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    यमन के व्यापारी अम्मार
    2017-02-08 12:23:46 cri

    एक दिन सुबह दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत के यीवू शहर के मध्य में स्थित कासाजी कैफ़े के सामने यीवू रेशम मार्ग सांस्कृतिक क्लब के सीईओ, यमन वाले अम्मार अल बाडनी क्लब के सदस्यों को स्वैच्छिक रक्तदान गतिविधि में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

    "अगले हफ़्ते हम एक बड़ी गतिविधि का आयोजन करेंगे। हमने अच्छी तरह तैयारी की है और मीडिया संस्थाओं को बताया। गतिविधि के समय संवाददाता आएंगे। हमने यीवू शहर के रक्तदान स्टेशन के साथ संपर्क भी किया है। अगले बुधवार को हम वहां जाएंगे और स्वैच्छिक रक्तदान करेंगे। आप सभी लोगों के समर्थन का बहुत धन्यवाद।"

    अम्मार के सुझाव का क्लब के बहुत से सदस्यों ने समर्थन किया। अम्मार ने रक्तदान गतिविधि की सूचना को क्लब के वी चैट ग्रुप में भी भेजा। उनके प्रोत्साहन से 80 से अधिक विदेशी मित्रों ने स्वैच्छिक रूप से रक्तदान गतिविधि में भाग लिया।

    यीवू के रक्तदान केन्द्र के प्रमुख यू होंगलेई ने कहा कि यह यीवू में रहने वाले विदेशी व्यापारियों द्वारा आयोजित पहली रक्तदान गतिविधि नहीं है। वे इतनी सक्रियता से स्वैच्छिक रक्तदान में भाग लेते हैं, यह देखकर हम बहुत प्रभावित हुए हैं। विदेशी व्यापारी न सिर्फ़ नए यीवू वासी के रूप में इस शहर को अपना योगदान देते हैं, बल्कि सभी लोगों के सामने एक आदर्श मिसाल खड़ी करते हैं।

    यीवू शहर को दुनिया का सुपरमार्केट माना जाता है। इस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शहर में 15000 विदेशी व्यापारी रहते हैं, जिनमें से 5000 से अधिक अरब देशों से आते हैं। हर वर्ष 1 करोड़ से अधिक विदेशी व्यापारी ख़रीददारी करने के लिए यीवू में आते जाते रहते हैं। वर्ष 2015 के दिसंबर में स्थापित रेशम मार्ग सांस्कृतिक क्लब में सिर्फ़ कुछ महीनों में ही दुनिया के 30 देशों के करीब 200 सदस्यों की भर्ती हुई। क्लब के सीईओ अम्मार के सक्रिय प्रबंधों में क्लब ने क्रमशः एक पट्टी एक मार्ग संस्कृति के प्रचार और स्वैच्छिक रक्तदान आदि बहुत से सांस्कृतिक और कल्याण कार्यक्रमों का आयोजन किया। इससे विदेशी व्यापारियों के लिए न सिर्फ़ स्थानीय लोगों के साथ दूरी कम हुई, बल्कि स्थानीय संस्कृति जानने और वातावरण का अनुकूलन करने के लिए स्थितियां भी तैयार हुई हैं।

    हालांकि अम्मार केवल 38 वर्ष के हैं, पर उनके पास बहुत अनुभव है। उनके चीन में आते हुए उसे 20 साल हो चुके हैं। चीन में रहने का समय उनकी मातृभूमि यमन में रहने के समय से भी लंबा है।

    अम्मार एक अच्छे छात्र हैं। हाई स्कूल में 93 के औसत अंक से उन्होंने चीन सरकार की छात्रवृत्ति भी प्राप्त की है। वर्ष 1996 में अम्मार चीन के शानतोंग विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सीखने आए थे। हालांकि चीनी भाषा सीखने में कठिनाइयां मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने सारी बाधाओं को पार किया और सिर्फ़ छः महीनों में ही चीनी भाषा की परीक्षा यानी एचएसके के मध्य स्तर की परीक्षा को पास कर प्रमाण पत्र प्राप्त किया।

    "चीनी भाषा सीखने के दौरान शुरू में मुझे कठिनाई का सामना करना पड़ा था, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैं सोचता हूं कि चीनी अक्षर चीन के इतिहास और संस्कृति का वाहक है। चीनी अक्षर समझने के बाद ही कहा जा सकता है कि आप चीनी भाषा जानते हैं। मैं सप्ताहांत और सभी छुट्टियों को छोड़कर पूरे मन से चीनी भाषा सीखता हूं। तोते की तरह बार बार नक़ल उतारता हूं और अभ्यास करता हूं। छः महीनों के प्रयास के बाद मैंने मध्य स्तर की एचएमके परीक्षा को पास किया।"

    भाषा की समस्या दूर करने के बाद अम्मार ने आठ वर्षों से थ्येनचिन चिकित्सा विश्वविद्यालय के बैचलर और मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2008 में उन्होंने सफलता से चच्यांग विश्वविद्यालय की चिकित्सा डॉक्टर्स डिग्री पढ़ाने का आवेदन किया। उसके बाद 2009 में अम्मार ने चच्यांग विश्वविद्यालय की ओर से कन्फ्यूशियस इंस्टीड्यूट हेड क्वॉर्टर्ज़ और चाइना सेंट्रल टेलीविजन द्वारा आयोजित दूसरा चाइनीज ब्रिज यानी विदेशी छात्रों की चीनी भाषा प्रतियोगिता में भाग लिया और चैंपियनशिप प्राप्त की।

    वर्ष 2012 में डॉक्टर्स डिग्री की पढ़ाई पूरी करने के बाद अम्मार व्यापार करने के सपने के साथ यीवू आए। उन्होंने अपनी व्यापारिक कंपनी स्थापित की और व्यापार का विस्तार भी किया। यमन और अरब के वाणिज्य संघों की सिफ़ारिश से अम्मार यीवू के स्थानीय सरकारी विभागों, विदेशी मामला कार्यालय और वाणिज्य ब्यूरो के कार्यक्रम में भाग लेते हैं और सुझाव भी देते हैं।

    "चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग द्वारा वर्ष 2014 में प्रस्तुत 'एक पट्टी एक मार्ग' रणनीति के समर्थन में हमने रेशम मार्ग सांस्कृतिक क्लब की स्थापना की। क्लब के सदस्य दुनिया के विभिन्न देशों से आते हैं, जिनकी अलग अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है। क्लब रेशम मार्ग से संबंधित देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान मज़बूत करने के साथ साथ आर्थिक और सामाजिक विकास बढ़ाने में भी जुटा हुआ है। रेशम मार्ग का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होने के नाते अरबी देशों के लोग चीन के साथ मित्रवत आवाजाही बढ़ाना चाहते हैं, ऐसे में हम एक साथ अरबी सपना और चीन का सपना साकार कर सकेंगे।"

    रेशम मार्ग सांस्कृतिक क्लब के अलावा, अम्मार ने वी चैट पर एक चैट ग्रुप भी स्थापित किया। ग्रुप में सक्रिय चीनी-विदेशी उपयोगियों की संख्या 300 से अधिक है। लोग अक्सर चैट ग्रुप में भाषा सीखने के अपने अनुभवों को साझा करते हैं, गर्म और ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हैं और बातचीत करते हैं। क्लब की भूमिका और अच्छी तरह से निभाने के लिए अम्मार चाहते हैं कि भविष्य में चीन और विदेशों के अहम त्यौहारों पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। ऐसे में न सिर्फ़ सांस्कृतिक आवाजाही का बेहतर माहौल तैयार होगा, बल्कि विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझदारी और मज़बूत होगी।

    अब अम्मार अपने परिवार के साथ यीवू में रहते हैं। उनके दो बेटे हैं, दोनों चीन में पैदा हुए और चीन में बड़े हो रहे हैं। बचपन से ही उनपर चीनी संस्कृति का प्रभाव पड़ा हुआ है।

    "मेरे दो बेटे अहमद और दीया, वे दोनों ही चीन में पैदा हुए हैं। वे रोज़ चीनी कार्टून देखते हैं और चीनी गाना गाते हैं। अरबी खाने की तुलना में वे चीनी डम्प्लिंग और चीनी चावल को और ज़्यादा पसंद करते हैं। आशा है कि बड़े होने के बाद वे भी चीनी भाषा बोलेंगे और चीनी संस्कृति समझ सकेंगे। उम्मीद है कि वे अरब-चीन के बीच सांस्कृतिक आवाजाही में अपना योगदान निभाएंगे।"

    जहां इच्छा है, वहां रास्ता। इस चीनी कहावत को अम्मार बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन के प्राचीन इतिहास और संस्कृति का उनपर गहरा प्रभाव पड़ा है। वे अरबी देशों और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने में पुल स्थापित करना चाहते हैं और अपना योगदान करना चाहते हैं।

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