Web  hindi.cri.cn
     आप की पसंद 170225
    2017-03-02 15:58:30 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ....जुगसलाई टाटानगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया, जानी भाटिया, लाडो भाटिया, मोनी भाटिया, रश्मि भाटिया और पाले भाटिया ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म स्वर्ग नर्क (1978) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. लीना ओ लीना .....

    पंकज - देश का पहला सेमी हाईस्पीड ट्रैक बनेगा दिल्ली-हावड़ा रूट

    इटावा। रेलवे ने देश में सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए 1500 किलोमीटर लंबे दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को चुना गया है। जिस पर 160 से 200 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौडे़ंगी। दिल्ली से कलकत्ता तक का सफर मात्र 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस ट्रैक के लिए 700 करोड़ की धनराशि का प्रावधान रेलवे ने बजट में किया है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू करने की तैयारी है।

    राष्ट्रीय रेलवे सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य शेख मोहम्मद (पुखरायां) ने बताया कि रेलवे की ये योजना नई रेल क्रांति होगी। हाल ही में वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत रेल बजट में इस सेमी हाईस्पीड ट्रैक निर्माण की योजना के लिए 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ट्रैक पर कार्य शुरू होने के साथ ही इसी धनराशि से किस्तों में योजना के लिए पैसा अवमुक्त किया जाएगा।

    योजना के तहत दिल्ली से लेकर कलकत्ता तक ट्रैक पर जहां जरूरत होगी, वहां पटरियों को बदलने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे ट्रैक को बैरीकेडिंग से सुरक्षित किया जाएगा ताकि कोई जानवर, वाहन आदि ट्रैक पर नहीं पहुंच सके। आउटर क्षेत्र में कटीले तारों की बाड़ लगाई जाएगी, वहीं शहरी क्षेत्रों में जरूरत पर आरसीसी की दीवारें भी बनाई जाएंगी। जिससे 200 की रफ्तार में दौड़ने वाली ट्रेनों के बीच बाधा न आए।

    2020 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य

    इटावा। रेलवे ने सेमी हाईस्पीड ट्रैक का कार्य पूरा करने के लिए लक्ष्य भी तय कर लिया है। दिल्ली- हावड़ा रेल लाइन को वर्ष 2020 तक सेमी हाईस्पीड ट्रैक में तब्दील किया जाना है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य कई स्थानों पर पुराने ट्रैक को बदलना है। इसके साथ ही पूरे ट्रैक पर सिगनल प्रणाली को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा। नहरों और नदियों पर बने पुलों का भी परीक्षण किया जाएगा।

    अंजली – श्रोता मित्रों हमारे अगले श्रोता भी बहुत पुराने और हमें नियमित पत्र लिखने वाले श्रोता हैं इन्होंने हमें पत्र लिखा है हरिपुरा झज्जर हरियाणा से इनके नाम हैं प्रदीप वधवा, आशा वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा और इनके सारे परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आनंद आश्रम (1977) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं इंदेवर और संगीत दिया है श्यामल मित्रा ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. राही नए नए रस्ता नया नया ...

    पंकज - नहीं रहेगी एक भी क्रासिंग, बनेंगे ओवरब्रिज और अंडर पास

    इटावा। सेमी हाईस्पीड ट्रैक बनाने के लिए दिल्ली से कलकत्ता तक लगभग 15 सौ किलोमीटर की दूरी के बीच कोई भी रेलवे क्रासिंग नहीं होगी। ट्रैक पर जितनी भी रेलवे क्रासिंग हैं उनको बंद कर या तो ओवरब्रिज, अंडर ब्रिज-अंडरपास का निर्माण किया जाएगा।

    ढाई घंटे में पूरा होगा इटावा से दिल्ली तक का सफर

    इटावा। देश में अभी तक सबसे ज्यादा तेज स्पीड की ट्रेन राजधानी व शताब्दी हैं। हालांकि ट्रैक पर कई क्रासिंग होने के कारण ये ट्रेनें रूट पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ही चल पाती हैं। सेमी हाईस्पीड ट्रेन ये सफर मात्र ढाई घंटे में ही पूरा कर लेगी।

    पंकज - जल्द सच होंगे पेड़ और घास से बने कार टायर

    वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसी नई तकनीक विकसित की है जिससे पेड़ों और घास से बने ग्रीन कार टायर का सपना जल्द ही सच हो जाएगा। इस नई तकनीक में हमारे मैदानों में मौजूद और दोबारा उपयोग में आ सकने वाले सामानों का उपयोग कर ऑटोमोबाइल टायर में एक महत्वपूर्ण अणु उत्पन्न किया जाएगा।परंपरागत कार के टायरों को पर्यावरणीय दृष्टि से नुकसानदायक माना जाता है क्योंकि इनमें जीवाश्म ईंधन का प्रयोग किया जाता है। बायोमास से बने नए कार टायर जिनमें पेड़ और घास मिले होते हैं, मौजूदा कार टायरों की तरह ही रासायनिक मेकअप, रंग, आकार और परफॉर्मेंस में समान होंगे।

    अमेरिका के मिनिसोटा यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर पॉल डुएनहावर ने कहा कि हमारी टीम ने एक नए रासायनिक प्रक्रिया के द्वारा कार टायर में प्रयोग होने वाला महत्वपूर्ण अणु 'आइसोप्रिन' बनाया है। उन्होंने बताया कि हमने इसे प्राकृतिक तत्वों जैसे पेड़, घास या फसलों से बनाया है। उनका कहना है कि यह शोध अरबों डॉलर के ऑटोमोबाइल उद्योग पर अपना बड़ा प्रभाव छोड़ेगा। यह शोध एसीएस कैटालिसिस पत्रिका में प्रकाशित हुआ।

    अंजली – मित्रों आपके पत्रों का हमें बेसब्री से इंतज़ार रहता है, आपके पत्र हमारे कार्यक्रम में चार चांद लगा देते हैं, और जब भी हम आपके पत्रों को पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम आपसे बातें कर रहे हैं, आप हमारा उत्साह बढ़ाने के लिये ऐसे ही पत्र लिखा करिये और अगर आप हमें अपने पत्रों के माध्यम से कोई सुझाव देना चाहें तो वो भी दे सकते हैं जिससे हम अपने कार्यक्रम को आपकी इच्छा के अनुरूप बना सकें.... अब हम उठाते हैं अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है रामलीला मैदान सचेंडी से बाबा शिवानंद त्रिपाठी, शशि त्रिपाठी, मनू, तनू, सोनू, आलोक, शिवांश और रामानंद त्रिपाठी ने आप सभी ने सुनना चाहा है मौसम (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है मदनमोहन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. छड़ी रे छड़ी ....

    पंकज - ब्रिटिश यूनिवर्सिटी ने चॉकलेट में पीएचडी के लिए आवेदन मांगे

    ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी ने चॉकलेट पर पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी को सालाना 15 हजार पाउंड स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंग्लैंड ने कहा कि फेलोशिप के दौरान चॉकलेट से जुड़े जेनेटिक फैक्टर और अलग-अलग फ्लेवर के प्रभाव का अध्ययन करना होगा।विश्वविद्यालय के मुताबिक इस फेलोशिप के लिए चुने जाने वाले अभ्यर्थियों को इस बात का भी अध्ययन करना होगा कि चॉकलेट में विशेष फ्लेवर लाने के लिए कोको बीन्स का किस-किस तरह फर्मेंटेशन किया जाता है।

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चॉकलेट उद्योग की मांग पर विश्वविद्यालय द्वारा यह शोध कराया जा रहा है, जिसके अंतर्गत तीन साल के लिए अलग-अलग स्थिति में फोरेंसिक जांच के जरिए चॉकलेट के जेनेटिक फेक्टर व फ्लेवर का अध्ययन किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक फेलोशिप के इच्छुक अभ्यर्थी 27 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

    पंकज - मित्रों अब हम आपको भारत की दस रहस्यमयी जगहों के बारे में बता रहे हैं लोगों का ऐसा कहना है कि कहीं पर एलियंस यानी परग्रह जीवी दिखाई देते हैं और कहीं पर भूतों का वास है

    भारत में कई ऐसी रहस्यमय जगहें हैं, जिनके बारे में जानकर हैरत होती है। इनमें से किसी जगह एलियंस के कारण तो किसी को भूतों की वजह से मिस्टीरियस माना जाता है। इन जगहों से जुड़ी मिस्ट्री की सच्चाई क्या है, इसका जवाब साइंस के पास भी नहीं है। ऐसे में आज हम आपको देश की कुछ ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।

    इस गांव पर है भूतों का कब्जा, नहीं रहता कोई ... कुलधरा को भूतों का गांव भी कहा जाता है। इस गांव में सन् 1800 ईस्वी से कोई नहीं रहता। यह गांव जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूर है। इस गांव को सन् 1291 में पालीवाल पंडितों ने बसाया था। एक दिन अचानक इस गांव और पास के गांव के लोग रात के अंधेरे में गायब हो गए, तब से इस गांव को भुतहा मान लिया गया। गांव के आस-पास से निकलने वाले लोग यहां भूत दिखने के दावे करते हैं।

    हिमालय में रहते हैं हिम मानव

    हिमालय को लेकर दुनियाभर में कई रहस्यमय बातें फैली हुई हैं, जिसमें सबसे प्रमुख हिम मानव यति से जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि यहां की गुफाओं में आज भी हिम मानव मौजूद हैं। कई टूरिस्ट्स ने यहां रहस्मयी स्नोफॉल होने और बर्फ पर लाल निशान मिलने के बारे में भी बताया है। इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि यहां की गुफाओं में कई योगी आज भी तपस्या करते हैं। हालांकि, इन बातों की सच्चाई क्या है, कोई नहीं जानता है।

    अंजली - कार्यक्रम में अगला पत्र आया है मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है शोले (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और मन्ना डे ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. ये दोस्ती .....

    पंकज - कोट्टायम, इदुकी, केरल

    केरल के इदुकी और कोट्टायम शहर में लाल बारिश होती है, जो कि आज भी एक रहस्य है। हालांकि, साइंटिस्ट इस तरह की बारिश की वजह उल्का पिंड के विस्फोट को बताते हैं। बता दें कि अब तक 1986, 2001, 2006 और 2012 में इस तरह की बारिश हो चुकी है। 2006 में हुई लाल बारिश को पहली बार मीडिया अटेंशन मिला था, तब महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने इस पर रिसर्च किया।

    बंगाल स्वॉम्प

    बंगाल के दलदल के आसपास चमकीली लाइट का रहस्य आज भी अनसुलझा है। इस लाइट के दिखने की जानकारी मछुआरों ने दी थी। उनके अनुसार ये लाइट्स दलदल के ऊपर से निकल रही थी। लोगों के मुताबिक, ये लाइट उन आत्माओं की हैं, जिनकी मौत मछली पकड़ते हुए इन दलदलों में फंसने से हो गई थी। इतना ही नहीं, लोगों का मानना है कि कभी-कभी यह लाइट्स भविष्य के खतरों से अगाह भी करती हैं।

    कच्छ का घास का मैदान

    क्या आपने कभी घास के मैदान से रोशनी निकलते हुए देखा है? शायद नहीं देखा होगा, ऐसे में बता दें कि गुजरात के कच्छ में ऐसा ही एक घास का मैदान है, जिससे बारिश के दौरान रात में चमकीली रोशनी दिखाई देती है। स्थानीय लोग इसे चीड़ बत्ती कहते हैं। ये लाइट लाल, नीले, पीले रंग की होती है। इनको देखकर ऐसा लगता है कि कोई बॉल घूम रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार ये लाइट्स हमारा पीछा करती हुई दिखती हैं। स्थानीय लोगों के साथ ही फॉरेन विजिटर्स और बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स ने भी इस लाइट के बारे में बताया है। वैज्ञानिकों के अनुसार दलदल से निकले वाली यह लाइट्स मीथेन गैस के ऑक्सीकरण के कारण दिखाई देती हैं।

    गंगा और ब्रह्मपुत्र का डेल्टा

    दुनिया में कई बंदरगाहों में एक अजीब तरह के साउंड की बातें सामने आई हैं। ऐसा ही एक मामला गंगा और ब्रह्मपुत्र के डेल्टा का है। यहां पर एक अलग प्रकार की आवाज सुनाई देती है। ब्रिटिश ऑफिसर के अनुसार यह ध्वनि भूकंप के झटकों का संकेत देती हैं। बार-बार ऐसी ध्वनि आने से बड़ा भूकंप आ सकता है। पहाड़ फटने, ज्वालामुखी, गैस, तूफान से चलने वाली लहरों, सुनामी, उल्का के गिरने की वजह से भी ऐसी आवाजें आ सकती हैं।

    अंजली – श्रोता मित्रों दुनिया भर में बहुत सारी रहस्यमयी खबरें हमें समय समय पर सुनने को मिलती हैं जिनमें से कुछ एक के बारे में दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता जबकि कुछ के बारे में वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि जिन वजहों से वो जगह जानी जाती थीं दरअसल उसका वजूद किसी और वजह से है। इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिखा है चंदा चौक, अंधराठाढ़ी, जिला मधुबनी बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन और इनके साथ हमें पत्र लिखा है मेन रोड मधेपुर, ज़िला मधुबनी से ही प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है सुरक्षा (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है बप्पी लाहिरी और एनेटी पिंटो ने गीतकार हैं फारूख कैसर और संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. मौसम है गाने का ....

    पंकज - कोंग्ला ला पास, लद्दाख

    कोंग्ला ला पास, हिमालय में अक्साई चीन में है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां UFO का अंडरग्राउंड क्षेत्र है। यहां लोगों ने एक अजीब प्रकार की ट्राईएंगलर चीज को आते जाते देखा है। टूरिस्ट ने भी इनके दिखने की पुष्टि की है। हालांकि, साइंटिस्ट इस बात को नहीं मानते हैं।

    रूपकुण्ड लेक, उत्तराखण्ड

    उत्तराखंड के पहाड़ों में 5,029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील एक ओर जहां अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं इस जगह से मिले कंकालों का रहस्य अभी तक गहराया हुआ है। दरअसल, इस लेक में लगभग 500 से 600 लोगों के नरकंकाल मौजूद हैं। हालांकि, ये नरकंकाल कैसे इस झील में आए, ये अभी भी रहस्य है।

    कोदिन्ही, केरल

    केरल में कोदिन्ही गांव को 'ट्विंस विलेज' कहा जाता है यानी जुड़वां लोगों का गांव। इस गांव में लगभग 2000 फैमिली रहती है, जिसमें से करीब 220 जुड़वां लोग हैं। अचम्भा बना यह गांव डॉक्टरों के लिए रिसर्च का विषय बन चुका है। बता दें कि दुनियाभर में जुड़वां बच्चों के पैदा होने के औसत से 6 गुना ज्यादा ट्विंस यानी जुड़वां इस गांव में पैदा होते हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, कोदिन्हि में जुड़वां बच्चे पैदा होने की शुरुआत तीन पीढ़ी पहले हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिलसिला 60-70 साल पहले शुरू हुआ। इसके पीछे संभवत: यहां के लोगों का खान- पान है। वे किसी जेनेटिक कारण को इसका जिम्मेदार नहीं मानते।

    जतिंगा, असम

    उत्तर पूर्वी राज्य असम में एक घाटी है जिसे जतिंगा वैली कहते हैं। यहां जाने पर आप प्रक्षत्य रूप से पक्षियों को आत्महत्या करते देख सकते हैं। मानसून के अलावा अमावस और कोहरे वाली रात को पक्षियों के आत्महत्या करने के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि यह भूत-प्रेतों और अदृश्य ताकतों का है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज हवाओं से पक्षियों का संतुलन बिगड़ जा बिता है, पेड़ों से टकराकर घायल हो जाते हैं और मर जाते हैं। बात चाहे जो भी हो, लेकिन यह स्थान पक्षियों के आत्महत्या के कारण दुनिया भर में रहस्य बना हुआ है।

    अंजली - मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज, आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म ज़ख्मी शेर (1984) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं संतोष आनंद और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. ओ मेरे होने वाले बच्चों की अम्मा .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040