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 आप की पसंद 170304
2017-03-02 16:00:20 cri

पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... विश्व रेडियो श्रोता संघ, चौक रोड, कोआथ, रोहतास, बिहार से अध्यक्ष सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फासले (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गीतकार हैं शहरयार और संगीत दिया है शिव हरि ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 1. हम चुप हैं कि दिल सुन रहे हैं ....

पंकज - समुद्र के अंदर मिलीं अजीबो ग़रीब चीजें

समुद्र हमेशा से लोगों के लिए रहस्य बना रहा है। इतना ही नहीं इसके अंदर से कई बार ऐसी चीजें भी मिली है, जो हैरान करने वाली होती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरे वर्ल्ड में केवल 10 प्रतिशत ही ऐसे समुद्र हैं, जिनको आज तक एक्सप्लोर किया गया है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो समुद्र के नीचे से मिली है। जब मिला डाकुओं का हथियार... 1966 में क्वीन एनेज रिवेंज शिप से एक खतरनाक चीज की टकराने की खबर मिली थी। जब उस चीज को बाहर निकाला गया तो काफी अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि उस सामान का वजन करीब 1360 किलो (तीन हजार पाउंड) था। ऐसा कहा जाता है कि दिखने में तोप की तरह ये सामान समुद्री डाकुओं के हथियार थे।

मानवों के कंकाल

1944 में चक लगून में बम गिराकर 300 से अधिक एयरक्राफ्ट और बोट्स को नष्ट कर दिया गया था। 20 साल बाद इस जगह से मानव कंकाल निकाले गए। इन्हें समुद्री भूत भी कहा जाता है। समुद्र के अंदर सोना का खजाना

ऐसा माना जाता है कि 3000 साल पहले एक व्यापारी जहाज भूमध्य सागर में डूब गया था। जिसमें बहुत सोना था। कई बार इस समुद्र से सोने के बर्तन जैसी चीजें मिल चुकी हैं।

अंजली – वैसे भी समंदर तो अथाह गहराईयों का खज़ाना है, अभी तक इंसान समंदर के खज़ाने के एक बड़े हिस्से तक पहुंच ही नहीं पाया है। ऐसा तब है जब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है हम अपनी जगह रोबोट्स को समंदर की गहराईयों में भेजकर रहस्य का पता लगा सकते हैं। खैर इसके साथ अब मैं अगला पत्र उठा रही हूं जिसे हमें लिख भेजा है धनौरी, तेलीवाला, हरिद्वार, उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू, आयान सलमानी और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है समंदर (1986) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 2. ऐ सागर की लहरों .... .

पंकज - इजिप्ट का पुराना शहर

आर्कियोलॉजिस्ट फ्रेंक गोडडियो ने समुद्र के अंदर से 1200 साल पुरानी इजिप्ट की पुरानी सिटी खोज निकाली। इस सर्च में उन्हें करीब 4 साल का समय लगा था।पुराना कम्प्यूटर

1900 के दौरान ग्रीक डाइवर्स को एक अजीबोगरीब चीज मिली थी। बताया जाता है कि वह एनालॉग कम्प्यूटर था, जिसका प्रयोग चांद और तारों के मूवमेंट का पता लगाने के लिए किया जाता था। ऐसा माना जाता है कि इसका निमार्ण 100- 205 इसा पूर्व किया गया था।जब समुद्र के नीचे मिली अजीबोगरीब चट्टानें

चट्टानों की यह अजीबोगरीब बनावट मिशीगन लेक के अंदर मिली थी। दिखने में यह स्टोन हेज की तरह लगता है। इसके आसपास कार और बोट के अवशेष भी मिल चुके हैं।

पंकज - अजीब शक्ति वाली लड़की जहां भी जाती लग जाती थी आग, मंदिर में जलने लगे थे देवी के कपड़े

झांसी. यूपी के झांसी जिले में एक लड़की को फायर गर्ल के नाम से जाना जाता है। 13 साल की यह लड़की जहां भी जाती थी, वहां आग लग जाती थी। फिर चाहे वो घर में लगी एसी ही क्यों न हो। कई बार तो जब यह लेटती थी तो उसके कपड़े भी अचानक जलने लगते थे। आज हम आपको इस लड़की और इसकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।

इस लड़की के मंदिर से बाहर निकलते ही देवी के कपड़ों में लग गई थी आग

- झांसी से 10 किलोमीटर दूर गोरामछिया गांव में रहने वाली 13 साल की राखी आज भी चर्चा में रहती है।

- कोई उसे आग वाली लड़की कहता है, तो कोई फायर गर्ल के नाम से जानता है।

- राखी के मां-बाप का कई साल पहले निधन हो चुका है। वह अपने चाचा-चाची के साथ रहती है।

- करीब एक साल पहले राखी अपनी चचेरी बहन के साथ एक मंदिर गई।

- मंदिर की परिक्रमा करने के बाद जैसे ही वह बाहर निकली, वैसे ही मंदिर में देवी के कपड़ों में आग लग गई।

अंजली – हम समय समय पर अखबार, पत्रिकाओं और टीवी के ज़रिये हमेशा कुछ अजीबो गरीब और हैरतअंगेज़ खबरों से दो चार होते हैं। कुछ लोग इसे दैवीय चमत्कार मानने लगते हैं लेकिन कुछ रसायनिक प्रतिक्रिया के कारण ऐसा होता है वहीं कुछ के बारे में वैज्ञानिक अभी तक पता नहीं लगा पाए हैं। लेकिन ऐसी खबरों को सुनने के बाद हमेशा तार्किक दृष्टि से इसपर सोचना चाहिए और अंधविश्वास को पास में फटकने भी नहीं देना चाहिए। तो चलिये मित्रों अब मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है चंदा चौक अंधराठाढ़ी ज़िला मधुबनी बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन और इनके परिजनों ने इनके साथ ही हमें पत्र लिख भेजा है मेन रोड मधेपुर ज़िला मधुबनी से ही प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है मंज़िल मंज़िल (1984) फिल्म का गाना जिसे गाया है शैलेन्द्र सिंह ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 3. झलक दिखा के कर गई दीवाना .....

पंकज - मंदिर में हडकंप मच गया। डरी राखी को घर लाया गया। घर पहुंच वह अपने कमरे में चली गई।

- जब बाहर निकली, तो कमरे में आग लग गई, सामान जलने लगे।

- घरवालों को पहले कुछ समझ ही नहीं आया, लेकिन राखी जब भी अकेले किसी जगह जाती तब वहां आग लग जाती थी।

- घर में रखी एसी, अखबारों, बाथरूम में लगे पर्दों तक में आग लग जाती थी।

- राखी के बड़े भाई विवेक ने बताया- राखी को अकेला नहीं छोड़ा जाता था। पानी की बाल्टी उसके पास रखी जाती थी।

जानें फायर गर्ल का क्या है कहना...

- राखी के साथ ऐसा अब नहीं होता। गांव के भगत बताते हैं- अब आग तो नहीं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जब लगता है कि राखी पर कोई जिन्न आ गया।

- वह ऐसी ही हरकतें करने लगती है। उसे कई मंदिरों में ले जाया गया। डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन किसी से कोई फायदा नहीं मिला।

- कुछ लोग राखी के साथ हो रही घटना को दैवीय चमत्कार तो कुछ जिन्न शक्ति मानते थे।

- आजतक कोई समझ ही नहीं पाया कि आखिर तब होता क्या था।

- राखी कहती है, मुझे कुछ भी याद नहीं, कब-क्या होता था। मैं नहीं जानती।

- मुझे अब कोई दिक्कत नहीं होती। इस बारे में मैं किसी से कोई बात नहीं करना चाहती।

अंजली – साथियों हमारे कार्यक्रम में अगला पत्र लिख भेजा है परमवीर हाऊस आदर्श नगर बठिंडा पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और समस्त ग्रोवर परिवार ने आप सभी ने सुनना चाहा है दिल्लगी (1978) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश, संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 4. मैं कौन सा गीत सुनाऊं ....

पंकज - क्या आपके पास नहीं बचते हैं पैसे, आजमाएं ये 7 TIPS

आप कितना कमाते हैं, उससे ज्यादा मायने ये रखता है कि आप कितना बचाते हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई ऐसी टिप्स हैं जिनके जरिए हम बचत कर सकते हैं। थोड़ा-थोड़ा कर सेविंग करने की यही आदत भविष्य में हमारा बड़ा सहारा बनती है।

हम आपको बताने जा रहे हैं सेविंग की ऐसी टिप्स जो बेहद काम की हैं। बच्चों के साथ अक्सर बाहर घूमने जाने पर खाने पीने की चीज़ों पर ज़रूरत से ज्यादा खर्च होता है तो ऐसे में जब कभी आप घर से बाहर जाएं तो सैंडविच, स्नैक्स घर से ही लेकर जाएं।

दफ्तर में जाते समय खाना घर से ही बनवाकर ले जाएं, बाहर खाने में अच्छे खासे पैसे खर्च होते हैं और वो खाना घर के बनाए खाने के मुकाबले सेहतमंद भी नहीं होता।

अंजली – चलिये मित्रों खर्च बचाने के साथ साथ कुछ और मधुर गीतों का भी आनंद लेते हैं जिससे कार्यक्रम सुनने में भी मज़ा आएगा और मन भी खुश और मधुर होगा .... तो हमें कार्यक्रम में अगला गाना सुनवाने के लिये फरमाईशी पत्र लिख भेजा है मंदार श्रोता संघ, बांका, बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू, कृष भूटानी और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है रतनदीप (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं-------

सांग नंबर 5. कभी कभी सपना लगता है ......

पंकज - चाय और कॉफी भी आप घर से थर्मस में बनाकर ले जा सकते हैं इससे जहां एक तरफ़ आपके पैसे बचेंगे वहीं आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी।

अगर आप ब्यूटी पार्लर में बालों की कटिंग या सेटिंग कराने जाते हैं तो आप शैम्पू घर से ही करके जाएं ऐसा करके आप पार्लर में शैम्पू कराने से बच सकते हैं और आपके अच्छे खासे पैसे भी बचेंगे।

अगर आपको अलग अलग विषयों पर पुस्तकें पढ़ने का शौक है तो फिर आप हर बार पुस्तकें खरीदने से अच्छा है कि किसी लाइब्रेरी की मेंम्बरशिप ले लें जिससे आप बहुत कम खर्च में कई विषयों पर किताबों के ज़रिये जानकारी हासिल कर सकेंगे।

दोस्तों के साथ बाहर खाने के बजाए आप सभी के सहयोग से किसी के घर या फिर अपने घर में ही डिनर या लंच पार्टी ऑर्गेनाइज़ करें। सभी दोस्त अपने अपने घर से एक एक व्यंजन बनाकर लाएं इससे क्रियेटिविटी भी बढ़ेगी और आपको अलग अलग व्यंजन का आनंद भी आएगा।

अंजली - हमें अगला पत्र लिखा है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु, नवनीत और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म सफेद हाथी (1977) का गाना जिसे गाया है यसुदास ने गीतकार और संगीतकार हैं रविन्द्र जैन गीत के बोल हैं ----

सांग नंबर 6. उठो हे लाल ....

मित्रों इस मधुर गाने की फिल्म का नाम सफेद हाथी है, ये फिल्म 1977 में रिलीज़ हुई थी, उन दिनों मैं वाराणसी में था ये फिल्म निर्देशक तपन सिन्हा ने बच्चों के लिये बनाई थी, मेरे पिताजी मुझे ये फिल्म दिखाने के लिये बाबतपुर से वाराणसी शहर तक लाए ये फिल्म मेरे बचपन की पहली फिल्म थी जो आजतक मुझे याद है, अगर आप भी ये फिल्म देखना चाहें तो यूट्यूब पर ये पूरी फिल्म उपलब्ध है, बच्चों के साथ साथ बड़ों को भी ये फिल्म हंसाएगी और गुदगुदाएगी, साथ ही आपको पुराने समय यानी सत्तर के दशक की याद एकबार ज़रूर आएगी।

पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली - नमस्कार।

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