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    आपका पत्र मिला 2016-12-07
    2017-03-05 15:58:10 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है......

    दिनांक बुधवार 30 नवम्बर को दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद "विश्व का आईना" प्रोग्राम और उसके बाद "आपका पत्र मिला " प्रोग्राम सुना।

    आज "विश्व का आईना" कार्यक्रम में मैडम श्याओ यांग जी द्वारा पेश पहली रिपोर्ट में सुना कि इस साल दीवाली के दौरान दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की क्वालिटी भी बहुत खराब हो गई, जिसके कारण PM2.5 का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने दिल्ली में कुछ जगहों पर वायु शोधक उपकरण लगाने का ऐलान किया।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। रिपोर्ट कहती है कि राजधानी की हवा में PM10 की मात्रा 225 माइक्रोग्राम प्रति मिलीमीटर तक पहुंच गई है। पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर PM10 की मात्रा हवा में जरूरत से ज्यादा बढ़ती है तो इंसान को फेफड़े के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है और सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ये सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट ने ये साबित कर दिया है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ा है, जो दिल्ली वालों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गया है। इस रिपोर्ट से सरकार के उन कदमों पर सवाल भी खड़े होते हैं जो शहर में प्रदूषण कम करने के लिए उठाए जा रहे हैं।

    दूसरी रिपोर्ट में सुना है कि ट्रैफ़िक जाम और वायु प्रदूषण के मद्देनज़र आजकल चीन के पेइचिंग, शांगहाई व क्वांगचो आदि बड़े शहरों की सड़कों व गलियों में मोबाइक नामक साइकिल चलाई जा रही हैं।मोबाइक में स्मार्ट फ़ोन का एप, जीपीएस और QR कोड आदि लगाया गया है। मोबाइक को चीनी विज्ञान व तकनीक की प्रमुख कंपनी टेनसेंट का समर्थन मिला और 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया।रिपोर्ट में बताया गया है कि पेइचिंग के ओफ़ो साइकिल को इस महीने दीदी, श्याओमी और अमेरिकी हेज फंड सहित पूंजी निवेशकों से करीब 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद मिली। मोबाइक की स्थापना भी 2015 में हुई। चीन के शहरों में प्रति दिन लाखों लोग इस सेवा का लाभ ले रहे हैं। करीब 40 करोड़ साइकिल वाले चीन में स्मार्ट साइकिलों ने लोगों का ध्यान खींचा है। मोबाइक ऑरेंज रंग की हैं, जिसके टायर ठोस होते हैं, जो मजबूत होते हैं। जबकि ओफ़ो का रंग पीला है, जो क्लासिकल दिखती है। मोबाइक साइकिल के सीईओ, 43 वर्षीय वांग श्याओफंग ने पत्रकार से कहा कि वे आशा करते हैं कि एक फैशनेबल व उच्च तकनीक वाली साइकिल बनाने से साइकिल और लोकप्रिय बन सकेगी। खुशी की बात है कि अब पेइचिंग की सड़कों व गलियों में मोबाइक नामक साइकिलें दिखने लगी हैं। स्टील के बजाय, मोबाइक अल्युमीनियम से बनी है, इसलिए वह पानी से बचा सकती है। मोबाइक के टायरों में हवा भरने की जरूरत नहीं होती। साथ ही वह चलने से पैदा हुई ऊर्जा से बिजली चार्ज कर सकती है। विज्ञान व तकनीक के विकास के साथ-साथ हमें विश्वास है कि भविष्य में और स्मार्ट साइकिल हमारे जीवन में रंग डाल सकेगी।

    आजकल चीन के तमाम शहरों में खाना ऑर्डर करने का बड़ा बाजार तैयार हो चुका है। कुछ युवा इसे ध्यान में रखकर इंटरनेट रेस्तरां खोलने लगे हैं। ज्यादा से ज्यादा चीनी युवक इटरनेट से खाना ऑडर करने लगे हैं। 2016 चीनी टेकआउट बाजार रिपोर्ट से जाहिर है कि अब ज्यादा से ज्यादा लोग एप से खाना ऑडर करने लगे हैं, जिनमें 60 प्रतिशत से ज्यादा युवा हैं।आम तौर पर लोग एप पर खाना ऑडर करने से रेस्तरां जाकर खाना खाने से 10 से 50 युआन कम दे सकते हैं। कुछ रेस्तरां ड्रिंक्स या स्नेक्स को खाने के साथ ग्राहकों को मुफ्त देते हैं। इसके अलावा कुछ रेस्तरां एक युआन में खाना खाएं और मुफ्त रूप से खाना खाएं आदि विभिन्न प्रचार गतिविधियां भी चला रहे हैं। एक इंटरनेट रेस्तरां के मैनेजर ने कहा कि चीन में खानपान उद्योग का बड़ा बाजार है। उपभोक्ता इसे और आसानी से स्वीकार करते हैं और बार बार खरीदने की बड़ी संभावना भी है।

    आज प्रोग्राम के अंत में सुना है कि ब्रिटिश कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदय से मानव जाति को खतरे की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास से मानव जाति रोगों से बचा सकती है, गरीबी उन्मूलन कर सकती है और जलवायु परिवर्तन को रोक सकती है। लेकिन संभवतः अप्रत्याशित परिणाम भी पैदा होंगे।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सचमुच मानव जाति को नष्ट कर सकती है।इस विषय पर 50 साल से शोध कर रहे मशहूर विद्वान मेगी बोदन ने कहा कि मानव जाति इतनी जल्दी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य में नहीं प्रवेश कर सकती है। लेकिन वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले असर से चिंतित हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि जापान में कुछ लोग रोबोट के जरिए वृद्धों व बीमार लोगों की देख-भाल करने लगे हैं, वह इस बात से डरती हैं। उनके विचार में इसी तरह की कोशिश मानवता में कमी है, जिसे वह स्वीकार नहीं कर सकती। धन्यवाद।

    दिनांक 2 दिसंबर को दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम और "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम सुना।

    आज साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में हुमिन जी ने चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में राजा गेसार का महाकाव्य सुनाने वाले लोक कलाकार बूजोन की कहानी हमें सुनाई जो मुझे बहुत अच्छा लगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजा गेसार विश्व में सबसे लम्बा एतिहासिक महाकाव्य है। वह पुरानी तिब्बती जाति की लोक संस्कृति और मौखिक कहानी कला का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। राजा गेसार का लम्बा इतिहास, महान ढांचा और प्रचुर विषय है, जिसे एक वीर रस की कविता मानी जाती है। महाकाव्य राजा गेसार तिब्बती जाति की प्रथाओं, कविताओं और कहावतों के आधार पर पैदा हुई कविता है, जो पुरानी तिब्बती जाति की संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करती है।सुना है कि राजा गेसार 11वीं शताब्दी में आये एक महादेव थे। अपनी महान चरित्र से राजा गेसार को जनता का प्यार प्राप्त था। महाकाव्य राजा गेसार उन की पूरी आपबीती का वर्णन करने की एक रचना है। महाकाव्य राजा गेसार दो करोड़ शब्दों से गठित है। महाकाव्य राजा गेसार तिब्बती जातीय संस्कृति का जीवित जीवाश्म माना जाता है। वर्ष 2009 में राजा गेसार महाकाव्य विश्व की गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल की गई है। उत्तरी तिब्बत के घास के मैदान में स्थित नाछ्यु प्रिफेक्चर में राजा गेसार कथा गायन वाचकों का जन्मस्थान और राजा गेसार का जीवन वृत्तांत को विरासत में प्राप्त करते हुए उसके विकास का केन्द्र भी है।

    राजा गेसार सुनाने वाले कलाकार कभी कभी कई दिनों के लिए इस का गाना गा सकते हैं। बूजोन महाकाव्य राजा गेसार सुनाने वाले लोक कलाकारों में से एक है। बूजोन ने इस महाकाव्य की जानकारी देते हुए कहा," जब राजा गेसार 13 साल के थे, तब उन्हें पड़ोसी देश के दबाव से पहाड़ों में रहने जाना पड़ा था। इसके बाद भगवान ने उन्हें पड़ोसी देश के घोड़ प्रतियोगिता में भाग लेने दिया और राजा गेसार ने इसमें अपना सिंहासन जीता।" सुना है कि बूजोन एक बार बीमार होकर बेहोश हुआ था , जगने के बाद उन की दिमाग में राजा गेसार की पूर्ण कहानियां अर्पित की गयी थीं। बूजोन ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि 11 साल की उम्र में एक दिन उनको एक सपना आया था जिसमें वह दो साधुओं से मिले थे। सपने में एक आदमी ने उनको राजा गेसार की कहानी सुनायी। दूसरे दिन मंदिर के साधुओं ने उन्हें आशीर्वाद दी। इस के बाद उन्हें राजा गेसार की पूर्ण कहानियों की याद हुई।उन्होंने कहा कि वे दिनों से राजा गेसार की कहानियां सुना सकते हैं और जभी राजा गेसार सुनाते हैं , वह दुनिया के सब कुछ भूल जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके दिल में महाकाव्य राजा गेसार की सर्वोच्चता प्राप्त है। बूजोन ने 17 साल की उम्र से ही मंच पर राजा गेसार की कहानी सुनाना शुरू किया। पाँच साल बाद उन का नाम जाना गया। अब बूजोन आम तौर पर केवल कला केंद्र में राजा गेसार की कहानी सुनाते रहते हैं। गत वर्ष तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने बूजोन को परंपरागत सांस्कृतिक विरासत का वारिस सम्मानित किया जो उनको बहुत प्रेरित किया है। बूजोन हर हफ्ते थिएटर के मंच में पारंपरिक कपड़े पहनते राजा गेसार की कहानियां सुनाते रहते हैं। उन्हें पक्का विश्वास है कि जहां तिब्बती लोग रहते हैं , वहां महाकाव्य राजा गेसार के प्रशंसक भी हैं। इसलिए यह डरने की जरूरत नहीं है कि राजा गेसार सुनने वाले दर्शक कम होंगे।

    इस रिपोर्ट के अंत में नाग्छू प्रिफेक्चर के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी दिया गया है। नाग्छू प्रिफेक्चर चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उत्तर में स्थित है जहां चीन की कई प्रमुख महा नदियां जैसे यांगत्सी नदी, पीली नदी और ल्हासा नदी का स्रोत माना जाता है। नाग्छू क्षेत्र की औसत ऊंचाई 4500 मीटर रहती है। मशहूर छिंगहाई-तिब्बत राजमार्ग और छिंगहाई-तिब्बत रेलवे लाइन भी इस क्षेत्र में से गुजरते हैं। नाग्छू प्रिफेक्चर 4.5 लाख वर्गमीटर विशाल है और इस के तहत कुल 11 काउटियां हैं। वर्ष 2010 की जनगणना से नाग्छू प्रिफेक्चर में 462382 लोग रहते हैं। नाग्छू प्रिफेक्चर को आम तौर पर एक चरवाहे क्षेत्र माना जाता है जहां 33 करोड़ हैक्टर चरागाह क्षेत्र फैलते हैं। जनवादी रुपांतर होने के बाद केंद्र सरकार ने वर्ष 1960 के जनवरी में नाग्छू विशेष क्षेत्र स्थापित किया। सन 1970 में नाग्छू प्रिफेक्चर औपचारिक तौर पर स्थापित हुआ। अब नाग्छू प्रिफेक्चर के तहत कुल 11 काउंटियां हैं।

    आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में हुमिन जी और पंकज श्रीवास्तव जी ने वायु प्रदूषण को लेकर एक अच्छी चर्चा की जो मुझे बहुत पसंद आई।

    हैया:बसु जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। आगे पेश है बिहार से शंकर प्रसाद शम्भू जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    27 नवंबर को सण्डे की मस्ती में चीनी गायक द्वारा गाया गया चीनी गीत "भेड़ की खाल से बना, मां का कोट" बेहद अच्छा लगा। सपना जी के संडे स्पेशल में स्वीडन की संवेदनशील कहानी--"प्रेम की प्रतीक्षा" और नहीं आया दूल्हा तो दूल्हन ने अकेले रचा ली शादी! पसंद आए!

    28 नवंबर को जीवन के अंग में योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्री लंका में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत्‌ में लोग इससे परिचित हैं। युन्नान जातीय विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य ना चिनह्वा ने आशा जतायी कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन से चीन और भारत के बीच गैर सरकारी सांस्कृतिक आवाजाही बढ़ेगी। लीला जी से चीनी कहानी बेहद अच्छी लगी।

    29 नवंबर को एशियन बैंकरों ने वर्ष 2016 चौथा रनमिनबी शिखर सम्मेलन 29 नवम्बर को पेइचिंग में आयोजित किया। सम्मेलन का विषय है यानी आरएमबी के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देना। अच्छी लगी।

    30 नवंबर को आपका पत्र मिला कार्यक्रम में ओडिसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल और रबिशंकर बसु का पत्र बेहद अच्छी लगी।

    01 दिसंबर के कार्यक्रम टी-टाइम में अनिल जी ने हैरान करने वाली जानकारी दी। जिनमें कार्बन डाईऑक्साइड गैस की वजह से पककर फूलने के बाद रोटी की दो परतें बन जाती हैं। कार्बन डाईऑक्साइड गैस बनने के लिए आटे में लासा का होना जरूरी है। यही कारण है कि गेहूं की रोटी खूब फूलती है।

    अगली जानकारी में बताया गाया कि मोटापे से ग्रस्त चीन के 11 साल के एक लड़के का वजन करीब 146 किलो है। खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी।

    जबकि नीलम जी ने बताया कि न्यूजीलैंड के गिसबॉर्न एयरपोर्ट एक ऐसा एयरपोर्ट है, जहां पर प्लेन को उड़ान भरने से पहले ट्रेन का इंतजार करना होता है। अगली जानकारी में बताया कि फेसबुक अब एक नए फीचर का परीक्षण कर रहा है। इसके जरिए लोग अपने नजदीकी वाई-फाई हॉटस्पॉट के बारे में पता लगा सकेंगे। फेसबुक ने इसकी पुष्टि भी की है। अच्छा लगा।

    बॉलीवुड की ख़बर में आजकल फिल्म के प्रमोशन के लिए सभी एक्टर छोटे पर्दे का सहारा ले रहे हैं। कुछ समय पहले ऐसी खबरें आ रही थी कि आमिर अपनी फिल्म दंगल को प्रमोट करने के लिए सलमान खान के शो बिग बॉस में जा सकते हैं। लेकिन लगता है ऐसा नहीं होने वाला।गौरतलब हो कि पिछली बार जब आमिर की 'धूम 3' आई थी तो सलमान ने 'बिग बॉस' में जमकर फिल्‍म को प्रमोट किया था। एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    अनिल:शंकर प्रसाद शम्भू जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। दोस्तो, आगे पेश है ओडिसा से हमारे मॉनिटर सुरेश अग्रवाल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    केसिंगा दिनांक 3 दिसम्बर। सर्वप्रथम सीआरआई की 75वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे गर्व है कि सीआरआई की 75 साल की इस विकास-यात्रा में गत चार दशक से मैं भी इसका सहयात्री रहा हूँ और तमाम उतार-चढ़ावों के साथ मैंने इसे लोकप्रियता की बुलन्दियों को स्पर्श करते देखा है। विश्व-बन्धुत्व की भावना को निरन्तर बढ़ावा देने वाली सीआरआई की शाश्वत वाणी को कभी विराम न लगे, यही ईश्वर से कामना है। बहरहाल, सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण रोज़ाना की तरह आज भी सुना। आज समाचारों के बाद पेश हरदिलअज़ीज़ साप्ताहिक "आपकी पसन्द" आज कुछ नये रंग लिये नज़र आया और एक जानकारी एवं फ़रमाइशी गाने के बीच किसी अन्य गीत का मुखड़ा सुनवाया जाना रुचिकर लगा। बहरहाल, श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्म -दो झूठ, खेल-खेल में, राज़ा और रंक, क्रोधी, बरसात की एक रात तथा ज़ुर्माना के छह सदाबहार गानों के साथ दी गई तमाम जानकारी भी अत्यन्त रोचक ज्ञानवर्द्धक एवं आश्चर्यजनक लगी। विंध्याचल क्षेत्र में पैसोली नदी के किनारे खुदाई के दौरान मिली ऋग्वेदकाल की हज़ारों साल पुरानी गुफ़ा एवं रॉक-पेन्टिंग्स पर दी गई जानकारी अत्यन्त सूचनाप्रद लगी। वहीं चीनी लोगों द्वारा सर्दियों के मौसम में श्रीलंका, इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड सहित उष्णकटिबध्दीय देशों की सैर पर जाने का कारण समझाने का भी शुक्रिया। यह जानकारी हैरान करने वाली थी कि इण्डोनेशिया के पापुआ न्यू गिनी में रहने वाली दानी नामक आदिम जनजाति में घर के मुखिया की मृत्यु का ख़ामियाज़ा महिलाओं की उंगलियां काट कर चुकाया जाता था। वहीं इंग्लैण्ड के डर्बीशायर में सन 2007 में मिले एक परी के शव सम्बन्धी समाचार पर यक़ीन करना मुश्किल हो रहा है। और दुनिया के ऐसे जीव जिनकी कि खोज़ नहीं की जा सकी है, ऐसी स्थिति में सूअर जैसा नाक लिये किसी मछली का मिलना भी अद्भुत लगा। धन्यवाद् एक मनोरंजक एवं सूचनाप्रद प्रस्तुति के लिये।

    वहीं 4 दिसम्बर को "सन्डे की मस्ती" भी गौर से सुना और उसका पूरा मज़ा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत 'किसी की याद है अकेलेपन की वज़ह' शीर्षक मधुर चीनी गीत से किया जाना रुचिकर लगा। सन्डे स्पेशल में सपनाजी द्वारा पेश 'विश्व की संवेदनशील कहानी' क्रम में आज इंग्लैण्ड की कहानी "एक मक़ान पुराना सा" का पहला भाग सुन कर यह जानने को हमारी जिज्ञासा बनी हुई है कि -मिस्टर वाटरबरीज आख़िर क्यों इतनी अधिक क़ीमत देकर बुढ़िया का पुराना मक़ान लेने पर अड़े रहे।

    अज़ीबोग़रीब और चटपटी बातों के क्रम में हाईब्रिड चावल के जनक चीनी वैज्ञानिक युएन लांग फिंग द्वारा चावल की अधिक उपज का अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ विश्व का सर्वोच्च कीर्तिमान स्थापित किया जाना; मध्य चीन के हन्नान प्रान्त में को नामक शख़्स द्वारा छोटे सिक्कों में कार ख़रीदना तथा सछ्वान प्रान्त के छंगतु में चीन द्वारा विश्व की पहली स्कायट्रेन, जो कि पाण्डा के रूप में बनायी गयी है, चलाये जाने का समाचार काफी सूचनाप्रद लगा। अखिलजी द्वारा टूटी हुई हॉकी स्टिक से खेलते हुये भारतीय हॉकी टीम के नायक बने महान खिलाड़ी धनराज पिल्लै के जीवन पर पेश कहानी वास्तव में प्रेरक लगी। मनोरंजन खण्ड में -इस शुक्रवार रिलीज़ हुई विद्या बालन तथा अर्जुन रामपाल अभिनीत फ़िल्म "कहानी 2" की चर्चा के साथ उसका प्रोमो सुनवाया जाना शानदार अनुभव रहा। जब कि आज पेश जोक्स में पहले जोक -'तोताराम ये पुलाव कैसे बनाया है' ने ही हमारा दिल जीत लिया। धन्यवाद् एकबार फिर एक लज़ीज़ प्रस्तुति हेतु।

    हैया:सुरेश जी, पत्र भेजने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद। दोस्तो, 3 दिसंबर को सीआरआई की 75वीं वर्षगांठ थी। आगे पेश है जमशेदपुर से एसबी शर्मा जी की बधाई। उन्होंने लिखा है....

    सीआरआई को 75वीं जन्मदिन की हार्दिक शुभ कामनायें। तीन दिसम्बर 1941 में रेडियो पेकिंग के नाम से शुरू किया गया। चीन का सरकारी रेडियो जो आजकल चाइना रेडियो इन्टरनेशनल (सीआरआई) के नाम से जाना जाता है। पिछले 74 सालों से दुनिया के 62 भाषाओं के श्रोताओं के और इन्टरनेट पाठकों के दिलों पर राज कर रहा है। हम सभी श्रोताओं और श्रोता क्लबों के सदस्यों के तरफ से सीआरआई के 75वें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।

    3 दिसंबर 1941 से शुरू हुई चीन के अंतरराष्ट्रीय रेडियो प्रसारण सीआरआई की अविरल यात्रा अनवरत जारी है। हम आगे भी सीआरआई की यात्रा के जारी रहने और दुनिया की मीडिया का सिरमौर बनने की कामना करते है। सीआरआई चीन व दुनिया के अन्य देशों की जनता के बिच आपसी मैत्री व पारस्परिक समझ बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। आज सीआरआई डिजिटल प्रसारण से लेकर कार्यक्रमों के जीवंत प्रस्तुति तक पहुंच गया है। दुनिया के 62 भाषाओं में सीआरआई रेडियो के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहा है। सीआरआई ने अपनी एक नई पहचान बनाई है। हम सीआरआई के सतत विकास की कामना करते है।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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