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    आप की पसंद 170401
    2017-04-06 11:03:09 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ....मंदार श्रोता संघ बांका बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू, कृष भूटानी और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म वादे इरादे (1994) का गाना जिसे गाया है पंकज उधास ने गीतकार हैं देव कोहली, संगीत दिया है जतिन ललित ने और गीत के बोल हैं ....

    सांग नंबर 1. नगमों के रंग ....

    पंकज - मिल गए 'दुनिया के सबसे सेहतमंद दिलवाले'

    शोधकर्ताओं ने बोलीविया के जंगलों में रहने वाले चीमेने लोगों के दिल को दुनिया का सबसे सेहतमंद दिल पाया है.

    लांसेट में छपे एक अध्ययन के अनुसार, बूढ़े होने पर भी चीमेने लोगों के दिल की धमनियां बंद नहीं होतीं.

    शोधकर्ताओं का कहना है कि बिल्कुल अलग ख़ुराक और रहने के तौर तरीक़ों के कारण 'यह बेहद असाधारण आबादी' है.

    बोलीविया में अमेज़न के बारिश वाले जंगलों में चीमेने लोगों की क़रीब 16,000 की आबादी है. ये मैनीक्वी नदी के किनारे शिकार, मछली और खेती-बारी पर निर्भर है.

    उनकी ज़िंदगी के तौर तरीक़े, हज़ारों साल पहले इंसानी सभ्यता से मिलते जुलते हैं. यहां पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को लंबी यात्रा करनी पड़ी.

     उनके ख़ुराक का 17% हिस्सा शिकार पर निर्भर होता है.

     7% खुराक़ में ताज़े पानी की मछलियों जैसे पिरान्हा और कैटफिश़ होती हैं.

     बाक़ी ख़ुराक खेतों में पैदा होने वाले चावल, मक्का, केले आदि से आती है.

     इसके अलावा उनके ख़ुराक में फल और बादाम जैसे सूखे दाने होते हैं।

    अंजली – यकीनन इन लोगों का दिल तो सबसे स्वस्थ रहेगा ही ... क्योंकि इनकी खुराक बहुत अच्छी है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन का मिश्रण सही मात्रा में है और साथ ही ये लोग शारीरिक परीश्रम भी बहुत करते हैं जिसकी वजह से इनका दिल बहुत स्वस्थ रहता है। हमें भी अपने खान पान पर ध्यान देना चाहिए साथ ही हमें अपने व्यायाम पर भी ध्यान देना चाहिए, हो सके तो आप पैदल चलने की आदत डालें साथ ही अगर आप साइकिल चलाकर जा सकते हैं तो ये भी बढ़िया है। इससे आपके शरीर में रक्त संचार जारी रहेगा जिससे आप सभी की सेहत भी बेहतर रहेगी। अब मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है परमवीर हाउस, आदर्श नगर, बठिंडा पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके सभी परिजनों ने, आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म झूठा कहीं का (1979) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं गुलशन बावरा और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने, गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. जीवन के हर मोड़ पे मिल जाएंगे ....

    पंकज - इसका मतलब है-

     उनके ख़ुराक में 72% कैलोरी कार्बोहाइड्रेट्स से आती है, जबकि अमरीका में ये 52% है.

     अमरीका में 34% के मुकाबले यहां 14% कैलोरी फैट (वसा) से आती है.

     हालांकि अमरीकी और चीमेने 14% कैलोरी प्रोटीन से हासिल करते हैं.

     यहां मर्द प्रति दिन 17,000 क़दम, जबकि महिलाएं 16,000 क़दम चलती हैं. 60 साल से ऊपर के लोगों का औसत चलना भी 15,000 क़दम होता है.

     शोधकर्ताओं में से एक कैलीफ़ोर्निया में लॉन्ग बीच मेमोरियल मेडिकल सेंटर से जुड़े डॉ ग्रीगोरी थॉमस कहते हैं, "इससे वो व्यायाम का अधिकतम स्तर हासिल कर लेते हैं."

    जाम हुई धमनियों के कारण होने वाले दिल के दौरे के लिए कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम (सीएसी) प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार होता है. 705 लोगों पर किए गए अध्ययन में पता चला कि 45 साल की उम्र तक किसी चीमेने की धमनियों में सीएसी बिल्कुल नहीं था, जबकि इसी उम्र के 25% अमरीकियों में ये पाया जाता है.

    75 साल की उम्र तक पहुंचते पहुंचते दो तिहाई चीमेने लोगों में सीएसी बिल्कुल नहीं होता, जबकि इसी उम्र के 80% अमरीकियों में ये पाया जाता है.

    कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपोलॉजी के प्रोफ़ेसर माइकल गुर्वेन ने बताया, "उपलब्ध आंकड़ों में किसी भी आबादी के मुक़ाबले यह बहुत ज़्यादा कम है."

    उनके मुताबिक, "इस आंकड़े के नज़दीक केवल जापानी महिलाएं हैं."

    प्रो गुर्वेन ने कहते हैं, "हफ़्ते में एक बार व्यायाम से काम नहीं चलेगा, साइकिल से काम पर जाएं, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें."

    एसेक्स यूनिवर्सिटी में क्लीनिकल साइकोलॉजी में रीडर डॉ गेविन सैंडरकॉक कहते हैं, "यह शानदार अध्ययन है. अभी तक यही समझा जाता था कि कार्बोहाइड्रेट्स सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं."

    अंजली – श्रोता मित्रों, ये सारी जानकारियां सुनने में तो हमें बहुत अच्छी लगती हैं और हम सोचते हैं कि हमें भी ऐसा ही स्वस्थ जीवन जीना चाहिए, लेकिन हमारी इस सोच पर ज़बान का स्वाद हावी हो जाता है, और हम वापस अपनी पुरानी दिनचर्या में लौट जाते हैं। यानी हम ना तो अपना आरामदायक जीवन त्यागना चाहते हैं और ना ही खानपान में कोई सुधार करना चाहते हैं। खैर, हमारे अगले श्रोता हैं नारनौल, हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु, नवनीत और इनके साथी आप सभी ने सुनना चाहा है परिंदा (1989) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले और सुरेश वाडकर ने गीतकार हैं खुर्शीद हल्लूरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. प्यार के मोड़ पे .....

    जापान में लोगों पर चर्बी क्यों नहीं चढ़ती

    पंकज - दुनिया के 50 सबसे दुबले देशों की जारी सूची में वे देश हैं जो गरीबी, भूख, असुरक्षा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. पर सूची के 38वें नंबर पर जापान है जहां गरीबी नहीं होने के बावजूद लोगों का औसत वजन कम है.

    जापान में औसतन दस में से तीन लोग ही मोटे हैं.

    बताया जा रहा है कि जापान में मोटापा इतना कम है कि सरकार ने वजन बढ़ाने से जुड़ी नीतियों को बढ़ावा दे रही है.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के न्यूट्रीशन एक्सपर्ट कैटरीन एंगेलहर्ड्ट ने बताया।

    विशेषज्ञों ने जानने की कोशिश की कि एक खाता-पीता और संपन्न देश होने के बावजूद यहां मोटापा या अधिक वजन की समस्या क्यों नहीं है?

    "हेल्थ जापान 21"

    कैटरीन एंगलहर्ड्ट के अनुसार जापान मोटापे को हराने में कामयाब रहा है. और उसकी इस कामयाबी के पीछे सरकारी कमिटी है.

    सरकारी कमिटी ने मोटापे पर नियंत्रण, पोषण और सेहत शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों में निवेश और कुछ खास कानून बनाने जैसे कदम उठाए हैं.

    सरकार के 'हेल्थ जापान 21' अभियान के तहत ये कदम उठाए गए हैं.

    न्यूट्रीशन एक्सपर्ट कैटरीन बताते हैं कि इन कदमों में सरकार के दो अहम कानून शामिल हैं. दोनों कानून मोटापे पर लगाम लगाने में सफल हुए हैं.

    शुकु आईकु कानून

    जापान ने 2005 में शुकु आईकु कानून लागू किया. यह कानून बच्चों की शिक्षा से जुड़ा है.

    इस कानून के नाम में खास भाव छिपे हैं. कैटरीन बताते हैं कि शुकु का मतलब भोजन, आहार और खाने की आदत है तो आईकु का मतलब बौद्धिक, नैतिक और शारीरिक शिक्षा है.

    इस कानून का मकसद बच्चों को भोजन की शृंखला, स्रोत और उत्पादन के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देना है. उन्हें पोषण के बारे में जरूरी बातें बताना और सिखाना है।

    अंजली - स्वस्थ भोजन, स्वस्थ जीवन की निशानी है। ऐसा हमारे बड़े बुज़ुर्ग कहत हैं। हो सकता है कि उन बुज़ुर्गों ने भी जवाने के दिनों में अनाप शनाप खाया हो, लेकिन उन्होंने खाने का जो अनुभव लिया और स्वस्थ भोजन का राज़ समझा वही हमें बताया कि क्या खराब है और क्या अच्छा, डॉक्टर भी हमें ये बताते हैं कि अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं तो अपने खान पान पर ध्यान दीजिये। हमारे अगले श्रोता हैं विश्व रेडियो श्रोता संघ, चौक रोड कोआथ, रोहतास, बिहार से सुनील केशरी, डीडी साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी और इनके सारे परिजन, आप सभी ने सुनना चाहा है शान (1980) फिल्म का गाना जिसे गाया है उषा उत्थुप ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल है-----

    सांग नंबर 4. दोस्तों से प्यार किया .... दुश्मनों से बदला लिया ...

    पंकज - वैश्विक संसाधनों पर मोटों का भार

    कानून के अनुसार स्कूलों में बच्चों की सेहत और खान-पान से जुड़े कई अहम नियम का पालन जरूरी है

    कैटरीन बताते हैं कि इस कानून के अनुसार स्कूल में कोई स्टोर या वेंडिंग मशीन नहीं होगी. इससे बच्चों को चिप्स या किसी तरह के शुगर सोडा जैसी सेहत के लिए हानिकारक चीजें नहीं उपलब्ध नहीं होतीं.

    मेटाबो लॉ

    बड़ों के वजन पर नियंत्रण रखने के लिए मेटाबो (मेटाबोलिज्म) कानून है.

    मोटापे पर काबू पाने में सफल होने के पीछे इस कानून की भी अहम भूमिका है. यह कानून 40 से 75 के बीच की उमर वाले वयस्कों को बढ़ावा देता है कि वे हर साल अपनी कमर का नाप लें, उसका लेखा जोखा रखें.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पुरुषों की कमर की नाप 94 और महिलाओं की 80 हो तो उनमें ह्रदय रोग जैसे मेटाबोलिज्म से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.

    कमर के इस नाप को लेकर न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासन, बल्कि कंपनियां भी गंभीर हैं.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ के मुताबिक, "कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए साल में एक दिन तय किया है जिस दिन सारे स्टाफ को अपने कमर की नाप देनी होती है."

    जिनकी कमर की नाप तय सीमा से अधिक पाई जाती है, कंपनियां वैसे कर्मचारियों को अधिक कसरत करने और हेल्प सेशन में भेजती हैं.

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम का सिलसिला और आगे बढ़े उससे पहले हम लेते हैं एक म्यूज़िक ब्रेक, यानी अब बारी आई है कार्यक्रम का अगला गाना सुनने की जिसकी फरमाईश हमसे की है मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश से मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफ़रान अहमद, नेयाज़ अहमद, इरशाद अहमद अंसारी, अब्दुल वासे अंसारी, रईस अहमद, शादाब अहमद, शारिक अनवर, दिलकशां अनवर ने आप सभी ने सुनना चाहा है सात खून माफ़ (2011) फिल्म का गाना जिसे गाया है उषा उत्थुप और रेखा भारद्वाज ने गीतकार हैं गुलज़ार संगीत दिया है विशाल भारद्वाज ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. Darling ….

    पंकज - 80 लाख रूपए की मछली

    कानून का मकसद लोगों को सही वजन के प्रति जागरुक बनाना और शारीरिक रूप से सक्रिय रखना है.

    मेटाबो कानून के मुताबिक कंपनियां अपने स्टाफ को कसरत के लिए रेस्ट ब्रेक देती हैं. कुछ कंपनियों में जिम या बैडमिंटन कोर्ट की सुविधा दी गई है ताकि स्टाफ आसानी से लंच या काम के पहले या बाद में कसरत कर सकें.

    यही नहीं, उन्हें पैदल चलने और साइकिल पर दफ्तर आने के लिए उत्साहित किया गया है.

    कम मात्रा में, पारंपरिक भोजन

    जापान में लोग पारंपरिक खाने को काफी महत्व देते हैं.

    कैटरीन बताते हैं, "उनका जोर ताजा और स्थानीय रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थों पर होता है."

    यहां के लोग जमीन के छोटे टुकड़ों और छोटे बागानों में कुदरती रूप से उगाए गए फल, सब्जियों और खाद्यानों का इस्तेमाल करते हैं.

    इसके अलावा खाने को कम मात्रा में परोसने का भी चलन है.

    विशेषज्ञ का कहना है, "यहां पारिवारिक उत्सवों में पारंपरिक तरीके से कई पकवान पकाए जाते हैं. लेकिन थाली में सब तरह के पकवानों को कम मात्रा में परोसा जाता है. इसमें बहुत सारी सब्जी, और ताजे फल भी होते हैं."

    अंजली – अब वक्त हो चला है हमारे कार्यक्रम के अगले गीत का जिसके लिये हमें पत्र लिख भेजा ह चंदा चौक, अंधराठाढ़ी, ज़िला मधुबनी, बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन, इनके साथ मेन रोड मधेपुर, जिला मधुबनी से ही प्रमोद कुमार सुमन और रेनू सुमन ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिर कब मिलोगी (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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