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    आपका पत्र मिला 2017-03-08
    2017-03-09 09:45:13 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है. . . . . .

    केसिंगा दिनांक 28 फ़रवरी। प्रवास पर होने के कारण आज शाम शॉर्टवेव पर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण सुनना सम्भव नहीं हुआ, जिसका मुझे खेद है, परन्तु अपने शियाओमी नोट थ्री एंड्रॉयड फ़ोन की बदौलत मैं आपसे जुड़ने में कामयाब हो गया। हिन्दी वेबपेज पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में समुद्रतल से 4200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पाइलंग काउन्टी में सरकार द्वारा ग़रीबी उन्मूलन हेतु उठाये गये कदमों पर मैडम श्याओ थांगजी का लेख पढ़ा, काफी अच्छा लगा। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जहाँ पहले यह एक ग़रीब कृषि-प्रधान काउन्टी थी और क़रीब पचास हज़ार आबादी वाली उक्त काउन्टी का हर पांचवां व्यक्ति ग़रीब था, लेकिन हाल के वर्षों में सरकार के नेतृत्व में इस काउन्टी ने स्थानीय स्थिति के अनुसार विशेष आर्थिक उद्योगों की स्थापना कर ग़रीबी से छुटकारा पाया। इस कांउटी के कातोंग कस्बे के तिब्बती जूते कॉपेरटिव संस्था द्वारा दक्षिणी चीन के क्वांगचो शहर में तलवे प्रोसेसिंग कारखाने की स्थापना की गयी और कांगसांग कृषि उत्पाद कंपनी का "लोतान" नाम ब्रांड तिब्बत में काफी मशहूर रहा। पाइलांग कांउटी के अपनी ख़ास विशेषता वाले उद्योगों का बाहरी विकास में काफी योगदान रहा, जिससे न केवल स्थानीय गरीब जनसंख्या के रोज़गार मुद्दे का समाधान हुआ, बल्कि नियमित लाभांश से वे कदम ब कदम धनी रास्ते पर चलने लगे। 27 फ़रवरी वर्ष 2017 को तिब्बती पंचांग के नए साल का पहला दिन था। नववर्ष की पूर्व संध्या यानी 26 फ़रवरी को पाइलांग कांउटी के प्रधान छील्ये लांगच्ये ने संवाददाता को दिए एक इन्टरव्यू में घोषणा की कि 2016 में कांउटी में रहने वाले सभी 9237 ग़रीब लोग ग़रीबी से छुटकारा पाकर खुशहाली और सम्पन्नता के मार्ग पर अग्रसर हैं।

    ज्ञातव्य है कि स्थानीय निवासियों के अनवरत उद्योग विकास के लिए पाइलांग कांउटी सरकार ने कुल 71 ग़रीबी उन्मूलन बुनियादी औद्योगिक परियोजनाओं के लिए कुल 68 करोड़ युआन की राशि लगाने की योजना बनाई। जिसका उपयोग सब्जी, जौ, पशु-पालन और जातीय हस्त-उद्योग के विकास में किया जायेगा। लेख पढ़ कर एहसास हुआ कि तिब्बत का पिछड़ापन दूर करने सरकार कितना शिद्दत से काम कर रही है। धन्यवाद्।

    केसिंगा दिनांक 3 मार्च को "चीन का तिब्बत" भी गौर से सुना, जिसके तहत हूमिनजी द्वारा तिब्बती पारंपरिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष की 27 तारीख को आये तिब्बत के नये साल है, जो कि तिब्बती लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इसी दिन तिब्बती लोग दिन-रात दोस्तों के साथ मिलकर शोपिंग करते, गाते, नाचते धूमधाम से खुशियां मनाते हैं।

    कार्यक्रम में यह जानकार हैरत हुई कि नये साल की संध्या पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में लोग आतिशबाजी के साथ भूत भगाने का अनुष्ठान करते हैं और उसी दिन तिब्बती लोग "कू-थू" नामक एक खाद्य पदार्थ खाते हैं, जो कि आटे से बनाया जाता है और जिसमें नौ किस्म की चीज़ें डाली जाती हैं। "कू-थू" खाने के साथ परिवार के लिए शुभकामनाएं प्रकट की जाती हैं। इसे खाने का मतलब है कि हम बाहर से प्राप्त धनराशि आदि सबकुछ वापस लाते हैं और अपने परिवार की देखभाल करते हैं।

    यह भी पता चला कि घी-चाय तिब्बती लोगों के लिए दैनिक आवश्यक पेय है, जिस पर ल्हासा के उपनगर में स्थित चांगदा गांव में रहने वाले यांगची ने सुबह घी-चाय बनाते हुए अपने परिवार में नया साल मनाने की गतिविधियों पर महती जानकारी प्रदान की।

    इसी प्रकार ल्हासा के उपनगर में स्थित सानयू गांव में रहने वाली महिला छूनी ने भी नये साल की पूर्व संध्या पर यह शुभकामना प्रकट की कि नये साल में मेरे सभी बच्चे अच्छी तरह सीखेंगे ताकि वे देश व समाज का जवाब दे सकें।

    यह जानकर अच्छा लगा कि गाँव वालों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 1 करोड़ 90 लाख युवान की पूंजी लगाकर चिकन व गाय फार्म तथा रोपण कापरेटिव स्थापित किये, जिससे अधिकांश गांववासियों को रोजगार मिला है। इसके अलावा दवाई और घास रोपण आदि के फार्म भी स्थापित किये गये हैं। वर्ष 2016 में सानयू गांव में प्रति व्यक्ति गांव के कारोबारों की तरफ से 3500 युवान बोनस भी दिया गया है। सरकार का लक्ष्य आगामी पाँच सालों में सभी गांववासियों को खुशहाल बनाना है। स्थानांतरण के जरिये गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य साकार करना तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी दूर करने का नया कदम है।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिगाज़े शहर के कांग-शूंग टाउनशिप को ऊनी कपड़े का उत्पादन करने का अड्डा माना जाता है। वहां परंपरागत हस्त-शिल्पकारों के कॉपरेटिव के संस्थापक नानमूचेन के अनुसार कॉपरेटिव का उत्पादन कोई 23.5 लाख युवान तक रहा है और कापरेटिव में काम करने से स्थानीय महिलाओं को गरीबी से विमुक्त करने का नया रास्ता तैयार हुआ है।

    पता चला है कि तिब्बती ऊनी कपड़े पहाड़ी बकरियों के ऊन, वनस्पति रंग आदि सामग्रियों और पारंपरिक कौशल से बनाये जाते हैं। इस कपड़े से आम तौर पर आलीशान समारोह में भाग लेने के लिए शानदार पोशाक बनाते हैं, और वह पर्यटकों के लिए लोकप्रिय उपहार भी है। तिब्बत में ग़रीबी उन्मूलन हेतु चलाये जा रहे कार्यों पर इतनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का शुक्रिया।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के स्थान पर आज चीन में आयोजित एनपीसी और सीपीपीसीसी महाधिवेशन के मद्देनज़र चीन-भारत सम्बन्धों पर दिल्ली से गुप्ताजी से की गई बातचीत में किये गये सभी प्रश्न पुराने थे। कृपया कार्यक्रम में कुछ नयापन लाने का कष्ट करें। धन्यवाद्।

    हैया:सुरेश जी आगे लिखते हैं. . . . . .4 मार्च को रोज़ाना की तरह मैंने आज भी अपने तमाम परिजनों के साथ मिलकर शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर कार्यक्रम सुना और अब मैं उस पर हम सभी की मिलीजुली प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष उपस्थित होने कम्प्यूटर के समक्ष बैठा हूँ। उम्मीद है कि ज़ल्द ही हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "आपकी पसन्द" हर बार की तरह आज भी रोचक, मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक लगा। श्रोताओं की पसन्द पर सुनवाये गये फ़िल्म -फ़ासले, समुन्दर, मंज़िल-मंज़िल, दिल्लगी, रत्नदीप तथा सफ़ेद हाथी के छह मधुर गीतों के साथ दी गई रहस्य-रोमांच से भरी तमाम जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। विशेषकर, विभिन्न हादसों के कारण समुद्र में समाये अकूत ख़ज़ाने सम्बन्धी जानकारी विस्मित करने वाली थी। फिर चाहे समुद्र के गर्भ से मिले समुद्री डाकुओं के हथियार हों या कि सोने का भण्डार, या फिर ईसा-पूर्व एक सौ से दो सौ पांच साल पूर्व इस्तेमाल में आया एनालॉग कंप्यूटर या कि बारह सौ साल पूर्व समुद्र में समाया मिस्र का एक शहर, सब कुछ विस्मयकारी लगा। झाँसी की 13 वर्षीय फ़ायरगर्ल राखी की कहानी भी कम हैरान करने वाली नहीं। और हाँ, कार्यक्रम में बचत करने के लिये दिए गये सात टिप्स भी काफी व्यावहारिक लगे। धन्यवाद् फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    वहीं 5 मार्च को पेइचिंग में उद्घाटित 12वीं एनपीसी के 5वें पूर्णाधिवेशन, जिसमें चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग सहित पार्टी व देश के अनेक नेताओं ने भाग लिया, पर विस्तृत जानकारी दिया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण लगा, क्यों कि उन्हीं बातों में चीन सरकार की नीतियों का रोड़ मैप छिपा हुआ था। उद्घाटन समारोह में चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की। उन्होंने पिछले एक साल में सरकार के कार्य का सारांश दिया और 2017 वार्षिक सरकारी नीति का रोड़ मैप बतलाया। विश्व की दूसरी बड़ी आर्थिक इकाई के रूप में चीन किस तरह विश्व-अर्थतंत्र का नये इंजन बनेगा ? चीन में सुधार में कैसी नयी उपलब्धियां हासिल की जाएंगी। चीन सरकार चिकित्सा, रिहायशी मकान एवं पर्यावरण संरक्षण आदि जनता के ग़ौरतलब सवालों का किस तरह जवाब दे सकेगी? इन सवालों के जवाब चीन सरकार की इस वार्षिक कार्य रिपोर्ट में मौजूद हैं। समाचारों से यह भी ज्ञात हुआ कि आगामी कुछ दिनों में एनपीसी के 3000 प्रतिनिधि सरकारी कार्य रिपोर्ट पर परामर्श देंगे और पूर्णाधिवेशन के संपन्न होने के दौरान मतदान करेंगे।

    अनिल:सुरेश जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। आगे पेश है बिहार से शंकर प्रसाद शंभू जी का पत्र। उन्होंने लिखा है. . . . . .

    हम लोग अपने क्लब के सदस्य लाल किशोर मुखिया, सुभाष कुमार गुप्ता, अनिल कुमार, गुप्ता, दीपक कुमार साहू और नरेश कुमार गुप्ता के साथ मिलकर नियमित आप के द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम सुनते आ रहे हैं!

    २४ फरवरी २०१७ को चीन का तिब्बत कार्यक्रम में बताया गया कि पाइलांग कांउटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी भाग में समुद्र तल से 4200 मीटर पर स्थित एक गरीब कृषि प्रधानता वाली कांउटी थी, लेकिन हाल के वर्षों में सरकार के नेतृत्व में इस कांउटी ने स्थानीय स्थिति के अनुसार विशेष आर्थिक उद्योग के विकास से गरीबी से छुटकारा पाया।

    इस कांउटी के कातोंग कस्बे के तिब्बती जूते कॉपेरटिव ने दक्षिण चीन के क्वांगचो शहर में तलवे प्रोसेसिंग कारखाने की स्थापना की। पाइलांग कांउटी की कई अपनी-अपनी विशेषता वाले उद्योग बाहरी विकास में जुटे रहे हैं। इससे स्थानीय गरीब जनसंख्या के रोज़गार मुद्दे का समाधान ही नहीं, नियमित लाभांश से वे कदम ब कदम धनी रास्ते पर चलने लगे। यहाँ के लोग अब गरीबी से छुटकारा पाकर खुशहाली और धनी रास्ते पर आगे बढ़ने लगे। यह रिपोर्टअच्छी लगी!

    २५ फरवरी २०१७ को आपकी पसंद कार्यक्रम में बताया गया कि भारत का पहला सेमी हाईस्पीड ट्रैक बनेगा दिल्ली-हावड़ा रूट। इटावा रेलवे ने देश में सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए 1500 किलोमीटर लंबे दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को चुना गया है। जिस पर 160 से 200 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौडे़ंगी। दिल्ली से कलकत्ता तक का सफर मात्र 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस ट्रैक के लिए 700 करोड़ की धनराशि का प्रावधान रेलवे ने बजट में किया है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू करने की तैयारी है।यह जानकारी बिलकुल नयी और सूचनाप्रद लगी साथ ही गानों का मजा लिया!

    २६ फरवरी २०१७ को सन्डे की मस्ती में चीनी संगीत दल फिनिक्स किंवदंती द्वारा गाया गया चीनी गीत, जिसका नाम है "कमल झील में चाँद की रोशनी" सुनकर हमलोग झूम उठे! साथ ही संडे स्पेशल में सपना जी की रिपोर्ट: मिस्र में चीनी भाषा सीखने की लोकप्रियता चीनी भाषा में पर्यटन-गाइड मिस्र में एक अच्छी नौकरी समझी जाती है। इस वजह से ज्यादा से ज्यादा स्थानीय मिस्री लोगों को चीनी भाषा सीखने की ललक पैदा हुई। इस साल चीनी पंचांग के वसंत त्यौहार के दौरान काहिरा स्थित चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के संवाददाता ने कभी-कभार धारावाहिक चीनी भाषा बोलते हुए चीनी पर्यटन टीम का नेतृत्व करने वाले कई स्थानीय गाइड देखे थे। उन्होंने चीनी पर्यटकों को मिस्र की पुरानी और रंगारंग सभ्यता की जानकारी दे रहे थे। पूर्वी चीन के समुद्र के तटीय शहर छिंगताओ से आए सैलानी थांग वसंत त्यौहार की छुट्टियों में परिजनों के साथ मिस्र घुमने आया। उनके विचार में चीनी भाषा में निपुण स्थानीय गाइड चीनी पर्यटकों के साथ संपर्क करने और संबंधित जानकारी समझाने जैसे क्षेत्र में अधिक बेहतर सेवा मुहैया कर सकते हैं।यह रिपोर्ट अच्छी लगी! वहीँ अखिल जी से अजीबोगरीब बातों के सेगमेंट में चीन के पहली खबर में चीन अब दुनिया का ये सबसे बड़ा सी-प्लेन उड़ाने को तैयार दुनिया का सबसे बड़ा सी-प्लेन ए जी ६०० कुछ महीनों में पहली उड़ान भरेगा। चीन के सरकारी मीडिया ने ये जानकारी दी है। चार इंजन वाले इस चीनी एयरक्राफ्ट के ११ से १४ के बीच टैस्ट किए गए। इस सी-प्लेन को चीन के सदर्न स्टेट झुहाई में तैयार किया गया है। ये जानकारी बेहद पसंद आया! धन्यवाद!!

    हैया:शंभू जी आगे लिखते हैं. . . . . .

    सादर नमस्ते! 27 फरवरी को प्रसारित कार्यक्रम आर्थिक जगत में बताया गया कि सौराकाटा को सेनेगल से आकर चीन में रहते हुए 16 वर्ष हो चुके हैं। सौराकाटा वर्ष 2001 में चीन के क्वांगचो आए थे। दोस्तों ने उन्हें बताया कि चीन का यीवू शहर छोटी वस्तुओं के लिए स्वर्ग जैसा प्रसिद्ध है, तो वे वर्ष 2003 में यीवू आए और इस शहर के साथ अपने घनिष्ठ संबंध जोड़ बैठे। शुरू में सामान की ख़रीददारी करने के लिए सौराकाटा हर दो महीनों में सेनेगल और यीवू के चक्कर लगाते थे। फिर वर्ष 2007 में उन्होंने यीवू में कार्यालय स्थापित किया। उसके बाद वर्ष 2012 में सौराकाटा ने यीवू इंटरनेशनट ट्रेड सिटी के पास अपनी कंपनी स्थापित की, जो मुख्य रूप से अफ़्रीका-चीन व्यापार करती है। ऐसे में उनका व्यापार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी।

    जीवन के रंग में घर किसी संग्रहालय की तरह चकाचक और सुव्यवस्थित हो यह आवश्यक नहीं। हाँ व्यवस्था ऐसी हो कि सुविधा पूर्वक सभी सामान आपकी पहुँच में हो। सज्जा और सफाई तनाव मुक्ति होना चाहिए। पुरानी कहावत है कि घर इतना साफ हो कि स्वस्थ रहें और आनंदप्रद भी। घर में सुनाई देने वाली आवाज़ों का बहुत महत्व है। मनपसंद संगीत, घर के अंदरूनी ड्योढ़ी में झरझर करता पानी का फव्वारा, बाहर दरवाजे पर एक रूनझुन सा लटका घंटियों वाला झूमर आदि कानों को बहुत सुखद होते हैं। अपने मनपसंद संगीत के स्वरों से घर को सजाएँ। यह रिपोर्ट अच्छी लगी!

    चीनी कहानी में चिड़िया की मृत्यु नाम की नीति कथा से हमें किसी बात पर गौर से विचार करने पर उसकी असलियत का पता लग सकता है। इसलिए हमें गौर से चीजों का अध्ययन करने तथा उसका विश्लेषण करने की आदत प्राप्त करना चाहिए! कुएं का मेंढक नाम की नीति कथा भी बेहद अच्छी लगी।

    एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    अनिल:शंभू जी, पत्र भेजने के लिये धन्यवाद। आगे पेश है पश्चिम बंगाल से मॉनिटर रविशंकर बसु जी का पत्र। उन्होंने लिखा है . . . . . .

    चीन का आर्थिक वृद्धि दर विश्व अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख प्रेरणा शक्ति

    दिनांक - बुधवार 22 फरवरी,2017 को पंकज श्रीवास्तव जी द्वारा पेश दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद मैडम श्याओ यांग जी द्वारा पेश "विश्व का आईना" प्रोग्राम और उसके बाद अनिल पांडेय जी और हैया जी द्वारा पेश साप्ताहिक "आपका पत्र मिला " प्रोग्राम सुना।

    आज "विश्व का आईना" कार्यक्रम में पहली रिपोर्ट में मैडम श्याओ यांग जी ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संगठन यानी आइएमएफ़ द्वारा पेश किये गए विश्व आर्थिक आउटलुक (World Economic Outlook (WEO) नामक एक रिपोर्ट को लेकर चर्चा की गई जिससे मुझे बहुत जानकारी मिली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संगठन आम तौर पर हर साल के वसंतकालीन सम्मेलन और शरतकालीन सम्मेलन के दौरान साल की पहली छिमाही व दूसरी छिमाही की विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्टें जारी करता है और साल के मध्यम में और दूसरे साल की शुरूआत में उपरोक्त दो रिपोर्टों का संशोधन करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल चीन व अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर को उन्नत किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, आइएमएफ़ के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस आॅब्स्टफेल्ड (Maurice Obstfeld) ने हाल में एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि 2016 की आर्थिक मंदी गुजरने के बाद 2017 व 2018 में वैश्विक आर्थिक विकास गति तेज़ी होगी। उन के अनुसार,"2016 के अक्तूबर माह के अनुमान की तुलना में अब हम मानते हैं कि आर्थिक विकास की प्रोत्साहन शक्ति अमेरिका, चीन, यूरोप व जापान की आर्थिक विकास से आएगी। "

    विश्व आर्थिक ऑटलुक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चीन को कदम उठाकर क्रेडिट के तेज़ विस्तार की प्रवृत्ति से रोकना चाहिए, साथ ही कारोबारों की ऋण समस्या का हल करना चाहिए। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया कि 2018 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज बढ़ने से वैश्विक वित्तीय वातावरण पर असर पड़ा गया है। आईएमएफ ने भारत, ब्राजिल व मैक्सिको आदि नवोदित आर्थिक इकाइयों की वृद्धि दर को कम किया।

    साथ ही आईएमएफ ने आगामी 2017 व 2018 में अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर को उन्नत किया, जो अलग अलग तौर पर करीब 2.3 प्रतिशत एवं 2.5 प्रतिशत तेय की गयी। कारण यह है कि अमेरिका की नयी सरकार वित्तीय प्रेरणा का विस्तार एवं कर कटौती की नीति लागू करेगी। ये नयी नीतियां अमेरिका के आर्थिक विकास को आगे बढ़ा दे सकती होंगी। लेकिन अमेरिका में घाटा के विस्तार, अमेरिकी डॉलर की कीमत के बढ़ने और आर्थिक मंदी आदि कुप्रभाव के परिवर्तन भी हो सकते हों। इसलिए रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका पर लगाया गया अनुमान निश्चित नहीं है। साथ ही आॅब्स्टफेल्ड ने कहा कि यदि अमेरिकी नयी सरकार व्यापार युद्ध छेड़ती, तो वैश्विक अर्थतंत्र को नुकसान पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा,"व्यापार के रुकने की समस्या विश्व अर्थतंत्र के विकास के लिए एक जोखिम है, और प्रमुख जोखिम भी है। लेकिन अंततः विभिन्न देश यह समझेंगे कि अन्य देशों की जवाबी धमकी का सामना करने के लिए व्यापार युद्ध विभिन्न क्षेत्रों के हितों में नहीं है। दूसरी तरफ़, व्यापार युद्ध भी पैदा हो सकता है। व्यापार युद्ध से सभी देश हारेंगे।" अमेरिका की नीति में परिवर्तन होने से पैदा होने वाली अनिश्चितता को छोड़कर रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गयी कि आर्थिक एकीकरण की सहमति के कमजोर होने, विनिमय दर का तीव्र परिवर्तन, संरक्षणवादी का प्रसार करने, वैश्विक व्यापार व प्रवासियों पर ज्यादा प्रतिबंध लगाने और भौगोलिक राजनीतिक परिस्थिति के तनाव होने से बाजार में कुप्रभाव की भावना फैलायी जाएगी।

    रिपोर्ट सुनकर हमें विश्वास है कि नवोदित आर्थिक इकाइयों में चीन अभी भी विश्व आर्थिक विकास की प्रमुख प्रेरणा शक्ति रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर की उन्नति वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान का कुंजीभूत कारण है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर के उन्नत करने के अनुमान से जाहिर है कि चीन निरंतर वैश्विक आर्थिक विकास को समर्थन दे सकता है।

    दूसरी रिपोर्ट में सुना है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता बन गए हैं। उनके प्रशंसक न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्वभर में मौजूद हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत कई सोशल प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी के लाखों-करोड़ों फॉलोअर्स हैं। अभी नरेंद्र मोदी को सोशल साइट ट्विटर पर करीब 2 करोड़ 65 लाख, फेसबुक पर 3 करोड़ 90 लाख फॉलो करते हैं, जबकि दूसरे नंबर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं। कुछ दिन पहले ही फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने सोशल मीडिया के महत्व को रेखांकित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का उदाहरण देते हुए यह समझाने का प्रयास किया कि सोशल नेटवर्क चुने गए नेताओं और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने और जवाबदेही तय करने में किस प्रकार से मदद करता है।

    तीसरे और अंतिम रिपोर्ट में सुना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले हफ्ते अपना कार्यकाल खत्म किया हैं, लेकिन उनका हस्ताक्षर मंगल ग्रह पर इस बात की गवाही देगा कि कभी वे अमेरिका का सर्वोच्च पद संभालते थे. ओबामा ने इस बारे में कहा, "यह दुनिया से बाहर की चीज है, धन्यवाद।"

    नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर के ट्विटर हैंडल ने हाल में एक तस्वीर साझा किया, जिसमें एक पट्टिका पर ओबामा, उपराष्ट्रपति जो बिडेन तथा अन्य अमेरिकी अधिकारियों के हस्ताक्षर दिख रहे हैं. मार्स क्यूरियोसिटी ने इस तस्वीर के साथ ट्वीट किया, "हस्ताक्षरित, मोहरबंद, प्रदत्त, मैं अमेरिकी राष्ट्रपति का हस्ताक्षर लेकर मंगल की सतह तक गया।"यह तस्वीर 19 सितंबर 2012 को खिंची गई थी, यह मंगल ग्रह पर रोवर का 44वां दिन था। इस तस्वीर को मार्स हैंड लेंस इमेजर ने खींचा था। इस पट्टिका को चार नटों के माध्यम से रोवर के डेक पर लगाया गया है.नासा ने बताया, "इसी तरह के हस्ताक्षरयुक्त पट्टिकाओं को नासा का स्पिरित और ऑपच्युनिटी रोवर लेकर गया था, जो मंगल ग्रह पर 2004 की जनवरी में पहुंचा था।"एक जानकारीपूर्ण प्रोग्राम पेश करने के लिए धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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