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    आपका पत्र मिला 2017-02-01
    2017-03-05 16:27:20 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, ओडिसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है......

    केसिंगा दिनांक 18 जनवरी। बहरहाल, देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों का ज़ायज़ा लेने बाद हमने साप्ताहिक "विश्व का आइना" भी पूरी तन्मयता से सुना, जिसके तहत पेश यह रिपोर्ट सुन कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि भारत की एक कंपनी ने 2018 के जनवरी माह में चंद्रमा पर लैंडिंग करने की योजना बनायी है। यदि यह योजना सफल रही, तो भारत अमेरिका, रूस व चीन के बाद ऐसा चौथा देश बन जाएगा जो चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा और यह कंपनी भी विश्व में पहली चंद्रमा लैंडिंग करने वाली निजी कंपनी होगी।

    रिपोर्ट के अनुसार टीम-इण्डस नामक इस कंपनी की स्थापना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के कुछ पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा की गयी थी, जो अब गूगल द्वारा आयोजित लूनर एक्सप्राइज नामक प्रतियोगिता में भाग ले रही है। गूगल कंपनी द्वारा आयोजित लूनर एक्सप्राइज का मकसद विश्व की निजी कंपनियों को कम ख़र्च वाले स्वचालित अंतरिक्ष अन्वेषण तरीके की खोज करने को प्रोत्साहन देना है। जो टीम चैम्पियन बनेगी, उसे 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर तथा दूसरे स्थान पर रहने वाली कंपनी को 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम मिलेगा।

    चैम्पियन बनने वाली टीम के लिए यह शर्त भी होगी कि वह अंतरिक्ष-यान को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कराने के पश्चात् चंद्रमा पर 500 मीटर चल कर दिखाये। इसके साथ ही उसे हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरों व वीडियो को पृथ्वी पर वापस भेजना होगा। गूगल ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमों के लिए यह शर्त भी रखी है कि हर एक टीम को कम से कम 90 प्रतिशत पूंजी समाज से इकट्ठा करनी होगी, जबकि सरकार की पूंजी 10 प्रतिशत से कम होनी चाहिए।

    अभी तक कुल 16 टीमों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आवेदन किया है, जो कि अमेरिका, जर्मनी, इजराइल, इटली, हंगरी, ब्राज़ील, कानाडा, चिली, मलेशिया, जापान व भारत से हैं। फ़ाइनल में भाग लेने वाली टीमों को 31 दिसंबर 2016 से पहले कारगर प्रक्षेपण अनुबंध करना था। अभी तक टीम-इण्डस समेत चार टीमों ने प्रक्षेपण अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं, अन्य तीन टीम हैं इजराइल की स्पेसइल, अमेरिका की मून एक्सप्रेस और अंतर्राष्ट्रीय टीम सिनर्जी मून।

    टीम-इण्डस के अनुसार चंद्रमा पर लैंडिंग करने के लिए कुल 6 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आवश्यक्ता है, जबकि उन्होंने निजी रूप से 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पूंजी हासिल की है, शेष पूंजी समाज से चंदा अदा कर एकत्र की जायेगी।

    हालांकि टीम-इण्डस द्वारा इस प्रतियोगिता में अपेक्षाकृत देर से भाग लिया, यानी लूनर एक्सप्राइज के शुरू होने से तीन साल बाद उसने स्वयं को शामिल किया है। फिर भी उसे प्रतियोगिता के आयोजक संगठन से मील का पत्थर समझे जाने वाला 10 लाख अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार हासिल हुआ।

    टीम-इण्डस की योजनानुसार सर्वप्रथम अंतरिक्ष-यान को रॉकेट के ज़रिये प्रक्षेपित किया जाता है, फिर वह यान पृथ्वी के चक्कर लगाएगा। कुछ देर बाद प्रोपेलर की सहायता से अंतरिक्ष-यान चंद्रमा की ओर उड़ेगा। चंद्रमा पर पहुंचने के बाद वह लैंडिंग करेगा और अंत में लैंडर अंतरिक्ष-यान से बाहर जाकर चंद्रमा पर चलेगा और अपना मिशन पूरा करेगा।

    लेकिन टीमइनदुस के लिए उनका मिशन चंद्रमा पर लैंडिंग करके प्रतियोगिता जीतना नहीं है, बल्कि उनके लिए प्रतियोगिता केवल एक शुरूआत है। उनका सपना है स्पेसएक्स जैसी विश्व समुन्नत अंतरिक्ष विज्ञान व तकनीक कंपनी बनना। यहां हम शुभकामनाएं देना चाहते हैं कि उनका यह सपना साकार हो।

    अगली जानकारी में -भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी जनगणना के आंकड़ों के अनुसार भारत में करीब 40 प्रतिशत लोग विवाह के बाद या तो विदेश चले जाते हैं या देश के ही अन्य हिस्सों में जाकर बस जाते हैं। भारत की आबादी वर्त्तमान 1.2 अरब से ज़्यादा है, जो कि विश्व में दूसरी बड़ी आबादी वाला देश है। भारत सरकार की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 40 प्रतिशत लोग अपना जन्मस्थान छोड़कर स्थानांतरित हो जाते हैं, ऐसे लोगों की संख्या 45.4 करोड़ है। जिनमें से 13.9 करोड़ लोग भारत के अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित हुए हैं। स्थानांतरित होने वाले लोगों में 69 प्रतिशत महिलाएं हैं।

    भारत में अनेक लोग आज भी परिवार को बड़ा महत्व देते हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 20 प्रतिशत लोगों द्वारा पारिवारिक स्थानांतरण की वजह से खुद का स्थानांतरण किया गया। लेकिन 2011 की जनगणना में केवल 15 प्रतिशत लोग पारिवारिक स्थानांतरण के कारण स्थानांतरित हुये। इससे जाहिर है कि आजकल भारतीय लोग स्वतंत्रता पर ज़्यादा ध्यान देने लगे हैं।

    हालिया जनगणना से यह भी पता चला है कि 10 प्रतिशत लोग नौकरी में अच्छे अवसरों के लिए स्थानांतरण करते हैं। साथ ही 2 प्रतिशत लोग अच्छी शिक्षा हासिल करने के लिए स्थानांतरित हो जाते हैं। कोई 18 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में स्थानांतरित होते हैं, जबकि 17 प्रतिशत एक गांव से दूसरे गांवों को स्थानांतरित होते हैं। वैसे पिछले 10 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों के लिये स्थानांतरित होने वाले लोगों की संख्या स्थिर रही है।

    कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा गत 5 जनवरी को राष्ट्रपति के सरकारी ट्विटर पर अपने कार्यकाल का अंतिम सन्देश भेजे जाने की चर्चा करते हुये बतलाया गया कि वह सन्देश 20 जनवरी को व्हाइट हाउस आने वाले नये मेजबान के लिये नववर्ष की शुभकामनाओं के तौर पर था। इस बार व्हाइट हाउस, नाभिकीय सूटकेस, एयरफॉर्स-एक के अलावा एक और महत्वपूर्ण संपत्ति सोशल मीडिया ट्विटर का हस्तांतरण किये जाने की भी ज़रूरत है।

    पिछले वर्ष अक्टूबर माह में व्हाइट हाउस की सरकारी वेबसाइट पर सरकारी ट्विटर के स्थानांतरण की योजना जारी की गई। ओबामा का ट्विटर @POTUS 2017, 20 जनवरी को नये राष्ट्रपति को सौंपा गया। इससे पहले ट्विटर पर मौज़ूद सभी लेख मिटाये गये, लेकिन प्रशंसक बने रहेंगे। यह इस बात का द्योतक है कि ट्रम्प को 1.29 करोड़ से ज़्यादा फ़ेंस होने वाला खाली ट्विटर मिला। पिछले 8 वर्षों में ओबामा द्वारा भेजे गये सभी लेख एक नये खाते @POTUS44 में स्थानांतरित किये गये हैं, जिसका प्रबंध व रक्षा राष्ट्रीय फ़ाइल एवं रिकॉर्ड्स प्रबंध ब्यूरो द्वारा किया जाएगा।

    कौन हैं एक सोशल मीडिया राष्ट्रपति?वर्ष 2008 में हुये राष्ट्रपति चुनाव के बाद ओबामा सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हुए और ओबामा ही अमेरिका के प्रथम सोशल मीडिया राष्ट्रपति बने। ओबामा अपने दफ़्तर में फेसबुक लाइव प्रसारित करने, यूट्यूब पर अमेरिकी नागरिकों के सवालों के जवाब देने और स्नेपचेट पर फ़िल्टर का प्रयोग करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं।

    व्हाइट हाउस व निजी ट्विटर खाते के अलावा ओबामा ने सन 2013 में खास तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिये सरकारी खाता @POTUS भी खोला। (अमेरिकी राष्ट्रपति President of the United States का संक्षिप्त रूप है) वे इस खाते पर नेटीजनों से बातचीत करते थे, अपनी नीतियाँ जारी करते थे और अपना जीवन दर्शाते थे। अभी तक इस खाते के करीब 1.3 करोड़ फैंस हो चुके हैं। ओबामा के निजी ट्विटर खाते @BarackObama के 8 करोड़ फेंस हैं, जबकि ट्रम्प के निजी खाते @realDonaldTrump के केवल 1.86 करोड़ फेंस हैं। लेकिन ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद यह संख्या ज़रूर बढ़ जाएगी।

    राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के बाद ट्रम्प के ट्विटर खाते पर अनेक ऐसे लेख जारी किये गये, जिन्होंने लोगों का काफी ध्यान खींचा था। हालांकि ट्रम्प ने पहले मीडिया से कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद सोशल मीडिया पर वे अपनी कार्यवाई पर सीमित रखेंगे। फिर भी हाल में ट्रम्प के व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने संवाददाता सम्मेलन में प्रश्नोत्तर के दौरान कहा कि व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के बाद ट्रम्प ट्विटर के जरिए अपनी नीति का प्रसार करेंगे। किस ट्विटर खाते से यह काम करेंगे, ये हमें देखना होगा।

    कार्यक्रम के अन्त में याहू, सैमसंग, सहित विश्व की तमाम बड़ी कम्पनियों की कारोबारी गतिविधियों पर भी महती जानकारी प्रदान की गई। धन्यवाद् एक सूचनाप्रद प्रस्तुति के लिये। श्रोताओं के अपने मंच साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत हर बार की तरह आज भी श्रोताओं की टिप्पणियों एवं प्रतिक्रियाओं को समुचित स्थान दिया गया, परन्तु निराशा की बात यह है कि कार्यक्रम के लिये श्रोताओं से मिलने वाले पत्रों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। वैसे यक़ीन मानिये, हम अपनी सक्रियता में कोई कमी नहीं आने देंगे। धन्यवाद्।

    हैया:सुरेश जी आगे लिखते हैं.... केसिंगा दिनांक 19 जनवरी। साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत आज चन्द्रिमाजी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में चीनी-भाषा का अध्ययन करने वाली सुश्री संजना कटारिया एवं एक अन्य छात्रा से मैडम श्याओ यांग द्वारा ली गयी भेंटवार्ता सुनवाया जाना बहुत अच्छा लगा। यह जान कर ख़ुशी हुई कि उन्हें चीन भेजने में दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की अहम् भूमिका रही। मुझे दोनों भेंतदाताओं का यह कहना बहुत अच्छा लगा कि -उन्होंने चीन के बारे में जो किताबों में पढ़ा था, वास्तव में, यहाँ के लोग उससे कहीं अच्छे हैं। धन्यवाद् एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    कार्यक्रम "टी टाइम" की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रान्त स्थित ताली विश्वविद्यालय में मेडिकल पढ़ाने वाले शिक्षक सुप्रतीक कुण्डू से मिलवाया जाना भी बेहद सार्थक लगा। मुझे वर्ष 2006 में चीन गये कुण्डू का यह कहना बहुत सही जान पड़ा कि वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलम्पिक्स के बाद चीन के बारे में भारतीयों की जानकारी में काफी वृध्दि हुई है। उनका यह कहना भी बिलकुल दुरुस्त लगा कि चीन में काम करने वालों की बहुत क़द्र की जाती है। सचमुच, चीन जाने से पूर्व लोगों की जो अवधारणा होती है, वहां जाकर बदल जाती है। क्यों कि चीन है ही ऐसा।

    कार्यक्रम में आगे भारत में छपने वाले मौद्रिक नोटों पर आने वाली लागत पर नीमच, मध्यप्रदेश के श्री चन्द्रशेखर गौड़ द्वारा सूचना अधिकार नियम के तहत मांगी गयी जानकारी के आधार पर प्राप्त सूचना काफी दिलचस्प लगी। पांच से लेकर एक हज़ार रुपये तक के तमाम नोटों पर आने वाले छपाई ख़र्च सम्बन्धी जानकारी इसलिये भी महत्वपूर्ण थी कि भारत में सरकार द्वारा हाल में की गयी नोटबंदी और पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नये नोटों के चलन को लेकर लोगों में कई सारी भ्रांतियां विद्यमान हैं। बहरहाल हमारे लिये यह जानना ही काफी है कि दो हज़ार रुपये के एक हज़ार नोटों पर छपाई लागत 3540 रुपये आती है। जानकारियों के क्रम में यह जान कर हैरत हुई कि जापान स्थित योकोहामा में एक पांच सितारा होटल केवल मुर्दों के लिये है, जहां एकसाथ अठारह मृतक मेहमानों को रखे जाने की सुविधा है और एक मुर्दे को होटल में रखने पर प्रतिदिन सात हज़ार रुपये ख़र्च आता है। लन्दन में छह से ग्यारह वर्ष आयुवर्ग के कोई 250 लड़के-लड़कियों पर उनकी शारीरिक गतिविधि एवं कौशल पर आधारित शोध के परिणाम सम्बन्धी जानकारी भी सूचनाप्रद लगी। फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग के निजी रोबोट जॉविक की विशेषताओं के बारे में जान कर तो दांतों तले उंगली दबानी पड़ी।

    हेल्थटिप्स में -बदलते मौसम में सर्दी-खाँसी से बचने जिन दादी-नानी के नुस्ख़ों की चर्चा की गयी, वह वास्तव में कारगर हैं। आज के कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स उम्दा थे। धन्यवाद् फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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