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    गोलोक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र का आर्थकि विकास
    2017-02-13 14:21:22 cri

     

    उत्तर पश्चिमी चीन के छींगहाई प्रांत के गोलोक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र 76 हजार वर्ग किलोमीटर विशाल है । वर्ष 1954 में गोलोक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र की औपचारिक स्थापना हुई जिससे गोलोक में आर्थिक व सामाजिक विकास का नया युग शुरू हो गया था ।

    साठ सालों के बाद गोलोक क्षेत्र का काफी परिवर्तन दिख रहा है और जन जीवन का भी बिल्कुल सुधार उपलब्ध है । अब गोलोक क्षेत्र का उत्पादन मूल्य 3.2 अरब युवान तक जा पहुंचा जो स्वायत्त प्रदेश की स्थापना के काल से 22 गुणा अधिक रहा है । किसानों व चरवाहों की औसत आय चार हजार युवान से अधिक रही है जो भी पहले से 33 गुणा अधिक बढ़ी है ।

    गोलोक में जन्म हुआ यांग पीन गोलोक क्षेत्र की विकास व रुपांतर कमेटी में काम करने का एक पदाधिकारी है । अपनी जन्मभूमि के विकास की चर्चा में यांग पीन ने कहा,"इधर के वर्षों में गोलोक क्षेत्र में जन जीवन और बुनयादी उपकरण आदि का बड़ी तेज़ी से विकास होता रहा है । प्रांतीय सरकार ने गोलोक में आर्थिक विकास का समर्थन करने की विशेष दस्तावेज़ जारी की है । इसतरह गोलोक क्षेत्र के विभिन्न उद्योगों में अधिक निवेश लगाया है और भारी परिवर्तन भी नज़र में आया है ।"

    इस पदाधिकारी का कहना है कि स्थानीय सरकार ने अचल संपत्तियों के निवेश और निर्माण को महत्व दिया है । वर्ष 2000 में केंद्र सरकार ने पश्चिमी चीन के विकास की रणनीति अपनाना शुरू किया । गोलोक सरकार ने इस ऐतिहासिक मौका पकड़कर अचल संपत्तियों के निवेश को जोर दिया और उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कीं । इधर के वर्षों में गोलोक क्षेत्र में " खूबसूरत नगर " और " सुंदर गांव " का निर्माण करने का मुहिम चलाया जिसके तले बहुत से छोटे नगरों और गांवों में बुनियादी उपकरणों के निर्माण के साथ-साथ पर्यावरण सुधार और आवास निर्माण में भी गति मिली है ।

      यांग पीन ने कहा,"हम ने इस परियोजना के कार्यांवयन के लिए एक विशेष बैठक भी बुलायी और निर्माणाधीन मुद्दों की गुणवत्ता पर भी विचार विमर्श किया । इस के बाद गोलोक आर्थिक व सामाजिक विकास दल, परियोजना निगरानी दल, परियोजना प्रबंधन टीम, सुरक्षा निगरानी दल और सुंदर ग्रामीण निर्माण नेतृत्व टीम समेत नौ संगठन गठित किये गये । इन संस्थाओं के निर्माण से गोलोक क्षेत्र में पूंजीनिवेश की बढ़ोत्तरी भी संपन्न हुई है और हम ने सन 2018 से पहले सौ सुन्दर गांव निर्मित करने का लक्ष्य भी बना दिया है । गोलोक में कुल 180 गांव सुरक्षित हैं और सुन्दर गांव योजना की समाप्ति पर हमारे यहां का दृश्य बहुत बदल जाएगा ।"

    परदेशियों के पूंजीनिवेश से गोलोक क्षेत्र के रोजगार को बढ़ावा मिल गया है । गोलोक क्षेत्र के मानव संसाधन और सामाजिक सुरक्षा ब्यूरो के उप प्रधान फ़ैन मिंग त्साई ने कहा,"परियोजनाएं कायम करने से रोजगार के अधिक अवसर तैयार किये गये हैं । उदाहरण के लिए थांगका चित्र और लोक नृत्य जैसे परंपरागत सांस्कृतिक कला का विकास करने के जरिये बहुत से जवानों को रोजगार मिला है, उनकी हालत पहले से काफी सुधर गयी है ।"

    बीते साठ सालों में पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों ने गोलोक क्षेत्र की प्रगतियों के लिए अथक प्रयास किया है । बता दें कि गोलोक क्षेत्र की औसत ऊँचाई 4200 मीटर है और यहां का औसत वार्षिक तापमान माइनस 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है । मौसम के कारण गोलोक में एक साल के सिर्फ पाँच महीनों में काम किया जा सकता है जो परियोजना लागू करने के लिए बड़ी मुश्किल है ।

    इस बात की चर्चर करते हुए यांग पीन ने कहा,"हमारे यहां ठंढ से मुक्त अवधि बहुत ही कम है । हमारे यहां की बैइमा काउटी और चिगज़ी काउटी में तापमान अपेक्षाकृत गर्म है और इन दो काउटियों में अप्रैल महीने में काम शुरू हो सकता है । लेकिन दूसरे क्षेत्र जैसे मादोई काउटी में 20 मई से पहले काम नहीं कर सकता, क्योंकि जमे हुए भूमि इससे पहले नहीं पिघलती है । गोलोक क्षेत्र में ज़मीन के 2.48 मीटर के नीचे स्थायी तौर पर जमे हुए भूमि ही होती है । ऐसे ज़मीन पर निर्माण करने में गुणवत्ता की समस्या जन्म हो जाएगी । इसलिए कभी कभी मजदूरों को गोबर जलाते भूमि को पिघलाने के बाद काम करना पड़ता है ।"

    मौसम की प्रतिकूल स्थिति से लोगों के आगे बढ़ने के प्रयासों को नहीं रोका जा सकता । गोलोक क्षेत्र में प्राकृतिक स्थिति खराब तो है, पर यहां प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और पर्यटन संसाधन भी प्राप्त है । यांग पीन ने गर्व से गोलोक क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का परिचय देते हुए कहा,"गोलोक क्षेत्र में केवल पशुपालन का विकास करना काफी नहीं है । आशा है कि ऊर्जा उद्योग का जोरों पर विकास किया जाएगा । क्योंकि यहां पनबिजली और खनिज संसाधन का विकास करने की बड़ी संभावना है । इस के अतिरिक्त नयानपो काउटी आदि में समृद्ध पर्यटन संसाधन मौजूद है । पर्यटन और सांस्कृतिक उद्योग का साथ-साथ विकास करने से गोलोक क्षेत्र में आर्थिक नींव स्थापित हो सकेगी ।"

    गोलोक क्षेत्र छींगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित है और यहां प्रचुर प्राकृतिक संसाधन मौजूद है । गोलोक का आर्थिक विकास करने के लिए पूंजीनिवेश लगाना अनिवार्य है । लेकिन गोलोक में आधारभूत उपकरणों की स्थिति खराब है जो पूंजीनिवेश को रोकती है । गोलोक में बुनियादी उपकरण के निर्माण के बारे में यांग पीन ने कहा,"शहर में बुनियादी उपकरण के निर्माण में सड़क, जल आपूर्ति, जल निकासी, हीटिंग और गैस सप्लाई आदि का निर्माण सबसे पहले किया जाना चाहिये । और इसमें सबसे ज्यादा पूंजीनिवेश लगाना ही पड़ता है । इस के आधार पर हम दूसरे उद्योगों का विकास कर सकेंगे । गोलोक क्षेत्र में बर्फ के पहाड़े, पीली नदी स्रोत और गेसार संस्कृति का विकास करने की बड़ी संभावना मौजूद है । वर्तमान में गोलोक क्षेत्र में जो उद्योग हैं, वे सब छोटे और बिखरे हुए हैं । इसलिए आधुनिक औद्योगिक पार्क स्थापित करना ही चाहिये । इसतरह हमारे उत्पादों की प्रतिस्पर्धा शक्ति बढ़ जाएगी और हमारे पशुपालन को भी रिफाइंड उद्योग बनाया जा सकेगा । इसमें ऊर्जा उद्योग का विकास करना महत्वपूर्ण है । सौर ऊर्जा के विकास से हमारे यहां पॉवर ग्रिड के निर्माण तथा बिजली की कमी को दूर करने के लिए मददगार हो जाएगा ।"

     

    गोलोक क्षेत्र की आम जानकारी

    उत्तर पश्चिमी चीन के छींगहाई प्रांत के गोलोक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र 76 हजार वर्ग किलोमीटर विशाल है । वर्ष 1954 में गोलोक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र की औपचारिक स्थापना हुई जिससे गोलोक में आर्थिक व सामाजिक विकास का नया युग शुरू हो गया था ।

    गोलोक क्षेत्र को युवान राजवंश के काल में केंद्र सरकार के प्रशासन में रखा गया था । सन 1929 में इसे छींगहाई प्रांत में रखा गया था । सन 1954 में गोलोकक तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र की औपचारिक स्थापना की गयी थी । गोलोक क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 78 हजार वर्ग किलोमिटर विशाल है जो छींगहाई प्रांत का दस प्रतिशत भाग रहता है । गोलोक क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या लगभग दो लाख से भी कम है और उन में 90 प्रतिशत तिब्बती जाती के हैं ।

    गोलोक क्षेत्र की प्राकृतिक स्थिति ऐसी है यानी मौसम ठंडा, ऑक्सीजन अभाव, कम तापमान, सौर विकिरण तीव्रता, दिन और रात के तापमान के बीच अंतर बड़ा होता है । गोलोक की वार्षिक वर्षा मात्रा 400-760 मिलीमीटर है । गोलोकक की औसत ऊँचाई चार हजार मीटर है और बर्फ के पहाड़े और सुन्दर झीलें दिखाई देती रहती हैं ।

    गोलोक क्षेत्र में समृद्ध जंगल, पानी और अनेक खनिज संसाधन भी मौजूद हैं । अब गोलोक क्षेत्र का आर्थिक पैमाना 3.2 अरब युवान रहा है और प्रति व्यक्ति के लिए उत्पादन मूल्य 18 हजार युवान रहता है । वर्ष 2013 तक गोलोक क्षेत्र में कुल 55 प्राइमरी स्कूल, 11 मिडिल स्कूल और 5 व्यवसायिक स्कूल स्थापित हैं जहां कुल 28 हजार छात्र पढ़ते रहे हैं । गोलोक क्षेत्र के 18 सांस्कृतिक ग्रुप भी हैं और टीवी की कवरेज दर 98% तक रही है । क्षेत्र में कुल 72 अस्पताल स्थापित हैं और अधिकांश कर्मचारियों को बीमा की सुविधाएं प्राप्त हो चुकी है ।

    ( हूमिन )

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