा इस बात के लिए निश्चिंत किया जाता है कि उसके पैसा न सिर्फ सेफ है बल्कि कुछ ही वक्त में किसी बड़े बिजनस में लगाया जाने वाला है।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं रामलीला मैदान, सचेंडी से बाबा शिवानंद त्रिपाठी, शशि त्रिपाठी, मनू, तनू, सोनू, आलोक, शिवांश, और रामानंद त्रिपाठी, आप सभी ने सुनना चाहा है गर्दिश (1993) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले और एस पी बालासुब्रमण्यम ने, गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 5. रंग रंगीली रात आई आ झूम ले ....

    पंकज - कंपनी के कारनामों का खुलासा हो जाने के बाद भी वह ठगी के शिकार लोगों को अपने सही होने की दुहाई देती रहती है। इसी तरह की एक कंपनी जब ठग कर चंपत हो गई तो कुछ दिनों बाद उस कंपनी के फाउंडर ने लोगों को अपना ऑडियो मेसेज वट्सऐप के जरिए लोगों को भेजा। वह खुद को साजिश का शिकार लुटे-पिटे होने की बात करता सुनाई दिया। उसने लोगों के पैर छूकर माफी मांगने की बातें कहीं और पैसा हर कीमत पर वापस करने की बात कही।

    क्या लीगल है लाइक-फॉलोअर बेचना?

    डिजिटल मीडिया मार्केट की मंडी का जायजा लेने के बाद हमने इसके लीगल पहलू को समझने के लिए साइबर मामलों में एक्सपर्ट वकील से बात की। उनका कहना है कि लाइक और फॉलोअर खरीदना कानूनन आईटी एक्ट की धारा 66 डी और आईपीसी की धारा 415 और 420 के तहत धोखाधड़ी, कालाबाजारी और पहचान छुपाने के दायरे में आता है।

    इस तरह के मामले में कर्रवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि न तो लाइक खरीदने वाले और न बेंचने वाला किसी तरह की शिकायत दर्ज करते हैं। चूंकि लाइक और फॉलोअर बेंचने का कोई लीगल बिजनस है ही नहीं ऐसे में पूरी कमाई भी ब्लैक में होती है। जब लाइक और फॉलोअर बेचने का चार्ज लिया जाता है तो उसे भी बिल में लिखा नहीं जाता। सिर्फ सोशल मीडिया मार्केटिंग का जिक्र करके बिल बना दिया जाता है। सरकार और फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी मल्टीनैशनल कंपनियों की कमजोर इच्छाशक्ति से इस पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया है।

    ये तो बातें हुईं एक खास मार्केटिंग स्टाइल और बिरादरी की लेकिन इसके पीछे एक और दुनिया है जिसके बारे में हमने जानने की कोशिश की। हमने दिल्ली-एनसीआर में कुकरमुत्ते की तरह उग चुकी डिजिटल मीडिया मार्केटिंग कंपनियों से इस मामले में टोह लेने की कोशिश की। पेश है उसकी तस्वीर।

    हमने भी जब वॉट्सऐप के जरिए मिले नंबरों पर फोन किया तो पता चला कि वे असल में एक खास कंपनी की चेन का हिस्सा हैं और अपने रेफरेंस कोड के जरिए ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को ऐप पर लॉगइन करवाना चाहते हैं। जितने ज्यादा लोग किसी खास रेफरेंस आईडी से लॉगइन करेंगे, उस रेफरेंस आईडी वाले शख्स को उतना ही ज्यादा कमिशन मिलेगा। वॉट्सऐप के जरिए मिले मेसेज में कमाई के इस 'क्लिक मुहिम' में जुड़ने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के 'डिजिटल इंडिया' मुहिम तक की दुहाई दी गई है।

    हमने जब गहराई से खंगाला तो पिरामिड बिजनस करने वाली इस कंपनी ने बड़े ही शातिर तरीके से एक दूसरी आईटी फर्म खोल रखी है। इसके लिए उसने सर्विस टैक्स नंबर और पैन नंबर ले रखा है। इस नंबर को यह कंपनी अपने पिरामिड स्कीम वाले धंधे के लिए भी इस्तेमाल कर रही है।

    गूगल पॉलिसी

    न तो फेसबुक किसी तरह के लाइक बेचता है और न ही इस तरह के किसी बिजनस मॉडल का हिस्सा है। ऐसा करना पूरी तरह से गलत है।

    फेसबुक पॉलिसी

    अगर कोई भी ट्विटर फॉलोअर बेचने की बात करता है तो यह धोखाधड़ी का मामला है। इस तरह की सर्विस लेने और उपलब्ध करवाने वालों के अकाउंट्स को ट्विटर पॉलिसी के तहत बंद कर दिया जाता है।

    अंजली - श्रोता मित्रों हमें अब ढेरों पत्र ई मेल के ज़रिये भी मिल रहे हैं और इसके माध्यम से हमारे नए नए श्रोता भी बनते जा रहे हैं जो ये दिखाता है कि हमारा कार्यक्रम आप सभी को बहुत पसंद आ रहा है, तो इस बार ई मेल से हमें पत्र भेजने वाले हमारे नए श्रोता हैं यूनिवर्स यूथ क्लब बाजिदपुर चंग्वारा, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू, रंजू मुखिया, महावीर मुखिया, लाल किशोर मुखिया, अमित कुमार, अर्चना, आलोक, अजित कुमार आलोक, दीपू कुमार मुखिया, सुभाष कुमार गुप्ता और इनके सभी मित्र आप सभी ने सुनना चाहा है परख (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. ओ बरखा बहार आई ...

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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