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    आप की पसंद 161203
    2017-01-24 16:03:53 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... शनिवार पेठ बीड शहर महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे, और समस्त कुलथे परिवार ने इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है नारेगांव औरंगाबाद से दीपक आडाणे श्याम आडाणे और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है दो झूठ (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और ऊषा मंगेशकर ने गीतकार हैं एम जी हशमत और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 1. छतरी न खोल उड़ जाएगी ....

    पंकज - वैज्ञानिकों को एक गुफा में मिली ऋग्वैदिक काल के दस राजाओं की निशानियां

    ऋग्वेद के सातवें अध्याय में पैसुनी नदी के किनारे जिन दस राजाओं के युद्ध का जिक्र है, उसकी कुछ निशानियां विंध्याचल क्षेत्र की एक गुफा में मिली हैं।वैज्ञानिकों के मुताबिक इस युद्ध के बाद ही देश में आर्य और अनार्य संस्कृतियों का मिलन हुआ था। हाल ही में एंथ्रोपोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने विंध्याचल इलाके की एक बड़ी गुफा की चट्टानों पर बनी इन पेटिंग को देखा।

    एएसआई टीम को होशंगाबाद से 40 किलोमीटर दूर बुधनी तहसील की नकटी तलाई के पास गुफा में ये रॉक पेंटिंग मिली हैं। यह गुफा डेढ़ फुट लंबी और चार फुट चौड़ी है। इसी की चट्टानों पर विभिन्न प्रकार के युद्ध दृश्यों की पेंटिंग बनी हुई हैं।ये पेंटिंग हजारों साल पुरानी ऋग्वेद कालीन मानी जा रही हैं। इन पेंटिग में धनुष-बाण, भाला और तलवारों से युद्ध करते हुए दिखाया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आर्यों के आने के बाद ही तलवार का इस्तेमाल शुरू हुआ था। अनार्य उस वक्त भी तीर, भाला से युद्ध किया करते थे। आर्यों के समय में ही युद्ध में घोड़ों का इस्तेमाल बढ़ा था।

    अंजली - वैसे मेरा मन भी करता है कि मैं दुनिया के देशों की सैर करूं, अलग अलग जगह घूमने से हमारा मन बहुत सुकून से भर जाता है, क्योंकि हम दिनभर साल भर काम करते रहते हैं, इसलिये हमें काम से कुछ दिनों का अवकाश लेकर देश दुनिया की सैर करना चाहिए, इन दिनों चीनी पर्यटक पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा घूमते हैं, हालांकि ये स्थिति तीस वर्ष पहले बिल्कुल उलट थी, लेकिन पिछले तीस वर्षों में चीन में जो आर्थिक तरक्की आई है उसकी वजह से आम जन का जीवन स्तर सुधरा है और वो अब दुनिया की अलग अलग जगहों पर घूमने में अपना पैसा खर्च कर रहे हैं, खासकर सर्दियों के समय चीनी लोग, श्रीलंका, मालदीव्स, मेलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, वियतनाम, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की यात्रा करने जाते हैं क्योंकि ये देश सर्दियों के समय गर्म रहते हैं जबकि चीन बर्फ़ की चादर ओढ़े रहता है, पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या भारतीय पर्यटक भी आस पड़ोस के देशों में घूमने निकल पड़े हैं, कुछ तो यूरोप, अमेरिका और दक्षिण अमेरिका की सैर भी करते हैं।

    मित्रों इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है विश्व रेडियो श्रोता संघ चौक रोड, कोआथ, रोहतास बिहार से सुनील केशरी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है खेल खेल में (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं गुलशन बावरा और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 2. खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों .....

    पंकज - वैसे तो नकटी तलाई की इस गुफा में लोग अर्से से इन पेंटिंग को देख रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने इनका अध्ययन पहली बार शुरू किया है। इन पेंटिंग को संरक्षित करने की दिशा में भी एएसआई ने प्रयास शुरू किए हैं।

    वैज्ञानिकों का तर्क है कि दस राजाओं के युद्ध के बाद एक बड़ा बदलाव आया था। इस युद्ध की चर्चा हर जगह रही। इससे प्रभावित होकर ये पेंटिंग बनाई गई होंगी। उस वक्त विंध्य और सतपुड़ा रेंज की गुफाओं में प्राचीन काल के लोगों के वासस्थल रहे हैं।

    नकटी तलाई की गुफा में मिली पेंटिंग हजारों साल पुरानी हैं। इन पेंटिंग को दस राजाओं के युद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है। पेंटिंग से दो संस्कृतियों के लोगों के युद्ध के तरीके स्पष्ट होते हैं।

    पंकज - यहां एक 'खास वजह' से महिलाओं की उंगलियां काट दी जाती हैं

    दुनिया में हर जाति और जनजाति की परंपराएं एक दूसरे से अलग होती हैं। लेकिन कुछ परंपराएं बेहद निर्दयी भी होती हैं। एक परंपरा के अनुसार घर के मुखिया की मौत की सजा महिलाओं को जिंदगी भर भुगतनी पड़ती हैं।

    इंडोनेशिया के पापुआ गिनी द्वीप पर रहने वाली दानी जनजाति के लोग दुनिया की सबसे दर्दनाक और क्रूर परंपरा निभाने के लिए मशहूर हैं।

    अंजली – मुझे भी दुनिया के कुछ देशों की ऐसी ही क्रूर परंपरा के बारे में मालूम है अक्सर ऐसी क्रूर परंपराएं, आदिम समाज, आदिवासी बस्तियों और उनके समाज में अपनाई जाती हैं, इनके पीछे क्या तर्क है वो समझना बहुत कठिन है लेकिन उनके नियम और कायदे कानून बहुत सख्त होते हैं। बहुत पहले मैंने अफ्रीका की एक ऐसी ही आदिम जनजाति के बारे में सुना था कि वहां पर कबीले का राजा चुने जाने के बाद उसे समुद्र के तट पर ले जाया जाता है जहां पर उससे एक हाथ की मुठ्टी भरकर छोटे छेटे कंकड़ उठाने को कहा जाता है, जितने कंकड उसके हाथ में आते हैं उतने दिनों तक वो कबीले का सरदार रहता है उसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। ठीक ऐसे ही मेक्सिको के एज़टेक सभ्यता के लोग सूर्य देवता को खुश करने के लिये अपने राजा की शादी के दौरान रानी को पहाड़ पर बने प्लैटफॉर्म पर ले जाते थे फिर उसकी छाती में खंजर घोंपकर उसका दिल बाहर निकाल कर सूर्य को अर्पित करते थे, उनका ऐसा विश्वास था कि ऐसा करने से सूर्य देवता उनपर अपनी कृपा बरसाएंगे.... तो चलिये मित्रों अब हम उठाते हैं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा, पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीति ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, विक्रमजीत ग्रोवर और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है .... राजा और रंक (1968) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल है -----

    सांग नंबर 3 . मेरा नाम है चमेली .....

    पंकज- इस परंपरा के अनुसार दानी जनजाति में परिवार के मुखिया की मौत का शोक जताने के लिए परिवार की महिलाओ के दोनों हाथों की कुछ उंगलियां काट दी जाती थीं।

    यहां के लोगों के अनुसार ये दर्दनाक होता है, लेकिन इससे मरने वाले की आत्मा को शांति मिलती है। लेकिन इस दौरान महिलाओं के साथ जो होता था वो किसी के भी रूह को कंपा दे।

    उंगली काटने से पहले महिलाओं की उंगलियों को रस्सी से बांध दिया जाता था, ताकि खून का प्रवाह रुक जाए। उसके बाद कुल्हाड़ी से उनकी उंगलियों को काटा जाता था।

    ये सिर्फ परिवार की महिलाओं को ही करना पड़ता था। हालांकि अब सरकार ने इस परंपरा को बंद करा दिया है और महिलाएं अपनी पूरी उंगलियों के साथ जी रही हैं।

    पंकज - खेत में मिला 'परी' का शव, चौंकाने वाली तस्वीरें

    परियों की कहानी सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि सभी को लुभाती है। तभी किताबों से लेकर टीवी और फिल्मों तक इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन दुनिया उस वक्त चौंक गई जब एक परी का शव कुछ लोगों को मिला, आज भी ये सभी के लिए एक रहस्य बनी हुई है।

    अंजली – श्रोता मित्रों हमें अगला पत्र लिख भेजा है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु, नवनीत और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है क्रोधी (1980) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और सुरेश वाडकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. चल चमेली बाग में .....

    पंकज - साल 2007 में इंग्लैंड के डर्बीशायर में एक अजीबो-गरीब जीवाश्म मिला था। ये पहली बार में देखने पर परी जैसा मालूम होता है। ये जीवाश्म डर्बीशायर के ग्रामीण इलाके में मिला था लेकिन इसकी वास्तविक लोकेशन को छिपा के रखा गया।

    2 इंच के इस जीवाश्म में पंख, त्वचा, दांत और सिर भी है। देखने में इंसान जैसा, लेकिन पीठ पर पंख इसे इंसान से अलग बनाते हैं।

    खबरों के मुताबिक मानवविज्ञानी और विशेषज्ञों ने भी इसकी वास्तविकता पर अपनी मुहर लगाई है। एक्स रे रिपोर्ट के मुताबिक ये एक बच्चे का जीवाश्म है।

    हालांकि ये पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था। 2007 के बाद क्या हुआ और इस पर क्या रिपोर्ट आई, ये किसी को नहीं पता। लेकिन दुनिया के लिए ये आज भी रहस्य बनी हुई है जो परियों के अस्तित्व को दर्शाती है।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं धनौरी, तेलीवाला, हरिद्वार उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू, आयान सलमानी और इनके ढेर सारे मित्र, आप सभी ने सुनना चाहा है बरसात की एक रात (1981) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. अपने प्यार के सपने सच हुए .....

    पंकज - समुद्र में दिखा अनोखा जीव, सूअर जैसे हैं इसके अंग

    दुनियाभर में कुछ जीव ऐसे हैं, जिनकी खोज विज्ञान अब तक नहीं कर सका है। लेकिन जब वह अचानक ही दुनिया सामने आते हैं, तो सब इन्हें देखकर चौंक जाते हैं। हाल ही में समुद्र में एक ऐसी ही मछली मिली है जिसका शरीर तो मछली का है लेकिन नाक सूअर की। देखिए इस अनोखे जीव की अजीबोगरीब तस्वीरें।

    10 फीट लंबी और 300 किलो वजन की यह मछली ब्रिटिश कोलंबिया में मिली है। जिसे 19 साल के एक शख्स निक मैकैबे ने पकड़ा है।

    इस मछली की नाक हूबहू सूअर की नाक जैसी है। यही नही शरीर और नाक के रंग भी एक दूसरे से अलग है। इसकी नाक गुलाबी रंग की है।

    एक रिपॉर्ट के अनुसार इस मछली की उम्र 80 साल हो सकती है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि किसी दुर्घटना का शिकार होने की वजह से मछली का रंग रुप बदल गया होगा। इसकी नाक की चोट 40 साल पुरानी बताई जा रही है।

    अब इस मछली की एक झलक पाने के लिए लोग दूर दूर से पंहुच रहे हैं।

    अंजली – ये अगला पत्र हमारे पास आया है मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से जिसे लिखा है मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफ़रान अहमद, नेयाज़ अहमद, इरशाद अहमद अंसारी, अब्दुल वासे, रईस अहमद, शादाब अहमद, शारिक अनवर और दिलकशां अनवर ने आप सभी ने सुनना चाहा है जुर्माना (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. छोटी सी एक कली खिली थी .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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