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    आपका पत्र मिला 2016-11-30
    2017-03-05 15:56:19 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल का नमस्कार।

    हैया:सभी श्रोताओं को हैया का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, पहले की तरह आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हमें आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का। उन्होंने लिखा है......

    सादर नमस्कार। दिनांक 25 नवम्बर को रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक शार्टवेव 7395 किलोहर्ट्ज (kHz) पर आपका रेडियो प्रोग्राम सुना। दुनिया भर के ताज़ा समाचार सुनने के बाद साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम और "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम सुना।

    आज साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" प्रोग्राम में हुमिन जी ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गांवों में गरीबी उन्मूलन के बारे में एक विशेष रिपोर्ट पेश की जो मुझे काफी महत्वपूर्ण लगी।रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन सरकार की 13वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार वर्ष 2020 तक सात करोड़ गरीब आबादी को गरीबी से मुक्त कर देने का लक्ष्य पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने तिब्बत के गांवों में गरीबी उन्मूलन के लिए विशेष कार्य दल भेजने का कदम उठाया।

    मांगकाम काउंटी तिब्बत के दक्षिण-पूर्व में स्थित है जो चीन के युन्नान प्रांत से जुड़ती है। मांगकाम काउंटी का क्षेत्रफल 11 हजार 4 सौ वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 73 हजार। काउंटी के तहत दो नगर, 14 टाउनशिप और 60 गांव सुरक्षित हैं। मांगकाम काउंटी के नागरिकों में 98 प्रतिशत तिब्बती जाति के हैं। इनके अलावा काउंटी के निवासियों में हान, नाशी, बाई और थुच्या आदि जातियों के भी हैं। मांगकाम काउंटी स्थित ताशूल गांव एक कृषि गांव है जहां के लोग मुख्य तौर पर गेहूं, मक्का और आलू आदि की खेती पर निर्भर हैं। गांववासियों को अमीर जीवन बिताने के लिए सरकार ने वर्ष 2011 में एक कार्य दल भेजा। कार्य दल के सदस्यों ने ताशूल गांव के सभी परिवारों का इंटरव्यू लिया और आसपास के बाजारों की जानकारी प्राप्त करने के बाद कृषि वन-रोपण संरचना का समायोजन शुरू किया। कार्य दल का मानना है कि अधिक आय प्राप्त करने के लिए गांव में अंगूर और संतरा आदि विशेष फल का वृक्षारोपण करना चाहिये। पांच साल बाद ग्रामीणों को पता चला कि फल के पेड़ लगाने से गांववासियों की आय में भारी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में सुना है कि फ्रांस के एक मिशनरी 19वीं सदी में उपदेश देने के लिए ताशूल गांव के आसपास के क्षेत्र गये थे। उन्होंने तिब्बत में एक मात्र कैथोलिक चर्च निर्मित किया था और तिब्बत में फ्रांस के बोर्डो क्षेत्र की वाइन बनाने वाली तकनीक फैलायी। आज ताशूल गांव में सभी परिवार अपने खेतों में अंगूर लगाते हैं। गांव में अंगूर खेतों का क्षेत्रफल 1200 मू विशाल है जिससे गांववासियों को प्रति वर्ष 60 लाख युवान की आय प्राप्त होती है।

    ताशूल गांव पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जहां नहरों और जलाशयों के अभाव से खेत सिंचाई की समस्या थी। कार्य दल ने गांव में आवश्यक जल नहर और जलाशय का निर्माण करने के लिए व्यापक प्रयास किया। ताशूल गांव में वर्ष 2012 में 3800 मीटर लंबी जल नहर और 1400 वर्ग मीटर जलाशय निर्मित किये गये। इस वर्ष में 6800 नहरों का निर्माण समाप्त हो सकेगा।कई सालों के प्रयास से अब ताशूल गांव में पानी की कमी की समस्या का हल किया जा चुका है।

    नहर और जलाशय का निर्माण करने के बाद कार्य दल का केंद्र गरीबी उन्मूलन के सवाल पर केंद्रित हुआ। कार्य दल को पता लगा है कि गांव में 55 गरीब परिवार हैं। कार्य दल ने प्रत्येक परिवार की स्थितियों का सटीक आंकलन किया और हरेक परिवार की स्थिति के मुताबिक उनकी मदद शुरू की। ताशूल गांव में तीन ऐसे परिवार भी हैं जिनके पास श्रम शक्ति, आर्थिक आमदनी और बच्चे सब नहीं हैं। कार्य दल ने इन अत्यंत गरीब लोगों की मदद के लिए बहुत ध्यान लगाया। कार्य दल कभी कभी इन बुजुर्गों को देखने के लिए जाता है। अगर उन्हें खान-पान की समस्या सामने आए तो कार्य दल के सदस्य पैसा निकालकर उनके लिए कपड़े आदि खरीदते हैं। ताशूल गांव की 71 वर्षीया रेनजंग छूत्सो ने कहा "कार्य दल के सदस्य हरेक त्योहार में मुझे देखने आते हैं और चावल, चाय, आटा और शुगर आदि भी लाते हैं। सरकार मुझे एक साल चार हजार युआन देती है। कार्य दल ने भी मेरे लिए दवाइयां खरीदी। मैं कार्य दल के सदस्यों को अपने बच्चों के रूप में देखती हूं।"

    तिब्बत के गांवों में गरीबी उन्मूलन अभियान में कार्य दल का मिशन का मैं प्रशंसा करता हूं।

    आज "दक्षिण एशिया फोकस" प्रोग्राम में हुमिन जी और पंकज श्रीवास्तव जी ने चीन की राजधानी पेइचिंग में वायु प्रदूषण को लेकर एक अच्छी चर्चा की। चीन में चार रंगों की मौसम चेतावनी प्रणाली है। सबसे गंभीर स्थिति के लिए लाल, उससे कम गंभीर स्थिति के लिए नारंगी, इससे भी कम गंभीर स्थिति के लिए पीले और सबसे कम गंभीर स्थिति के लिए नीले रंग की चेतावनी जारी की जाती है। बातचीत में सुना है कि अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही पेइचिंग के आसमान में प्रदूषित हवा की एक परत जमी हुई है जिस कारण पेइचिंग प्रशासन को इस महीने दूसरी बार येलो अलर्ट जारी करना पड़ा है। प्रदूषण की वजह से पेइचिंग में बहुत सारे लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। पेइचिंग में 2.5 आकार वाले पर्टिकुलेट मैटर की सीमा 300 के स्तर को पार कर गई थी।पेइचिंग में साफ हवा के लिए चीन सरकार ने एयर प्यूरीफायर लगाने का फैसला किया है।

    वायु प्रदूषण विश्व के सभी देशों के हरेक सामाजिक वर्ग पर असर डाल सकता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल के 27 सितंबर को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि पृथ्वी पर 92 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के निवास स्थान में वायु प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किये गये न्यूनतम स्तर से अधिक है। उल्लेखनीय बात यह है कि शहरों में वायु प्रदूषण अति गंभीर है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार,विश्व में हर साल 60 लाख से ज्यादा लोगों की मौत की वजह वायु प्रदूषण से संबंधित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सार्वजनिक स्वास्थ्य व पर्यावरण ब्यूरो के प्रधान नाइरा (Dr Maria Neira) ने विभिन्न देशों से सड़कों पर गाड़ियों की संख्या को कम करने, कचरे के प्रबंधन में सुधार करने, स्वच्छ गैस का इस्तेमाल करने आदि कदम उठाकर वायु प्रदूषण सवाल का हल करने का आह्वान किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु गुणवत्ता के मापदंड के अनुसार पीएम 2.5 को हर घन मीटर 10 माइक्रोग्राम से कम होना चाहिए। नहीं तो वायु प्रदूषण होगा।

    हैया:बसु आगे लिखते हैं…

    22 नवंबर को "नमस्कार चाइना" प्रोग्राम की शुरुआत में क्वांगतुंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विवेक त्रिपाठी के साथ अखिल पाराशर की बातचीत के मुख्य अंश हमें सुनने को मिले। इस इंटरव्यू से मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि भारतीय साहित्य और चीनी साहित्य के बीच बहुत ज्यादा समानता हैं। विवेक जी ने भारतीय और चीनी साहित्य को एक-दूसरे देश में बढ़ावा देने की बात कही।

    वहीं आज चीन के खास पांच सुर्खियों में सुना कि चीन में ग्रिड से जुड़ी पवन ऊर्जा क्षमता में लगातार तेजी आ रही है लेकिन क्षमता विस्तार के कई साल बाद उपयोगिता की दर में गिरावट दर्ज की गई है।नेशनल एनर्जी एडमिनिस्ट्रेशन यानी एनईए के ताजा आंकड़ों के अनुसार, विद्युत ग्रिड से जुड़ी हुई चीन की पवन ऊर्जा उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता सितंबर के अंत तक 13.9 करोड़ किलोवॉट तक पहुंच गई है, जिसमें साल दर साल आधार पर 28 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है।एनईए ने बताया कि इस साल के पहले नौ महीनों में नवीन ग्रिड से जुड़ी पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता 1 करोड़ किलोवॉट से बढ़ी है।

    दूसरी रिपोर्ट में सुना कि पूर्वी चीन में निर्माण के तीन साल के बाद 712 किलोमीटर क्वांटम संचार लाइन खुल गई हैं, जो दुनिया के सबसे लंबे सुरक्षित क्वांटम दूरसंचार नेटवर्क का निर्माण कर रही है। आन ह्वी (Anhui)प्रांत की राजधानी हो फी (Hefei) शहर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक और पेइचिंग-शांगहाई क्वांटम संचार लाइन के मुख्य इंजीनियर चेन युआओ ने कहा कि यह नई क्वांटम संचार लाइन राजधानी हो फी शहर से शांगहाई तक जुड़ी होगी।

    आज के कार्यक्रम में सुना है कि चीन की राजधानी पेइचिंग के कई हिस्सों को रविवार सुबह से ठंडी हवाओं के प्रभाव के कारण बर्फबारी का सामना करना पड़ रहा है। पेइचिंग में मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, शहर के उपनगर मियुन जिले में सुबह सात बजे से हल्की बारिश शुरू हुई, जो सुबह 9.36 बजे तक बर्फबारी में बदल गई। पेइचिंग के हुआरोऊ जिले में भी 9.30 बजे से बर्फबारी शुरू हो गई थी।मौसम एजेंसी के अनुसार पेइचिंग शहर का ज्यादातर हिस्सा रात आठ बजे के बाद बर्फबारी की चपेट में आ जाएगा। ताजा बर्फबारी देखने के लिहाज से सोमवार सुबह को सबसे अच्छा समय बताया गया है। बारिश और बर्फबारी के 40 घंटों तक होते रहने का अनुमान लगाया गया है।कोका कोला कंपनी ने पिछले 19 नवंबर को चीन में अपनी बोतलों को नई आकृति देने के घोषणा की है। यह घोषणा संयुक्त रूप से कोका कोला कंपनी और चीन में उसकी बोतलों के निवेश समूह कोका कोला बिवरेजेज लिमिटेड और स्वायर बिवरेज होल्डिंग्स लिमिटेड द्वारा एक समझौते के साथ की गई है।

    कार्यक्रम अंत में चीन की यलो रिवर के पास प्रवासी पक्षियों के जमावड़े को लेकर एक खबर सुनी।रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की यलो रिवर के आसपास के क्षेत्र में नवंबर माह के दौरान 1,000,00 से अधिक दुर्लभ प्रवासी पक्षियों का आगमन हुआ है, जिसे इस क्षेत्र में पर्यावरण सुधार के एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।इस क्षेत्र में सारस की पांच प्रजातियों की खोज हुई है। एक क्षेत्र में एक ही समय में पांच प्रजातियों का होना दुर्लभ बात है।एशिया में इनकी नौ और पूरे विश्व में इनकी केवल 15 प्रजातियां हैं। अक्टूबर की शुरुआत से इस रिजर्व में 50 पेलेकैनस क्रिसपस रह रहे हैं। धन्यवाद एक सुंदर प्रस्तुति के लिये।

    अनिल:बसु जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। आगे लीजिए पेश है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    केसिंगा। दिनांक 24 नवम्बर। चौबीस घण्टे लम्बी प्रतीक्षा के बाद आज एक बार फिर सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण शाम ठीक साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसैप्शन के साथ सुना, तो हम सभी परिजनों की बाछें खिल उठीं और प्रसारित कार्यक्रम का पूरा लुत्फ़ उठाने के बाद अब मैं उस पर हम सभी की त्वरित टिप्पणी के साथ आपके समक्ष उपस्थित हूँ। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "बाल-महिला स्पेशल" के तहत आज चंद्रिमाजी द्वारा भारत में नोटबंदी के कारण उत्पन्न समस्या के बावज़ूद भारत में महिलाओं द्वारा अपने पति से छुपा कर संचय करने की प्रवृत्ति का ज़िक्र कर कार्यक्रम को रोचक बना दिया गया। देखा जाये तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है, क्यों कि महिलाओं का यह गुप्त खज़ाना आड़े वक़्त में आख़िर परिवार ही के काम तो आता है। धन्यवाद एक गम्भीर विषय को इतनी रोचकता प्रदान करने के लिये।

    कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत पालक के पौधों से विस्फोटकों का पता लगाये जा सकने सम्बन्धी मैसेच्युसेट्स के वैज्ञानिकों की खोज़ क़ाबिल-ए-ताऱीफ लगी। भारत घूमने आये इटली के रूजी और अल्मान्दो नामक वृध्द दम्पत्ति द्वारा भारतीय संस्कृति से अभिभूत होकर आगरा में हिन्दू रीति-रिवाज़ के अनुसार शादी किया जाना काफी रोचक लगा। किस्से-कहानियों के देश भारत में अब मोबाइल एप्पस् के ज़रिये कहानियाँ उपलब्ध होने तथा वेबसाइट "स्टोरी मिरर" की विशेषताओं के बारे में जान कर मन प्रसन्नता से भर गया। अभिनेता ऋतिक रोशन द्वारा एक विज्ञापन को पूरा करने हेतु लगातार इक्कीस घण्टे काम किया जाना तथा अपने ज़माने की जानीमानी सिने-अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि की चर्चा किया जाना भी शानदार लगा। जब कि आज पेश जोक्स में, पहला जोक 'कभी खोपड़ी का भी इस्तेमाल कर लिया करो' काफी उम्दा लगा। धन्यवाद् फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।

    हैया:आगे लिखते हैं.... 26 नवम्बर को साप्ताहिक "आपकी पसन्द" हर बार की तरह आज भी मनोरंजक और ज्ञान की बातों से भरपूर रहा। श्रोताओं के पसन्दीदा फ़िल्म -दो रास्ते, रोटी, आन मिलो सजना, सूरज तथा दोस्ती के पाँच सदाबहार गानों के साथ दी गई जानकारी अत्यन्त ज्ञानवर्द्धक लगी। हमने इण्डोनेशिया में रामायण के चलन के बारे में तो सुना था, परन्तु यह ज्ञात नहीं था कि विश्व की सब से बड़ी मुस्लिम आबादी वाले इस देश में रामायण और उसके पात्र इतने लोकप्रिय हैं कि जुलूस और शोभायात्राओं में उनकी झांकी निकाली जाती है। सचमुच, यह जान कर गर्व और गौरव की अनुभूति होती है कि भारतीय संस्कृति की सौगात इण्डोनेशिया, थाईलैण्ड, कम्बोडिया आदि दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में इस कदर बिखरी हुई है। इण्डोनेशिया की मुद्रा पर गणेशजी का अंकित होना, वहां सेनाध्यक्ष को लक्ष्मण कह कर पुकारना तथा हनुमान को अनुमान कहना, आदि तमाम जानकारी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी। सोचने की बात है कि जहाँ भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दू-मुस्लिम के बीच अक़सर फ़साद होने के समाचार मिलते हैं, वहीं एक वृहद् मुस्लिम राष्ट्र होते हुये भी इण्डोनेशिया द्वारा रामायण को आत्मसात किया गया है। यह जान कर तो उत्साह और भी बढ़ जाता है कि इण्डोनेशिया अपने यहाँ रामायण का मंचन आयोजित करने भारत सरकार से आग्रह करता है। क्या ही अच्छा होता यदि तमाम जानकारी के साथ आप कार्यक्रम में इण्डोनेशियायी वाद्य 'गामलांग' की झलक भी पेश करते। बहरहाल, आज की इस शानदार प्रस्तुति के लिये हृदय की गहराइयों से आपका आभार। धन्यवाद्।

    अनिल:सुरेश जी, पत्र भेजने के लिये बहुत धन्यवाद। दोस्तो, आगे पेश है बिहार से शंकर प्रसाद शम्भू जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....

    कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में चीनी तिब्बती गायक कंगा द्वारा गाया गया गीत"प्रेम का कबीला" बेहद अच्छा लगा।

    सपना जी की खास रिपोर्ट चीनी अल्पसंख्यक जाति हानि जाति का लोक गीत और अखिल जी से एक प्रेरक कहानी का शीर्षक है"जीवन की डोर" पसंद आए !

    वहीं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की मांगकाम काउंटी स्थित ताशूल गांव एक कृषि गांव है जहां के लोग मुख्य तौर पर गेहूं, मक्का और आलू की खेती पर निर्भर हैं। आजकल ताशूल गांव में सभी परिवार अपने खेतों में अंगूर लगाते हैं। गांव में अंगूर खेतों का क्षेत्रफल 1200 मू विशाल है जिससे गांववासियों को प्रति वर्ष 60 लाख युवान की आय प्राप्त होती है। यह रिपोर्ट अच्छी लगी।

    इसके साथ ही आपका पत्र मिला कार्यक्रम में ओड़िसा से मॉनिटर सुरेश अग्रवाल का पत्र और लेख " मैं और चीन " बेहद अच्छी लगी।

    वहीं कार्यक्रम टी-टाइम में अनिल जी से वैज्ञानिकों ने साधारण से पालक के पौधे से विस्फोटकों की पहचान करने में कामयाबी पाई है ! पालक के पौधे के मामले में इस प्रक्रिया को पूरा होने में 10 मिनट का समय लगता है. सिग्नल पढ़ने के लिए शोधकर्ताओं ने पालक की पत्तियों पर किरणों की बौछार की. इससे पालक के पौधे में लगे नैनौट्यूब्स इंफ्रारेड फ्लॉरेसन्ट किरणें भेजता है. इसकी पहचान एक छोटे से इंफ्रारेड कैमरे से की जा सकती है, जिसे सस्ते से रासबेरी कम्प्यूटर से जोड़ा जा सकता है. इसके सिग्नल को स्मार्टफोन भी पकड़ सकता है।

    अगली जानकारी में अनिल जी ने बताया कि उधर इटली से भारत घूमने आए 70 वर्षीय बुर्जुग दंपति को भारतीय परम्परा इतनी भा गई कि वो भी अपने आप को इस संस्कृति के रंग में सराबोर होने से नहीं रोक सके। उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से शादी की। ये शादी पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी रही। खास रिपोर्ट पेश की जो बेहद अच्छी लगी।

    जबकि नीलम जी ने बताया कि कभी भारत को क़िस्से-कहानियों का देश कहा जाता था। यहां जीवन के हर अंग में कहानियां रक्‍त की तरह बसी रही हैं ! कहानियों की पूरी दुनिया अब सिमट कर आपके फ़ोन में समा गई हैं, पढ़ने से ज्‍यादा लोगों में कहानियां सुनने का क्रेज़ है ! रूहानी आवाज़ में जब एहसास भरे शब्‍द कानों के रास्‍ते दिल तक पहुंचते हैं तो आप उस अद्भुत संसार में प्रवेश कर जाते हैं जिसे कहानियों की दुनिया कहते हैं ! 'सावन' और 'गाना' के म्‍यूज़िक ऐप पर महशूर आवाज़ें कहानियों तक ले जाती हैं। अच्छा लगा।

    बॉलीवुड की ख़बर में मीनाक्षी शेषाद्री को एक ऐसी अभिनेत्री के रुप में शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी रूमानी अदाओं से लगभग दो दशक तक सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया।

    एक बेहतरीन प्रोग्राम पेश करने के लिए फिर से धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल और हैया को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    हैया:गुडबाय।

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