सिंगापुर के ल्येनह जाओपाओ की वेबसाइट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय स्पेस एजेंसी चंद्रमा पर पहले मानव अड्डे का निर्माण करेगा और एक 50 मीटर यानी करीब 16 मंजिले चंद्रमा मंदिर का निर्माण भी करेगा। वह चंद्रमा पर मनुष्य का पूजा करने का पहली जगह होगी।
रिपोर्ट ने ब्रिटिश डेली मेल के हवाले में कहा कि चंद्रमा मंदिर शैकलटन क्रेटर की सीमा पर निर्मित किया जाएगा, जहां अधिकांश समय सूर्य की रोशनी होती है। 4.2 किलोमीटर गहराई होने वाला शैकलटन क्रेटर लम्बे समय के लिए छाया में रहा है, जो कि जन बर्फ़ का भंडार होने वाला स्थान है। वह पानी, वायु और ईंधन का प्रमुख स्रोत बन सकेगा।
यह चंद्रमा मंदिर यूरोपीय अंतरिक्ष ब्यूरो के अडवांस्ड कनसेप्ट्स टीम(Advanced Concepts Team) के डिज़ाइनर जॉर्ज मेस रुबिओ ने इसे डिज़ाइन किया है। रुबिओ चाहते हैं कि चंद्रमा की मिट्टी और 3-डी प्रिन्ट तकनीक के जरिए इस मंदिर का निर्माण किया जाये।
रुबिओ की डिजाइन प्रेरणा 18वीं शताब्दी फ्रांस के वास्तुकार एटिएने-लुइस बुले (Etienne-Louis Boulle) और क्लौद निकोलस लेडोक्स (Claude-Nicolas Ledoux) से आयी है। उनका डिज़ाइन बहुत बड़ा है, जो पृथ्वी पर मनुष्य के लिए उचित नहीं है, लेकिन चंद्रमा पर संभव हो सकेगा।
रुबिओ ने कहा कि वे अक्सर सहकर्मियों के साथ चर्चा करते हैं कि भविष्य में मनुष्य किस तरह की सामाजिक गतिविधियों में भाग लेंगे, किस तरह की सांस्कृतिक व पारंपरिक गतिविधियां करेंगे, किस तरह के हस्तशिल्प का निर्माण करेंगे। रुबिओ को पक्का विश्वास है कि चंद्रमा पर पहुंचने के बाद मनुष्य ही इन गतिविधियों में शरीक हो सकेगा।