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    आप की पसंद 161112
    2017-01-20 15:20:56 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति और अतुल ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म हीरालाल पन्नालाल (1978) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार आशा भोंसले ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 1. कहिये कहां से आना हुआ ....

    पंकज - मिर्ची को खाने का लिया चैलेंज, हो गया गले में एक इंच का छेद

    अगर आपको भी तीखा पसंद है और आप आए दिन कभी गोल गप्पे तो कभी किसी और चीज में तेज मिर्ची खाने की शर्त लगाते रहते हैं, तो ज़रा इस बात पर ध्यान दें। तीखा खाना कितना खतरनाक हो सकता है ये सुनकर आप खुद ही समझ जाएंगे। अमरीका के एक 47 साल के व्यक्ति ने मिर्ची खाने की शर्त लगाई और उसके गले में एक इंच का छेद हो गया।

    शर्त के अनुसार इस व्यक्ति को मिर्ची से भरा बर्गर खाना था। बर्गर की टिक्की भूत झोलकिया मिर्ची से बनी थी। जैसे ही उसने पूरा बर्गर खाया, थोड़ी देर में उसे उल्टी होने लगी। वो बेचैन होने लगा। उसके पेट में तेज दर्द हो रहा था। उल्टी एक बार शुरू हुई तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।

    इसकी वजह से उसके गले पर इतना तेज प्रेशर पड़ा कि गले में छेद हो गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टर्स ने बताया कि उसके गले में ढाई सेंटीमीटर का छेद हो गया है। डॉक्टरों के मुताबिक उसके फूड पाइप में एक इंच का छेद हो गया। 14 दिनों तक उसका इलाज चला। तब जाकर उसकी जान बच सकी।

    आपको बता दें कि भूत झोलकिया नाम की मिर्च दुनिया की सबसे तीखी मिर्च है। इसे घोस्ट चिली के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया की सबसे ज्वलनशील मिर्च माना जाता है। इसी वजह से इसे 2007 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। इस मिर्च का इस्तेमाल हैंड ग्रेनेड में होता है।

    अंजली – मित्रों हमें अगला पत्र लिख भेजा है हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता ने इन्होंने हमें पत्र लिखा है जुगसलाई टाटानगर से और इनके नाम हैं, इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया, जानी भाटिया, लाडो भाटिया, मोनी भाटिया, रश्मि भाटिया और पाले भाटिया ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म फिर वही रात (1980) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. बिंदिया तरसे कजरा बरसे .....

    पंकज - 92 साल के इस व्यक्ति की हैं 97 पत्नियां 185 बच्चें, फिर करेंगे शादी

    बीवियों के मामले में नाइजीरिया के इस व्यक्ति ने राजा महाराजाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। इस व्यक्ति की उम्र से ज्यादा तो इसकी पत्नियां हैं। मोहम्मद बेलो अबुबकर अब तक 107 महिलाओं से शादी कर चुके हैं और इनमें से 10 को तलाक देने के बाद अभी उनकी 97 पत्नियां हैं। जबकि उनकी उम्र है 92 साल।

    वे एक बार फिर शादी करने के लिए तैयार हैं। अबुबकर ने कहा - मैं जो कुछ कर रहा हूं वह खुदा की इच्छा है। यह जिम्मेदारी है और आगे भी अंत तक ऐसा करता रहूंगा। मेरे पास केवल 97 पत्नियां हैं। मैं अभी भी और शादी करने के लिए तैयार हूं, अभी मैं दो और महिलाओं से शादी कर सकता हूं। मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह अल्लाह की इच्छा है।

    अबुबकर का कहना है कि लोग उसको फॉलो नहीं करें। नॉर्मल आदमी 10 पत्नियों के साथ नहीं रह सकता। उसका दावा है कि वह अल्लाह से मिली शक्ति से इतनी पत्नियों को नियंत्रित करता है। उसने कहा कि वह उन लोगों को सलाह देना चाहता है, जो उसकी बीवियों की संख्या कम देखना चाहते हैं, वह अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं।

    अबुबकर के पास इतने बड़े परिवार को पालने के लिए कोई घोषित आमदनी का जरिया नहीं है। वह न तो खुद काम करता है न ही उसकी पत्नियां। कुछ लोगों का कहना है कि अबुबकर अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए भेजता है। जब उससे पूछा गया तो उसका कहना था कि सब कुछ खुदा की ओर से मिलता है।

    वर्ष 2008 में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उस पर धार्मिक कानून तोडऩे का आरोप लगाया था। अधिकतर विद्वानों ने कहा कि वह केवल 4 पत्नियां रख सकता है, लेकिन अबुबकर ने तर्क दिया कि कुरान में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसमें अधिक पत्नी रखने पर सजा मिले। उसने कहा कि हर कोई स्वतंत्र है और जितनी चाहे शादियां कर सकता है। लोकल शरिया कोर्ट के निर्देश पर उसे गिरफ्तार किया गया और केवल चार पत्नियां रखने की शर्त पर उसे रिहा कर दिया गया। हालांकि कोर्ट से छूटने के बाद भी उसे कोई निर्देश का पालन नहीं किया, बल्कि नई शादियां रचाना जारी रखा।

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    अंजली – भले ही खाने को रोटियां न हों चलेगा लेकिन ढेर सारी शादियां करना और फिर उससे भी ज्यादा बच्चे पैदा करना ये सब खुदा की मर्ज़ी है, इसे कहते हैं दकियानूसी सोच। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि आपने ऐसी जहालत भरी हरकत कहीं और नहीं देखी होगी, और उसपर तुर्रा ये कि ये सब खुदा की मर्ज़ी से हो रहा है। इस आदमी के पास करने को कोई दूसरा काम नहीं है इसलिये ये इतनी शादियां करता जा रहा है। खैर, हम अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये उठाते हैं अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हमारे एक और चिर परिचित श्रोता ने ये पत्र हमारे पास आया है हरिपुरा झज्जर, हरियाणा से जिसे लिखा है प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है एक मैं और एक तू (2012) फिल्म का गाना जिसे गाया है एश किंग ने गीतकार हैं अमिताभ भट्टाचार्य और संगीत दिया है अमित त्रिवेदी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. आंटी जी आंटी जी get up and dance …..

    पंकज - यह है दुनिया की सबसे मोटी महिला, वजन है 500 किलो

    मिस्र की यह महिला दुनिया की सबसे मोटी महिला है। 36 साल की इमान अहमद अब्दुलाती, अलेक्जेंड्रिया में अपने घर से 25 सालों से बाहर नहीं निकल पाई है। यही नहीं यह अपने बिस्तर से न तो उठ पाती है और न ही अपने हाथों से खाना खा पाती है। इमान का वजन 500 किलो है।

    उसकी मां और बहन हर रोज उसे खाना खिलाती हैं और उसकी साफ सफाई का ध्यान रखती हैं। इमान जब पैदा हुई थी, तब उसका वजन 5 किलो था। उसे एलीफैटिसिस था। यह ऐसा इन्फेक्शन होता है, जिसमें व्यक्ति के हाथ पैरों में अधिक सूजन हो जाती है।

    11 साल की उम्र में वह बहुत मोटी हो गई थी। इस उम्र में वह घुटनों के बल ही रेंग पाती थी। इसी उम्र में उसे खतरनाक सेरेब्रल अटैक आया, जिससे उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसकी जिंदगी एक कमरे में कैद हो गई। परिवार के लोगों ने राष्ट्रपति अब्देल फत्तेह एल-सिसी से मेडिकल की मदद मांगी। उन्हें डर है कि वह बिना इलाज के मर जाएगी।

    पंकज - 100 बच्चें पैदा करने के लिए चौथी बीवी की तलाश में हैं खिलजी

    क्वेटा: पाकिस्तान में एक छोटी क्लिनिक चलाने वाले मेडिकल तकनीशियन सरदार जान मुहम्मद खिलजी अपने धार्मिक कर्तव्य को पूरा करने के लिए चौथी बीवी की तलाश में हैं। 46 साल के खिलजी की पहले से तीन बीवीयां हैं जिनसे उनके 35 बच्चें हैं। जहां खिलजी अपने 100 बच्चों को लक्ष्य पूरा करने के लिए चौथी बीवी की तलाश कर रहे हैं। वहीं मानवाधिकार आयोग ने खिलजी की इस चाहत पर चिंता जाहिर की है। मानवाधिकार संगठन कहना है कि बहुविवाह प्रणाली में बच्चों और औरतों को ही तकलीफें झेलनी पड़ती हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में इस्लाम के तहत चार बीवियां रखने की इजाज़त है हालाकि इसके लिए पहली बीवी और एक धार्मिक परिषद से इजाजत लेनी पड़ती है।

    खिलजी एक मेडिकल तकनीशियन हैं। उनका कहना है कि वे शायद ही कभी अपने बच्चों के नाम भूलते हैं। शादी जैसे मौकों पर वे बारी-बारी से बच्चों को उनकी मां के साथ ले जाते हैं। उनकी तीनों बीवियां उनके इस लक्ष्य में सहयोग कर रहीं हैं और मिलजुल कर रहतीं हैं हालाकि उन्होंने उनसे बात करने की इजाजत नहीं दी।

    अंजली – दुनिया कहां जा रही है और कुछ लोग किस दिशा में भाग रहे हैं, लेकिन ये मेडिकल तकनीशियन क्या इतना कमा लेता है जो अपने इतने बड़े परिवार यानी 35 बच्चे और तीन बीवियों को सही ढंग से खिला पाता होगा ? भले ही इसके पास परिवार को पालने के साधन न हों लेकिन ये परिवार बढ़ाने का कार्यक्रम बदस्तूर जारी रखना चाहता है। लगता है दुनिया में जाहिलों की जमात बढ़ जा रही है, कहीं पर कोई सौ बीवियों का रिकार्ड बना रहा है तो कोई सौ बच्चों के रिकार्ड तक पहुंचना चाहता है और कहीं पर कुछ अपराधी तत्व हथियारों, जुल्म और हिंसा के बल पर पूरी दुनिया को एक ही मज़हब के रंग में रंगना चाहते हैं और कहते हैं कि ये खुदा की मर्ज़ी है। खैर, चलिये हम अगला पत्र लेते हैं इस पत्र को लिखा है दौलतबाग, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से अंसार हुसैन, समीर मलिक और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है सुनयना (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है यसुदास ने गीतकार और संगीतकार हैं रविन्द्र जैन और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. सुनयना, आज इन बहारों को तुम देखो.....

    पंकज - पिता के नाम के लिए जद्दोजहद

    महिला अधिकार कार्यकर्ता राफिया जकारिया का कहना है कि हालांकि पाकिस्तान में एक से ज्यादा बीवियां रखने की घटनाएं काफी कम हैं, एक अध्ययन के मुताबिक ऐसे हालातों में अक्सर ये होता है कि बीवियां घोर निराशा की शिकार हो जातीं हैं और बच्चे अक्सर अपने पिता का नाम जानने के लिए जद्दोजहद करते पाए जाते हैं।

    बहुविवाह अच्छा नहीं

    कुरान के मुताबिक ज्यादा बीवियां तभी रखी जा सकतीं हैं जब शौहर उन सभी के साथ पूरी तरह न्याय करने की हालत में हों जबकि पूरी तरह न्याय करना मुमकिन नहीं होता और इसीलिए बहुविवाह कभी भी अच्छा नहीं हो सकता है। इस प्रथा के खिलाफ प्रचार करने वाली राफिया ने बताया। कोई तो हमेशा तकलीफ झेलता है लेकिन हमेशा औरतें और बच्चे ही तकलीफ झेलते हैं।

    महिलाओं को मानसिक प्रताडऩा

    क्वेटा में पारिवारिक वकील के तौर पर बहुविवाह के केस लडऩे वाले मुहम्मद बिलाल कासी भी इस बात से सहमत हैं कि औरतें और बच्चों को इन मामलों में मानसिक प्रताडऩा से गुजरना पड़ता है। 'हम वकील बहुविवाह की सामाजिक समस्याओं से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। ऐसे में पिता की मौत के बाद तनाव जायदाद और हक से जुड़े कानूनी मामले तक पैदा कर देता है।

    5 बेडरूम वाला मिट्टी का घर

    बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में पांच बेडरूम वाले मिट्टी के घर में एक साथ मिलकर रहनेवाली जान की बीवियों को बोलने की इजाजत नहीं मिल सकी और वे ये भी न बता सकीं कि इस लंबे चौड़े खानदान में उनका जीवन कैसा है। जान के बच्चों में से केवल दो ही उनके लक्ष्य में उनका साथ दे पा रहे हैं। जिनमें उनकी बड़ी बच्ची 15 साल की शुगफ्ता नसरीन शामिल है। शुगफ्ता ने कहा कि बड़ा परिवार अल्लाह की तरफ से आम की टोकरी के तोहफे जैसा है। उसका कहना है कि वो अपने पिता की तरह चिकित्सा के पेशे में जाएगी। जान के बड़े बेटे 13 साल का मुहम्मद ईसा भी अपने पिता के कदमों पर चलना चाहता है लेकिन वह अपने पिता से आगे जाकर100 से भी ज्यादा बच्चे चाहता है।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं देशप्रेमी रेडियो श्रोता संघ, ग्राम आशापुर, पोस्ट दर्शन नगर, फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश से राम कुमार रावत, अमित रावत, गीता रावत, ललित रावत, दीपक रावत, मनीष रावत और समस्त रावत परिवार ने आप सभी ने सुनना चाहा है अर्जुन (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है शैलेन्द्र सिंह और साथियों ने गीतकार हैं जावेद अख़्तर और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. मा मईया खेरो खेरो खेरो मम्मा ....

    पंकज - क्लीनिक के भरोसे ही चलता रहा है परिवार

    एक काबिल मेडिकल तकनीशियन होने का दावा करने वाला जान एक छोटी सी क्लीनिक चलाता है जहां वह लोगों की मामूली बीमारियों का इलाज करता है। वह हर मरीज से 250 रुपये (2.3 डॉलर) लेता है और गरीबों का मुफ्त इलाज करता है। जान चंदे से 400 छात्रों की एक पाठशाला भी चलाता है। इन छात्रों में उसके चार बच्चे भी शामिल हैं और कुरान पढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपने 35 में 20 बच्चों की निजी स्कूल की फीस खुद चुकाते हैं।

    घरखर्च के लिए सरकार से मांगी है मदद

    उनका घरखर्च बहुत ज्यादा है जो कई बार एक लाख बीस हजार से भी ज्यादा हो जाता है जो कि पाकिस्तानी औसत का दस गुना है जहां पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें कभी भी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन वे ये नहीं बता पाए कि केवल मेडिकल के काम से वे सारे खर्चे कैसे निकाल लेते हैं। उन्होंने माना कि बढ़ते बच्चों के साथ उनकी जरुरतें बढ़ती जा रहीं हैं इसीलिए उन्होंने सरकार से अपने परिवार के भोजन, शिक्षा और स्वास्थय के लिए मदद मांगी की है जिसके माने जाने की संभावना कम ही है। लेकिन जान को अल्लाह पर पूरा भरोसा है कि सरकार भले ही ना सुने लेकिन अल्लाह जरूर सुनेगा।

    गौरतलब है कि पाकिस्तान की एशिया में सबसे ज्यादा जन्म दर है। विश्व बैंक और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में प्रति महिला तीन बच्चे हैं हालाकि असल में तीस सालों से जनगणना हुई ही नहीं है।

    माता पिता ने ही की हैं उनकी सारी शादियां

    पांचों वक्त नमाज पढऩे वाले जान की सबसे बड़ी संतान 15 साल की है और सबसे छोटी कुछ ही हफ्तों की है। मार्च तक उनके 33 बच्चे ही थे फिर उस महीने छह दिन के अंदर दो जुड़वां बच्ची हुई। उनकी सारी शादियां उनके माता पिता ने की थीं। पहली शादी 26 साल की उम्र में फिर अगले साल 5 महीने के अंतर से बाकी दो शादियां हो गई।

    अगली शादी फेसबुक के जरिए हो सकती है

    उनकी अगली शादी फेसबुक के जरिए हो सकती है क्योंकि उनकी कहानी के पाकिस्तानी मीडिया में चर्चे हैं और उनके पास सोशल नेटवर्क से कई प्रस्ताव भी हैं।

    जान के घर में एक डबलबैड की बड़ी तस्वीर है जो 2013 में प्रांतीय चुनाव लडऩे के समय की यादों से जुड़ी हैं और उनकी जिंदगी के लिए खास मायने रखती हैं। उस वक्त उन्हें 980 वोट ही मिले थे जो जीत के लिए काफी नहीं थे।

    अंजली – हमारे अगले श्रोता हैं मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके साथी आप सभी ने सुनना चाहा है खूबसूरत (1999) फिल्म का गाना जिसे गाया है अभिजीत और नीरजा पंडित ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है जतिन ललित ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. बहुत खूबसूरत हो ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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