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    आपका पत्र मिला 2017-03-29
    2017-03-31 10:11:20 cri

     

    अनिलः आपका पत्र मिला प्रोग्राम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडेय का नमस्कार।

    ललिताः सभी श्रोताओं को ललिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में हम हमेशा की तरह श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू होता है। पहला पत्र हमें आया है दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। उन्होंने लिखा है कि हमारे क्लब के सभी सदस्य आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं ! 20 मार्च को प्रसारित कार्यक्रम अतुल्य चीन में प्रसारित मशहूर पेइचिंग ऑपेरा कलाकार सुन पिंग पेइचिंग ओपेरा के प्रचार में लगी हुई हैं। पेइचिंग ऑपेरा चीनी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और चीनी संस्कृति का सार भी। पेइचिंग ऑपेरा विश्व में विख्यात है। वे अपना पूरा जीवन अपनी शक्ति लगाकर ऑपेरा के प्रचार में जुटी हैं। यह खास रिपोर्ट अच्छी लगी ! वहीं चीनी कहानी में बिल्ली चूहे से डरती है और गरीब साधु और धनी साधु नाम की नीति कथा अच्छी लगी। वास्तव में खाली संकल्प करने से ज्यादा काम आता है ठोस काम। एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    ललिताः शंकर प्रसाद शंभू जी ने आगे लिखा है कि कार्यक्रम नमस्कार चाइना में अखिल पाराशर द्वारा लिखा अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में देखा जाए तो भारतीय इंटरनेट उद्योग का वैश्वीकरण ही भारतीय कंपनियों की सफलता में सबसे बड़ा रोड़ा है। भारतीय बाजार पर अमेरिकी इंटरनेट कंपनियों ने कब्जा जमा रखा है। जैसे फेसबुक और गूगल की ही बात की जाए, तो ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारतीय लोग पूरी तरह इन पर निर्भर हैं। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि आज की इस भाग-दौड़ की जिंदगी में भले ही लोगों के पास एक फोन कॉल करके हाल-चाल पूछने का समय हो ना हो, लेकिन फेसबुक पर अपने मस्ती-मज़े की फोटोज़ डालने का वक्त हर कोई निकाल ही लेता है। अब तो आलम ये है कि लोग रिश्तेदारों से भी फेसबुक पर ही फेसटाईम से मिल लेते हैं, दोस्तों-यारों की खोज-खबर ले लेते हैं। इंटरनेट बाजार के ऐसे हालातों पर मैथ्यू प्रभाव पूरी तरह से सटीक बैठता है, जिसके मुताबिक जो मजबूत है वो और मजबूत होता चला जाता है और जो बड़ा है वो और बढ़ता रहता है।

    अनिलः वहीं शंभू आगे लिखते हैं कि 22 मार्च को विश्व का आईना में रूस में लंबी दौड़ पसंद करने वाले अलेक्जेंडर कापेली नाम के युवक ने फेसबुक पर मैसेज पोस्ट कर एक घोषणा की है कि वह मॉस्को से पेइचिंग तक दौड़ेगा। मॉस्को और पेइचिंग की दूरी 8 हज़ार किलोमीटर है और दौड़ने में 200 दिन लगेंगे। फेसबुक पर उसका मैसेज पोस्ट होने के बाद सिर्फ एक रात में ही 2 हज़ार से अधिक लोगों ने उसके साथ मॉस्को के लाल चौक से दौड़ शुरू करने की बात कही। मॉस्को से पेइचिंग तक दौड़ने की योजना बनाने से पहले ही अलेक्जेंडर बहुत मशहूर हो चुका है। इधर के सालों में उसने रूस के समेरा से मॉस्को तक अकेले ही 1700 किलोमीटर की दौड़ लगायी। यह रिपोर्ट हमें बेहद अच्छी लगी ! धन्यवाद।

    वहीं आपका पत्र मिला में उड़ीसा के सुरेश अग्रवाल का पत्र भी काफी आलोचनात्मक लगा है !

    जबकि बाल महिला स्पेशल में चीन में 2017 के एनपीसी और सीपीपीसीसी के वार्षिक सम्मेलनों के दौरान सभी चीनियों को ठीक समय पर सूचना हासिल करने के लिये विभिन्न मीडिया ने अपनी अपनी क्षमता को दिखाकर सूचना के प्रसार-प्रचार की पूरी कोशिश की। उनमें कुछ छोटे छात्र संवाददाता भी शामिल हैं। वे छोटे संवाददाता चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग के भविष्य वेब द्वारा जुलाई 2009 में स्थापित छोटे संवाददाता मंडल के थे। मंडल के सदस्य मुख्य तौर पर चीन के मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के छात्र व छात्राएं थी। यह रिपोर्ट भी हमें अच्छी लगी।

    ललिताः कार्यक्रम चीन का तिब्बत में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शाननान प्रिफेक्चर के पूमाछांगथांग कस्बे के बारे में खास रिपोर्ट अच्छी लगी !

    कार्यक्रम आपकी पसंद में डेयरी उद्योग के बारे में विश्लेषण पूर्ण जानकारी बेहद पसंद आयी, साथ ही हिंदी फ़िल्मी गीत सुनते हुए हम लोगों ने खूब मजे लिए ! संडे स्पेशल में सपना जी द्वारा प्रस्तुत विश्व संवेदनशील कहानी में ओ'हेनरी द्वारा लिखा 'आयु का अन्तर' नाम की कहानी अच्छी लगी ! मनोरंजन सेगमेंट में हिन्दी गाना और मजेदार जोक्स अच्छे लगे।

    अनिलः शंभू ने आगे लिखा है कि हम लोग अपने साथियों के साथ सीआरआई के हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला और नेपाली कार्यक्रम पिछले दो दशक से अधिक समय से सुनते आ रहे हैं। आपके रिकॉर्ड में भी जरूर दर्ज होगा। हम लोगों का एक क्लब भी है, जिसके अधिकारीयों का कार्यकाल अप्रैल के महीने में समाप्त हो रहा है ! सीआरआई हिंदी सेवा की वर्षगांठ पर हमारे क्लब के सभी सदस्यों की एक बैठक 17 मार्च को शंकर प्रसाद शंभू की अध्यक्षता में आयोजित की गयी, जिसमें सर्वसम्मति से क्लब का पुर्गठन करने का प्रस्ताव पारित हुआ। वहीं पुनः सीआरआई के सभी कार्यक्रम नियमित सुनते हुए नियमित पत्राचार जारी रखने की बात हुई। इसके साथ ही क्लब के नय अधिकारियों का चयन औपचारिक तौर से अगले महीने के पहले सप्ताह में कर लिया जाएगा।

    शंभू जी हमें पत्र भेजने और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए आपका बेहद शुक्रिया।

    ललिताः अगला पत्र हमें फेसबुक पर मिला है, जिसे भेजा है चंदोई, बदायूं उत्तर प्रदेश से खान रेडियो श्रोता संघ के गुल मोहम्मद ने। उन्होंने लिखा है कि मैं सीआरआई का पुराना श्रोता हूं। आज भी सी आर आई की साफ आवाज मेरे कानों में सुनाई देती है। मैं खान रेडियो श्रोता संघ का अध्यक्ष हूं। मैं एक पत्रकार हूं। मुझे आज भी रेडियो सुनने का शौक है। लेकिन अब मैं वेब रेडियो सुनता हूं। साथ ही एक समाज सेबी संस्था (एन.जी.ओ.) भी चलाता हूं जिससे गरीब और असहाय लोगों की सहायता हो सके। गत् 15 मार्च का आपका पत्र मिला सुना, बेहद अच्छा लगा। जिसे अनिल जी और ललिता जी ने प्रस्तुत किया। जिसमें बजरंगी भाई जान का गाना सुनाया गया। उम्मीद करता हूं कि सी. आर. आई. मुझे भी प्यार देगा। धन्यवाद।

    गुल मोहम्मद जी, हमें पत्र भेजने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। उम्मीद करते हैं कि आप आगे भी हमारे प्रोग्राम सुनते रहेंगे। धन्यवाद।

    अनिलः चलिए अब अगला पत्र पढ़ते हैं, जिसे भेजा है केसिंगा ओड़िशा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने। उन्होंने लिखा है कि 20 मार्च का ताज़ा प्रसारण सुना। साप्ताहिक "अतुल्य चीन" के तहत वेइतुंगजी द्वारा पेइचिंग ओपेरा को पूरी तरह समर्पित चीनी राजनीतिक सलाहकार समिति की राष्ट्रीय सदस्य सुन फिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। सचमुच, पेइचिंग ओपेरा चीन की शान है। कार्यक्रम में आगे रूस की राजधानी मॉस्को की एक मशहूर पुरानी सड़क पर स्थित चांस बुक स्टोर नामक पुस्तकों की दुकान में चीनी क़िताबों के भण्डार और रूस में उसकी लोकप्रियता पर भी अच्छी जानकारी हासिल हुई। दुकान में लगने वाली चीनी चाय-कला की प्रदर्शनी भी वहां का मुख्य आकर्षण है। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति हेतु।

    वहीं कार्यक्रम "चीन-भारत आवाज़" के अन्तर्गत अन्य बातों के अलावा अखिल द्वारा मुम्बई की बिजोंगो कम्पनी के अनिकेत देव के साथ ली गई भेंटवार्ता सुन कर पैकेजिंग से जुड़े एक नये व्यापार क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने का मौक़ा मिला। वहीं गत दो मार्च को हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित विशेष समारोह में चीनी लड़की ला वे द्वारा पेश निबन्ध सुन कर मन गदगद हो उठा।

    कार्यक्रम "आर्थिक जगत" सुन कर चीन के 'मेड इन चाइना' और भारत के 'मेक इन इण्डिया' के समक्ष चुनौतियों, व्यापार संरक्षणवाद से विश्व अर्थव्यवस्था को ख़तरा और 2020 तक परिवहन व्यवस्था को उन्नत बनाने चीन की महती योजना पर भी अच्छी जानकारी हासिल हुई। धन्यवाद् इस सूचनाप्रद जानकारी के लिये।

    ललिताः वहीं सुरेश अग्रवाल ने लिखा है कि दिनांक 21 मार्च को देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "नमस्कार चाइना" का ताज़ा अंक सुना, जिसके विशेष खण्ड में इण्टरनेट के क्षेत्र में अग्रणी बनने भारत के सामने आने वाली रुकावटों पर महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की गयी। कार्यक्रम में आगे चीन की पांच शीर्ष सुर्ख़ियों में चीन के च्यांगशी प्रान्त की मशहूर झील में मछली पकड़ने पर लगी तीन महीने की पाबंदी; पेइचिंग में वायु प्रदूषण के मद्देनज़र चार नम्बर का नीला अलर्ट ज़ारी; चीन के विभिन्न प्रान्तों में ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस वर्ष कोई चालीस लाख लोगों को ग़रीबी से उबारा गया; चीन में टॉयलेट पेपर की चोरी रोकने शौचालयों में लगे कैमरे तथा SOA पश्चिमी चीन के कई शहरों में खोलेगा समुद्री शोध संस्थान आदि ख़बरे काफी अहम् लगीं। धन्यवाद् फिर एक जानकारीपूर्ण प्रस्तुति हेतु।

    कार्यक्रम "चीनी कहानी" के अन्तर्गत आज भी होस्ट लीला भट्ट द्वारा पेश 'बिल्ली चूहे से डरती है' तथा 'ग़रीब साधु और धनी साधु' शीर्षक दोनों नीति-कथाएं काफी अव्वल दर्ज़े की सीख देने वाली लगीं। धन्यवाद्।

    अनिलः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "विश्व का आइना" पूरे मनोयोग से सुना। मॉस्को से पेइचिंग तक कोई आठ हज़ार किलोमीटर लम्बी अंतर्राष्ट्रीय दौड़ लगाने की घोषणा करने वाले रूसी युवक अलेक्जेंडर कापेली के साहस और ज़ज़्बे को सलाम। कार्यक्रम में आगे अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा क्या कर रहे हैं, इस पर भी अहम जानकारी दी गई। कार्यक्रम सुन कर यह पता चला कि अमेरिकी राष्ट्रपति को सेवानिवृत्ति होने के बाद कितनी पेंशन और सुविधाएं मिलती हैं।

    वहीं कार्यक्रम में अमेरिका की एक 98 वर्षीय नानी की कहानी सुनी, जो कि चकित करने वाली लगी। वे न सिर्फ़ युवक के साथ अंतर्राष्ट्रीय आदर्श सामाजिक नृत्य कर सकती हैं, बल्कि स्मार्ट गाड़ी चलाती हैं और विश्व के विभिन्न जगहों पर जाकर योग का प्रशिक्षण देती हैं। उन्हें विश्व की सब से बुजुर्ग योग प्रशिक्षक होने का श्रेय हासिल है, जो कि गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। हमारे लिये ख़ुशी की बात है कि नानी टाओ पोर्छोन लिन्छ का जन्म 1918 में भारत में हुआ। अब वे न्यूयार्क स्टेट में रहती हैं। इस साल 13 अगस्त को वह 99 साल की हो जाएंगी। मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घ-जीवन की कामना करता हूँ। उनका जीवन युवा-पीढ़ी के लिये एक मिसाल है। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    वहीं श्रोताओं के अपने मंच साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत मेरे पत्रों और प्रतिक्रियाओं को समुचित स्थान दिये जाने के लिए शुक्रिया। फिर भी ऐसा कुछ किया जाना ज़रूरी है, जिससे कि अधिक से अधिक संख्या में अन्य श्रोता भी कार्यक्रम में पत्र लिखने को विवश हों। धन्यवाद्।

    ललिताः सुरेश जी ने आगे लिखा है कि साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" भी गौर से सुना, जिसके तहत पेइचिंग में सम्पन्न एनपीसी और सीपीपीसीसी के सम्मेलनों के दौरान चीन के विभिन्न क्षेत्रों से आये छोटे संवाददाताओं द्वारा विभिन्न प्रतिनिधियों से किये गये सवाल एवं इन्टरव्यू मासूमियतपूर्ण, परन्तु अत्यन्त महत्वपूर्ण लगे।

    साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत समुद्र तल से 5373 मीटर ऊँचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शाननान प्रिफेक्चर स्थित पूमाछांगथांग कस्बे पर दी गई जानकारी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। कार्यक्रम के अन्त में तिब्बत के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण समाचार भी दिये गये। धन्यवाद् एक सूचनाप्रद प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत चीन-भारत इण्टरनेट सम्मेलन में भाग लेने भारत से चीन गये नितिन सम्पत तथा भावेश मंगलानी से अनिल जी आप द्वारा की गई बातचीत बहुत ही सार्थक लगी, जिसे सुनकर चीन-भारत आपसी सहयोग से भारत में इण्टरनेट के विस्तार की संभावनाओं पर अत्यन्त आशाजनक तस्वीर उभर कर सामने आयी। धन्यवाद्।

    अनिलः वहीं साप्ताहिक "आपकी पसन्द" हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रहा। श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्म क़ुदरत, अनपढ़, दीवाना, आशिक़ी, बीस साल बाद और गूँज उठी शहनाई के छह गानों के साथ दी गई तमाम जानकारी सूचनाप्रद लगी।

    जबकि "सन्डे की मस्ती" का आगाज़ 'तिब्बती लड़की' शीर्षक सौन्दर्य गीत से किया जाना रुचिकर लगा। तत्पश्चात सपनाजी द्वारा पेश 'विश्व की संवेदनशील कहानी' के तहत एक अमेरीकी कहानी 'आयु का अन्तर' सुनी, जो कि अमेरीकी होते हुये भी हर जगह और सभी पर सामान रूप से लागू होती है, क्यों कि शादी के लिये उम्र का एक निश्चित अन्तर होना ही ठीक होता है, अन्यथा बाद में पति-पत्नी के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पाता। वहीं कार्यक्रम में अखिलजी द्वारा पेश प्रेरक कहानी 'अनोखी साइकिल रेस' हमें यह शिक्षा देती है कि कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिये और अपने लक्ष्य को ही ध्यान में रख कर आगे बढ़ना चाहिये। धन्यवाद् फिर एक बार रोचक और सूचनाप्रद जानकारी के लिये।

    सुरेश अग्रवाल जी, हमें पत्र भेजने के लिए आपका बेहद शुक्रिया।

    अनिलः दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडेय और ललिता को दीजिए इजाजत, नमस्कार।

    ललिताः बाय-बाय।

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